Harivansh Rai Bachchan Biography In Hindi | हरिवंश राय बच्चन की जीवनी

नमस्कार मित्रो लेख में आपका स्वागत है आज हम Harivansh Rai Bachchan Biography In Hindi में हिंदी भाषा के प्रमुख कवी और प्रतापगढ़ जिले में एक छोटे से गांव बाबूपट्टी में जन्मे हरिवंश राय बच्चन का जीवन परिचय इन हिंदी बताने वाले है। 

27 नवम्बर 1907 को जन्मे हरिवंश राय बच्चन ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय में अंग्रेजी का अध्यापन किया और कवि और लेखक बने थे। साथ ही भारत सरकार के विदेश मंत्रालय में हिन्दी विशेषज्ञ रह चुके है। उनका देहांत 18 जनवरी 2003 को मुंबई में सांस की बीमारी के कारन हुई थी।  इलाहाबाद के धरती में जिस दिवाकर ने जन्म लेकर अपनी कलम से पूरी दुनिया को रौशन किया। उन महानुभाव, हिंदी के सपूत का नाम हरिवंशराय बच्चन है। Shyama Harivansh Rai Bachchan in hindi में हालावाद के प्रवर्तक एवं मूर्धन्य कवि छायावाद काल के प्रमुख कवियों में से एक हैं। 

आज Kavi harivansh rai bachchan ki kahani में सब को harivansh rai bachchan son ,harivansh rai bachchan father और harivansh rai bachchan ki kavyagat visheshta in hindi की जानकारी देने वाले है। हाला प्याला और मधुशाला के प्रतीकों से जो बात इन्होंने कही है, वह हिंदी की सबसे अधिक लोकप्रिय कविताएं स्थापित हुई। हरिवंशराय बच्चन का वास्तविक नाम हरिवंश श्रीवास्तव था। हरिवंश राय जी को बाल्यकाल में बच्चन कहा जाता था। बाद में वे इसी नाम से मशहूर हुए थे ,आज आपको हरिवंश राय बच्चन की आत्मकथा ,हरिवंश राय बच्चन का साहित्यिक योगदान और हरिवंश राय बच्चन की जीवन शैली की रोचक तथ्य से आपको ज्ञात करवाते है। 

Harivansh Rai Bachchan Biography In Hindi –

 नाम

हरिवंश राय श्रीवास्तव उर्फ़ बच्चन

 जन्म

27 नवम्बर 1907

हरिवंश राय बच्चन का जन्म स्थान

बाबुपत्ति गाव। (प्रतापगढ़ जि.)

 पिता

प्रताप नारायण श्रीवास्तव

 माता

सरस्वती देवी

 पत्नी

 श्यामा बच्चन, उनके मृत्यु के बाद तेजी बच्चन से विवाह

 सन्तान

अमिताभ और अजिताभ

 

 कार्यक्षेत्र

लेखक, कवि, विचारक, स्वतन्त्रतासेनानी

 राष्ट्रीयता

भारतीय

 शिक्षा

पी॰ एच॰ डी॰

 उपलब्धि

बीसवीं सदी के नवीनतम और सुप्रसिद्ध कवि,“मधुशाला” के रचयिता, पद्म श्री से सम्मानित

 मृत्यु 

18 जनवरी, 2003 (96 वर्ष) 

 मृत्यु स्थान

मुंबई

हरिवंश राय बच्चन की जीवनी –

हरिवंश राय बच्चन का जन्म (date of birth) 27 नवंबर, 1907 में इलाहाबाद के समीप प्रतापगढ़ जिले में एक छोटे से गांव बाबूपट्टी में एक कायस्थ परिवार में हुआ था। बच्चन के पिता का नाम प्रतापनारायण श्रीवास्तव तथा माता का नाम सरस्वती देवी था। उन्होंने प्रयाग विश्वविधालय से अंग्रेजी साहित्य में एमए किया और पीएचडी की उपाधि कैम्ब्रिजविश्विद्यालय से प्राप्त की। कुछ समय तक उनका संबंध आकाशवाणी के साहित्यिक कार्यक्रमों से रहा। उनका विवाह 19 वर्ष की अवस्था में ही श्यामा के साथ हो गया था। सन 1936 में श्यामा की छय रोग से अकाल मृत्यु हो गयी थी। जिसके बाद बच्चन ने तेजी सूरी के साथ विवाह किया। उन्हें दो पुत्र हुए। अभिताभ एवं अजिताभ है। 

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हरिवंश राय बच्चन की शिक्षा –

Harivansh Rai Bachchan story in hindi में आपको ज्ञात करदे की उन्होंने अपनी प्राथमिक शिक्षा जिला परिषद प्राथमिक स्कूल से सम्पन्न की थी। उसके बाद वह कायस्थ पाठशाला से आगे का अध्ययन करने के लिए जुड़े, जहां उन्होने अपनी खानदानी परंपरा आगे बढ़ाते हुए उर्दू का अभ्यास किया। उसके बाद उन्होंने प्रयाग विश्वविद्यालय में एमए की पढाई की। आगे चल कर फिर उन्होने “डबल्यू बी यीट्स” नाम के प्रसिद्ध अंग्रेज़ी कवि की रचनाओं पर शोध करते हुए अपना पी॰एच॰डी॰ का अभ्यास कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से पूर्ण किया था । 

हरिवंश राय बच्चन के विवाह –

हरिवंश राय और श्यामा देवी (प्रथम पत्नी)

Harivansh rai bachchan wife की बात करे तो बच्चन जी की पहली शादी श्यामा देवी से हुई थी। इस विवाह के वक्त वह सिर्फ 19 वर्ष के थे। और उनकी पत्नी 14 वर्ष की थीं। बड़े दुर्भाग्य की बात है की उनका लग्न संबद्ध दीर्घ काल तक जीवंत नहीं रह सका चूँकि श्यामा देवी को 24 वर्ष की आयु में टीबी रोग नें घेर लिया। जिस कारण, वर्ष 1936 में उनकी अकाल मृत्यु हो गयी।

हरिवंश राय और तेजी बच्चन (दूसरी पत्नी)

समय की धारा आगे बढ़ी। पाँच साल यूँही बीत गए। वर्ष 1941 में बच्चन जी का दूसरा विवाह तेजी बच्चन से हुआ। और उन दोनों की दो संतान हुईं। इन दोनों के दो पुत्रों में एक बॉलीवुड सुपर स्टार अमिताभ बच्चन अदाकार हैं। और दूसरे पुत्र अजिताभ (छोटे बेटे) एक बिजनेस मैन बने। तेजी बच्चन भारत की पूर्व प्रधान मंत्री श्री इन्दिरा गांधी के बेहद करीबी दोस्त मानी जाती थीं। 

हरिवंश राय Bachchan और तेजी बच्चन के बड़े पुत्र अमिताभ जब कुली फिल्म की शूटिंग में घायल हुए तब राजीव गांधी अमरीका से और इन्दिरा गांधी दिल्ली से उन्हे देखने आ पहुंचे थे। इसी बात से बच्चन परिवार और गांधी परिवार के गहरे रिश्ते का कयास लगाया जा सकता है। पति की मृत्यु के महज़ पाँच वर्ष बाद ही वर्ष 2007 में तेजी बच्चन का भी स्वर्गवास हो गया। मृत्यु के समय उनकी आयु 93 वर्ष थी। 

Harivansh Rai Bachchan एक सुप्रसिद्ध कवि –

बच्चन सदैव हिंदी भाषा को विशेष महत्व और सम्मान देते थे। Harivanshrai bachan को श्रीमद्भागवत गीता, मैकबेथ और शेक्सपियर के सटीक हिंदी अनुवादों के लिए जाना जाता है। Hariwans rai bachan सुप्रसिद्ध कवि होने के साथ-साथ एक ज्ञानवान विचारक और लेखक भी थे। 1935 में उनकी लिखी कविता “मधुशाला” ने उन्हें प्रसिद्ध बना दिया। मधुशाला की कड़ी में उन्होंने दो और कविताएँ लिखीं थी – मधुबाला और मधुकलश। इलाहाबाद विश्वविद्यालय से उन्हें “भूत काल का गर्वित छात्र” सम्मान मिला था। 

Harish rai bachchan in hindi में आपको बतादे की इलाहाबाद विद्यापीठ में 1941 से वर्ष 1952 तक अंग्रेजी भाषा का ज्ञान ग्रहण कर लेने के उपरांत वह सैंटकैथरीनकॉलेज, कैम्ब्रिज चले गए, जहाँ से उन्होंने पीएचडी की। Harivansh Rai बच्चन कैम्ब्रिज से इंग्लिश लिटरेचर में डॉक्टरेट करने वाले दूसरे भारतीय हैं। 1955 में हरिवंशराय दिल्ली चले गए और वहाँ उन्होंने विदेश मंत्रालय के एक विशेष अधिकारी के रूप में 10 साल तक काम किया। उन्होंने 1984 में इंदिरा गांधी की हत्या पर अपनी अंतिम कृति कविता लिखी थी। 

हरिवंश राय बच्चन की प्रमुख रचनाएँ –

  • लहरों से डरकर नौका कभी पर नहीं होती, कोशिश करने वालों की कभी हार नही होती। 
  • मन का विश्वास रगों में साहस भरते जाता है, चढ़ कर गिरना, गिरकर चढ़ना न अखरता है। 
  • आखिर उसकी मेहनत बेकार नही होती, कोशिश करने वालों की कभी हार नही होती। 

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Harivansh Rai Bachchan की बिंब योजना –

कवि Harivansh bachchan की बिंब योजना अत्यंत सुंदर है। इन्होंने भावना अनुरूप बिंब योजना की है। ऐंद्रियबोधक बिंबो के साथ सामाजिक राजनीतिक आदि बिंबों का भी सफल चित्रण हुआ है। रस बच्चन जी प्रेम और सौंदर्य के कवि हैं। अतः उनके साहित्य में श्रृंगार रस के दर्शन होते हैं। श्रृंगार रस के संयोग पक्ष की अपेक्षा उनका मन वियोग पक्ष में अधिक रमा है। उन्होंने वियोग श्रृंगार का सुंदर वर्णन किया है। इसके साथ रहस्यात्मकता को प्रकट करने के लिए शांत रस की भी अभिव्यंजना की है। वस्तुत हरिवंश राय बच्चन जी हिंदी साहित्य के लोकप्रिय कवि माने जाते हैं। उन्होंने साहित्य की अनेक विधाओं पर सफल लेखनी चलाकर हिंदी साहित्य की श्रीवृद्धि की है। संभवतः हिंदी साहित्य में उनका स्थान अद्वितीय है।

Harivansh Rai Bachchan द्वारा प्राप्त सम्मान एवम ख्याति –

1955 में हरिवंशराय जी Delhi चले गए और भारत सरकार ने उन्हें विदेश मंत्रालय में हिंदी विशेषज्ञ के रूप में नियुक्त कर लिया. 1966 में इनका नाम राज्य सभा के लिए लिया गया था. 3 साल बाद भारत सरकार द्वारा इनको साहित्य अकादमी अवार्ड दिया गया. 1976 में हिंदी साहित्य में इनके योगदान के लिए पद्म भूषण से सम्मानित किया गया. हरिवंशराय जी को सरस्वती सम्मान, नेहरु अवार्ड, लोटस अवार्ड से भी सम्मानित किया गया था। Harivansh राय बच्चन जी ने शेक्सपियर की Macbeth and Othello को हिंदी में रूपांतरित किया जिसके लिए उन्हें सदैव स्मरण किया जाता है. 1984 में हरिवंशराय जी ने इंदिरा गाँधी की मौत के बाद अपनी आखिरी रचना “1 नवम्बर 1984” लिखी थी। 

हरिवंश राय बच्चन की काव्य शैली –

Harivansh Rai Bachchan ki jivani in hindi में आपको बतादे की वह व्यक्तिवादी गीत कविता या हालावादी काव्य के अग्रणी कवि थे. इनकी प्रसिध्य रचना ‘मधुशाला’ इन्होंने उमर खैय्याम की रूबाइयों से प्रेरित होकर लिखी थी. मधुशाला बेहद प्रसिद्द हुई और कवि प्रेमियों के पसंदीदा कवि के रूप में हरिवंशराय जी का नाम सामने आया। हरिवंशराय जी की मुख्य कृतियां निशा निमंत्रण, मधुकलश, मधुशाला, सतरंगिनी, एकांत संगीत, खादी के फूल, दो चट्टान, मिलन, सूत की माला एवं आरती व अंगारे है. हरिवंशराय बच्चन जी की कई कविताओं को अमिताभ बच्चन ने अपनी आवाज देकर उसे और भी सुंदर बना दिया हैं, पुत्र द्वारा पिता को दिया यह तौहफा बहुत ही दिल को छूने वाला हैं। Harivansh rai bachchan shayari भी बहुत अच्छी लिखते थे। 

हरिवंश राय, तेजी बच्चन और उनके पुत्र अमिताभ के संबद्ध –

Hari rai bachchan अपने बड़े बेटे के फिल्मजगत में जाने पर ज़्यादा खुश नहीं थे। वह चाहते थे की अमित जी नौकरी करें। लेकिन तेजी बच्चन को थिएटर में बहुत रुचि थी। उन्हे तो फिल्म के लिए प्रस्ताव भी आए थे। लेकिन उन्होने गृहिणी जीवन को अधिक महत्व दिया था। Harivansh rai bachchan ka jivan parichay in hindi में आपको ज्ञात करदे की अपने बेटे का फिल्मलाइन की और झुकाव देखते हुए तेजी बच्चन चाहती थीं की उनका पुत्र उसी क्षेत्र में अपना भविष्य बनाए। इसलिए अमिताभ बच्चन के करियर चुनाव में उनका भी आंशिक हाथ रहा था। 

बेटे अमिताभ के फिल्मी करियर की गाड़ी पटरी पर चढ़ते ही उनका नाम उस वक्त की प्रसिद्ध अभिनेत्री जया भादुड़ी से जुडने लगा। तब पिता हरिवंश राय बच्चन नें तुरंत हस्तक्षेप किया और अमित जी और जया को विवाह कर लेने की सलाह दी। आज बच्चन जी के स्वर्गवास को करीब पंद्रह वर्ष बीत चुके हैं फिर भी अमित जी कहते हैं कि काश बाबूजी के साथ कुछ और वक्त बिताने को मिल जाता था। 

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हरिवंश राय बच्चन का साहित्यिक परिचय –

Harivansh rai bacchan ka jivan parichay में आपको ज्ञात करदे की लिखने का उत्साह बच्चन में विद्यार्थी जीवन से ही था। एम.ए के अध्ययन काल में ही फ़ारसी के प्रसिद्ध कवि ‘उमर ख्य्याम की रुबाईयों का हिन्दी में अनुवाद किया, उन्हे नौजवानों का प्रिय बना दिया। उन्होंनें उसी शैली में अनेक मौलिक रचनायें लिखीं, जो Harivansh rai bachchan books मधुशाला, मधुबाला, मधुकलश आदि में संग्रहित हैं। अपनी गेयता, सरलता, सरसता के कारण ये काव्य संग्रह बहुत ही पसंद किये गये। बच्चन आधुनिक काल की वैयक्तिक काव्यधारा के अग्रणी कवि हैं। व्यक्तिप्रधान गीतों के कवि के रूप में उन्होंने आत्मपरकता, निराशा और वेदना को अपने काव्य का विषय बनाया । प्रसिद्ध काव्य कृतियों में निशा निमंत्रण, मिलनयामिनी, धार के इधर उधर, मुख्य हैं।

Harivansh rai bachhan की गद्य रचनाओं में – क्या भूलूं क्या याद करूं, टूटी छूटी कडियाँ, नीड का निर्माण फिर फिर आदि प्रमुख हैं। विषय और शैली की दृष्टि से स्वाभाविकता बच्चन की कविताओं का उल्लेखनीय गुण है। उनकी भाषा बोलचाल की भाषा होते हुए भी प्रभावशाली है। लोकधुनों पर आधारित अनेकों गीत लिखें हैं। सहजता और संवेदनशीलता उनकी कविता का एक विशेष गुण है। यह सहजता और सरल संवेदना कवि की अनुभूति मूलक सत्यता के कारण उपलब्ध हो सकी। बच्चन जी ने बडे साहस, धैर्य और सच्चाई के साथ सीधी-सादी भाषा में सहज कल्पनाशीलता, जीवन्त बिम्बों से सजाकर सँवारकर अनूठे गीत हिन्दी को दिए। 18 जनवरी सन् 2003 को मुम्बई में निधन हो गया। अगर Harivansh rai bachchan quotes in hindi की जनकरीचहियेतो कॉमेंट जरूर करे। 

हरिवंश राय बच्चन कविताएँ –

  • तेरा हार। (1932)
  • मधुशाला। (1935)
  • मधुबाला। (1936)
  • मधुकलश। (1937)
  • निशा निमन्त्रण। (1938)
  • एकांत-संगीत। (1939)
  • आकुल अंतर। (1943)
  • सतरंगिनी। (1945)
  • हलाहल। (1946)
  • बंगाल का काल। (1946)
  • खादी के फूल। (1948)
  • सूत की माला। (1948)
  • मिलन यामिनी। (1950)
  • प्रणय पत्रिका। (1955)
  • धार के इधर उधर। (1957)
  • आरती और अंगारे। (1958)
  • बुद्ध और नाचघर। (1958)
  • त्रिभंगिमा। (1961)
  • चार खेमे चौंसठ खूंटे। (1962)
  • चिड़िया का घर।
  • सबसे पहले।
  • काला कौआ।

हरिवंश राय की रचनाएँ –

  • युग की उदासी।
  • आज मुझसे बोल बादल।
  • क्या करूँ संवेदना लेकर तुम्हारी।
  • साथी सो ना कर कुछ बात।
  • तब रोक ना पाया मैं आंसू।
  • तुम गा दो मेरा गान
  • आज तुम मेरे लिये हो।
  • मनुष्य की मूर्ति।
  • हम ऐसे आज़ाद।
  • उस पार न जाने क्या होगा।
  • रीढ़ की हड्डी।
  • हिंया नहीं कोऊ हमार!
  • एक और जंज़ीर तड़कती है,
  • जीवन का दिन बीत चुका था छाई थी जीवन की रात।
  • हो गयी मौन बुलबुले-हिंद।
  • गर्म लोहा।
  • टूटा हुआ इंसान।
  • मौन और शब्द।
  • शहीद की माँ।
  • क़दम बढाने वाले: कलम चलाने वाले।
  • एक नया अनुभव।
  • दो पीढियाँ।
  • क्यों जीता हूँ।
  • कौन मिलनातुर नहीं है?
  • तीर पर कैसे रुकूँ मैं आज लहरों में निमंत्रण!
  • क्यों पैदा किया था

फिल्मों में हरिवंश राय बच्चन की रचनाओं का प्रयोग –

सिलसिला मूवी का अमिताभ बच्चन पर फिल्माया प्रसिद्द गाना “रंग बरसे” हरिवंशराय जी द्वारा ही लिखा गया था।

अग्निपथ मूवी में बार-बार बोली गयी पंक्ति “अग्निपथ…अग्निपथ…अग्निपथ” भी उन्ही की रचना है।

“अलाप” मूवी का प्रसिद्द गाना, ‘ कोई गाता मैं सो जाता” भी उन्ही की कृति है।

Harivansh Rai Bachchan Awards –

  • सोवियत लैंड नेहरू पुरस्कार
  • एफ्रो एशियाई सम्मेलन का कमल पुरस्कार
  • बिड़ला फाउण्डेशन द्वारा सरस्वती सम्मान
  • 1976 में पद्म भूषण सम्मान

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हरिवंशराय बच्चन का मृत्यु –

Harivansh राय Bachchan जी का 18 जनवरी 2003 में 95 वर्ष की आयु में बम्बई में निधन हो गया। Harivansh ray bacchan ने 95 वर्ष के जीवन में Harivanshrai bachchan ने पाठको एवम श्रोताओं को अपनी कृतियों के रूप में जो तौहफा दिया हैं वो सराहनीय हैं म्रत्यु तो बस एक क्रिया हैं जो होना स्वाभाविक हैं। लेकिन हरिवंशराय बच्चन जी अपनी कृतियों के जरिये आज भी जीवित हैं। और हमेशा रहेंगे और याद किये जायेंगे इनकी रचनाओं ने इतिहास रचा और भारतीय काव्य को नयी दिशा दी जिसके लिए सभी इनके आभारी हैं।

और गौरवान्वित भी कि ऐसे महानुभाव ने भारत भूमि पर जन्म लिया हरिवंशराय बच्चन जैसे महान कवी कम ही मिलते हैं ऐसी विचारधारा वाले कवी कई सदियों में एक एक बार ही जन्म लेते हैं . उनकी सभी रचनाये देश के लिए धरोहर हैं, जिनका सम्मान हम सभी का हक़ एवम कर्तव्य हैं। 

Harivansh rai Bachchan Biography Video –

Harivansh Rai Bachchan के रोचक तथ्य –

  • हरिवंशराय बच्चन का वास्तविक नाम हरिवंश श्रीवास्तव था , हरिवंश राय जी को बाल्यकाल में बच्चन कहा जाता था।
  • Harish rai bachan का जन्म 27 नवंबर, 1907 में इलाहाबाद के समीप प्रतापगढ़ जिले में एक छोटे से गांव बाबूपट्टी में एक कायस्थ परिवार में हुआ था।
  •  बच्चन के पिता का नाम प्रतापनारायण श्रीवास्तव तथा माता का नाम सरस्वती देवी था।
  • अमिताभ जब कुली फिल्म की शूटिंग में घायल हुए तब राजीव गांधी अमरीका से और इन्दिरा गांधी दिल्ली से उन्हे देखने आ पहुंचे थे। 
  • 1976 में हिंदी साहित्य में इनके योगदान के लिए पद्म भूषण से सम्मानित किया गया। 

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FAQ –

1 .हरिवंश राय बच्चन का जन्म कहाँ हुआ था ? हरिवंश राय बच्चन का जन्म कब हुआ

हरिवंश राय बच्चन का जन्म इलाहाबाद के समीप प्रतापगढ़ जिले में हुआ था।

2 .हरिवंश राय बच्चन के कितने बच्चे हैं ?

अमिताभ बच्चन और अजिताभ बच्चन Harivamsa rai bachan के बेटे है।

3 .हरिवंश राय बच्चन के पिता का नाम क्या था ?

प्रताप नारायण श्रीवास्तव हरिवंश राय बच्चन के पिता थे।

4 .हरिवंश राय बच्चन की मृत्यु कब हुई ?

उनकी मृत्यु 18 जनवरी 2003 के दिन हुई थी।

5 .हरिवंश राय बच्चन की पत्नी का क्या नाम है ?

Harivanshrai bacchan की पत्नी का नाम तेजी बच्चन और श्यामा है।

6 .हरिवंश राय बच्चन द्वारा लिखी गई आखिरी कविता का नाम क्या है ?

हरिवंश राय बच्चन द्वारा लिखी गई आखिरी कविता का नाम एक नवंबर 1984 जो इंदिरा की हत्या पर आधारित है।

Conclusion –

दोस्तों आशा करता हु आपको मेरा यह आर्टिकल Harivansh Rai Bachchan Biography In Hindi आपको बहुत अच्छी तरह से समज आ गया होगा और पसंद भी आया होगा । इस लेख के जरिये  हमने harivansh rai bachchan family और harivansh rai bachchan poems in hindi से सबंधीत  और Information about harivansh rai bachchan in hindi की सम्पूर्ण जानकारी दे दी है अगर आपको इस तरह के अन्य व्यक्ति के जीवन परिचय के बारे में जानना चाहते है। या Autobiography of harivansh rai bachchan in hindi जानना है। तो आप हमें कमेंट करके जरूर बता सकते है। और हमारे इस आर्टिकल को अपने दोस्तों के साथ शयेर जरूर करे। जय हिन्द ।

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