Rajendra Chola Biography In Hindi – राजेंद्र चोलन 1 की जीवनी

नमस्कार मित्रो आज के हमारे लेख में आपका स्वागत है आज हम rajendra chola biography में भारतीय इतिहास के एक महान महाराजा जिन्हों ने अपनी काबिलियत और वीरता से अपना राज्य का पालन पोषण किया था।

आज एक rajendra 1 के बारे में आज हम आपको बताने वाले है जिसका नाम है चौल वंश [chola dynasty ]और उस वंश पे जन्मे राजेंद्र चौल प्रथम [ rajendra chola 1] की कहानी से आपको ज्ञात करने वाले है। चोल साम्राज्य के महाराजा राजेंद्र प्रथम [1012 ई – 1044 ई ] अपने राज्य वंश में सबसे वीर एव प्रतापी राजा थे। आज हम how did rajendra chola died ? , brahmadesam rajendra chola temple  कब निर्माण हुआ ? और rajendra chola real name क्या है ? सब का जवाब इस पोस्ट में मिलेंगे।

उन्होंने अपने शासन काल में युद्ध में विजय होके अपना साम्राज्य बहुत बड़ा कर लिया था , दक्षिण भारत में अपना शक्तिशाली rajendra chola empire के रूप में स्थापित किया था। राजेन्द्र प्रथम को गंगई कोंड के उपनाम से भी जाने जाते थे। उन्हों ने राज्य में चोल गंगम chola lake के नाम का एक बहुत बड़ा सरोवर बनवाया था और एक नगर का भी निर्माण करवाया था जिसका नाम gangaikonda cholan चोलपुरम रखा था।

Rajendra Chola Biography In Hindi –

नाम राजेंद्र चौल प्रथम – Rajendra Chola 1
पिता राजराजा चोल
शासन काल 1014–1044 CE
पूर्ववर्ती राजराजा चोल
उत्तरवर्ती राजाधिराज चोल प्रथम
राजेंद्र चौल प्रथम की पत्नीया त्रिभुवना महादेवीयार,पाँचवाँ महादेवीयार ,विरमा देवी
राजेंद्र चौल प्रथम के बेटे राजाधिराज चौला 1 , राजेंद्र चौला 2 , वीरराजेन्द्र चोला , अरुलमोलिना गायर ,अममांगदेव
वंश चोल राजवंश
धर्म हिन्दू, शैव
राजेंद्र चौल प्रथम का अवसान 1044 CE

राजेंद्र चोलन 1 की जीवनी

जब भारत देश पर राजाओ की शासनप्रणाली और बॄहद भारत नन्हे-नन्हे राज्यों और प्रांतो में विभाजित था तब मातृ भूमि के लिए अनेक विविध राजाओंने अपनी देश भक्ति का परिचय देते हुए अपनी सैन्य और खुद भी वीर गति को प्राप्त हुए थे। इस राजाओ के कई वंशो में कुछ वंश तो ऐसे है जिन्हो ने अपनी पेढ़ी दर पेढ़ी मातृ भमि के लिए अपनी जान की भी परवाह नहीं की लेकिन सिर्फ और सिर्फ अपने मुल्क की स्वतंत्रा को ही चाहा है।

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चौल वंश – ( Chaul Dynasty )

चोल [chola] वंश प्राचीन भारत का राजवंश था जिन्हे तमिल से जोड़ा जाता है। साउथ भारत और उसके आस पास के कई देशों में तमिल चोल वंश के शासकों ने 9 वीं दशक में से 13 वीं शताब्दी  के वक्त तक एक बहुत बड़ा और अत्यंत शक्तिशाली हिन्दू राष्ट्र  का निर्माण किया था।

चोल  शब्द का अर्थ विभिन्न रूपों से किया जाता है । कर्नल जेरिनो व्यक्ति ने चोल शब्द का संस्कृत अर्थ काल और कोल बताया है। उस का सीधा संबद्ध भारत के कृष्णवर्ण और आरयो के सूचक माना जाता है। चौल राजवंश संगमयुगीन मणिमेक्लै को सूर्यवंशी कहा है। rajendra chola 1 अनेक विविध अनेक प्रचलित नामों से जाना जाता है। िव्स नाम से ही उनकी उद्भूत सिद्ध का अनुमान लगाया जाता है।

12वीं सताब्दी  के अनेक राजा अपने को उद्भत कश्यप गोत्र से बताते है। चोल राज वंश का उल्लेख अत्यंत प्राचीन समय से ही मिलाना शुरू था। ऋषि ने अपने पुस्तकों में कात्यायन चोडों का उल्लेख मिलता है। सम्राट अशोक के स्तंभ लेख में भी चौल वंश का उल्लेख प्राप्त चोलवंश में अनेक राजा महाराजाओ ने जन्म लेकर के उनकी परंपरा को आगे बढ़ाने का चालू रखा है।

राजेंद्र चोल प्रथम की सिंहल की विजय – ( Sinhala victory )

rajendra cholan ने अपने शासन काल में सिंहल पर आक्रमण करके उस राज्य को अपने राज्य में जोड़ लिया था। मगर सम्पूर्ण प्रदेश नहीं जित पाए थे। अपने पिता का सपना पूरा करने के लिए Rajendra Chola 1 ने सिंहल के बाकि रहे हिस्से पर फिर से आक्रमण कर दिया और सिहल के राजा को करारी हार देदी और उनको बंदी बना के अपने राज्य में भेज दिया था raja raja cholan wiki की पूरी जानकारी मिलती है। सिंहल राज्य के राजा महिन्द पंचम को अपने राज्य में कैद करने के बाद 12 साल तक जीवित रहे थे और बाद में उनकी मृत्यु हो गई थी।

प्राचीन काल के कुछ ताम्रा पात्रो पर लिखे के मुताबिक राजेंद्र प्रथम ने लंका के राजा की रानी ,पुत्री ,वाहन और मुकुट पर अपना अधिकार जमाया था। लंका की सम्पूर्ण सम्पति पर Rajendra Chola 1 का ही शासन चलता था। उन्हों ने पूर्ण लंका पर विजय प्राप्त करके लंका के बौद्ध विहार को समाप्त किया था और पूर्ण राज कोष अपने शासन में ले लिया था। rajandran प्रथम के बाद उनके वंश में  कि महिन्द के पुत्र कस्सप राजा ने फिरसे 6 महीने की महेनत से फिरसे सिंहल को जित लिया था।

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राजेंद्र चोल के पुत्र – ( Rajendra Chola son )

rajendra chola i के राजवंश में उनके उत्तरा अधिकारी राजाधिराज चोल1 जिसने ई 1044 से 1054 के शासन समय मे उसके राज्य का कार्यकाल संभाला था और उन्होंने चेर ,सिहल और पांड्य के विग्रहों का दमन कर दिया था। बाद राजाधिराज चोल1 की सोमेश्वर से हुए कोप्पम् लड़ाई  राजाधिराज की मौत का कारन बना था। उनके बाद ही rajendra chola i son राजेंद्र द्वितीय जिन्हो ने ई 1052 से 1064 ई तक शासन किया उनका राज्या अभिषेक हुआ था।

सोमेश्वर चालुक्यों के बिच उन्ही की जित हुई थी चालुक्य शासको से उनकी लड़ाई पीढ़ी दर पीढ़ी चलती ही जाती थी। राजेंद्र द्वितीय की मृत्यु के बाद  वीर राजेंद्र ने राज्य का कार्यकाल संभाला और उन्ही की वीरता के कारन फिरसे उन्हों ने अनेक युद्ध जित करके अपने पुरखो का खकया हहआ राज्य फिर से विस्तृत करदिया इतनाही नहीं लेकिन कई नए प्रांतो को अपने राज्य से जोड़ दिए थे।

चौल वंश के मुख्य राजा के नाम  – ( Name of Chief King of Chaul Dynasty )

  • Vijayalaya Chola – 848 to 871 AD
  • Aditya 1 – 871 to 907 AD
  • Parantak Chola 1 – 907 to 950 AD
  • Gandharaditya – 950 to 957 AD
  • Arinjoy Chola – 956 to 957 AD
  • Sundar Chola – 957 to 970 AD
  • Uttam Chola – 970 to 985 AD
  • Rajaraja Chola 1 – 985 to 1014 AD
  • Rajendra Chola 1 – 1012 to 1044 AD
  • rajadhiraja chola 1 – 1044 to 1054 AD
  • Rajendra Chola 2 – 1054 to 1063 AD
  • Veerarajendra Chola – 1063 to 1070 AD
  • Adhirajendra Chola – 1067 to 1070 AD
  • Kulotung Chola 1 – 1070-1120 AD
  • Kulotung Chola 2 – 1133-1150 AD
  • Rajaraja Chola 2 – 1146-1163 AD
  • Rajadhiraj Chola 2 – 1163-1178 AD
  • Kulotung Chola 3 – 1178-1218 AD
  • Rajaraja Chola 3 – 1216-1256 AD
  • rajendra chola iii – 1246-1279 AD

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राजेंद्र चोल-प्रथम का सामाजिक योगदान –

राजेंद्रचोल प्रथम के शासन समय काल में प्रजाहित के कई कार्यो को प्राधान्यता दी गई थी जिसमे शिक्षा और अभ्यास मुख्य थे। राजेंद्र चोल प्रथम 1 ने मंदिर के निर्माण , साहित्य कला , चोल झील,मूर्ति कला ,स्थापत्य कला ,संस्कृति की शिक्षा और सर्व श्रेष्ठ गुरुकुल स्कूलों का निर्माण करवाया था , rajendra chola built temple बहुत है। महाराजा Rajendra Chola 1 ने अपने राज्य काल में अपनी प्रजा के लिए जिस गुरुकुल की स्थापना की थी उसमे तमिल और संस्कृत भाषा में शिक्षा दी जाति थी राजेंद्र चोल प्रथम ने अपने शासन काल में अपनी प्रजा के लिए अनेक अच्छे कार्य किये है। राजेंद्र चोल एक उमदा व्यक्तित्व धारण करने वाले राजा थे अपने शासन में किसी भी तरह की कोई भी इंसान को को दिक्कत या परेशानी नहीं हो ऐसा शासन चलाना चाहते थे।

Rajendra Chola 1 Biography Video –

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राजेंद्र चोल 1 रोचक तथ्य –

  • चोल साम्राज्य के महाराजा राजेंद्र प्रथम [1012 ई – 1044 ई ] अपने राज्य वंश में सबसे वीर और प्रतापी राजा थे।
    उन्होंने अपने शासन काल में युद्ध में विजय होके अपना साम्राज्य बहुत बड़ा कर लिया था।
  • उन्होंने दक्षिण भारत में अपना शक्तिशाली शासन साम्राज्य के रूप में स्थापित किया था।
    चोल वंश के शासकों ने 9 वीं दशक में से 13 वीं शताब्दी  के वक्त तक एक बहुत बड़ा और अत्यंत शक्तिशाली हिन्दू राष्ट्र  का निर्माण किया था।
  • 12वीं सताब्दी  के अनेक राजा अपने को उद्भत कश्यप गोत्र से बताते है। चोल राज वंश का उल्लेख अत्यंत प्राचीन समय से ही मिलाना शुरू था।
  • राजेंद्र चोल प्रथम के शासन समय काल में प्रजाहित के कई कार्यो को प्राधान्यता दी गई थी जिसमे शिक्षा और अभ्यास मुख्य थे।
  • राजेंद्र चोल प्रथम 1 ने मंदिर के निर्माण , साहित्य ,कला ,मूर्ति कला ,स्थापत्य कला ,संस्कृति की शिक्षा और सर्व श्रेष्ठ गुरुकुल स्कूलों का निर्माण करवाया था।
  • महाराजा ने अपने राज्य काल में अपनी प्रजा के लिए जिस गुरुकुल की स्थापना की थी उसमे तमिल और संस्कृत भाषा में शिक्षा दी जाति थी।

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राजेंद्र चोल 1 के प्रश्न – ( Rajendra Chola 1 from Questions )

1 . चोल वंश के महान प्रतापी राजा कौन थे ?

सम्राट राजेंद्र चोल 1 चोलवंश साम्राज्य के राजा थे।

2 . राजेंद्र चोल के पिता का क्या नाम था ?

 राजराजा चोल राजेन्द्र चोल  के पिता थे।

3 . राजेन्द्र चोल प्रथम की कितनी पत्निया थी ?

चार पत्निया राजेन्द्र चोल प्रथम की थी ,त्रिभुवना महादेवीयार,पाँचवाँ महादेवीयार ,विरमा देवी के नाम से पहचानी जाती है।

4 . सम्राट राजेंद्र चोल प्रथमने कितने साल शासन किया था ?

चोलवंश  साम्राज्य के महाराजा राजेंद्र प्रथम ने 1012 ई – 1044 ई साल तक शासन किया था।

5 . सम्राट राजेंद्र चोल प्रथम का पुत्र कौन था ?

राजेंद्र चोल प्रथम के पुत्र राजाधिराज चौला 1 , राजेंद्र चौला 2 , वीरराजेन्द्र चोला , अरुलमोलिना गायर ,अममांगदेव महाराजा है। 

6 . चोल वंश ने कितने साल शासन किया था ?

चोल वंश के शासकों ने 9 वीं दशक में से 13 वीं शताब्दी  के वक्त तक एक बहुत बड़ा और अत्यंत शक्तिशाली हिन्दू राष्ट्र  का निर्माण किया था।

7 . राजेंद्र चोल प्रथम 1 ने किस-किस निर्माण करवाया था ?

राजा राजेंद्र चोल प्रथम 1 ने मंदिर के निर्माण , साहित्य ,कला ,मूर्ति कला ,स्थापत्य कला ,गुरुकुल स्कूलों का निर्माण करवाया था।

8 . राजेंद्र चोल प्रथम ध्वारा निर्माणित गुरुकुल में किस भाषा में शिक्षा दी जाति थी?

अपनी प्रजा के लिए गुरुकुल की स्थापना तमिल और संस्कृत भाषा में शिक्षा के लिए की थी। 

9 . राजेंद्र चोल प्रथम का अवसान कब हुवा था ?

राजा राजेंद्र चोल प्रथम का अवसान 1044 CE में हुआ था।

10 .राजेंद्र के वंश का नाम बताइए ?

उनके वंश का नाम चोला या चोलन था।

Conclusion –

दोस्तों आशा करता हु आपको मेरा यह आर्टिकल Rajendra Chola Biography आपको बहुत पसंद आयी होगी। इस लेख के जरिये  हमने raja raja cholan history से सबंधीत  सम्पूर्ण जानकारी दे दी है अगर आपको इस तरह के अन्य व्यक्ति के जीवन परिचय के बारे में जानना चाहते है तो आप हमें कमेंट करके जरूर बता सकते है। और हमारे इस आर्टिकल को अपने दोस्तों के साथ शयेर जरूर करे। जय हिन्द ।

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