Bhagwati Charan Vohra biography In Hindi – भगवती चरण वोहरा की जीवनी

नमस्कार मित्रो आज के हमारे लेख में आपका स्वागत है आज हम Bhagwati Charan Vohra biography In Hindi में भारत के एक महान क्रन्तिकारी भगवती चरण वोहरा की जीवनी बताने वाले है। 

उन्होने अपने विचारो से भारत के कई लोगों को क्रांतिकारी विचारों का प्रचार-प्रसार के लिए तैयार किया और एक ‘अध्ययन केन्द्र’ बनाया था आज हम bhagwati charan vohra books ,durgawati deviऔर bhagwati charan vohra death की जानकारी बताने वाले है। वह एक महान क्रांतिकारी थे ,इनके पिता शिव चरण वोहरा रेलवे के एक उच्च अधिकारी थे। इस के पश्यात वे आगरा से लाहौर चले गये थे। 

भारत देश को आजाद करने के लिए कई लोगो ने अपना बलिदान दिया है किसी ने अपना धन दिया तो कीसीने अपनी जान देदी कई लोगो को बिना जुर्म किये जेल की सजा भी दी गई थी तो कई लोगो को फांसी पर भी चढ़ा दिया गया था ऐसे ही एक क्रान्तिकार की हम आज बात करने वाले है जिन्होंने अपनी कड़ी मेहनत से भारत को आजादी दिलाने में सहयोग दिया है तो चलिए शुरू करते है। 

Bhagwati Charan Vohra biography In Hindi –

  नाम   भगवती चरण होरा 
  जन्म   15 November 1903
  जन्मस्थान   आग्रारा
  पिता   शिव चरण वोहरा
  पत्नी   दुर्गा 
  मृत्यु   28 मई 1930

भगवती चरण वोहरा की जीवनी –

उनका का जन्म आग्रारा में हुआ था , इनका पूरा परिवार आर्थिक रूप से सम्पन्न था। भगवती चरण की शिक्षा-दीक्षा लाहौर में हुई। उन्हीका विवाह छोटी से तभी कर दिया गया था , उनकी पत्नी का नाम दुर्गा था। कुछ दिन बाद वे दौर में उनकी पत्नी भी क्रांतिकारी कार्यो की सक्रिय सहयोगी बनी। क्रान्तिकारियो द्वारा दिया गया ” दुर्गा भाभी ” सन्बोधन एक आम सन्बोधन बन गया।

भगवती चरण होरा एक महान क्रांतिकारी थे | और उन्होने इन लोगों ने क्रांतिकारी विचारों के प्रचार-प्रसार के लिए एक ‘अध्ययन केन्द्र’ बनाया था , भगवती चरण वोहरा का जन्म आग्रारा में हुआ था। इनके पिता शिव चरण वोहरा रेलवे के एक उच्च अधिकारी थे। इस के पश्यात वे आगरा से लाहौर चले गये थे। 

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Bhagwati Charan Vohra ने पढाई छोडदी- 

लाहौर नेशनल कालेज में शिक्षा के दौरान भगवती चरण ने रुसी सभी क्रांति करो की सलाह लेकर उन सभी से प्रेरणा लेकर छात्रो की एक अध्ययन मण्डली का गठन किया था। कई लोग पूछते है की Why did bhagwati charan vohra study ? उनको बतादे की राष्ट्र की परतंत्रता और उससे आज़ाद होने से वे प्रश्न पर केन्द्रित इस अध्ययन मण्डली में नियमित रूप से शामिल होने वालो में भगत सिंह, सुखदेव आदि प्रमुख थे। 

इसके बाद वे चलकर इन्ही लोगो ने नौजवान भारत सभा की स्थापना की।जब पढ़ाई चल रही थी तभी ई.स 1921 में ही भगवती चरण गांधी जी के आह्वान पर पढाई को बिच में ही छोड र्दी और असहयोग आन्दोलन में कूद पड़े थे। इसी कारन उन्होंने अपनी पढाई छोड़ दी थी। 

असहयोग आन्दोलन वापस होने के बाद पढाई पूरी की –

इसके बाद आन्दोलन वापस आने के बाद भगवती चरण होरा उन्होंने उनकी कालेज की पढाई पूरी कर दी। बीए कि परीक्षा पास की साथ ही नौजवान भारत सभा के गठन और कार्य को आगे बढाया । वे सभा के जनरल सेक्रेटीके भगत सिंह और प्रोपेगंडा वहेंचणी सेक्रेटी के भगवती चरण में था । अप्रैल 1928 में नौजवान भारत की सभा का पत्र सामने लाया गया ।

भगत सिंह सभी साथीदार बात लेकर मसविदे को पूरा हो जाने से सभी काम भगवती चरण वोहरा ने सभाला था । सभी नौजवान भारत सभा के लोगो में भगवती स्मरण और भगत सिंह का ही प्रमुख हाथ था। भगत सिंह के अलावा वे ही संगठन के प्रमुख और सिद्धांतकार थे। क्रांतिकारी विचारक, एकठा , वक्ता, प्रचारकर्ता, आदर्श के प्रति निष्ठा व प्रतिबधता तथा उसके लिए हारते हुवे भी हिम्मत – हौसला ताकत आदि वो भगवती चरण में भी था ।

किसी काम को पूरा करने के बाद मनोयोग के साथ पूरा हो जाने से भगवती चरण परेशान थे । 1924 में प्रशिद्ध क्रांतिकारी शचीन्द्रनाथ सान्याल “भारत देश – प्रजातीय संघ के घोषणा पत्र – दि रिवोल्यूशनरी” को 1 जनवरी 1925 को व्यापक से विपरीत करने की प्रमुख हक़दारी भगवती चरण पर ही थी। जिसे बखूबी पूरा कर दिखाया इसके वे बाद के दौर में उनके साथियो में भगवती चरण के बारे में सदेश फैलाया गया आदमी है और उससे कोई भी काम पूरा कर पाते हैं।

Bhagwati Charan Vohra पर आरोप –

वैसे आरोपों को लगाने के पीछे का हाथ उस समय जूथ में आये वे लोग थे। जिन्हें किसी काम का जोखिम नहीं उठाना था , भी वे लोग बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी भगवती चरण पर आरोप लगाकर न केवल खुद नेता में आना चाहते थे। तब भी क्रांतिकरि पूछताश पर रोक भी लगाना चाहते थे। वैसे व्यक्ति का यह विचार भी था। कि सभा के काम को आपसी बहस, मुबाहिसा, प्रचार और पैसा जमा करने के काम तक सीमित कर दिया जाए।

भगवती चरण पर सी० आई० डी० का आरोप लगाने वालो में प्रमुख सज्जन जयचन्द्र विद्यालंकार थे। वे उन दिनों नेशनल विद्यापीढ़ के होनर भी थे। जवान क्रांतिकारी सभी पर इनके पद, ज्ञान व विद्वता कि डर भी थी। भगवती चरण इसे आरोपों से बिना डरे बिना हुए क्रांतिकारी कार्यो को आगे बढाने में लगे रहे थे। उनका कहना था कि ” जो दुगना है उसे करते जाना उनका काम है। सफाई देना और नाम बनाना उनका कर्तव्य है।

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नौजवान भारत सभा की स्थापना –

लाहौर नेशनल कालेज में शिक्षा के दौरान भगवती चरण ने रुसी सभी क्रांति करो की सलाह लेकर उन सभी से प्रेरणा लेकर छात्रो की एक अध्ययन मण्डली का गठन किया था। राष्ट्र की परतंत्रता और उससे आज़ाद होने से वे प्रश्न पर केन्द्रित इस अध्ययन मण्डली में नियमित रूप से शामिल होने वालो में भगत सिंह, सुखदेव आदि प्रमुख थे। इसके बाद वे चलकर इन्ही लोगो ने नौजवान भारत सभा की स्थापना की।जब पढ़ाई चल रही थी तभी ई.स 1921 में ही भगवती चरण गांधी जी के आह्वान पर पढाई को बिच में ही छोर र्दी असहयोग आन्दोलन में कूद पड़े थे।

भगवती चरण वोहरा ने हत्याएं की थी –

लखनऊ के काकोरी मामला, लाहौर षड्यंत्र केस और फिर लाला लाजपत राय जिन अंग्रेज ने मारा था इस अंग्रेज को भी भगवती चरण ने मोत के घाट उतार दिया था सार्जेंट – सांडर्स की हत्या में भी उनका हाथ था ,परंतु वो इतना आरोप होते उए भी आज तक वो कभी भी गिरफ्तार नही हुए पर न तो कभी पकड़े गये और न ही क्रांतिकारी कार्यो को करने से उन्होंने अपना पैर कभी भी वापस नही खीचा।

इस बात का सबूत यह है कि इतने आरोपों से घिरे होने के बाद भी भगवती चरण ने स्पेशल ट्रेन में बैठे वायसराय को चालू रेलवे में ही मार देने का भरपूर प्रयास किया। इस काम में यशपाल, इन्द्रपाल, भागाराम उनके साथ ओर वें उनके काम मे सहयोगी थे। काफी महीने भरपुर ओर की तैयारी के बाद नियत तिथि पर चलती स्पेशल ट्रेन के नीचे बम-बिस्फोट भी किया वो कामयाब भी हो गये। परन्तु वायसराय बच जाता है । ट्रेन में खाना बनाने और खाना खाने वाला डिब्बा खड़ा हो गया और उसमे एक व्यक्ति कि मौत हो गयी।

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Bhagwati Charan Vohra Death –

भगवती चरण वोहरा एक दिन नदी तट पर बोम्ब का परीक्षण कर रहे थे उस समय बोम्ब भगवती चरण वोहरा के हाथ मे फट जाता है और उनकी मुत्यु हो जाती है।

भगवती चरण वोहरा का जीवन परिचय वीडियो –

Bhagwati Charan Vohra Fact –

  • नौजवान भारत सभा के गठन और कार्य को आगे बढाया । वे सभा के जनरल सेक्रेटीके भगत सिंह और प्रोपेगंडा वहेंचणी सेक्रेटी के भगवती चरण में था ।
  • उनके पिताजी पैसा उधार देना का काम करते थे। 
  • षड्यंत्र केस और फिर लाला लाजपत राय जिन अंग्रेज ने मारा था इस अंग्रेज को भी भगवती चरण ने मोत के घाट उतार दिया था
  • 1921 में ही भगवती चरण गांधी जी के आह्वान पर पढाई को बिच में ही छोड र्दी और असहयोग आन्दोलन में कूद पड़े थे।

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भगवती चरण वोहरा के कुछ प्रश्न –

1 .भगवती चरण होरा का जन्म कब और कहा हुआ था ?

भगवती चरण होरा का जन्म ई.स 4 जुलाई 1904 आग्रारा में हुवा था

2 .भगवती चरण होरा के पिता क्या काम करते थे  ?

भगवती चरण होरके पिता राय साहब पंडित शिवचरण लाल और वे रेल्वें में काम करते थे साथ ही वो लोगो को पैसा उधार देना का काम करते थे|

3 .असहयोग आन्दोलन वापस होने के बाद पढाई क्यों पूरी की ?

असहयोग आन्दोलन वापस होने के बाद नौजवान भारत सभा के गठन और कार्य को आगे बढाने के लिए उन्होंने पढाई पूर्ण की थी। 

4 .भगवती चरण होरा का जन्म कब और कहा हुवा था ?

भगवती चरण होरा का जन्म ई.स 4 जुलाई 1904 आग्रारा में हुवा था। 

5 .भगवती चरण होरा के पिता क्या काम करते थे ?

उनके पिता राय साहब पंडित शिवचरण लाल और वे रेल्वें में काम करते थे साथ ही वो लोगो को पैसा उधार देना का काम करते थे। 

6 .भगवती चरण वोहरा की मुत्यु कैसे हुई ?

बोम्ब का परीक्षण करते समय भगवती चरण वोहरा के हाथ मे फट जाता है और उनकी मुत्यु हो जाती है।

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Conclusion –

आपको मेरा Bhagwati Charan Vohra biography In Hindi बहुत अच्छी तरह से समज आया होगा। 

लेख के जरिये sachindra vohra और bhagwati charan vohra cause of death से सबंधीत  सम्पूर्ण जानकारी दी है।

अगर आपको अन्य व्यक्ति के जीवन परिचय के बारे में जानना चाहते है। तो कमेंट करके जरूर बता सकते है।

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