Rahul Gandhi Biography In Hindi

Rahul Gandhi Biography In Hindi | राहुल गांधी का जीवन परिचय

नमस्कार दोस्तों Rahul Gandhi Biography In Hindi में आपका स्वागत है। आज हम एक भारतीय नेता, भारत की संसद के सदस्य एव गांधी-नेहरु परिवार के चौथी पीढ़ी के युवा राजनेता राहुल गांधी का जीवन परिचय बताने वाले है। राहुल गांधी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष, भारतीय युवा कांग्रेस और भारत के राष्ट्रीय छात्र संघ के अध्यक्ष के रूप में भी कार्य करते हैं। संसद सदस्य, राहुल लोकसभा में अमेठी निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं।

भारत के पहले प्रधान मंत्री जवाहरलाल नेहरू के नाती के पुत्र हैं। राहुल गांधी का जन्म 19 जून 1970 को नई दिल्ली, भारत में हुआ था। उन्होंने अपनी शुरुआती शिक्षा दून स्कूल, मॉल देहरादून और सेंट कोल्बा स्कूल, दिल्ली से ली हुई है। राहुल जी बहुत नम्र स्वभाव के राजनेता है। आज हम राहुल गांधी बायोग्राफी में Indian Politician की Wiki, Photos, Bio, Height, Wife/Girlfriend, Age, Career, Mother, Family और Father की जानकारी बताते है।

Rahul Gandhi Biography In Hindi

Real Name (पूरा नाम)  राहुल गांधी ( Rahul Gandhi )
Nick name (उपनाम)   राहुल जी
Date of birth (जन्म तिथि)  19 June 1970
Birth Place (जन्मस्थान) नई दिल्ली, भारत
Cast (जाती) ब्राह्मण
Religion (धर्म) हिन्दू धर्म
Age (उम्र)   51 वर्ष (2021)
Zodiac Sign (राशि)  तुला राशि
Profession (पेशा)   राजनेता
Famous Role (प्रसिद्ध पात्र)  राजनीती
Hometown (पता) नई दिल्ली, भारत
Nationality (राष्ट्रीयता) भारतीय

Birth & Education

राहुल गांधी का जन्म 19 जून 1970 को नई दिल्ली, भारत में हुआ था। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा दून स्कूल, मॉल देहरादून और सेंट कोल्बा स्कूल, दिल्ली से ली हुई है। उसके बाद उन्होंने सेंट स्टीफन्स कॉलेज, दिल्ली एव हार्वर्ड यूनिवर्सिटी, कैम्ब्रिज, मैसाचुसेट्स, अमेरिका, रोलिंस कॉलेज, शीतकालीन पार्क, फ्लोरिडा, अमेरिका और ट्रीनिटी कॉलेज, कैम्ब्रिज, इंग्लैंड से पढाई की है। उन्होंने कला में स्नातक और एम फिल डिग्री हासिल की हुई है। वह अपने बचपन से ही बहुत शांत एव नम्र स्वभाव के इंसान है। वर्तमान समय में Rahul Gandhi Age 51 साल है।

Rahul Gandhi photos
Rahul Gandhi photos

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Rahul Gandhi Family

राहुल गांधी का जन्म एक हिंदू ब्राह्मण परिवार में हुआ था। वह एक कश्मीरी ब्राह्मण के रूप में पहचाने जाते हैं। वह भारत के पूर्व प्रधान मंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी और इटली में जन्मी सोनिया गांधी, पूर्व यूपीए अध्यक्ष के पुत्र हैं। उनकी बहन का नाम प्रियंका वाड्रा गांधी है।राहुल इंदिरा गांधी और फिरोज गांधी के पोते हैं। उनके चाचा स्वर्गीय संजय गांधी भी एक राजनीतिज्ञ हुआ करते थे। राहुल गांधी की चाची मेनका गांधी और चचेरे भाई वरुण गांधी भारतीय जनता पार्टी में प्रमुख राजनेता में कार्यरत हैं।

ऐसा कहा जाए तो कुछ गलत नहीं है, की उसका पूरा परीवार राजनीती से ताल्लुक रखता है। वह भारत के पहले प्रधान मंत्री जवाहरलाल नेहरू के नाती के पुत्र हैं। और राहुल गांधी की दादी इंदिरा गांधी भारत की पहली महिला प्रधान मंत्री थी। उसके दादा का नाम फिरोज गांधी है। अफवाह के मुताबिक राहुल जी नेजुएला के एक स्पेनिश वास्तुकार, वेरोनिक कार्टेली एव नोएल ज़हर से संबंध में थे।

Rahul Gandhi Images
Rahul Gandhi Images
Father Name (पिता)  राजीव गांधी
Mother Name (माता)  सोनिया गांधी
Sister (बहन)  प्रियंका वाड्रा गांधी
Brother (भाई ) वरुण गांधी (चचेरे भाई)
Marital status/(विवाहित स्थिति )  अविवाहित
Marriage date (विवाह तिथि) 
Wife/Girlfriend (पत्नी)  अविवाहित
Children (बच्चे)
राहुल गांधी फोटो
राहुल गांधी फोटो

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Rahul Gandhi Physical Stats

Hair color  काला 
Eye color काला

Height

170 सेंटीमीटर 
1.70 मीटर 
5 ’7 ” फिट इंच 
Weight 62 Kg

Body measurements

Chest – 
Wast – 
Biceps – 
राहुल गांधी जीवनी
राहुल गांधी जीवनी

Rahul Gandhi Career

राहुल गांधी ने मार्च 2014 में उत्तर प्रदेश के अमेठी निर्वाचन क्षेत्र से सबसे पहले 2004 का लोकसभा चुनाव लड़कर राजनीति में प्रवेश किया था। उन्होंने विदेशी मीडिया के साथ अपने पहले साक्षात्कार में खुद को देश के एकता के रूप में चित्रित किया था। उन्होंने लोकसभा चुनाव में एक लाख से अधिक मतों से जीत हासिल की थी। 24 सितंबर 2007 को राहुल को अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव के रूप में नियुक्त किया गया था। बाद में भारतीय राष्ट्रीय छात्र संघ और भारतीय युवा कांग्रेस का प्रभार प्राप्त किया था।

2009 के लोकसभा चुनावों में राहुल जी ने अपने प्रतिद्वंद्वी को भारी अंतर से हराकर अमेठी सीट बरकरार रखी थी। जनवरी 2013 में राहुल जी को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के उपाध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया था। 2014 के आम चुनावों में राहुल ने अपनी प्रतिद्वंद्वी स्मृति ईरानी को करारी हार देकर अमेठी क्षेत्र से लोकसभा सीट बरकरार रखी थी। 11 दिसंबर 2017 को राहुल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष के रूप में पसंद हुए थे। 2019  में लोकसभा चुनावों में वायनाड सीट जीती मगर अमेठी को भाजपा की स्मृति ईरानी से 55,120 मतों से हार गए थे।

राहुल गांधी फोटो HD
राहुल गांधी फोटो HD

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Rahul Gandhi Resignation Letter As Congress Chief

2019 के लोकसभा चुनाव के परिणाम के तुरंत बाद राहुल जी ने कांग्रेस कार्य समिति के सामने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। मगर समिति ने उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया था। 3 जुलाई 2019 को उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष का पद छोड़ दिया था। एक खुले पत्र में उन्होंने 2019 के लोकसभा नुकसान के लिए खुद को जिम्मेदार ठहराया था।

Controversies

राहुल कैम्ब्रिज, मैसाचुसेट्स, अमेरिका से एम फिल की डिग्री को लेकर एक विवाद में रहे थे। क्योकि उनका नाम दस्तावेजों में कुछ गलती थी। उसके लिए आलोचना का सामना करना पड़ा था। उनकी एक टिप्पणी के लिए की बहुत निंदा हुई थी उन्होंने हिंदू उग्रवाद इस्लामी उग्रवाद से ज्यादा खतरनाक है, ऐसा लिखा था। अफवाह के मुताबिक उनके दोस्तों पर बलात्कार का आरोप था। बाद में सुप्रीम कोर्ट ने आरोपों को हटा दिया था। राहुल जी ने इलाहाबाद की एक रैली में कहा कि गरीबी केवल मन की स्थिति है।

उस बयान की काफी आलोचना हुई थी। 11 मई 2011 को भट्टा परसौल गांव में किसानों के साथ राजमार्ग परियोजना के विरोध में गिरफ्तार हुए थे। 2019 में राहुल गांधी ने नरेंद्र मोदी के लिए चौकीदार चोर है शब्दों का उपयोग किया था। उसकी टिप्पणी के लिए माफी मांगने को कहा था। अप्रैल 2019 में राहुल गांधी को गृह मंत्रालय से एक नोटिस मिला था। उसमें भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने गांधी के एक ब्रिटिश नागरिक होने का आरोप लगा था। लेकिन उन्होंने अपनी नागरिकता भारतीय साबित की थी।

राहुल गांधी इमेज
राहुल गांधी इमेज

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Rahul Gandhi Net Worth

राजनीति से नाता होने वजह से एव उनके दादा अमीर होने के नाते राहुल गांधी की कुल संपत्ति लगभग 3 मिलियन डॉलर है। राहुल गांधी को संसद सदस्य के रूप में 1 लाख का भुगतान किया जाता है। उसके अलावा वह विभिन्न भत्तों के भी हकदार हैं। वर्ष 2017 से 2018 के लिए उनकी आय 1.11 करोड़ थी। उसके अलावा राहुल गांधी के पास 333.3 ग्राम सोना, 5.19 करोड़ मूल्य के बांड, डिबेंचर और शेयर, 17.93 लाख बैंक बैलेंस और 40,000 नकद के रूप में 5.80 करोड़ की चल संपत्ति है। उनके पास 10.08 करोड़ की अचल संपत्ति है।  उसमे दिल्ली के सुल्तानपुर गांव में विरासत में मिला खेत और गुरुग्राम में दो कार्यालय शामिल हैं।

Books on Rahul Gandhi

Rahul- The First Authoritative Biography (राहूल- द फर्स्ट अथॉरिटेटिव बायोग्राफी)

राहुल गाँधी यह ऑटो बायोग्राफी में नेहरू-गांधी परिवार के संबंधित जानकरी दी गई है। उसमे साथ आधुनिकता और राजवंश से संबंधित चर्चा हुई है। किताब में लेखक ने राहुल के सार्वजनिक कार्यक्रमों, उनकी यात्राओं, एक सामान्य आदमी तक पहुंचने की नीति और युवा कांग्रेस का चित्रण किया गया है। उस पुस्तक में ऐसी स्पष्टता की है। उसके कार्य से किस तरह भारत को फायदा होता है। 

Decoding Rahul Gandhi (डिकोडिंग राहुल गांधी)

यह किताब में लेखक आरती रामचंद्रन ने राहुल जी की संपूर्ण जानकारी एव उसकी तस्वीर या व्यक्तित्व को उजागर करने की कोशिश की है। वह किताब राहुल जी एव उनके कुछ करीबी व्यक्तियों के सम्बंधित है। वह किताब से पता चलता है कि असल में राहुल गांधी कौन है, उनकी आकांक्षाएं क्या है, उन्हे किस से डर लगता है और उन्हे क्या प्रेरित करता है। वह पुस्तक को पिछले सालों में लागू की गई नीतियों की असफलता के कारण प्रदर्शित किए गए है।

राहुल गांधी का जीवन परिचय
राहुल गांधी का जीवन परिचय

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व्यक्तिगत जानकारी

  • स्कूल – दून स्कूल, मॉल देहरादून, उत्तराखंड सेंट कोल्बा स्कूल, दिल्ली  
  • कॉलेज – सेंट स्टीफन्स कॉलेज, दिल्ली
  • हार्वर्ड यूनिवर्सिटी, कैम्ब्रिज, अमेरिका
  • लिंस कॉलेज, शीतकालीन पार्क, अमेरिका
  • ट्रीनिटी कॉलेज, कैम्ब्रिज, इंग्लैंड
  •  
  • शैक्षणिक योग्यता – कला में स्नातक, एम फिल
  • शौख – पुस्तकें पढ़ना, यात्रा करना
  • वैवाहिक स्थिति – अविवाहित
  • डेब्यू –2004 में उत्तर प्रदेश के अमेठी क्षेत्र से लोकसभा सद्स्य
  • वेतन &  नेट वर्थ (संपत्ति) – 64 अरब भारतीय रुपए
  • मातृ भाषा – हिंदी
  • वर्तमान निवास – दिल्ली, भारत

राहुल गांधी की पसंदीदा चीजें | Favorite things

  • Hobby – किताबें पढ़ना, यात्रा करना
  • Colour – सफ़ेद 
  • Politician – नेहरू जी
  • Sports – क्रिकेट
  • Food – नूडल्स, कोल्ड ड्रिंक, भारतीय व्यंजन
  • Destinations – गोवा, लंदन, पेरिस
    राहुल गांधी की जीवनी
    राहुल गांधी की जीवनी

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Lifestyle Video

Interesting Facts अज्ञात तथ्य

  • राहुल गांधी कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष हैं।
  • भारत के पहले प्रधान मंत्री जवाहरलाल नेहरू के नाती के पुत्र हैं।
  • उनकी दादी पूर्व प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी थीं। 
  • राहुल जी के नाम एक भी कार रजिस्टर नहीं है। 
  • कांग्रेस के नेता राहुल गाँधी अपने पिता राजीव गांधी और परदादा जवाहरलाल नेहरू से राजनीती सीखे हैं।
  • वह पूर्व प्रधान मंत्री-राजीव गांधी और सोनिया गांधी के पुत्र हैं। 
  • पूर्व कैबिनेट मंत्री वेंकैया नायडू ने राहुल जी को पप्पू जी से संबोधित किया था।
  • राहुल गांधी ट्रैवल के लिए सरकारी वाहनों का प्रयोग करते है। 
  • राहुल गाँधी का ब्लड ग्रुप बी (-ve) है। 

FAQ

Q .राहुल गांधी कौन है?

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष, नेशनल यूथ यूनियन और राष्ट्रीय युवा कांग्रेस के चेयरपर्सन है। 

Q .राहुल गाँधी की गर्लफ्रेंड का नाम क्या है?

अफवाह के मुताबिक राहुल गाँधी का नाम नोएल जहीर एव वेरोनिक कार्टेली से जोड़ा जाता है। 

Q .राहुल गांधी उम्र कितनी है?

वर्तमान समय में राहुल गांधी की आयु 51 साल है। 

Q .राहुल गांधी का जन्मदिन कब है?

राहुल गाँधी का जन्मदिन 19 June 1970 है। 

Q .राहुल गांधी की क्वालिफिकेशन क्या है?

एम. फिल. 

Q .राहुल गाँधी की पत्नी का नाम क्या है?

राहुल गाँधी की शादी नहीं हुई। 

Conclusion

आपको मेरा Rahul Gandhi Biography बहुत अच्छी तरह से समज आया होगा। 

लेख के जरिये हमने Rahul Gandhi degree, Rahul Gandhi wiki

और Rahul Gandhi family tree से सम्बंधित जानकारी दी है।

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! साइट पर आने के लिए आपका धन्यवाद !

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Mamata Banerjee Biography In Hindi - ममता बनर्जी का जीवन परिचय

Mamata Banerjee Biography In Hindi – ममता बनर्जी का जीवन परिचय

पश्चिम बंगाल की पहली महिला मुख्यमंत्री Mamata Banerjee Biography In Hindi में आपका स्वागत है। Cm के पद पर रहते हुए बहुत ही अच्छे और महत्व पूर्ण काम करने वाले ममता बनर्जी का जीवन परिचय बताने वाले है। 

नमस्कार मित्रो भारतीय राजनीति की बहुत प्रसिद्ध महिला ममता बनर्जी केंद्र में कैबिनेट मंत्री के पद पर भी काम किया है। उनके जीवन के संधर्ष की कहानी हम पेश कर रहे है। आज Mamata Banerjee Constituency 2021, Mamata Banerjee Party और Mamata Banerjee latest news की माहिती से ज्ञात करने वाले है। ममता बनर्जी का कार्यकाल बहुत ही लम्बा है। उसके काम भी बहुत ही लाजवाब है। वह अकेले ही चुनावो में जितके दिखाती है। 

कोलकाता में एक मध्यम वर्ग फेमिली में जन्मी एक लड़की ने कैसे मुख्यमंत्री का सफर तय किया है। वह भारत देश की संसद में बंगाल की युवा सांसद और केंद्रीय मंत्री रह चुकी है। Mamata Banerjee Speech बहुत ही मीठी है। वह अपने मीठी बोली और बेहतरीन काबिलियत से आज भी लोगो के दिलो में अपना सन्मान जारी रखा है। उन्होंने अपनी पूरी जिंदगी प्रजा की सेवा में ही व्यतीत की हुई है। तो चलिए Mamata Banerjee Live Today की भी माहिती बताते है। 

Mamata Banerjee Biography In Hindi –

Full Name ममता बनर्जी
Nick name दीदी
Birth Date 5 जनवरी 1955
Birth Place कोलकाता, पश्चिम बंगाल, भारत
Mamata Banerjee Age 66 वर्ष 
Caste  ब्राह्मण
Religion       हिन्दू
Education देशबंधु सिशु शिक्षालय
Political Party ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस 
Political Party Sign   पंजा, जोरा घास फूल
Mamata Banerjee House कोलकाता, पश्चिम बंगाल, भारत
Marital Status अविवाहित
Net Worth   30 लाख रूपये (अंदाजित)
Profession   भारतीय राजनेता
Nationality  भारतीय

ममता बनर्जी का जन्म और शिक्षा –

5 जनवरी 1955 के दिन पश्चिम बंगाल के कलकत्ता शहर ममता बनर्जी का जन्म हुआ था। Mamata Banerjee Biography उनका जन्म एक माध्यम वर्ग के फेमिली में हुआ था। Mamata Banerjee Education की बात करे तो उन्होंने अपनी प्रायमरी शिक्षा कलकत्ता की देशबंधु सिशु विद्यालय से प्राप्त की है। बाद में जोगोमाया देवी कॉलेज कलकत्ता से कॉलेज का अभ्यास पूर्ण करके स्नातक की डिग्री प्राप्त की है। इस्लामी इतिहास में मास्टर की पदवी कलकत्ता विश्वविद्यालय से ली थी। बाद में बाद में ममता जी ने जोगेश चन्द्र चौधरी लॉ कॉलेज से वकालत की पदवी भी हासिल की हुई है। 

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ममता बनर्जी का परिवार –

Mamata Banerjee Family की जानकारी बताये तो Mamata Banerjee Father का नाम श्री प्रोमिलेश्वर बनर्जी है। वह जब नौ साल की उम्र के थे। तब उनके पिताजी की मौत हो चुकी थी। ममता बनर्जी की मां का नाम श्रीमती गायत्रीदेवी है। Mamata Banerjee Siblings की बात करे तो वह 6 भाईओ के बिच सिर्फ एक बहन है। उनके भाई के नाम समीर बनर्जी, अजीत बनर्जी, गणेश बनर्जी, काली बनर्जी, अमित बनर्जी और बबन बनर्जी है। Mamata Banerjee Husband Name की बात करे तो उन्होंने शादी नहीं की है। ममता बनर्जी की जाति ब्राह्मण और Mamata Banerjee Religion हिन्दू है। 

ममता बनर्जी का व्यक्तित्व – Mamata Banerjee Biography

सीधा-सादा जीवन व्यतीत करने वाले असाधारण व्यक्तित्व की महिला है। हमेशा सादा और सीधा जीवन जीने वाली महिला का परिवार माध्यम वर्गीय परिवार था। बस्ता, सूती साड़ी और हवाई चप्पल में दिखती है। उन्होंने अविवाहित रहके प्रजा कल्याण के कार्य किये है। वह एक साधारण दिखने वाली बहुत प्रभावशाली और विशाल व्यक्तित्व वाली महिला है। उन्हें एक साधारण जीवन व्यतीत करना अच्छा लगता है।  

ममता बनर्जी की पसंद और अन्य जानकारी –

  • Weight 59 – किलोग्राम
  • Eye Colour – हेज़ल ब्राउन
  • Hair Colour – साल्ट एवं पेपर
  • Zodiac Sign – मकर राशि
  • Hobbies  – पेंटिंग करना, टहलना
  • Favourite Pastime – संगीत सुनना, पढ़ना और लिखना बहुत पसंद है। 
  • Mamata Banerjee Height – 5 फुट, 4 इंच

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Mamata Banerjee Social Media –

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Mamata Banerjee Political Career –

अपनी क़ानूनी पढाई के वक्त पर ही होके छात्र परिषद यूनियन का गठन किया था। वह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की एक शाखा है। अपनी शिक्षा पूर्ण करके ममता जी ने राजनीती में प्रवेश किया था। ममता बनर्जी का राजनीतिक करियर कांग्रेस पार्टी में शामिल हो करके किया था। 1976 से ले करके 1980 की साल तक वह पश्चिम बंगाल की महिला कांग्रेस की महासचिव के रूप में काम करते है।

\1984 की साल मे हुए पश्चिम बंगाल लोक सभा चुनाव में जादवपुर संसदीय क्षेत्र से बहुत प्रतिष्ठित राजनेता सोमनाथ चटर्जी हरा कर के जित हासिल की हुई है। जित हासिल करके वह सबसे कम उम्र की युवा संसद बने थे। लेकिन 1989 की साल में हुए लोकसभा चुनाव में ममता जी ने जादवपुर संसदीय क्षेत्र में हार का सामना करना पड़ा था। लेकिन 1991 में ममता जी ने दक्षिण कोलकाता संसदीय क्षेत्र से चुनाव जित के फिर से सत्ता हासिल करदी थी।

उतनी नहीं तब से लेके 2009 की साल तक सत्ता में बानी रही थी। जब 1991 की साल में पी.वी. नरसिम्हा राव प्रधानमंत्री थे। उस समय में ममता जी ने पश्चिम बंगाल में बाल और महिला विकास मंत्रालय, युवा एवं खेल और मानव संसाधन विकास में कार्यरत रहते थे। उन्होंने खेल मंत्री के रूप में कसम करते हुए सरकार का विरोध भी किया था। क्योकि वह देश में खेल व्यवस्था को सुधारना चाहती थी। 

ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस पार्टी की स्थापना –

  • अपने विचार दूसरे नेताओ से नहीं मिलने के कारन 1997 में ममता जी ने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से अलग होने का फैसला करलिया था।
  • बाद में ममता बनर्जी की पार्टी का नाम ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस पार्टी की स्थापना की थी। 
  • 1999 की साल में एनडीए में शामिल हुए थे। और प्रधान मंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में उन्हें रेलवे मंत्री का पद दिया गया था।
  • जब उन्होंने 2002 में बजट निकाला तब पश्चिम बंगाल को बहुत लाभ दिया था। 
  • 2009 में हुए आम चुनावो में उन्होंने यूनाइटेड प्रोग्रेसिव अलायन्स में शामिल होने का फैसला ले लिया था। और फिर से वह रेलवे मंत्री बने थे। 
  •  2010 की साल में पश्चिम बंगाल के नगर पालिका चुनाव में ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस पार्टी ने जित हासिल करली थी।
  • ममता बनर्जी कोलकाता नगर पालिका में 62 सीट से जित दर्ज करके सत्ता पे आयी थी।
  • वर्ष 2021 के चुनावो में ममता जी भारतीय जनता पार्टी को करारी हार देकरके जित चुकी है। 
  • ममता बनर्जी ने तीसरी वक्त चुनाव जीतकर मुख्य मंत्री के शपथ ग्रहण की है।  

Mamata Banerjee As a Chief Minister-

2011 की साल में हुए विधानसभा चुनावो में ममता जी की पार्टी ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस पार्टी ने भारत की कम्युनिस्ट पार्टी की शाशन को ख़त्म कर दिया था। वह पार्टी 34 साल से सत्ता संभल रही थी। ममता जी ने उन्हें भी उखड फेका था। वह जित से ममता बनर्जी पश्चिम बंगाल की आठवीं और प्रथम महिला मुख्य मंत्री बने थे। वर्ष 2012 में ममता जी ने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी को पूरी तरह से छोड़ दिया था।

मुख्यमंत्री के पद पर रह करके। उन्होंने ऐसे महत्व पूर्ण कार्य किये की सभी लोग Mamata Banerjee Real Name की बजाय दीदी के नाम से जानने लगे है। उनके काम उतने अच्छे है। की 2016 में हुए विधानसभा चुनाव में उन्होंने फिरसे जित दर्ज करवाई और पश्चिम बंगाल राज्य की मुख्यमंत्री फिर से बनचुकी और आज तक बने रहे है। हम आशा करते है। की वर्तमान समय में चल रहे विधानसभा चुनाव में भी ममता बनर्जी को जित मिले और तीसरी वक्त ममता बनर्जी जी मुख्यमंत्री के रूप में बने ऐसी भगवान को प्राथना करते है। 

West Bengal Election Results 2021 –

1 Pm , 17 Cm , 50 केंद्रीय मंत्री 300 से ज्यादा राज्य मंत्री सेकड़ो मिडिया कर्मचारी 1 गृह मंत्री सभी को बंगाल की दीदी ने परास्त करदिया है। तो हम ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस पार्टी ने जो जित दर्ज की है उसके अंक प्रस्तुत करते है। जिसमे ममता बनर्जी की ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस पार्टी ने 213 सीट जित कर तीसरी वक्त रिकॉर्ड कर दिखाया है। वैसे तो मोदीजी कहते थे। की बीजेपी 200 सीट जीतेंगा लेकिन उनका जादू नहीं चला है। दीदी no 1 साबित हुए है। 

ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस पार्टी भारतीय जनता पार्टी  अन्य 
213  77  02 

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ममता बनर्जी जी के विवाद –

  • 1998 की साल में ममता जी ने महिलाओं के आरक्षण बिल के सामने विरोध किया था। 
  • उसमे एमपी डोगरा प्रसाद को कोलर पकड़कर घसीटते हुए निकाल दिया था। उसमे वह बहुत विवाद में रहे थे। 
  • देश में बढ़ते अपराध पर एक टिप्पणी की थी। उसके लिए ममता जी की काफी आलोचना हुई थी। 
  • ममता बनर्जी 2012 में ममता बनर्जी ने कहा था। की पहले लड़के लड़की साथ में हाथ पकड़ कर घूमते थे।
  • उस समय उनके मा-बाप से पकड़े जाते थे। उनकी फटकार लगाई जाती थी। लेकिन अब सबकुछ खुलेआम होता है।  उस टिप्पणी के लिए उनकी काफी आलोचना हुई थी। 
  • 2016 की साल में ममता सरकार ने 25 मुस्लिम फेमिली की दुर्गा पूजा को आपत्ति जताने की वजह से दुर्गा पूजा पर रोक लगा दी थी। 
  • उन्होंने कहा था की दुर्गा पूजा मुस्लिमों के मुहर्रम त्यौहार में उनकी भावनाओं को ठेस पहुंचाती हैं। 
  • रेनबो का बंगाली मतलब राम का धनुष होता है। लेकिन 2017 में रामधोनु शब्द को रोंगधोनु कहने के कारन भारत के कट्टरपंथियों के साथ विवाद रहा था। 
  • वर्तमान समय में हो रहे आम चुनाव में ममता बनर्जी के कार्यकाल में भारत के फ़ेडरल सिस्टम को चुनौती दी है।
  • सारदा ग्रुप फाइनेंसियल में घोटाले की जाँच करने सीबीआई अधिकारीयों को गिरफ्तारी का हुक्म दिया।

ममता बनर्जी की पुस्तक –

बंगाली अंग्रेजी
तृणमूल
उपलब्धि
जनमायनी
मां-माटी-मानुष
अशुबो शंकेत
जनतार दरबरे
जागो बांग्ला
मानविक
गणोतंत्र लज्जा
गणोतंत्र लज्जा
मातृभूमि
एंडोलानेर कथा
अनुभूति
स्लॉटर ऑफ डेमोक्रेसी
स्ट्रगल ऑफ एक्सिसटेंस
डार्क हॉरिजोन
स्माइल 

ममता बनर्जी का राजनीतिक जीवन के घटनाक्रम –

  • Mamata Banerjee Biography
  • 1976 से 1980 तक पश्चिम बंगाल की महासचिव
  • 1978 से 1981 तक कलकत्ता दक्षिण की जिला कमेटी सचिव
  • 1984 में लोकसभा की सदस्य बनी 
  • 1985 से 1987 तक अनुसूचित एव अनुसूचित जनजातियों की कल्याण समिति की सदस्य
  • 1987 से 1988  मानव संसाधन विकास मंत्रालय की परामर्श समिति एव सलाहकार
  • 1988 में कांग्रेस संसदीय सदस्य
  • 1989 में राज्य की प्रदेश कांग्रेस कमेटी सदस्य
  • 1990 में पश्चिम बंगाल की युवा कांग्रेस अध्यक्षा
  • 1991 से 1993 युवा और खेल विभाग की राज्य मंत्री
  • 1993 से 1996 गृह मामलों की सदस्य
  • 1995 से 1996 गृह मंत्रालय की सलाहकार
  • 199 लोकसभा की सदस्य
  • 1996 से 1997 गृह मंत्रालय की सदस्य
  • 1997 अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस की स्थापना
  • 1998 12वीं लोक सभा की सदस्य 
  • 1998 से 1999 रेलवे समिति की अध्यक्षा
  • 1999 से 13वीं लोकसभा की सदस्य 
  • 13 अक्टूबर 1999 से 16 मार्च 2001 तक रेलवे मंत्री
  • 2001 से 2003 तक उद्योग मंत्रालय की सलाहकार
  • 8 सितंबर 2003 से 8 जनवरी 2004 तक केंद्रीय कैबिनेट मंत्री
  • 9 जनवरी 2004 से मई 2004 कोयला और खानों की मंत्री
  • 2004: 14वीं लोकसभा की सदस्य 
  • 2009 15 वीं लोकसभा की सदस्य
  • 31 मई 2009 से जुलाई 2011 रेलवे मंत्री
  • 9 अक्टूबर 2011 15वीं लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा
  • 20 मई 2011 पहली महिला मुख्यमंत्री 
  • 19 मई 2016 दूसरी बार पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री 

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Mamata Banerjee Biography Video –

Mamata Banerjee Interesting Facts –

  • ममता जी का जीवन संघर्ष से भरा रहा है इन्होने बहुत संघर्ष किये है तब उन्हें मुकाम हासिल हुआ है।
  • ममता जी थोड़े गुस्से वाली राजनेता है।
  • केंद्र सरकार की नीति नियम ममता जी को पसंद नहीं है।
  • केंद्र सरकार की बुराई ममता जी कई वक्त कर चुकी है। 
  • बंगाली लोग उन्हें दीदी के प्यारे नाम से पुकारते है। 
  • नरेंद्र मोदी को ममता चुनावो में हरायेंगी यह उनका कहना है ।
  • ममता जी ने बहुत ही अच्छे अच्छे और सामाजिक कार्य भी करती है।
  • भारत के अलावा बांग्लादेश में भी ममता जी को पसंद किया जाता है।
  • पच्चिम बंगाल की राजनीति में वह काफी लम्बे वक्त तक रहने वाली है।

ममता बनर्जी के प्रश्न – 

1 .ममता बनर्जी की उम्र कितनी है ?

वर्तमान समय 2021 की साल में ममता बनर्जी की उम्र 66 वर्ष है। 

2 .Mamata Banerjee ke papa ka naam ?

Mamata Banerjee ke papa ka naam Mr. Promileshwar Banerjee He 

3 .Will Mamata win next election ?

Yes  Mamta will be the winner in the next election

4 .कब ममता बनर्जी ने गौ मांस खाने का समर्थन किया था ?

नहीं ममता बनर्जी ने गौ मांस खाने का समर्थन नहीं किया है। 

5 .ममता बनर्जी की टीम में गृह मंत्री कौन है ?

ममता बनर्जी काफी समय के लिए गृह मंत्री रह चुकी है। 

6 .Kya mamta banerjee hindu hai ?

Ha Mamta Banerjee Hindu hai

7 .ममता बनर्जी कितने साल से मुख्यमंत्री है ?

10 साल से 

8 .ममता बनर्जी के कितने बच्चे हैं ?

अविवाहित 

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Conclusion –

आपको मेरा Mamata Banerjee Biography बहुत अच्छी तरह से समज आया होगा। 

लेख के जरिये Mamata Banerjee House और Mamata Banerjee Election 2021 से सबंधीत  सम्पूर्ण जानकारी दी है।

अगर आपको अन्य व्यक्ति के जीवन परिचय के बारे में जानना चाहते है। तो कमेंट करके जरूर बता सकते है।

हमारे आर्टिकल को अपने दोस्तों के साथ शयेर जरूर करे। जय हिन्द।

Note – आपके पास ममता बनर्जी बायोग्राफी या Mamata Banerjee Personal Assistant की कोई जानकारी हैं, या दी गयी जानकारी मैं कुछ गलत लगे तो तुरंत हमें कमेंट और ईमेल मैं लिखे हम इसे अपडेट करते रहेंगे धन्यवाद 

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Rakesh Tikait Biography

Rakesh Tikait Biography Hindi – राकेश टिकैत की जीवनी

आज के आर्टिकल Rakesh Tikait Biography में आपको एक साधारण  पुलिस वाले से किशन आंदोलन के राष्ट्रीय प्रवक्ता बनने के संघर्ष सफर से परिचित करते है। 

वर्तमान समय में चल रहे किसान आंदोलन के मुख्य सूत्रधार राकेश टिकैत कौन है ? rakesh tikait education, rakesh tikait political career और rakesh tikait congress पार्टी से कितने वक्त चुनाव लड़े और उनकी जित हुई या हार ये सभी बातो की सचाई आपको बताने वाले है।  दिल्ही बॉर्डर पे जोर शोर से जिस आंदोलन ने  सरकार की नींद उड़ाई है। ऐसा लगता है की किसान  अपने हक़ लेकर ही रहेंगे। 

इस किसान अन्दोलन के पीछे कई कारण के साथ साथ कुछ अच्छे और नेक इंसान भी शामिल है जैसे की राकेश टिकैत भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता हैं। जिनके एक आवाज से यूपी,राजस्थान,हरियाणा और पंजाब जैसे राज्यों में से हजारो की संख्या में किसान फिरसे दिल्ली शहर में एकत्र हो गए और अपना किसान आंदोलन दूसरे वक्त फिर से पुरे रंग में आ चुका है। 

पूरा नाम चौधरी राकेश टिकैत
जन्म 4  जून 1969 
जन्म स्थान मुजफ्फरनगर ,कस्बा सिसौली, भारत 
पद भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता
पिता का नाम स्वर्गीय चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत
भाई  चौधरी नरेश टिकैत
पत्नी सुनीता देवी
बेटा चरण सिंह
बेटी सीमा,ज्योति
पढ़ाई मेरठ विश्वविद्यालय से एमए
पेशा पुलिस कांस्टेबल, किशन आंदोलन के राष्ट्रीय प्रवक्ता
राष्ट्रीयता भारतीय 

Rakesh Tikait Biography Hindi –

भारत देश में हो रहे किसान आंदोलन में शामिल मुख्य हीरो माने जाने वाले राकेश टिकैत वर्तमान समय में सोशल मीडिया पर सबसे ज्यादा सर्च हुआ करते हैं। इसी कारन सबके मन में एक सवाल हुआ करता है की राकेश टिकैत कौन है? इसी सवाल का जवाब के लिए आज की पोस्ट लिखी जाती है। उनके जीवन संघर्ष की की कहानी बताने वाले है। भारत के दिल्ली शहर के लाल किले पर 26 जनवरी को हुई हिंसा के पश्यात भी किसान आंदोलन अभी भी खड़ा हुआ है।

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Rakesh Tikait Birth And Education –

किसान आंदोलन के मुख्य सूत्र धार राकेश टिकैत का जन्म 4 जून 1969 के दिन भारत के मुजफ्फरनगर के सिसौली गांव में हुआ था उन्होंने अपनी प्राथमिक शिक्षा पूर्ण करके मेरठ विश्वविद्यालय से अपनी पढाई पूरी करके MA की डिग्री हासिल की हुई है। अपनी पढाई पूर्ण करके उन्होंने दिल्ली पुलिस में अपनी सेवा प्रदान करनी शुरू करदी थी। 1992 की साल में उन्होंने पुलिस की नौकरी शुरू की थी। अपनी इमानदारी से उन्होंने अपनी फर्ज अदा की है। 

Rakesh Tikait Family –

राकेश टिकैत के परिवार की जानकारी बताई जाये तो उनके पिताजी चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत अपनी पूरी जिंदगी किसानो के लिए कार्य किया हुआ है और अपने पिताजी से राकेश भाई बहुत प्रभावित हुए है। लाल किल्ले पर हो रहे किसान आंदोलन में उनके पिताजी धरने पर बैठे थे और सरकार श्री से उस आंदोलन को दबाने की कोशिश आज तक जारी ही रखी है। उनके परिवार में चार भाई है। इसके बड़े भाई का नाम नरेश टिकैत और नन्हे दो भाई का नाम सुरेंद्र टिकैत और नरेंद्र टिकैत है।

सुरेंद्र एक शुगर फैक्टरी में मैनेजर की पोस्ट पे कार्य किया करते है तो नन्हे भाई नरेंद्र टिकैत अपनी खेती संभाला करते है। Rakesh Tikait marriage की बात करे  बागपत जिले के दादरी गांव की सुनीता नाम की लड़की से वर्ष 1985 में हुई थी अपने सफल दामपत्य जीवन से उन्हें दो पुत्रियां और एक पुत्र हुए है और सभी बच्चो की शादिया भी कर दी गयी है।

शुरुआती जीवन –

राकेश टिकैत के शुरूआती जिंदगी को बात करे तो उन्होंने अपनी पढाई पूर्ण करके उन्होंने दिल्ली पुलिस में अपनी सेवा प्रदान करनी शुरू करदी थी। 1992 की साल में उन्होंने पुलिस की नौकरी शुरू की थी। और अपने पिताजी के दिए रस्ते चलते हुए उन्होंने किशन आंदोलन को अपने डैम पर फिरसे चालू रखने में मदद की हुई है। आज की पोस्ट में राकेश टिकैत बायोग्राफी की सम्पूर्ण जानकारी से आपको ज्ञात करने वाले है। 

वर्ष 2007 के आम चुनावो में उन्होंने ने उत्तर प्रदेश के खतौली जो मुज़्ज़फरनगर की एक विधान सभा सीट से चुनाव में खड़े हुए और उन्हें हार हासिल हुई थी इसके पश्यात 2014 की साल में congress से अमरोहा जनपद से अपनी लोक सभा चुनाव की दावेदारी की थी और फिर से उन्हे हार का सामना करना पड़ा था । उन्होंने अपनी जिंदगी से बहुत कुछ सीखा है और अपने पिताजी के दिए हुए रास्ते चलते हुए किसान आंदोलन के मुख्य सूत्र धार बने हुए है। 

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राकेश टिकैत बने भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष –

अपने पिताजी स्वर्गीय महेंद्र सिंह टिकैत बालियान खाप से बिलोंग किया करते है इसी कारन उनके खाप के कुछ नियम के मुताबिक उनके सबसे बड़े बेटे को इसका मुख्यसूत्रधार बनाया जाता था ईसिस वजह से पिता महेंद्र सिंह के मौत के कुछ वक्त के पश्यात ही भारतीय किसान यूनियन का अध्यक्ष उनके बेटे नरेश टिकैत को बनाया था। 

लेकिन व्यवहारिक के कारन उसके सभी फैसले राकेश टिकैत ही लिया करते थे इस कारन राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत को बनाया गया है और उनकी जिम्मेदारी वह बखूबी से निभाते हुए दिल्ली बॉर्डर पे आज खड़े है। 

भारतीय किसान यूनियन –

1987  की साल में जब चौधरी चरण सिंह की सरकार भारत देश पर सत्ता में थी तब उस वक्त ही भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) की नींव राखी गई थी। उस वक्त जब किसानो के बिजली दाम को नीचा करने के लिए किसानों ने महेंद्र सिंह टिकैत नाम के व्यक्ति के नेतृत्व में  एक बड़ा आंदोलन जो शामली जनपद के करमुखेड़ी में किया हुआ था इस आंदोलन में कई लोगो पुलिस की गोली लगने से घायल हुए थे तो अकबर और जयपाल नाम के आंदोलनकारी मारे गए थे।

इस समस्या होने के बाद ही बीकेयू यानि भारतीय किसान यूनियन का निर्माण किया गया था और उसके मुखिया चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत को नियुक किये गए थे। महेंद्र सिंह टिकैत की मौत 15 मई 2011 के दिन हुई थी इसी कारन उसके बेटे नरेश टिकैत को पगड़ी पहनाकर भारतीय किसान यूनियन का मुखिया बनाया गया था और छोटे बेटे राकेश टिकैत को यूनियन का राष्ट्रीय प्रवक्ता केव रूप में पसंद किया गया है। 

किसान विरोधी बिल के खिलाफ आंदोलन की जान बने राकेश टिकैत –

वर्तमान समय में 2020 से राकेश टिकैत दिल्ली लाल किले में चल रहे किसान विरोधी धारा यानि बिल के विरोध में एक आंदोलन करके रोष प्रदर्शन करते हुए लाखों की संख्या किसान गाजीपुर बॉर्डर पर खड़े है नहीं सरकार जुकति है नहीं किसान पीछे हटते है। उस जगह 26 जनवरी को हुई टेक्टर रैली में हुई हिंसा के खिलाफ पूरा  भारत देश किसानों के खिलाफ था लेकिन उस वक्त राकेश टिकैत ने एक आवाज लगाई और आंदोलन दोबारा चालू हो चूका है

एक नए जान भरदी है किसानो में। राकेश टिकैत के इक हुंकार से हजारो नहीं लेकिन लाखो की संख्या में किसान दिल्ली बॉर्डर पर पहुंच चुके है चाहे वह उत्तर प्रदेश,राजस्थान,हरियाणा होइ या पंजाब हो पुरे देश के किसान दिल्ही चुके है। हम भी उम्मीद करते है की मोदी सरकार कानून रद्द करदे नहीं तो सरकार को बहुत नुकसान का सामना करना पड़ेगा इसमें कोई गलत नहीं है। किसान मजदूर एकता जिंदाबाद है और रहेंगी हमेशा के लिए। 

Rakesh Tikait Net Worth –

सोसियल मिडिया से उपलब्ध माहिती के मुताबिक राकेश टिकैत की कुल संपत्ति का अंदाजा लगाया गया है की उसके पास 2021 साल तक तक़रीबन 4 से 5 करोड़ रुपये की संपत्ति बताई जाती है। rakesh tikait income का मुख्य साधन उनकी खुदका व्यवसाय और राजनीति को माना जाता है।वैसे तो हरेक इंसान के पास खुद का कुछ न कुछ व्यवसाय होता है वैसे ही राकेश टिकैत भी आय का मुख्य स्त्रोत खुद का बिज़नेस है। 

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राकेश टिकैत का गुजरात दौरा  – Rakesh Tikait Gujarat Tour

राकेश टिकैत 4 अप्रैल और 5 अप्रैल गुजरात में आने वाले है। उनका कार्यक्रम इस तरह रहने वाला है। 

तारीख 4/4/2021 

अंबाजी आगमन

समय 11 am   

अंबाजी मंदिर दर्शन 

12:30 

किसान अभिवादन 

स्थल – अंबाजी 

समय – 12:45 

किसान संवाद 

स्थल – सुरमंदिर सिनेमा के सामने का मैदान आबू हाइवे रोड, पालनपुर

समय – 2:30

उमिया मंदिर दर्शन  

स्थल – उंझा 

समय – 5:00

तारीख 5/4/2021 

गाँधी आश्रम

स्थल – साबरमती 

समय – 7:00 

सरदार निवास्थान 

स्थल – करमसद 

समय – 10:00 

गुरुद्वार दर्शन 

स्थल – छानी वड़ोदरा 

समय – 11:00

किसान संवाद

स्थल – स्वराज आश्रम बारडोली 

समय – 3:00 

Rakesh Tikait Instagram –

Instagram – https://www.instagram.com/gatheora/

  • rakesh.tikait
  • posts – 442 
  • followers – 44.7k 
  • following – 25 
  • Official Account of Farmers Leader & National Spokesperson of Bhartiya Kisan Union

Rakesh Tikait Social Media Profile –

Facebook – https://www.facebook.com/ChaudharyRakeshTikait/

Email Id – Not Available

WhatsApp Number – Not Available

Official Website – Not Available

Twitter – https://twitter.com/RakeshTikaitBKU?

Life Style Video –

Interesting Facts –

  • राकेश टिकैत का जन्म उनके पैतृक ग्राम सिसौली में 4 जून 1969 में हुआ था। उनकी प्रायमरी शिक्षा प्राप्त करने के बाद उन्होंने मेरठ विश्वविद्यालय से MA की डिग्री प्राप्त की हुई है। 
  • भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष राकेश टिकैत  दो वक्त चुनाव में खड़े हुए है और उनको हर का सामना करना पड़ा है। 
  • राकेश टिकैत ने अपनी शिक्षा पूर्ण करने के दिल्ली शहर की पुलिस में नौकरी शुरू करदी थी उन्होंने 1992 की साल में कॉन्स्टेबल की नौकरी की शुरुआत करदी थी। 
  • राकेश टिकैत किसान के हित की लड़ाई लड़ते लड़ते कई बार जेल भी हुई है उसमे तकरीबन 40 से ज्यादा वक्त उनके जेल हुई है। 
  • वर्तमान समय में rakesh tikait news में बहुत छाए हुए है क्योकि ट्रेक्टर रैली के हिंसा के बाद किसान आंदोलन को दोबारा खड़े करने वाले मसीहा कहे जाते है। 
  • rakesh tikait history देखि जाये तो उनके पिताजी भी भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष रह चुके है और इन्ही कारन प्रेरणा लेके ही राकेश जी किसानो को बहुत चाहते है। 

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Questions –

1 .राकेश टिकैत कौन है ?

चौधरी राकेश टिकैत पश्चिमी उत्तर प्रदेश के एक प्रमुख और भारतिया किसान यूनियन (बीकेयू) के जन प्रतिनिधि हैं। वह सरकार के विरोध में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।

2 .राकेश टिकैत पहले क्या करते थे ?

वह पहले पुलिस कांस्टेबल की नौकरी कर रहे थे । 

3 .राकेश टिकैत के कितने भाई है ?

उनको चार भाई है बड़े भाई का नाम नरेश टिकैत और नन्हे दो भाई का नाम सुरेंद्र टिकैत और नरेंद्र टिकैत है।

4 .भारतिया किसान यूनियन (बीकेयू) के प्रमुख कौन है ?

चौधरी राकेश टिकैत भारतिया किसान यूनियन (बीकेयू) के प्रमुख है। 

5 .राकेश टिकैत Age कितनी है ?

चार जून 1969 के दिन जन्मे राकेश जी की आयु वर्तमान समय में 2021 की साल में 52 वर्ष है।

6 .राकेश टिकैत पत्नी का नाम क्या है ?

बागपत जिले के दादरी गांव की एक लड़की से वर्ष 1985 में राकेश जी की शादी हुई थी उसका नाम सुनीता देवी है। 

7 .राकेश टिकैत के कितने बच्चे है ?

उनके लड़के का नाम चरण सिंह और लड़कियों का नाम सीमा और ज्योति है। 

8 .राकेश टिकैत के पिताजी का नाम क्या है ?

उनके पिता का नाम चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत है और वह टिकैत बालियान खाप के मुखीया थे। 

9 .राकेश टिकैत का जन्म कहा हुआ था ?

उनका  जन्म 4 जून 1969 के दिन मुजफ्फरनगर ,कस्बा सिसौली में हुआ था। 

10 .राकेश टिकैत की ऊंचाई और वजन क्या है ?

उनकी  ऊंचाई 5 फीट 7 इंच है और उसका वजन 68 किलोग्राम है। 

Conclusion – 

आपको मेरा Rakesh Tikait Biography बहुत अच्छी तरह से समज आया होगा। 

लेख के जरिये राकेश टिकैत का गुजरात दौरा और राजनैतिक करियर से सबंधीत  सम्पूर्ण जानकारी दी है।

अगर आपको अन्य व्यक्ति के जीवन परिचय के बारे में जानना चाहते है। तो कमेंट करके जरूर बता सकते है।

हमारे आर्टिकल को अपने दोस्तों के साथ शयेर जरूर करे। जय हिन्द।

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Amit Shah Biography

Amit Shah Biography Hindi – अमित शाह की जीवनी

नमस्कार दोस्तों आजके हमारे आर्टिकल Amit Shah Biography में आपका स्वागत है, भारतीय जनता पार्टी वर्तमान समय की सत्ता पार्टी है उनके एक प्रमुख और मजबूत राजनेता की आज बात करेंगे। 

किसकी सहायता से वर्तमान समय में BJP ने पुरे भारत देश पर अपने झंडे गाड़े हुए है ? amit shah son ,jay shah क्या करते है ? amit shah net worth कितना है। पुरे भारत पर राज करने वाली भाजपा के मुख्य नेता amit shah education की जानकारी हम बताने वाले है। 

भारतीय जनता पार्टी के ex-president अमित शाह केंद्र सरकार से लेकर राज्य सरकार के चुनावो में भी अपनी पार्टी को जित दिलाने के लिए कई रेलिया और सभाओ में उपस्थित रहते है। उन्होंने अपने परिश्रम से भारतीय जनता पार्टी को बहुत ही मजबूत कर दिखाया है। चले आपको बताते है की यह महान इन्सान कोन है जिसने देश की भागडौर नरेंद्र मोदीजी के हाथ में थमाई है।  

नाम अमित अनिलचन्द्र शाह
उपनाम अमित
जन्म 22 अक्टूबर 1964
जन्म स्थान मुंबई, महाराष्ट्र,भारत
ऊंचाई 5’ 6” फीट इन्च- 
वजन 81 किलो
माता का नाम कुसुम बेन शाह
पिता का नाम अनिल चन्द्र शाह
पत्नी का नाम सोनल शाह
बेटा जय शाह
धर्म हिंदू
जाती वणिक 
पेशा भारतीय राजनेता
गृहनगर महेसाना, गुजरात, भारत
पद भारतीय जनता पार्टी के वर्तमान अध्यक्ष, पूर्व विधायक, राज्यसभा के सांसद, भारत के गृहमंत्री
चुनाव क्षैत्र गांधीनगर 
पार्टी/दल भारतीय जनता पार्टी
राष्ट्रीयता भारतीय

Amit Shah Biography Hindi –

वर्तमान समय के भाजपा के सबसे सफल अध्यक्ष के रूप में उभरे हुए राजनेता है। BJP उनके दिशा- निर्देश का पालन करते हुए पुरे भारत देश में अपना शासन चलाया करते है। प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी ने अमित शाह को गृह राज्य मंत्री का पद दिया हुआ है। आज की पोस्ट में आपको हम अमित शाह का जीवन परिचय की जानकारी बताने वाले है। है और महारथी की पेश है। 

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Birth And Education –

भाजप के गृहमंत्री शाह का जन्म महाराष्ट्र राज्य के मुंबई शहर में हुए था उनका परिवार व्यापार से अपना पालन पोषण किया करता था। और मूल रूप उनका परिवार गुजरात के मेहसाणा जिले के पाटन शहर के से अपना तारलूक़ात रखता है। और वह हिन्दू वणिक परिवार से बिलोंग करते है। उनका गांव पाटण जिले के चँन्दूर में है। उसके education की बात करे तो गुजरात के मेहसाणा की एक स्कूल से प्राप्त की हुई है। 

इसके पश्यात बॉयोकेमिस्ट्री की शिक्षा प्राप्त करने के लिए उन्होंने अहमदाबाद को पसंद किया था। सी.यू शाह साइंस कॉलेज, अहमदाबाद से उन्होंने बॉयोकेमिस्ट्री विषय मे बीएससी की पदवी प्राप्त करके अपने पिताजी अनिलचन्द्र शाह का व्यापर का बिजनेस संभालने लगे थे और बहुत छोटी 14 वर्ष की आयु में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से ज्वाइन हो चुके थे। 

Amit Shah Family –

गृह मंत्री शाह के परिवार की जानकारी बताई जाये तो उनके पिताजी का नाम अनिलचन्द्र शाह है और उनका मुंबई शहर में ही खुद का व्यापर यानि प्लास्टिक पाइप का बिज़नेस था और उनकी माता का नाम कुसुम बेन शाह है । amit shah wife का नाम सोनल शाह है। अमित शाह विवाह दिनांक 1987 की साल के December में उनकी शादी हुई थी। उनका परिवार मूल रूप से गुजरती है और amit shah caste की बात करे तो हिन्दू वणिक (बनिया)है। उनको एक बेटा भी है। उसका नाम जय शाह है। वर्तमान समय 2021 की साल में amit shah age 57 साल है। 

Political Career –

राजनीती के मास्टर ब्लास्टर अमित शाह ने अपने कॉलेज काल में ही तय करलिया था की वह राजनीती में अपना करियर बनायेगे। वर्ष 1983 में अमित शाह abvp (अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद) से जॉइंन हुए थे और कुछ समय के बाद ही उन्होंने 1983 की साल में ही आरएसएस में एंट्री लेली थी इसके बाद 1986 की साल में उन्होंने भारतीय जनता पार्टी में शामिल कर दिया गया। 

अमित शाह ने अपनी पार्टी के लिए कार्य करना शुरू कर दिया और अपनी बुद्धि और विचार कौशल्य से अपनी पार्टी को बहुत ही नयी ऊंचाइयों को छू लिया था। और वर्ष 1997 में बीजेपी की और से विधानसभा चुनाव में पक्ष के लिए खड़े हुए थे। उन्होंने सरखेज विधानसभा चुनाव क्षेत्र से अपनी जित दर्ज करवाई थी। एक वक्त नहीं लेकिन तीन वक्त लगातार उन्होंने जित हासिल कर दी है।

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Minister in 2002 –

गुजरात राज्य के विधानसभा चुनाव वर्ष 2002 में भारतीय जनता पार्टी ने बहुत ही भारी मतों से अपनी जीत हासिल करली और मुख्यमंत्री पद पे नरेंद्र मोदी को बिठाया गया था। अमित शाह ने अपनी मेहनत से पार्टी को जित दिलाई थी इन्ही कारन ही उन्हें मंत्री पद से सम्मानित किया और बहुत ही महत्व वाले विभाग का काम भी उन्हें ही दिए गए थे। अपने कार्य को बहुत ही खूबी से करने वाले शाह वर्तमान समय में पार्टी को सँभालने वाले मुख्य राजनेता है।  

अमित शाह और नरेंदर मोदी –

ऐसा कहा जाता है की अमित शाह और नरेंद्र मोदी की पहली भेट उनके कॉलेज के वक्त ही हुई थी। लेकिन राजनीति में आने के बाद उनकी दोस्ती को चार चाँद लगचुके थे और उन दोनों ने मिलके भारतीय जनता पार्टी को बहुत भारी मतों से विजय दिलाई और नरेंद्र भाई मोदी प्रधान मंत्री बन गए और अमित शाह पार्टी के मुख्य अधक्ष बने हुए है। पहले नरेंद्र मोदी  आरएसएस का प्रचार किया करते थे। उस वक्त ही अमित शाह ने बीजेपी के लिए काम करना शुरू कर दिया था। 

जब भाजप के पास कोई ऐसा राजनेता नहीं था जो पुरे भारत में बीजेपी को जित दिला सके इसी वक्त ही अमित शाह और नरेंद्र मोदी की जोड़ी ने भाजप की भागदौड़ संभाली और वर्ष 2012 में नरेंद्र मोदी भाजप की और से गुजरात के मुख्यमंत्री रहते हुए शाह को मंत्री पद दिया गया जो गृह मंत्री पद था। वर्ष 2014 में जब नरेंद्र मोदी भारत देश के प्रधानमंत्री बने तब उन्हें राष्ट्रीय अध्यक्ष बना दिया गया है।

जब पहले modi amit shah से मिलते थे तब एक ही बात कहा करते थे की ” नरेंद्र भाई आप देश के प्रधानमंत्री बनने की तैयारी करो “ लेकिन यह काम को पूरा करते करते उन्होंने तक़रीबन 10 साल लगा दिए थे और 20 वर्ष के बाद नरेंद्र मोदी को भारत देश के प्रधानमंत्री भी बना दिया इस प्रक्रिया में अमित शाह का योगदान बहुत बड़ा माना जाता है। 

2014 में लोकसभा के चुनाव –

भारत देश में वर्ष 2014 में लोकसभा के चुनाव लडे गए। 

उसमे भाजपा की और से रेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री पद के लिए दावेदारी दर्ज करवाई दूसरी तरह बीजेपी ने सर्वसम्मति से स्वीकार किया। और उत्तर प्रदेश राज्य के चुनावो में चुनाव प्रचार की जिम्मेदारी अमित शाह को दी गयी थी। उत्तरप्रदेश में भाजपा को 80 सीटों में से 71 सीटों में अपनी जित हासिल कर दी थी। जो भाजप के लिए बहुत अच्छी बात थी इस चुनाव में राजनाथ सिंह को भारत का गृहमंत्री बनाया गया था। और अमित शाह को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया था। 

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आम चुनाव 2019 में अमित शाह –

लोक सभा चुनाव 2019 में अमित शाह ने बहुत बड़ा रोल निभाया था नरेन्द्र मोदी के दाये हाथ माने जाने वाले अमित शाह की सहायता से ही मोदीजी प्रधान मंत्री बने हुए है क्योकि पार्टी के बड़े फैसले हमेशा वही लिया करते है। लोकसभा चुनाव 2019 की जानकारी बताये तो गुजरात राज्य के गांधीनगर से कांग्रेस के डॉ. सी. जे. चावड़ा हार देते हुए 5 लाख मतों से अपनी जित दर्ज करवाई थी जो बहुत बड़ा रिकॉर्ड बना दिया था। 

सोसियल मिडिया के मुताबिक अमित शाह ने तक़रीबन 69.7 % वोट्स मिले था। और 8,80,000 मत हासिल हुए थे। लोकसभा चुनाव 2014 की मुताबिक ही 2019 की चुनाव रणनीति भी अमित शाह ने ही तैयार की और भाजपा को 303 सीट्स में जित दिला करके बहुत बड़ी जित हासिल करवाई थी मोदी लहर की क्रांति आ गई थी।इस चुनाव में अमित शाह ने बहुत सारी रैलियां करके लोगो के विश्वास को जित लिया था और गृह राज्य मंत्री बन गए थे।

Big Decisions –

धारा 370 ख़त्म करने का फैसला भारत देश का बहुत बड़ा फैसला कहा जाता है जम्मू काश्मीर में आतंक रोकने रोक लगाने के लिए गृह राज्य मंत्री अमित शाह ने 35 ए का उन्मूलन किया और उन्होंने धारा 370 खत्म करता हुआ बिल पास करवा लिया इसके चलते जम्मू-कश्मीर का मुख्य हिस्सा भारत देश से जोड़ लिया था । amit shah speech on kashmir में धारा 370 और धारा 35 ए को ख़त्म करके नए नियम बनाए जो पुरे देश में ख़ुशी की लहर दिलाई थी  और लखाद को भी अलग कर दिया था । 

भारत देश में गैर कानूनी अपराध और आतंकवाद को ख़त्म करने के लिए एनआरसी का मुद्दा उठाया और उसे एनआरसी का नाम दिया और बांग्लादेशियों को बहार निकाल दिया जो कई वर्षों से भारत में रह है थे। विदेशियों को पहचान कर उन्होंने वापस उनके देश भेज दिया गया है। इससे आतंकवाद का खात्मा हो सके। 

देश में हो रहे नक्सलवाद को पड़कर ने के लिए अमित शाह ने जो भारत मे रहके ही भारतीय नागरिको को बेहद परेशान किया करते थे और पुरे भारत में बड़े धमाके करदिये थे। इन्हे समाप्त करने के लिए बहुत बड़े फैसले लिए और क्सलवादियों का उन्मूलन करके भारत से खदेड़ दिया है। उन्होंने ऐसी रणनीति बनाई की सभी को मजबूर करदिया जिसमे कई सुधर गए तो कई भाग भी गए थे।

अमित शाह के विवाद –

उन पर आरोप लगाया गया था की फेक एनकाउंटर करवाया गया था जो सोहाबुद्दीन शेख और उनकी जीवन साथी कौसर बी के मर्डर केस में उसका नाम आया था की उसमे अमित शाह ने पैसे दिए थे की सोहाबुद्दीन को ठिकाने लगा दे जो राजस्थान के व्यापारियों को परेशान करता था। लेकिन इसको शाह मानने को तैयार नहीं थे उसने कहा था की इसमें विपक्ष  साजिस छिपी हुई है।

गुजरात राज्य में हुए 2002 के दंगों में भी अमित शाह पर केस और आरोप लगे थे की उन्होंने इशरत जहाँ के एनकाउंटर केस से जो महिला जुडी हुई थी उस पर गैर क़ानूनी जासूसी करवाई थी। 25 जुलाई 2010 के दिन सोहाबुद्दीन फेक एनकाउंटर के लिए गिरफ्तार कर दिया गया था और अक्टूबर 2010 में इन्हे जमानत पर छोड़ दिये गए थे। भारत के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी बननेके बाद ही शाह के पुत्र जय शाह ने अपने उनके बिजनेस में बहुत ही तेजी से ग्रोथ किया था।

उन्ही वजह से amit shah news से पुरे देश में विवाद में रहे थे।भारत देश में nrc यानि नागरिकता बिल पास हुआ जिनके कारन भी शाह बहुत चर्चा में रहे थे वर्तमान समय 2021 की साल में हो रहे किसान आंदोलन में भी सरकार ने जो 3 कृषि बिल पास करवाए है जिनको ले करके दिल्ही बॉर्डर पे किसान और देश के जवान आमने सामने खड़े हुए है।  

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Amit Shah Health –

वर्तमान समय 2021 की साल में चल रही कोरोना महा मारी में शाह को भी तकलीफ हुई थी शाह जी corona पॉज़िटिव हो गये थे जिसके चलते उन्हें हॉस्पिटल में भर्ती करवाया गया था और कुछ समय में अपनी तबियत को सुधर के वह अपने घर भी लौट चुके है। उन्होंने अपनी हेल्थ को बहुत साधारण कर लिया है। दूसरी कोई भी बीमारी शाह को नहीं हुई है। भगवन उन्हें सलामत रखे ऐसी प्राथना करते है सभी। अपनी निजी जिंदगी में भी अकसर अमित शाह मंदिरों में पूजा करवाते नजर आते है।  

Amit Shah Net Worth –

 राजनेता की कुल सम्पति या उनके वेतन को देखना को संभव नहीं है। फिरभी सोसियल मिडिया के रिपोर्ट के मुताबिक उनके पास 27.80 लाख जमा मिले थे और विरासत में मिलि संपत्ति को जोड़ के शाह के पास कुल 23.45 करोड़। रूपये है। ऐसे तो किसी भी इंसान की सम्पति कम या बढ़ भी सकती है ऐसे ही उनका भी हल ऐसा ही है।  

Amit Shah Social Media Profile –

Facebook – https://www.facebook.com/amitshahofficial/

Email Id – Not Available

WhatsApp Number – Not Available

Official Website – Not Available

Twitter – https://twitter.com/AmitShah?

Instagram –

  • amitshahofficial
  • posts – 714 
  • followers – 3.5m 
  • फोल्लोविंग – 3 
  • Union Home Minister, Government of India | MP, Gandhinagar Lok Sabha

Amit Shah Life Style Video –

Interesting Facts –

  • वह व्यवसाय में पहले शेयर ब्रोकर अर्थात दलाल का भी काम किया था।
  • उनके पिता का मनसा में प्लास्टिक पाइप का बिज़नेस था ,बाद में अभित शाह ने संभाला था।
  • अमित जी बहुत धार्मिक वृत्ति के इंसान है क्योकि सदैव मंदिरों में पूजा-अर्चना किया करते  हैं। 
  • वह गरीबों लोगो में जाकर के भोजन इत्यादि का वितरण भी किया करते हैं।
  • गुजरात राज्य के सोमनाथ मंदिर में हररोज जाते है वह सोमनाथ मंदिर के ट्रस्टी है।
  •  2009 में गुजरात क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष बनाये गये और 2014 की साल में भाजपा के  राष्ट्रीय अध्यक्ष बनगए थे।
  • उन्होंने अभ्यास सी.यू शाह साइंस कॉलेज, अहमदाबाद से पूर्ण किया और बीएससी- बायोकेमिस्ट्री की डिग्री प्राप्त की हुई है। 

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Questions –

1 .अमित शाह का जन्म कब और कहां हुआ?

22 अक्टूबर 1964  के दिन एक गुजरती वणिक परिवार में मुंबई शहर में अमित शाह का जन्म  हुआ था। 

2 .अमित शाह के कितने बच्चे हैं?

उसके एक पुत्र रत्न  है जिसका नाम जय शाह है। 

3 .अमित शाह का पूरा नाम क्या है?

उसका पूरा नाम अमित अनिलचन्द्र शाह है। 

4 .अमित शाह के बेटे का नाम क्या है?

उनके बेटे का नाम जय शाह है। 

5 .अमित शाह के पिता का नाम?

उनके पिताजी का नाम अनिलचन्द्र शाह है। 

6 .अमित शाह किस जाती से है ?

उसकी  जाती की बात करे तो उनका परिवार एक गुजराती वणिक जो हिन्दू धर्म का पालन करता है। 

7 .अमित शाह पर कितने केस है?

हर राजनेता पर कई केस हुआ करते है ऐसे ही उनके पर भी केस दर्ज हुआ करते है। 

8 .अमित शाह आज कहां पर है?

वर्तमान समय में शाह भारत के गृह मंत्री है।  

9 .अमित शाह की उम्र कितनी है?

उनकी उम्र वर्तमान समय 2021 की साल में 57 वर्ष है। 

10 .अमित शाह कहां से हैं?

अमित शाह गुजरात के गांधीनगर सीट से तीन बार अपनी जित दर्ज करवाने वाले राजनेता है। 

Conclusion –

दोस्तों आज के इस आर्टिकल के माध्यम से हमने आपको Amit Shah Biography की सभी बाते बताई है ,हमारा यह लेख आपको जरूर पसंद आया होगा तो दोस्तो इसी तरह की जानकारी पाने के लिए हमारे साथ जुड़े रहिये और आपके मन कोई भी सवाल हो तो आप नीचे कमेंट करके बता सकते हैं |

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Charan Singh Biography In Hindi  – चरण सिंह की जीवनी

नमस्कार दोस्तों आज के हमारे इस आर्टिकल में हम आपको Charan Singh Biography के सम्बंधित जानकारी से परिचित कराने जा रहे है , किसानो की सबसे अधिक चिन्ता करने वाले राजनेता सिर्फ चौधरी चरणसिंह ही थे। 

charan singh foreign policy कैसी थी ? charan singh daughter औरajit singh कौन है ? gayatri devi charan singh कौन थी ? chaudhary charan singh kis cast ke the ? जैसे सवालों के जवाब आज हम देने वाले है इस लेख में भारत के पांचवे प्रधान मंत्री ने कई चुनावो में अपनी जित दर्ज करवाई है। उन्होंने 1923 में स्नातक की पदवी प्राप्त की हुई है और फिर भारतीय राष्ट्रीय कोंग्रेस से अपने राजनैतिक सफर की शुरुआत की थी।

छपरौली से 1937 के वर्ष में उत्तर प्रदेश विधानसभा के लिए चुनाव जीते थे। chaudhary charan singh works की बात करे तो किसानो के लिए कई बिल पास करवाए है ,जो जोते और बोये वही खेतो का मालिक बिल पास करवाया और कई किसानो को फायदा हुआ है यह बिल को पुरे भारत देश के अलग अलग राज्यों में स्वीकार किया गया था। 

  नाम

  चौधरी चरण सिंह

  जन्म 

  23 दिसम्बर 1902

  जन्म स्थान 

  मेरठ, उत्तरप्रदेश

  पिता

  चौधरी मीर सिंह

  पत्नी

  गायत्री देवी

  बच्चे

  पांच

  मृत्यु

  29 मई, 1987 [दिल्ही]

  राजनैतिक पार्टी

  कोंग्रस  और लोक दल

  पेशा

  राजनेता, भारत के पूर्व प्रधानमंत्री

Charan Singh Biography In Hindi –

भारत पर कई शासको ने राज किया हुआ है लेकिन देश स्वतंत्र होने के प्रजा सत्ता के शासन काल में भारत के पाँचवे प्रधान मंत्री चौधरी चरण सिंह थे। चौधरी चरणसिंह का जन्म उत्तरप्रदेश के मेरठ जिल्ले के नूरपुर गाँव में 23 दिसम्बर, 1902 दिन हुआ है। उनका परिवार खेतवाड़ी पर निर्भर एक मध्यम वर्गीय परिवार था। chaudhary charan singh jayanti 23 दिसम्बर के दिन आती है।  

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चरण सिंह का जन्म और शिक्षा –

charan singh pm का जन्म एक 23 दिसम्बर, 1902 के दिन हुआ था उनके पिताजी चौधरी मीर सिंह खेती किया करते थे। उत्तरप्रदेश के मेरठ जिल्ले के नूरपुर गाँव में जन्म लेने वाले चरणसिंह ने अपनी प्राथमिक शिक्षा पढाई नूरपुर गाँव में की हुई थी। choudhary charan singh ने आगरा विश्वविद्यालय से 1923 की साल में स्नातक की उपाधि हासिल की हुई थी। 1925 की साल में कानून में Postgraduate हुए और गाजियाबाद से वकालत की शुरुआत की थी फिर थोड़े वक्त के बाद राजनीती की शुरुआत की हुई है। 

  चरण सिंह का शुरुआती जीवन – 

उन्होंने पढाई करके वकालत की शुरुआत तो कर दी लेकिन उनका उसमे मन नहीं लगता था 1930 की साल मे मेरठ आ गये और 1930 की साल में गोपीनाथ के नमक सत्याग्रह में शामिल हो गए थे। और इस सत्याग्रह में उन्हें पकडे जाने के कारन 6 महीने की सजा हुई थी। इस सत्याग्रह में एक बड़े लोगो के समूह के नेतृत्व के जुर्म में उन्हें  गिरफ्तार किया गया था। भारत देश को आजाद करने के लिए कई लोगो अपनी जाने गवाई है। और कई लोगो को जेल में कारागार की सजा भी दी गयी थी तो किसीको फांसी दी गयी थी। 

Charan Singh Biography में सबको पता चले की जेल से छूट ने के पश्यात महात्मा गाँधी के नेतृत्व में खुद को देश की आजादी के लिए सम्पूर्ण समर्पण कर दिया। 1940 की साल मे खुद के व्यक्तिगत सत्याग्रह में ब्रिटिश सरकार में फिरसे जेल भेज दिया और एक साल की फिर से सजा काट के 1941 में फिर से छोड़ दिए गए थे। बहार निकल ते  ही फिरसे अपने देश की आजादी के लिए लड़ने लगे थे। महात्मा मोहन दास गाँधी ने करो या मरो आह्वान किया इस में उन्होंने भी भाग लेना शुरू कर दिया।

चरण सिंह की आजादी की लड़ाई –

गांधीजी की भारत छोड़ों आन्दोलंन में उन्हें अपनी जात को समर्पित करने के बाद करो या मरो आह्वान का आह्वान किया और उसमे ब्रिटिश सरकार को भारत छोड़ने के लिए मजबूर करने वाले क्रान्तिकारियो मे चौधरी चरणसिंह ने भी मुख्य भूमिका निभाई हुई है। पुरे हिंदुस्तान में अंग्रेजों भारत देश को छोड़ो की बुलंद आवाजे गूंजने लगी थी तब 9 अगस्त 1942 को चरण सिंह नेतृत्व अपने सर पे लेके बुलन्दशहर,सरथना,मवाना,मेरठ,हापुड़, और गाजियाबाद, में गुप्त रूपों से क्रांतिकारी संगठनो की तैयारियां शुरू करदी थी।

अपने क्रन्तिकारी साथी से मिलके अंग्रेज सरकार को बार बार चुनौतियां दे दिया करते थे। अंग्रेज़ सरकार को इतना परेशां करके रखा था की चरण सिंह जहा ही दिखाई दे वहा गोली मारने का आदेश मेरठ प्रशासन को दिया हुआ था। एक तरह से देखा जाये तो चरण सिंह ने अंग्रेज़ सरकार की नाक़ में दम लाके रख दिया था। चौधरी चरण सिंह ने अपने जीवन में कई पुस्तके भी लिखी है।

जैसे की कर्जा कानून,मंडी बिल,भारत की गरीबी व उसका निराकरण, ओरे जमींदारी नाशन कानून इस पुस्तके ने पुरे भारत देश के खेडूतो को बहुत ही फायदेमंद रहे और कानून में भी कुछ ज्यादा बदलाव भी करवाए थे। उन्होंने सिर्फ बाते या बहाना बाजी नहीं दिखाई लेकिन किसानो की तकलीफो को पूरी तरह समज के दूर करने के लिए हमेशा वह तत्पर रहा करते थे। वर्तमान समय के नेता जैसे नहीं थे जो बोलते तो अच्छा अच्छा है लेकिन करते कुछ नहीं। 

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चरण सिंह आजादी के बाद –

 भारत देश आजाद होते ही प्रजासत्ता की स्थापना हुई लेकिन भारत देश के पहले प्रधान मंत्री चाचा जवाहर लाल नहेरु का सोवियत पद्धति से आर्थिक परिस्थिति को सुधरने की बात का उन्होंने विरोध किया था। क्योकि चौधरी चरण सिंह का मनना था  की जिस देश की मुख्य नीव खेती पर टिकी हो उनका आर्थिक विकास सिर्फ खेती से  किया जा सकता है। और इसका प्रभाव उनके राजनैतिक जीवन पर पड़ा था।

उन्होंने अपने जीवन में कई सत्याग्रह जीते है तो कई चुनाव भी जित के दिखाए है। किसानो के हर दुखो के लिए वह हमेशा खड़े रहने वाले राजनेता थे। इसा कह सकते है की वह एक बेहतरीन राजनेता के साथ एक अच्छे काबिल किसान नेता भी थे। 

चरण सिंह की राज नैतिक सफर –

ch charan singh ने कोंग्रेस से अपने राजनैतिक सफर की शुरुआत की थी। छपरौली गांव से 1937 के वर्ष में उत्तर प्रदेश विधानसभा के लिए चुनाव जीते थे। इसके बाद वर्ष 1952, 1962 और 1967 के राज्य विधान सभा के लिए चुनाव जीतते रहे थे। पंडित गोविन्द वल्लभ पंत की राज्य सरकार में चरण सिंह को पार्लियामेंटरी सेक्रेटरी बनाया गया था।  पार्लियामेंटरी सेक्रेटरी की भूमिका पर इन्होंने चिकित्सा एवं स्वास्थ्य,सूचना,न्याय और राजस्व के विभागों के लिए अपना कार्य प्रदान किया था। 1951 की साल में चरण सिघ को उत्तर प्रदेश सरकार के द्धारा कैबिनेट मंत्री पद पे बिठाया गया था।

तब उन्होंने  सूचना और न्याय के विभाग का मोरचा सम्भाला था। 1952  की साल में कृषि विभाग और राजस्व की जिम्मेदारी निभाई थी तब डॉक्टर सम्पूर्णानंद की सरकार का राज्य था। इस पद पर बेठते हि उन्होंने किसानों के हितों के लिए हर दिन प्रयत्न करते रहे थे।1960 में चौधरी चरणसिंह को कृषि मंत्रालय के मंत्री बनाया गया इस वक्त उत्तरप्रदेश के मुख्य मंत्री पद पे चंद्रभानु गुप्ता विराजमान थे। 1967 चरण सिंह ने कांग्रेस पार्टी में से इस्तीफा दे दिया।

और उन्होंने भारतीय क्रांति दल की स्थापना की और रम मनोहर लोहिया और राज नारायण जैसे अच्छे लोगो को साथ लेके उत्तर प्रदेश राज्य के मुख्य मंत्री बन गए थे।उन्हों ने मुख्यमन्त्री पद पे 1967 और 1970 तक राज किया था। 1975 की साल में इंदिरा गाँधी ने भारत देश को आपातकाल की सन 1975 में इंदिरा गाँधी ने देश में आपातकाल घोषितघोषणा की और चरण सिंह के साथ साथ राजकीय विरोधीयों को जेल में डलवादीया गया।

लेकिन 1977 के भारत के चुनाव में इंदिरा गाँधी की करारी हार हुई और केंद्र सरकार में जनता पार्टी ने सरकार बना के मोरारजी देसाई को प्रधान मंत्री के पद के लिए नियुक्त किया गया तब चरण सिंह को उप-प्रधानमंत्री और गृह मंत्री पद पे बिठाया गया था। 

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चौधरी चरण सिंह का प्रधानमंत्री पद  –

Charan Singh Biography की जानकारी में उसके सरकार की बात करे तो  केंद्र सरकार में जनता पार्टी के आपसी  लड़ाई की वजह से मोरारजी देसाई सरकार ज्यादा चल नहीं पायी थी और गिर गयी इसके पश्यात चौधरी चरण सिंह ने कांग्रेस और सी. पी. आई. के को समर्थन दिया था। और 28 जुलाई 1979 के दिन भारत देश के पांचवे प्रधान मन्त्री के लिए शपथ ग्रहण किये थे। इसी वक्त पे उन्हें नीलम संजीव रेड्डी जो राष्ट्रपति हुआ करते थे। 

चरण सिह को बहुमत साबित करने के लिए कुछ वक्त दिया था जो 20 अगस्त तक का  था लेकिन इंदिरा गाँधी ने 19 अगस्त के दिन ही अपनी पार्टी का समर्थन नहीं देने का फैसला ले लिया। और इस वजह से चरण सिंह को अपने प्रधान मंत्री पद से इस्तीफा देने के लिए मजबूर होना पड़ा था। और तुरंत ही प्रधानमंत्री पद से त्यागपत्र दे देने का फैसला कर लिया और दे भी दिया।

चौधरी चरण सिंह की मृत्यु –

चौधरी चरण सिंह की मौत की जानकारी Charan Singh Biography में बताये तो 29 मई 1987 की दिन हुई थी। दिल्ही शहर मे यमुना नदी के तट पर भारत देश के पांचवे प्रधान मंत्री चरण सिंह की समाधी बनवाई गयी है। और उस समाधी को किसान घाट के नाम से पहचाना जाता है। और चरणसिंह की मृत्यु के बाद लोक दल के नए अध्यक्ष पद के लिए उनके बेटे अजित सिंह को नियुक्त किया गया था।

इस लोक दल पार्टी से उनके बेटे अजित सिंह ने कई चुनावो में अपनी जित दर्ज करवाई है।और आज भी वह राज निति में शामिल है। चौधरी चरण सिंह के नाम कारन की कई संस्थान आज भी कार्यरत है। जैसे की chaudhary charan singh university, chaudhary charan singh haryana agricultural university,chaudhary charan singh university meerut,

chaudhary charan singh international airport, chaudhary charan singh airport lucknow,chaudhary charan singh university hisar उन्हों ने अपने जीवन में एक साधारण सा जीवन व्यतीत किया था और अपने देश के लिए अपनी पूरी जिंदगी देश की सेवा में समर्पित कर दी है।  

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चौधरी चरण सिंह 7 रोचक तथ्य –

  • उन्होंने किसानो के लिए कई बिल पास करवाए है ,जो जोते और बोये वही मालिक का बिल पास करवाया और कई किसानो को फायदा हुआ है
  • चरण सिंह को अपने प्रधान मंत्री पद से इस्तीफा देने के लिए मजबूर होना पड़ा था। उन्होंने तुरंत ही प्रधानमंत्री पद से त्यागपत्र दे देने का फैसला कर लिया और दे भी दिया।
  • 1952  की साल में कृषि विभाग और राजस्व की जिम्मेदारी निभाई थी तब डॉक्टर सम्पूर्णानंद की सरकार का राज्य था।
  • 1940 की साल मे खुद के व्यक्तिगत सत्याग्रह में ब्रिटिश सरकार में फिरसे जेल भेज दिया और एक साल की फिर से सजा काट के 1941 में फिर से छोड़ दिए गए थे।
  • 1930 की साल मे मेरठ आ गये और 1930 की साल में गोपीनाथ के नमक सत्याग्रह में शामिल हो गए थे। और इस सत्याग्रह में उन्हें पकडे जाने के कारन 6 महीने की सजा हुई थी।
  • 1923 में स्नातक की पदवी प्राप्त की हुई है और फिर कोंग्रेस से अपने राजनैतिक सफर की शुरुआत की थी।
  • दिल्ही शहर मे यमुना नदी के तट पर भारत देश के पांचवे प्रधान मंत्री चरण सिंह की समाधी बनवाई गयी है। और उस समाधी को किसान घाट के नाम से पहचाना जाता है।

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Questions – 

1 .1979 में चौधरी चरण सिंह की सरकार क्यों और कैसे गिरी?

भारत की केंद्र सरकार में जनता पार्टी के आपसी  लड़ाई की वजह से मोरारजी देसाई सरकार ज्यादा चल नहीं पायी थी और गिर गयी इसके पश्यात उन्होंने कांग्रेस और सी. पी. आई. के को समर्थन दिया था। और 28 जुलाई 1979 के दिन भारत देश के पांचवे प्रधान मन्त्री के लिए शपथ ग्रहण किये थे।

2 .चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय में दाख़िला लेने के सर्वोत्तम कारण क्या हैं?

Charan Singh Biography में आपको बतादे की यह विश्वविद्यालय आज से 55वर्षों पूर्व स्थापित किया गया था जिसके तत्कालीन चांसलर आनंदीबेन पटेल है।इस विश्वविद्यालय में शिक्षा की व्यवस्था में अति उत्तम है ,और छात्रों का यहाँ पर एडमिशन लेने का एक और कारण यह भी है यहाँ की शिक्षा का शुल्क (fee) कम से कम लिया जाता है जहाँ पर ग़रीब विद्यार्थी भी यहाँ पर शिक्षा प्राप्त कर सकता है।

  • कृषि के समस्त विषयों की पढ़ाई होती है।
  • यहाँ के शिक्षक अति प्रभावी तरिके से पढ़ते है।
  • प्रैक्टिकल करने हेतु लैब की व्यवस्था है।
  • लड़को के लिए हास्टल/मेस की सुविधा उपलब्ध है कम शुल्क में
  • कृषि क्षेत्र और कला, विज्ञान, बायोलॉजी, आदि समस्त विषयों के बैचलर कोर्स उपलब्ध है।
  • क़ानूनी पढ़ाई भी उत्तम तरीके से होती है।
  • कैंपस में पुलिस सहायता केंद्र भी है।
  • यूनिवर्सिटी से अन्य कॉलेज भी सम्पर्क में है सरकारी व गैर सरकारी

3 .चौधरी चरण सिंह कब प्रधानमंत्री बने?

28 जुलाई 1979 के दिन भारत देश के पांचवे प्रधान मन्त्री के लिए शपथ ग्रहण किये थे।

4 .चौधरी चरण सिंह की मृत्यु कब हुई?

चौधरी चरण सिंह की मौत 29 मई 1987 की दिन हुई थी। दिल्ही शहर मे यमुना नदी के तट पर भारत देश के पांचवे प्रधान मंत्री चरण सिंह की समाधी बनवाई गयी है

5 .चौधरी चरण सिंह का जन्म कब हुआ?

charan singh pm का जन्म 23 दिसम्बर, 1902 के दिन हुआ था उनके पिताजी चौधरी मीर सिंह खेती किया करते थे। 

6 .चौधरी चरण सिंह का जन्म कहाँ हुआ था?

उत्तरप्रदेश के मेरठ जिल्ले के नूरपुर गाँव में जन्म लेने वाले चरणसिंह ने अपनी प्राथमिक शिक्षा पढाई नूरपुर गाँव में की हुई थी।

7 .चौधरी चरण सिंह कौन थे जिनके नाम पर विश्वविद्यालय है?

मेरठ में स्थित चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय | इस विश्वविद्यालय स्थपना सन 1965 में हुवी थी और मेरठ विश्वविद्यालय’ नाम से जनि जाती हे | और इस विश्वविद्यालय का नाम बदलकर भारत के भूतपूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के नाम पर रख दिया गया।

8 .चौधरी चरण सिंह को गोली मारने का आदेश अंग्रेजों ने क्यों दिया था ?

चौधरी चरण सिंह अपने क्रंतिकारी विचारो से देश में बदलाव लाने वाले पूर्व प्रधानमंत्री थे | चौधरी चरण सिंह 29 मई के दिन को उन्होंने दुनिया को अलविदा कहा था | भारत के पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह सिर्फ एक नेता के रूप में बल्कि एक सच्चे देशभक्त के रूप में भी कई अहम योगदान दिए हे |

9 .चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के परिसर के पास सबसे अच्छे रेस्टोरेंट कौनसे हैं?

Charan Singh Biography में आपको ज्ञात करदे की इस विश्वविद्यालय के पास यूं तो बहुत सारे रेस्टोरेंट्स हैं लेकिन कुछ बहुत अच्छे रेस्टोरेंट्स जिनका नाम मैं आपको बता रहा हूं जो आपको सिर्फ 1 किलोमीटर के दायरे के अंदर अंदर आपको आसानी से मिल जाएंगे। विशेष तौर पर इन रेस्टोरेंट्स में सफाई का विशेष ध्यान रखा जाता है और आप यहां पर भारतीय खाने के साथ-साथ चाइनीस खाने का भी आनंद उठा सकते हैं।

Rivoli The Fine Dining Restaurant

  • Big bite
  • 3foodies
  • Pizza Hut

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निष्कर्ष – 

दोस्तों उम्मीद करता हु आपको हमारा  यह आर्टिकल  Charan Singh Biography के बारे में पूरी तरह से समज आ गया होगा। इस लेख के द्वारा हमने charan singh cabinet के सबंधीत सम्पूर्ण जानकारी दे दी है अगर आपको इस तरह के अन्य व्यक्ति के जीवन परिचय के बारे में जानना चाहते है तो आप हमें कमेंट करके जरूर बता सकते है। और हमारे इस आर्टिकल को अपने दोस्तों के साथ शयेर जरूर करे। धन्यवाद।

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वीके सिंह का जीवनी हिंदी - Biography oF VK Singh In Hindi

VK Singh Biography In Hindi – वीके सिंह की जीवनी हिंदी

नमस्कार दोस्तों आज के हमारे आर्टिकल में आपका स्वागत है , आज हम vk singh biography की जानकारी देने वाले है। वह भारतीय सेना के निवृत सेना नायक और 2014 के चुनावो से भाजपा के राजनेता बने हुए है। 

आज v.k. singh education कहा से प्राप्त किया है ? क्या vk singh which infantry regiment है ? उनकी पत्नी bharti singh vk singh क्या करते है ? और bikram singh और dalbir singh suhag उनके क्या लगते है। वह इंडियन आर्मी में कर्नल थे अब भाजपा में ज्वाइन होचुके है और 2014 के चुनावो में अपनी जित दर्ज करवा चुके है। vk singh Twitter अकॉउंट पे कितने फ़ॉलोअर्स है इसकी सभी माहिती आज इस पोस्ट में मिलने वाली है 

 वह वर्तमान समय में गाज़ियाबाद लोकसभा खेत्र से चुनाव में खड़े हुए थे और उन्होंने जित के सांसद बने है , सांसद के चुनाव में उन्होंने दो बार जित हासिल की है और परिवहन एवं राष्ट्रीय राज्यमार्ग राज्य मंत्री और भारतीय सेना प्रमुख रहे है। वह पहले ऐसे प्रशिक्षित कमांडो है जो जनरल के पद पर पहुंचे है। तो चलिए उन्ही की सम्पूर्ण माहिती से आपको ज्ञात करवाते है। 

VK Singh Biography In Hindi –

  नाम

  जनरल विजय कुमार सिंह

  जन्म

  10 मई 1951

  जन्म स्थान 

  बापोरा , भिवानी, भारत

  पिता

  जगत सिंह

  माता

  कृष्‍णा कुमारी

  पत्नी

  भारती सिंह

  निष्ठा

  भारत

  सेवा

  भारतीय सेना

  सेवा वर्ष

  1970–2012

  उपाधि

  जनरल

वीके सिंह का जीवनी –

प्राचीन काल से ही भारत देश की भूमि वीर पुरुषो की जन्म भूमि रही है। और जब जब भी देश को विरो की जरुरत पड़ती है तो भारत के वीर सपूत युद्ध में अपनी जान की परवाह किये बिना मातृ भूमि की रक्षा करते रहते है। और लड़ते लड़ते अपने प्राण त्याग देके अपना नाम अमर कर देते है।10 मई 1951 के दिन भारत के भिवानी जिल्ले के बापोरा गांव में जन्मे जनरल विजय कुमार सिंह के दादा और पिताजी इंडियन आर्मी में कर्नल थे।

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vk सिंह का जन्म और शिक्षा –

vk singh का जन्म 10 मई1951 को हरियाणा राज्य के भिवानी जिल्ले के एक नन्हे गांव बपोरा में हुआ था। vk सिंह ने अपनी पढाई राजस्‍थान राज्य के पिलानी जिल्ले में स्थित बिड़ला महाविध्यालय से शिक्षा प्राप्त की है। v. k. singh पूरा नाम जनरल विजय कुमार सिंह है और vk singh भारतीय सेना में कर्नल थे।वर्तमान समय में गाजियाबाद के संसद है उनकी माता का नाम कृष्‍णा कुमारी और पिताजी का नाम जगत सिंह है।

उनके उनके पिता भारतीय सेना में कर्नल थे और उनके दादा भी भारतीय सेना में कर्नल है यानी vk singh family तीन पीढ़ी से भारत देश की सेना में कार्यरत है।vk singh के दादा सेना में जेसीओ थे। vk singh की शादी 1975 में हुई थी general vk singh wife name भारती सिंह है। general vk singh daughter का नाम मृणालिनी है वह भी एक फौजी है। और फौजी से ही तारलुक रखती है।

vk singh का नेतृत्व –

  • राजपूत रेजीमेंट के कर्नल
  • भारत के राष्ट्रपति को माननीय सैन्यादेशवाहक
  • जीओसी-इन-सी पूर्वी कमान
  • ब्रिगेड ऑफ गार्डस के मानद कर्नल
  • जीओसी राष्ट्रीय राइफल्स फोर्स
  • कमांडर इन्फैंट्री ब्रिगेड
  • जीओसी खड्ग वाहिनी
  • सीओ २ राजपूत

युद्ध :

  • ऑपरेशन पवन
  • 1971 का भारत-पाक युद्ध

सम्मान :

  • युद्ध सेवा मैडल
  • अति विशिष्ट सेवा मैडल
  • परम विशिष्ट सेवा मैडल

vk singh का आर्मी करियर –

वीके सिंह ने 17 जून, 1970 के दिन भारतीय सेना के rajput रेजीमेंट की दूसरी बटालियन में दाखिला लिया था। तब यह बटालियन पाकिस्तान देश से जुडी सिमा नियंत्रण पे तैनात थी। vk singh ने डिफेंस सर्विसेज कॉलेज से आर्मी की ट्रैनिग प्राप्त की थी। वीके सिंह का वह रेंजर्स स्नातक कोर्स था। पेंसिलवैनिया और कार्लीस्ल के आर्मी कॉलेज से अपनी पढ़ाई प्राप्त की थी।

vk singh ips को हाई एल्टीट्यूड ऑपरेशन्स और काउंटर इंसरजेंसी ऑपरेशन्स क पूरी जानकारी थी। बांग्लादेश से लड़ाई की कार्यवाही में general vk singh ने भाग लिया था। काउंटर इंसरजेंसी फोर्स को कमाण्ड करने के समय के लिए vk singh को आर्मी की और से एवीएसएम मैडल दिया गया था। 31 मार्च, 2010 को gen vk singh को भारत देश के सेना प्रमुख बनाया गया था। 

जन्म तिथि का विवाद –

वीके सिंह सेना सेवा के अंतिम समय में उन्ही की बर्थ ऑफ़ डेट के लिए विवाद हुआ था ऐसे वह पहले कमांडो थे जिसने सरकार को भी कोर्ट में खड़ा कर दिया था ।1965 की राष्ट्रीय डिफेंस अकादमी में वीके सिंह की जन्म तिथि गलत दर्ज हो जानेकी वजह से उनको अपनी और से सरकार पर केश दाखिल करना पड़ा था।कोर्ट का फैसला ऐसा था की वीके सिंह की वास्तविक बर्थ ऑफ़ डेट लेकर कोई शिकायत नहीं है लेकिन जिसने उनकी जन्म तिथि को दर्ज किया है उनकी भूल थी।

vijaita singh को उनके सेना सेवा समय में अति विशिष्ट सेवा मेडल , परम विशिष्ट सेवा मेडल और युद्ध सेवा मेडल से सन्मान दिया गया था। kay v singh को युद्ध कौशल कॉलेज ऑफ़ अमेरिकी में शिक्षा लेने का भी अवसर मिला था।31 मई 2012 के दिन जनरल vk singh ने भारतीय सेना प्रमुख पद से रिटायर हो गए। प्रमुख का कार्य काल का समय 26 महीने का रहा था।

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vk singh का राजनीतिक सफर –

अन्ना हजारे की देख भाल से चलाये जाने वाला भ्रष्टाचार मिटने का आंदोलन में वीके सिंह ने अपना योगदान दिया था क्योकि उन्हों ने रिटारमेंट लेने के बाद प्रजा कल्याण के कार्य करना चाहते थे।1 march 2014 के दिन उन्होंने भारतीय जनता पार्टी को समर्थन दे दिया और गाजियाबाद से लोकसभा चुनाव जित के सांसद और केंद्र सरकार के राज्य मंत्री है। पूर्व सेनानायक जनरल वीके सिंह ने इक राजनीती मीटिंग में कहा था की 1984 के वर्ष में स्वर्ण मंदिर पर हुए आतंकी हुमलो के आतंकवादियों के साफ करने के लिए सरकार ने जो ऑपरेशन ब्लू स्टार चलाने का फैसला लिया था वह फैसला ‘जल्दबाजी में लिया गया राजनीतिक निर्णय’ था।

ऑपरेशन ब्लू स्टार के वक्त मेजर की पदवी संभाले वीके सिंह ने कहा था की भारतीय सेना को इस ऑपरेशन को अंजाम न देने की चाह थी लकिन सरकार के दबाव की वजह से सबकुछ करना पड़ा था।जनरल सिंह ने कहा कि सर्कार का स्वर्ण मंदिर में आर्मी भेजने का विचार जल्दबाजी में किया गया था अपने ही देश के लोगो के सामने हथियार उठाना जनरल सिंह को कभी पसंद नहीं आया था फिर भी राजनेताओ की सुचना अनुसार करना पड़ा था ।

चीन के बारे में वीके सिंह की किताब –

चीन देश भले ही अपने आपको चालबाज समझता हो मगर सच तो यह है की भारत के सामने चीन की चाल हमेशा नाकामियाब ही रहती है। भारत देश की चीन बोडर पर चीन आंखें रखे बैठा है और घुस पेठ की कोशिश हमेश करता रहता है तो भारत देश की सेना भी आज उससे आंख लाल करके खड़ा है।इसा तो कई बार हुआ है की दोनों देश आमने सामने आजाते है बार बार 1967 की साल में चीन और भारत युद्ध करने की पूरी तैयारी करचुके थे। 

इस बात साडी दुनिया भर के देशो को याद है तो china कैसे भूल सकता है।हमारे भारतीय सेना जवानों ने चीन के बंकरो में घुसकर china के तक़रीबन 300 सैनिकों को हमेशा के लिए मौत की नींदमें धकेल दिया था। उसके बारे में पूर्व मेजर जनरल वीके सिंह ने एक पुस्तक भी लिखी है। इसमें सिघ साहब ने भारतीय सेना के 12 सैनिकों की जीवन के बारे में और 1967 के china के साथ का गौरवशाली युद्ध कली भी कुछ हक़ीकते बताई है।

वीके सिंह मिनिस्टर – ( vk singh minister )

dr vk singh 1 मार्च 2014 को भारतीय जनता पार्टी में ज्वाइन हुएऔर 2014 की साल में गाजियाबाद से लोकसभा चुनाव में पहली बार चुनाव में उतरे और विजयी हुए भी हुए। kay v singh को बैडमिंटन , गोल्फ , पोलो और टेनिस के शिवा घोड़े सवारी का भी शोख है। bay of sighs देखा जाये तो 2019 में vk सिंह दूसरी बार गजिया बाद लोकसभ चुनाव जित के सांसद बने है और भारत देश की सेवा में कार्यरत है।

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vk singh Social Media Profile –

Facebook – https://www.facebook.com/generalvksingh/

Email Id – Not Available

WhatsApp Number – Not Available

Official Website – Not Available

Twitter – https://twitter.com/Gen_VKSingh?

vk singh Instagram –

VK Singh Life Style Video –

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वीके सिंह के बारे में रोचक तथ्य – VK Singh

Interesting Facts

  • आजाद भारत के 26वें थल सेनाध्यक्ष जनरल सिंह की सबसे बड़ी ताकत और खासियत उनकी ईमानदारी को बताया जाता है।
  • हरियाणा राज्य के भिवानी में जन्मे वी के सिंह के पिताजी और दादाजी भारतीय सेना में ऑफिसर हुआ करते थे।
  • नागरिकता कानून CAA पर सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने विरोध करते कॉलेजों के विद्धार्थी को लेकर बयान दिया था ‘आर्मी चीफ के बयान में मुझे कोई राजनीति नहीं दिखती है
  • पूर्व सेना प्रमुख जनरल वी के सिंह अपने सेना सेवा  वक्त पर लगातार विवादों से जुड़े रहेते थे। उन्हि कि जन्मतिथि को लेकर बहुत ही विवाद रहे थे। 
  • पूर्व सेनाध्यक्ष जनरल वी.के. सिंह को सेना के वाहनों की खरीदारी के लिए 14 करोड़ की घूस देने की ऑफर हुई थी लेकिन उन्होंने अपने ईमान को नहीं बेचा था। 
  • भारतीय वायु सेना में पूर्व सेनाध्यक्ष जनरल वी.के. सिंह पर 126 लड़ाकू विमानों को  खरीदने के लिए गड़बड़ि का आरोप लगा था। 

वीके सिंह के कुछ प्रश्न –

1 .वी.के सिंह के पास अभी कौन सा मंत्रालय है ?

पूर्व जनरल वी के सिंह के पास अभी केंद्र सरकार के मंत्री पद है। 

2 .वी.के सिंह कोन है ?

भारत देश के 26वें थल सेनाध्यक्ष ईमानदारी की मिसाल और भारतीय राजनेता है।  

3 .वी.के सिंह कब मंत्री बने थे ?

1 मार्च 2014 के दिन भारतीय जनता पार्टी से गाजियाबाद लोकसभा चुनाव में विजयी होके मंत्री बने है। 

4 .वी.के सिंह का अभ्यास क्या है ? 

vk सिंह ने अपनी पढाई राजस्‍थान राज्य के पिलानी जिल्ले में स्थित बिड़ला महाविध्यालय से शिक्षा प्राप्त की है।

5 .वी.के सिंह के पिताजी क्या करते थे ? 

जनरल विजय सिंह के पिता और दादाजी भी सेना में अपनी सेवा प्रदान किया करते थे। 

6 .वी.के सिंह की धर्म पत्नी का नाम क्या है ?

जनरल विजय सिंह की पत्नी का नाम भारती सिंह है।

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Conclusion –

दोस्तों उम्मीद करता हु आपको मेरा यह आर्टिकल VK Singh Biography बहुत अच्छी तरह पसंद आया होगा। इस लेख के द्वारा हमने vk singh son और general vk singh family के सबंधीत  सम्पूर्ण जानकारी दी है अगर आपको इस तरह के अन्य व्यक्ति के जीवन परिचय के बारे में जानना चाहते है। तो आप हमें कमेंट करके जरूर बता सकते है। और हमारे इस आर्टिकल को अपने दोस्तों के साथ शयेर जरूर करे। धन्यवाद।

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Dr. Rajendra Prasad Biography In Hindi - डॉ. राजेंद्र प्रसाद की जीवनी

Dr.Rajendra Prasad Biography In Hindi – डॉ. राजेंद्र प्रसाद की जीवनी

नमस्कार मित्रो आज के हमारे आर्टिकल में आपका स्वागत है आज हम Dr. Rajendra Prasad Biography In Hindi की जानकारी बताने वाले है। भारत देश के पहले राष्ट्रपति के जीवन से आप सबको परिचित करने वाले है।

आज आपको contribution of dr rajendra prasad , conclusion of dr rajendra prasad और rajendra prasad death reason की सम्पूर्ण जानकारी देने वाले है। जब भारत देश स्वतन्त्र हुवा तब उन्हें भारत के india first president के रूप में पसंद किया गया था , डॉ. राजेंद्र प्रसाद संवबिधान सभा के वह मुख्य अध्यक्ष थे जिसने संविधान की रूप रेखा को तैयार किया था। डॉ. राजेंद्र प्रसाद कुछ समय तक स्वतंत्र भारत की प्रथम सरकार के केंद्रीय मंत्री के रूप में उन्होंने सेवा की हुई है , डॉ राजेंद्र प्रसाद जयंती 3 दिसंबर के दिन आती है।

वह गांधीजी के प्रमुख शिष्यों में एक माने जाते थे इन्ही वजह से about rajendra prasad डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने भारतीय स्वतन्त्र संग्राममे महत्वपूर्ण भाग निभाया था। हम आज dr rajendra prasad history और dr rajendra prasad information जानेंगे। डॉ.राजेंद्र प्रसाद का जन्म बिहार राज्य के  सिवान जिले के जीरादेई गांव में हु था , उन्होंने भारत देश के लिए बहुत योगदान दिया हुआ है तो चलिए उस महान व्यक्ति की सभी बाते बताते है। 

Dr.Rajendra Prasad Biography In Hindi –

 नाम 

 डॉ. राजेंद्र प्रसाद

 जन्म 

 3 दिसंबर ई.स 1884

 जन्म स्थान

 जीरादेई गांव 

 जिला

 सिवान जिला

 राज्य

  बिहार

 पिता का नाम  

  महादेव सहाए

 माता का नाम

  कमलेश्वरी देवी

 भाई

 महेंद्र प्रसाद 

 बहने 

  3 बहने 

 पत्नी का नाम 

  राजवंशी देवी

 

पुत्र का नाम

मृत्युंजयप्रसाद

स्कुल 

छपरा जिला स्कुल

कॉलेज

प्रेसीडेंसी कॉलेज कोलकत्ता

राजेंद्र प्रसाद की पार्टी

इंडियन नेशनल कांग्रेस 

राट्रपति का कार्यकाल 

ई.स 1952 – 1962

मृत्यु 

28 फरवरी ई.स1963

डॉ. राजेंद्र प्रसाद की जीवनी

स्वतन्त्र भारत के प्रसिद्ध और गणतंत्र के प्रथम राट्रपति के रूप में डॉ.राजेंद्र प्रसाद का जन्म 3 दिसंबर ई.स 1884 को बिहार राज्य में सीवान जिले के जीरादेई गांव में हुआ था।dr.rajendra prasad के पिता का नाम महादेव सहाय और माता का नाम कमलेश्वरी देवी था। उनके पिता का संस्कृत और फारसी भाषा के विध्वान थे। डॉ.राजेंद्र प्रसाद उनके माता-पिता की पांचवी संतान थे राजेंद्र प्रसाद के बड़े भाई का नाम महेंद्र प्रसाद था और डॉ.राजेंद्र प्रसाद की 3 बहने भी थी। 

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डॉ. राजेंद्र प्रसाद का परिवार – (Rajendra Prasad Family)

rajendra prasad family में उनके माता-पिता और उनके बच्चे और उनकी पत्नी , बहने रहते थे उनके पिता का नाम महादेव सहाए माता का नाम कमलेश्वरी देवी था। राजेन्द्र प्रसाद के भाई का नाम महेंद्र प्रसाद और उनकी 3 बहने भी थी इसके अलावा उनकी पत्नी का नाम राजवंशी देवी और उनके बेटे का नाम मृत्युंजयप्रसाद था। 

डॉ. राजेंद्र प्रसाद की शिक्षा – Rajendra Prasad Education

rajendra prasad बचपन में सिर्फ 5 वर्ष छोटी उम्र में उन्होंने एक मौलवी संत से फारसी में उन्होंने मौलवी से फ़ारसी में शिक्षा का शुरुआत की थी।इसके अलावा राजेन्द्र प्रसाद ने छपरा जिले के एक स्कूल में शिक्षा के लिए प्रवेश किया इसके बाद राजेन्द्र प्रसाद ने आगे की पढ़ाई के लिए कोलकाता में विश्वविद्यालय की प्रवेश एक्जाम में उन्होंने हिस्सा लिया।

राजेन्द्र प्रसादने यह विश्वविद्यालय की प्रवेश एक्जाम में प्रथम स्थान मिला था। ई.स  1902 में उन्होंने प्रेसिडेंसी कॉलेज में प्रवेश किया। ई.स 1915 में विधि में स्नातकोत्तर यानि की LLM की एक्जाम में उन्होंने गोल्ड मैडल प्राप्त किया और इसके बाद उन्होंने डॉ की उपाधि प्राप्त की थी । 

डॉ. राजेंद्र प्रसाद की शादी –

राजेन्द्र प्रसाद का विवाह ई.स 1897  में किया गया था। राजेन्द्र प्रसाद का विवाह हुवा था तब उनकी उम्र फक्त 13 साल के थे।राजेन्द्र प्रसाद का विवाह हुवा था तब उस समय 5 वी कक्षा में पढ़ते थे। और राजेन्द्र प्रसाद की पत्नी  राजवंशी देवी पहचाना जाता है। 

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डॉ. राजेंद्र प्रसाद का करियर –

rajinder parshad ने उनकी कानून की शिक्षा पूरी करके बिहार और ओडिसा के उच्च न्यायलय में कार्य किया इसके बाद एक साल बाद उन्होंने पटना यूनिवर्सिटी में सीनेट और सिंडिकेट का अध्यक्ष बनाया गया। राजेन्द्र प्रसादने स्वयंसेवको के साथ रहकर किसानो की समस्याओ दूर करने के लिए अनेक उपाय और मिशन प्रारंभ किये और उन्होंने चंपारण में गांधीजी का समर्थन किया था। 

राजेन्द्र प्रसादने भारत की स्वतंत्रता प्राप्त करने के लिए स्वतंत्र लड़ाई में हिस्सा लेकर उन्होंने अपनी भूमिका निभाई थी। यह स्वतंत्र में हिस्से लेने के लिए उन्होंने उनकी क़ानूनी कर्तव्यों से भी दूर चले गए थे।babu rajendra prasad भारत के कई राज्यों का दौरा किया और गैर सहयोग आंदोलन में साथ निभाया इसमें धन एकठ्ठा करना और सार्वजनिक बैठको का आयोजन किया। 

राजेंद्र प्रसाद जी ने कई तरह की भिन्न-भिन्न स्कूलों , कॉलेजों और कई कार्यालयों में पश्चिमी वस्तुओं का त्याग करने के लिए आंदोलन किया और इन वस्तुओं में विदेशी कापड का त्याग करके खादी के कपडे और स्वदेशी चीजों का इस्तेमाल करने का उन्होंने अनुरोध किया। ई.स 1934 में राजेन्द्र प्रसाद ने भारतीय राट्रीय कांग्रेस का सदस्य बनाया गया था। इसके बाद राजेन्द्र प्रसाद सुभाष चंद्र बोस को अध्यक्ष बनाया जाय और उन्होंने उनके पद का इस्तीफा दे दिया था। 

राजेंद्र प्रसाद अध्यक्ष के लिए नियुक्त हुए –

इसके बाद फिर से राजेंद्र प्रसाद को अध्यक्ष बनाने के लिए नियुक्त किया गया था। भारत में चलरहा ई.स 1942 में हिन्दछोड़ो आंदोलन में भारत के नेताओंको गिरफ्तार कर लिया था इस गिरफ़्तारी में डॉ.साहब भी इसमें शामिल थे। इस गिरफ़्तारी में हुवे नेताओंको तीन साल तक गिरफ्तार करके सेन्ट्रल जेल में बंदी बनाया गया और ई.स 1945 में उनको छोड़ा गया था। यह करीबन लगातार दो बार राट्रपति के पद पर नियुक्त किये गए थे। 

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राजेंद्र प्रसाद पर गाँधीजी का प्रभाव –

dr rajendraprasad अन्य व्यक्तियों की तरह गांधीजी से अधिक आकर्षित थे। इस तरह गांधीजी से प्रेरित होकर डॉ राजेंद्र प्रसाद ने उनका जीवन को सरल जीवन जीने का निर्णय लिया। डॉ राजेंद्र प्रसाद पर गांधीजी के विचारो का ज्यादा प्रभाव पड़ा था। और उनका विलासिता जीवन को छोड़कर एक सरल  सादगीभरा जीवन जीने  प्रारंभ किया। डॉ राजेंद्र प्रसाद कई तरह के छोटे-छोटे काम किया करते थे जिसमे घर की सफाई करना , खाना बनाना और कपडे धोना यह सारे काम वह खुद करने लगे। 

डॉ राजेंद्र प्रसाद राष्ट्रपति –

1st president of india पश्यात 26 जनवरी ई.स1950 में गणतंत्र की घोषणा की उस समय स्वतंत्र भारत के प्रथम राट्रपति के स्थान पर डॉ राजेंद्र प्रसाद को नियुक्त किया गया था। india first president ने उस दिन 10 बजकर 24 मिनिट पर राट्रपति पद की शपत ली थी इस दिन से राज्यतंत्र का समाप्त हुवा और भारत  एक नये  गणतंत्र की स्थापना हुई। 

first president of india के स्थान पर करीबन 12 साल तक कार्य किया और इसके बाद ई.स 1962 में उन्होंने खुद अवकाश लेने की घोषणा की। भारत सरकार ने डॉ राजेंद्र प्रसाद को इस साल भारत रत्न से नवाजने की घोषणा की। डॉ राजेंद्र प्रसाद 13 मई 1962 तक भारत के राट्रपति के पद पर रहे। भारत के अब तक के राट्रपतियो में डॉ राजेंद्र प्रसाद ही ऐसे राट्रपति है जिन्होंने भारत में दो कार्यकाल तक वह राट्रपति के पद पर कार्य किया। 

डॉ.राजेंद्र प्रसाद की संविधान निर्माण में भूमिका –

भारत जब स्वतन्त्र हुवा तब भारत के सर्व प्रथम राट्रपति के रूप में उन्होंने स्थान ग्रहण किया था। इसके अलावा डॉ राजेंद्र प्रसाद ने भारत की संविधान के घडतर करने में उन्होंने काफी भूमिका निभाई थी। डॉ राजेंद्र प्रसाद ने अमेरिका के संविधान का उल्लेख करके उस संविधान के कुछ बिंदु जो बिलकुल भारतीय समस्याओ से अनुकूल थी उस बिंदु को भारतीय संविधान में रखने के लिए उन्होंने प्रेरणा दी। डॉ राजेंद्र प्रसाद ने भारत की constituent assembly की स्थापना करने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। 

डॉ राजेंद्र प्रसाद  के अवॉर्ड्स – 

rajendra prasad india ई.स 1962 में राजनैतिक और समाज के कार्यो में योगदान देने के लिए उनको भारत के सर्व श्रेस्ट नागरिक के रूप से सम्मानित किया गया है। डॉ राजेंद्र प्रसाद  रत्न अवॉर्ड्स से सम्मानित किया गया है। 

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डॉ. राजेन्द्र प्रसाद की पुस्तकें – Rajendra Prasad Books

डॉ राजेंद्र प्रसाद की रचनाएँ और डॉ राजेंद्र प्रसाद की आत्मकथा के नाम इस प्रकार है। 

  • उनकी आत्मकथा –  1946
  • चम्पारन में सत्याग्रह – 1922
  • इंडिया डिवाइडेड – 1946
  • महात्मा गांधी एंड बिहार
  • सम रेमिनिसन्सेज – 1949
  • बापू के क़दम  – 1954 

डॉ राजेद्र प्रसाद का मुख्य स्मारक – 

doctor rajendra prasad की याद में ऐतिहासिक धरोहर के स्थान को उनका नाम दिया गया है। डॉ राजेंद्र प्रसाद की एक 14 फिट की प्रतिमा की स्थापना का निर्माण करवाया गया है। डॉ राजेंद्र प्रसाद की प्रतिमा को जिस स्थान पर पंडित जवाहरलाल नेहरू रहते थे उस स्थान पर उनकी प्रतिमा को स्थापित किया गया है। 

डॉ राजेंद्र प्रसाद की मूर्ति ऐसी जगह स्थापित किया गया है जिसको आने वाले पर्यटक और स्कुल और विध्यालय के छात्र देख सके। डॉ राजेंद्र प्रसाद का सारा जीवन भारत देश के लिए न्योछावर कर दिया था। राजेंद्र प्रसाद  ने उनके जीवन में पूरा जीवन काल में कई प्रसिद्ध कार्य किये है इससे उनको आज भी उन्हें याद किया जाता है। 

राजेंद्र प्रसाद का जीवन प्रेरणादायक है जिस कारण कई सारे लोगो को उनके जीवन से प्रेरणा मिलती है। dr rajender prasad ने भारत को स्वतंत्रता दिलाने के लिए बहोत संघर्ष किया और भारत की आजादी के बाद भी देश के विकास के लिए बड़ी मेहनत और कड़े फैसले लिए। 

डॉ राजेंद्र प्रसाद की मृत्यु – Rajendra Prasad Death

राजेंद्र प्रसाद की पत्नी राजवंशी देवी का ई.स 1962 को अवसान हो गया था। इस घटना का राजेंद्र प्रसाद पर बड़ा प्रभाव पड़ा और उनके डॉ साहब की पत्नी राजवंशी देवी का 1962 को निधन हो गया , इस घटना का इन पर गहरा प्रभाव पढ़ा और इनके स्वस्थ में गिरावट आने लगी . उसके बाद ये अपने  सार्वजनिक जीवन से निवृत्त हुए ,और कार्यालय से इस्तीफा दे दिया , और ये पटना लौट आए . 6 महीने तक संशिप्त बीमारी से ग्रसित रहे और 28 फरवरी 1963 को इनका निधन हो गया था।  

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Dr.Rajendra Prasad Life Style Video –

डॉ राजेंद्र प्रसाद के कुछ रोचक तथ्य – 

  • डॉ. राजेन्द्र प्रसाद भारत के प्रथम राष्ट्र पति के साथ 1934 से 1935 तक कांग्रेस के अध्यक्ष रहे थे ।
  • 1946 की साल में  हुए चुनाव के बाद केंद्र सरकार ने कृषि और खाद्य मंत्री बनाया गया था।
  • वह एक सफल वकील,गांधीवादी समर्थक,देश प्रेमी,प्रभावशाली लेखक,आदर्श शिक्षक,बुद्धिमान छात्र की छवि वाले इन्सान थे।
  • उनका जीवन उच्च विचार और सादा जीवन जीने वाले बहुत अच्छे राजनेता थे। 
  • जनवरी 1950 को राजेंद्र प्रसाद भारत के प्रथम राष्ट्रपति बने थे।
  • अपनी पढाई में डॉ राजेंद्र प्रसाद एक बुद्धिमान विध्यर्थी हुआ करते थे। 
  • डॉ राजेंद्र प्रसाद ने शिक्षा के लिए इंग्लैंड जाकर ICS की परीक्षा देने के लिए गुप्त तरीके से जहाज की सीट बुकिंग करवाया था।

डॉ राजेंद्र प्रसाद के कुछ अन्य प्रश्न – 

1 .भारत का पहला राष्ट्रपति कौन है – who is the first president of india?

स्वतंत्र भारत के प्रथम राट्रपति के स्थान पर डॉ राजेंद्र प्रसाद को नियुक्त किया गया था। 

2 .डॉ राजेंद्र प्रसाद की जाती क्या है ?- dr rajendra prasad caste ?

डॉ.राजेन्द्र प्रसाद  की जाती बताई जाये तो कायस्थ ब्राह्मण थे। 

3 .राजेंद्र प्रसाद कौन थे ?- who was rajendra prasad ?

डॉ.राजेन्द्र प्रसाद स्वतंत्र भारत के पहले राट्रपति थे। 

4 .भारत के पहले राष्ट्रपति का नाम क्या है ?- name of first president of india ?

स्वतंत्र भारत के प्रथम राट्रपति  का नाम डॉ.राजेन्द्र प्रसाद था। 

5 . राजेंद्र प्रसाद का जन्म कहां हुआ था? और कब हुआ था?

3 दिसंबर ई.स 1884 को बिहार राज्य में सीवान जिले के जीरादेई गांव में राजेंद्र प्रसाद का जन्म हुआ था।

6 .डॉ राजेंद्र प्रसाद को भारत रत्न कब मिला?

डॉ राजेंद्र प्रसाद को भारत रत्न 1962 के वर्ष में मिला था। 

7 .डॉ राजेंद्र प्रसाद की मृत्यु कैसे हुई?

6 महीने बीमार रहे और 28 फरवरी 1963 राजेंद्र प्रसाद की मौत हो गयी थी। 

8 .राजेंद्र प्रसाद कितनी बार अध्यक्ष बने?

राजेंद्र प्रसाद दो पूर्ण कार्यकालों के लिए राष्ट्रपति बने तक़रीबन 12 साल के लंबे वक्त तक राष्ट्रपति रहे थे।

9 .डॉ। राजेंद्र प्रसाद के पुत्र कौन हैं?

डॉ। राजेंद्र प्रसाद के पुत्र का नाम मृत्युंजय प्रसाद है। 

10 . किसने कहा कि परीक्षार्थी परीक्षार्थी से बेहतर है?

राजेंद्र प्रसाद के पढाइ के वक्त एक परीक्षक प्रसाद की परीक्षा शीट देख कहा की परीक्षार्थी परीक्षा से बेहतर है। 

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Conclusion –

दोस्तों आशा करता हु आपको मेरा यह आर्टिकल  Rajendra Prasad Biography बहुत अच्छी तरह पसंद आया होगा। इस लेख के जरिये  हमने dr rajendra prasad and nehru relation और who is the son of dr rajendra prasad के सबंधीत  सम्पूर्ण जानकारी दे दी है अगर आपको इस तरह के अन्य व्यक्ति के जीवन परिचय के बारे में जानना चाहते है तो आप हमें कमेंट करके जरूर बता सकते है। और हमारे इस आर्टिकल को अपने दोस्तों के साथ शयेर जरूर करे। जय हिन्द ।

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