Vikram Batra Biography In Hindi

Vikram Batra Biography In Hindi | कैप्टन विक्रम बत्रा का जीवन परिचय

नमस्कार दोस्तों Captain Vikram Batra Biography, Biopic Movie in Hindi में आपका स्वागत है। आज हम भारतीय वीर और सैन्य अधिकारी कैप्टन विक्रम बत्रा का जीवन परिचय, कहानी और मूवी की जानकारी बताने वाले है। कैप्टन विक्रम बत्रा भारतीय सेना के एक सैनिक थे। उन्हें मरणोपरांत परमवीर चक्र (पीवीसी) से सम्मानित किया गया था। 1999 के कारगिल युद्ध में उनके अनुकरणीय कार्यों के लिए उन्हें परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया था। कैप्टन विक्रम बत्रा का जन्म 9 सितंबर 1974 को हिमाचल प्रदेश के पालमपुर में हुआ था।

उन्होंने अपनी शुरुआती शिक्षा अपनी मां से प्राप्त की थी। उन्होंने अपनी मिडिल स्कूल पालमपुर के डीएवी पब्लिक स्कूल से की। उन्होंने अपनी वरिष्ठ माध्यमिक शिक्षा सेंट्रल स्कूल, पालमपुर से प्राप्त की थी। उनके शिक्षकों का कहना है बत्रा एक बहुत लोकप्रिय छात्र और सभी का सम्मान करते थे। आज हम कैप्टन विक्रम बत्रा बायोग्राफी में Captain की Wife, Death, Girlfriend, Fiance, Brother, Dimple Cheema, Kargil Story, Essay और Biopic Movie in Hindi की जानकारी बताने वाले है। 

Vikram Batra Biography In Hindi

Real Name (पूरा नाम)  कैप्टेन विक्रम बत्रा ( Guru Tegh Bahadur Ji )
Nick name (उपनाम)   शेर शाह, कारगिल का शेर
Date of birth (जन्म तिथि)  9 September 1974
Birth Place (जन्मस्थान) पालमपुर, हिमाचल प्रदेश, भारत
Cast (जाती) राजपूत
Religion (धर्म) हिन्दू धर्म
Age (उम्र)   मृत्यु के समय 25 वर्ष (1999)
Zodiac Sign (राशि)  वृषभ राशि 
Profession (पेशा)   आर्मी ऑफिसर
Famous Role (प्रसिद्ध पात्र)  कारगिल युद्ध
Hometown (पता) पालमपुर, हिमाचल प्रदेश, भारत
Nationality (राष्ट्रीयता) भारतीय

Birth & Education

कैप्टन विक्रम बत्रा का जन्म 9 सितंबर 1974 (सोमवार) को हिमाचल प्रदेश के पालमपुर में हुआ था। विक्रम बत्रा ने अपनी शुरुवाती स्कूली शिक्षा हिमाचल प्रदेश के पालमपुर में स्थित डी.ए.वी. पब्लिक स्कूल से की थी। उसके बाद उन्होंने आठवीं से कक्षा बारहवीं तक की पढ़ाई पालमपुर की केंद्रीय विद्यालय से की थी। अपनी विद्यालय में पढ़ाई के साथ वह टेबल टेनिस खेलते थे।

उन्होंने टेबल टेनिस में महारत भी हासिल की थी। मगर विक्रम को आर्मी ज्यादा लगाव था। बारहवीं की पढ़ाई पूरी क विक्रम ने चंडीगढ़ के डीएवी कॉलेज से विज्ञान के साथ स्नातक किया था। और  एमए कर पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़ में दाखिला लिया था। उन्होंने अपनी पढाई के समय कई खेल और शैक्षणिक आयोजनों में हिस्सा लिया और ज्यादातर जीत हासिल करते थे।

Vikram Batra Images
Vikram Batra Images

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Captain Vikram Batra Family

कैप्टन विक्रम बत्रा एक हिंदू परिवार से तारलुक रखते हैं। उनके पिताजी का नाम गिरधारी लाल बत्रा वह एक सरकारी स्कूल के प्रधानाध्यापक हैं। उसकी माता का नाम कमल कांता बत्रा वह एक सेवानिवृत्त स्कूल शिक्षक हैं। उनका एक जुड़वां भाई भी है उसका नाम विशाल बत्रा है वह चंडीगढ़ में बैंक में काम करते है। उन्हें दो बड़ी बहनें भी है। उसके नाम सीमा और नूतन हैं। Vikram Batra Marriage या Vikram Batra Wife name की बात करे तो कैप्टन विक्रम बत्रा अविवाहित थे। 

1999 में वह कारगिल युद्द के पहले अपने घर होली के त्यौहार के दिन छुट्टियों पर गए थे। उस समय वह अपनी मंगेतर डिंपल चीमा से मिले थे। होली की छुट्टिया के बाद विक्रम ने जम्मू कश्मीर बटालियन को ज्वाइन किया था। विक्रम कॉलेज में डिंपल चीमा से पंजाब विश्वविद्यालय में प्यार में पड़े और कारगिल युद्ध से लौटने के पश्यात शादी करने का फैसला किया था।

Father Name (पिता)  गिरधारी लाल बत्रा
Mother Name (माता)  कमल कांता बत्रा
Sister (बहन)  सीमा, नूतन
Brother (भाई ) विशाल बत्रा
Marital status/(विवाहित स्थिति )  अविवाहित
Marriage date (विवाह तिथि) 
Wife/Girlfriend (पत्नी)  डिंपल चीमा
Children (बच्चे)
विक्रम बत्रा - फोटो
विक्रम बत्रा – फोटो

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Vikram Batra Physical Stats

Hair color  काला 
Eye color काला

Height

173 सेंटीमीटर 
1.73 मीटर 
5 ’8 ” फिट इंच 
Weight 63 Kg

Body measurements

Chest –
Wast –
Biceps –

Vikram Batra Military Career

कैप्टन विक्रम बत्रा की सेना भर्ती Vikram Batra Army

विक्रम बत्रा जून 1996 में मानेकशॉ बटालियन में भारतीय सैन्य अकादमी (IMA) देहरादून में शामिल हुए थे । अपने प्रशिक्षण के बाद उन्होंने 6 दिसंबर 1997 को IMA से पास आउट किया था। जनवरी 1998 में उन्हें भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट के रूप में कमीशन दिया गया था। जम्मू कश्मीर के सोपोर में जम्मू-कश्मीर राइफल्स (13 JAK Rif) की 13वीं बटालियन में तैनात थे। पदस्थापन से पूर्व उन्हें रेजिमेंटल प्रशिक्षण के लिए जबलपुर भेजा गया था।

कैप्टन विक्रम बत्रा का जीवन परिचय
कैप्टन विक्रम बत्रा का जीवन परिचय

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कैप्टन विक्रम बत्रा की सेना में नियुक्ति Vikram Batra Posting 

मार्च 1998 में उन्हें युवा अधिकारी पाठ्यक्रम के लिए मध्य प्रदेश के महू में इन्फैंट्री स्कूल भेजा गया था। जिसमें उन्हें अल्फा ग्रेड से सम्मानित किया गया। उसके बाद उच्च उग्रवादी गतिविधि वाले क्षेत्र में तैनात किया गया था। उन्होंने कई ऑपरेशन और मुठभेड़ों का नेतृत्व किया था। एक बार एक घात में एक आतंकवादी द्वारा चलाई गई एक गोली उनके कंधों को छूती हुई निकल गई थी।

उसमे एक सैनिक की मौत हो गई थी। अपनी टीम के सिपाही की मौत का बदला लेने उग्रवादियों को पकड़ने का आदेश दिया था। जनवरी 1999 में, उन्हें कर्नाटक के बेलगाम में कमांडो कोर्स में भेजा गया था। वह दो महीने तक चला और पूरा होने पर उन्हें उच्चतम ग्रेड से सम्मानित किया गया था। 1999 में बत्रा होली खेलने घर गए थे। वह नेगल कैफे का दौरा किया करते थे।

कैप्टन विक्रम बत्रा कारगिल युद्ध में योगदान Vikram Batra Kargil Story

उसके बाद उसकी यूनिट को उत्तर प्रदेश के शाहजानपुर जाने का आदेश मिला था। मगर वह आदेश बदल दिए गए और कारगिल जाने के लिए कहा गया था। वह बटालियन 13 जम्मू और कश्मीर राइफल्स (13 जक राइफल) को तोलोलिंग पर्वत पर कब्जा करने का आदेश दिया गया था। टोलोलिंग की सफलता के बाद उनकी बटालियन को प्वाइंट 5140 पर कब्जा करने का आदेश दिया गया था। उसमे तोपखाने की आग की आड़ में उन्होंने पहाड़ के पीछे की ओर से प्वाइंट 5140 पर चढ़ना शुरू कर दिया था।

उन्होंने एक खड़ी चढ़ाई चढ़ पाकिस्तानी सैनिकों को पर हमला कर दिया था। बत्रा ने हाथ में हाथ डाले 3 पाकिस्तानी सैनिकों को मार गिराया था। उन्होंने प्वाइंट 5140 पर कब्जा कर लिया और बहुत सारे गोला-बारूद और भारी बंदूकें बरामद कीं थी। बत्रा ने ये दिल मांगे मोरे (उनकी बटालियन की जीत का आह्वान) शब्द कहते हुए अपने कमांड पोस्ट से संपर्क किया था। कब्जा करने के बाद बत्रा को कप्तान के पद पर पदोन्नत किया गया था।

Vikram Batra Biography In Hindi
Vikram Batra Biography In Hindi

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कैप्टन विक्रम बत्रा का कारगिल विजय 

  • 5140 चोटी पर विजय
  • यह दिल मांगे मोर
  • कारगिल का शेर
  • 4875 वाली संकरी चोटी पर विजय

कैप्टन विक्रम बत्रा बलिदान, निधन, पुण्यतिथि Vikram Batra Death

कारगिल युद्ध के समय विक्रम बत्रा को काफी गहरी चोटे आई थी। उसके पश्यात भी उन्होंने हार नहीं मानी थी और रेंगते हुए दुश्मनो के ऊपर बड़े ग्रेनेड फेंक दिए थे। विक्रम बत्रा ने फेंके ग्रेनेड से दुश्मनो का पूरा विस्तार ख़त्म हो गया था। एव सभी दुश्मन मारे गए थे। गहरे जख्म मिलने के बाद भी विक्रम जी ने अपनी बटालियन टुकड़ी को शत्रुओं पर प्रहार करने की प्रेरणा दी थी। कप्तान को मिले गहरे जख्मों और भारी गोलीबारी के कारन उन्होंने युद्ध क्षेत्र में ही अपने प्राण त्याग दिए थे। वह वीरगति को प्राप्त हुए तबतक यानि आखिरी सांस तक भारत देश के लिए लड़ते रहे थे।

कैप्टन विक्रम बत्रा बनी फिल्म Movie

वर्ष 2013 में कारगिल युद्ध पर एक फिल्म फिल्म का निर्माण हुआ था। उसको LOC कारगिल नाम दिया गया था। उस फिल्म में कैप्टन विक्रम बत्रा का अभिनय प्रसिद्ध अभिनेता अभिषेक बच्चन ने किया था। उसके पश्यात 2021 में शेरशाह नाम की फिल्म बनी थी। वह फिल्म एक बत्रा साब की बायोपिक है। उसकी भूमिका में अभिनेता सिद्धार्थ मल्होत्रा ने अभिनय किया है। वह फिल्म को विष्णुवर्धन ने निर्देशित और धर्मा प्रोडक्शंस और पेन इंडिया लिमिटेड ने निर्मित की है।

Vikram Batra Images
Vikram Batra Images

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कैप्टन विक्रम बत्रा सम्मान Legacy

  • पॉइंट 4785 पर विक्रम बत्रा की टीम ने कब्जा कर उस पहाड़ को बत्रा टॉप का नाम दिया गया था।
  • जबलपुर की एक छावनी को विक्रम बत्रा एंक्लेव के नाम से बुलाते थे।
  • इलाहाबाद में  एक हॉल का नाम विक्रम बत्रा ब्लॉक रखा है। 
  • आईएमए में एक मेस का नाम विक्रम बत्रा मेस रखा है। 
  • चंडीगढ़ के डीएवी कॉलेज में विक्रम बत्रा के साहस और बलिदान के कारन नाम एक इमारत बनाई है।
  • विक्रम बत्रा के सम्मान में दिल्ली के मकबरा चौक एव फ्लाईओवर का नाम शहीद कैप्टन विक्रम बत्रा रखा है।

Award and Achievement

महान वीर कैप्टेन विक्रम बत्रा की शहादत और युद्ध में उनका कौशल देख भारत सरकार ने उनकी वीरता एवं साहस का सम्मान करते हुए कैप्टेन विक्रम बत्रा के मरणोपरांत परमवीर चक्र से सम्मानित किया था। 

व्यक्तिगत जानकारी

शिक्षा – विज्ञान विषय में स्नातक

कॉलेज – डीएवी कॉलेज, चंडीगढ़. एमए करने के लिए पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़ 

सर्विस/ब्रांच – भारतीय आर्मी

रैंक – कैप्टेन

सर्विस के साल – सन 1996 से 1999 तक

यूनिट – 13 JAK RIF

मृत्यु – जुलाई, 1999

मृत्यु स्थान – सरहद क्षेत्र, पॉइंट 4875 कॉम्प्लेक्स, कारगिल, जम्मू एवं कश्मीर, भारत

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Lifestyle Video

Interesting Facts अज्ञात तथ्य

  • कैप्टन विक्रम बत्रा अपने कॉलेज के यूथ सर्विस क्लब के अध्यक्ष भी रहे है।
  • एनसीसी में ‘सी’ प्रमाणपत्र के लिए अर्हता प्राप्त करने के बाद एनसीसी इकाई में वरिष्ठ अवर अधिकारी का पद प्राप्त किया था।
  • 1994 में गणतंत्र दिवस परेड में कॉलेज का प्रतिनिधित्व करने के लिए एनसीसी कैडेट के रूप में पसंद हुए थे।
  • 1995 में हांगकांग में मुख्यालय वाली शिपिंग कंपनी में मर्चेंट नेवी के लिए पसंद हुए थे।
  • छुट्टी पर रहते हुए वह गृहनगर पालमपुर में नेगल कैफे का दौरा करते थे।
  • 2003 में एलओसी कारगिल फिल्म में अभिषेक बच्चन ने कप्तान विक्रम बत्रा की भूमिका निभाई थी।
  • बिंदु 4875 के ऐतिहासिक कब्जा को उनके सम्मान में “बत्रा टॉप” नाम दिया गया है।

FAQ

Q .कैप्टेन विक्रम बत्रा कौन थे?

कैप्टेन विक्रम बत्रा भारतीय सेना के साहसिक जवान एव कारगिल के युद्द में वीरगति प्राप्त हुए थे। 

Q .कैप्टेन विक्रम बत्रा की पत्नी कौन है?

कैप्टेन विक्रम बत्रा कुंवारे थे उनकी सगाई डिंपल चीमा के साथ हुई थी। 

Q .विक्रम बत्रा की मृत्यु कब हुई?

7 जुलाई1999

Q .विक्रम बत्रा की गर्लफ्रेंड का क्या नाम था?

डिंपल चीमा 

Q .विक्रम बत्रा के आखिरी शब्द क्या थे?

जय माता दी

Q .विक्रम बत्रा की बायोपिक फिल्म का क्या नाम है?

शेरशाह

Q .5140 चोटी पर विजय प्राप्त करने के बाद विक्रम बत्रा के शब्द क्या थे?

ये दिल मांगे मोर

Q .विक्रम बत्रा की कहानी क्या है?

कारगिल लड़ाई में उन्होंने प्राणों का बलिदान दे साथियों की जान बचाई थी। 

Q .क्या विक्रम बत्रा अभी जिंदा हैं?

नहीं, वे 7 जुलाई, 1999 को शहीद हो चुके हैं। 

Conclusion

आपको मेरा Captain Vikram Batra Biography, Biopic Movie in Hindi बहुत अच्छी तरह से समज आया होगा। 

लेख के जरिये हमने Vikram Batra parents, Vikram Batra movie

और Vikram Batra story से सम्बंधित जानकारी दी है।

अगर आपको अन्य अभिनेता के जीवन परिचय के बारे में जानना चाहते है। तो कमेंट करके जरूर बता सकते है।

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Note

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Subedar Joginder Singh Biography In Hindi - सूबेदार जोगिंदर सिंह की जीवनी

Subedar Joginder Singh Biography In Hindi – सूबेदार जोगिंदर सिंह की जीवनी

नमस्कार मित्रो आज हम Subedar Joginder Singh Biography In Hindi बताने वाले है। द्वितीय विश्व युद्ध के सिख रेजिमेंट के एक भारतीय सैनिक सूबेदार जोगिंदर सिंह का जीवन परिचय देने वाले है। 

आज के हमारे लेख में आपका स्वागत है। 1962 के भारत-चीन युद्ध में अपनी वीरता और साहस से उनकी मौत के बाद परमवीर चक्र से भारत सरकार ने सन्मानित किया था। वह 1936 में भारत की ब्रिटिश भारतीय सेना में जुड़े और सिख रेजिमेंट से उनकी फ़ास्ट बटालियन में अपनी सेवाएं देते थे। आज हम Subedar Joginder Singh daughter, Subedar Joginder Singh wife और Subedar Joginder Singh cast से सम्बंधित जानकारी देने वाले है। 

आपकी जानकारी के लिए बतादे की उन्होंने भारत-चीन युद्ध में बुम ला मोर्चे पर अपनी बटालियन का नेतृत्व करते थे। अपनी बहादुरी और वीरता से उन्होंने कई चीनी सेनिको को कुचल दिया था। वह भी बिना कोई हथियार की सहायता से उन्होंने वीरता व अदम साहस से दुश्मत के दांत खंट्टे कर दिए थे। अपने आखरी साँस तक दुश्मनो को धूल चटाई थी। जबतक उन्हें पूरी तरह घायल नहीं किया गया अपने सैनिक और पोस्ट  बचाव करते रहे थे। उस युद्ध में वह लापता हुए थे। तो चलिए Subedar Joginder Singh History बताना शुरू करते है। 

Subedar Joginder Singh Biography In Hindi –

Full Name सूबेदार जोगिन्दर सिंह
Date of birth 26 सितम्बर, 1921
Birth place मेहाकलन गाँव, मोगा, पंजाब
Army ब्रिटिश भारतीय सेना
Rank सूबेदार
Unit सिख रेजीमेंट
Service time 1936-1962
Death (आयु 41) 23 अक्तूबर, 1962 
War
भारत-चीन युद्ध (1962)
1947का भारत-पाक युद्ध
Awards परमवीर चक्र
Nationality नागरिकता भारतीय

सूबेदार जोगिंदर सिंह का जन्म –

सूबेदार जोगिंदर सिंह की जीवनी में बतादे की 28 सितंबर 1921 को पंजाब में मोगा के गाँव मेहाकलन जोगिंदर सिंह का जन्म हुआ था। उनके माता का नाम बीबी कृष्ण कौर और पिता का नाम शेर सिंह था। अपने माता पिता के प्यार में उन्होंने अपना बालयकाल गांव में बिताया था । अपने घर की परिस्थिति कुछ ठीक नहीं होने के कारन उन्होंने अपनी पढाई पूर्ण नहीं की थी। इसी लिए उन्होंने सेना में भारती होने का फैसला लिया था। सूबेदार जोगिन्दर सिंह का यह मानना था। की सेना में ही उनकी जगह हो सकती है। सिंह की शादी बीबी गुरदयाल कौर से हुई थी। वह सैनी सिख परिवार से बिलोंग करती थी। 

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Subedar Joginder Singh Military Career –

Joginder Singh ने ब्रिटिश भारतीय सेना में सिख रेजिमेंट के बटालियन फस्ट में तैनात किया गया था। उन्होंने 28 सितंबर 1936 के दिन सेना में शामिल हुए थे। सेना शिक्षा परीक्षा पास करके यूनिट शिक्षा प्रशिक्षक के रूप में नियुक्त हुए थे। उनकीवर्दी और ड्रिल का रख रखाव बहुत अच्छा था। की कि उनका Examples दुसरो को दिए जाते थे। सिंह ने द्वितीय विश्व युद्ध में भारत की और से ब्रिटिश इंडियन आर्मी के लिए बर्मा जैसे मोर्चो पर लड़े थे। एव भारत-पाकिस्तान 1947-1948 युद्ध के दौरान श्रीनगर में मुकाबला करने वाली सिख रेजीमेंट में शामिल हुए थे। 

भारत-चीन युद्ध में सूबेदार जोगिंदर सिंह – 

जब चीन की आर्मी ने हमारे भारत पर हमला कर दिया था। उसने पूर्वी सीमा और अक्साई चिन पर अपना होने का दावा किया था। चीन की सेना ने अपने थगला रिज पर अपना हक जमा दिया था। प्रधानमंत्री नेहरू और रक्षा मंत्री वी. के. कृष्ण मेनन की परमिशन से 22 सितंबर को सेनाध्यक्ष को हुक्म दिए थे। कि थगला से चीनी सेनिको को कुछ भी करके खदेड़ा दे। भारतीय सेना की IV Corps ने  उस मुश्किल काम के लिए अपनी बटालियन को इकट्ठा किया था। लेकिन चीन सेना ज्यादा मजबूत स्थिति हुआ करती थी। उस समय चीन को तवांग मुल्क पर अपना हक स्थापित करना था। उसे सु मकसद में रोकने का काम भारतीय सेना की सिख बटालियन को दिया गया था। 

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सुबेदार जोगिंदर सिंह की भूमिका –

भारत -चीन के युद्ध का 23 अक्तूबर 1962 का दिन था। रिज के पास नेफा में टोंग पेन में अपनी टुकड़ी के साथ सूबेदार जोगिन्दर सिंह तैनात थे। सावेर 05:30 के समय पर चीन की सेना ने बूमला पर जबरदस्त आक्रमण कर दिया था। सैन्य का मुख्य उदेश्य टोवांग तक पहुँचने का था। चीन फौज ने तीन हमलो में उन मोर्चे पर धावा बोल दिया था। हर वक्त जवानो की संख्या तक़रीबन दो सौ से भी ज्यादा थी। फस्ट हमला सूबेदार जोगिन्दर सिंह की बटालियन बहादुरी से सामना करती रही।

उसमे चीन सैन्य को कुछ भी हासिल नहीं हुआ था। और दूसरी और भहारी नुकसान का सामना करना पड़ा था। फिर तोड़े वक्त के बाद दूसरा वह भी जोगिन्दर सिंह ने अपनी बहादुरी एव ताकत से सामना लिया था। उन्होंने जो बोले सो निहाल बोल के दुश्मन कइ छक्के छुड़ा दिए थे। मगर दूसरा हमला वीर जोगिन्दर की आधी से भी ज्यादा बटालियन को साफ कर गया था। 

सुबेदार जोगिंदर सिंह को गोली लगी –

सूबेदार जोगिन्दर सिंह हौसला नहीं हारे थे। लेकिन वह खुद भी घायल थे। क्योकि उनकी जाँघ में एक गोली लग गयी थी।  उसके बाद भी वह जिद में खड़े थे। उन्होंने घायल होते हुए भी युद्ध मैदान नहीं छोडा था। उसी कारन अपने नेतृत्व में साहस और उनकी हिम्मत को देख कर उनकी बटालियन भी पूरी तरह उनके साथ खड़ी थी। लेकिन उनके कुछ जवान जख्मी हुए थे। दूसरी और दुश्मनी सेना ने तीसरी वक्त आक्रमण कर दिया। फिर से वीर जोगिन्दर ने अपनी मशीनगन से गोलिया बरसाना शुरुर करदी।

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बेयोनेट लेकर चीनी सैनिकों को मारा –

कुछ वक्त के बाद जोगिन्दर सिंह की पलटन के पास बारूद खत्म हो गया था। जोगिन्दर सिंह ऐसी परिस्थिति में चुके की उनके पास गोलियों का भण्डार भी खत्म हो चूका था उस समय पीछे हटने जाने की बजाय उन्होंने अपनी बंदूकों पर चाकू लगाकर एक खंजर के जैसे उपयोग करते हुए। दुश्मन सैन्य को काटते ही जाते थे। उन्होंने सत श्री अकाल और जो बोले सो निहाल के नारे लगते हुए। चीनी जवानो का खत्मा करना शुरु कर दिया था। लेकिन घायल वीर जोगिंदर सिंह को युद्धबंदी बनालिया गया था। उसमे युद्ध में मौजूद तीन सैनिक बच निकले थे। उन्होंने वापस आ करके उस शेरे हिंदुस्तान की कहानी सबको बताई थी।  

Param Vir Chakra –

वीर सूबेदार जोगिन्दर सिंह को उनके देहांत के बाद भारत सरकार ने परमवीर चक्र से सम्मानित किया था। चीनी सैन्य ने मिलिटरी सम्मान के साथ उनके अस्थि कलश को 17 मई 1963 को भारतीय सेना को सौप दिया गया था । उनके अस्थि कलश को मेरठ स्थित सिख रेजिमेंटल सेंटर भेजा गया। बाद में गुरुद्वारा साहिब ले गए। और उनके बेटे एव विधवा पत्नी गुरदीयल कौर को सौप दिया गया।भारतीय सेना उनकी अद्वितीय वीरता और युद्ध कौशल के लिए गवाह बनी आईबी रिज पर उनके याद में मेमोरियल बनाया है।

Subedar Joginder Singh Movie –

जोगिंदर सिंह का रोल गिप्पी ग्रेवाल ने और जोगिंदर सिंह के जीवन के तीन हिस्सों को फिल्माया गया है। एक  युवा फौजी जोगिंदर सिंह, जो बर्मा के मोर्चे पर युद्ध लड़ता है। दूसरा जोगिंदर एक परिवार है, एक बेटी है और तीसरा  जिसमें जोगिंदर सिंह फौजी होते है। उसको डायरेक्टर सिमरजीत सिंह बनाय है। जोगिंदर सिंह की वाइफ गुरदयाल कौर का अभिनय अदिति शर्मा ने निभाया है। कमांडर मान सिंह का ही किरदार गुगु गिल ने किया है। अगर आप चाहते है तो Subedar Joginder Singh Movie Download भी कर सकते है। 

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Subedar Joginder Singh Biography Video –

Subedar Joginder Singh Interesting Facts –

  • सूबेदार जोगिंदर सिंह ने 1962 के भारत-चीन युद्ध में असाधारण वीरता के लिए परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया था। 
  • जोगिंदर सिंह को युद्धबंदी बनाने वाली चीनी सेना ने भी सम्मान दिया था। 
  • सूबेदार जोगिंदर सिंह के माता पिता का नाम किसान शेर सिंह और बीबी कृष्ण कौर था। 
  • 28 सितंबर 1936 को सूबेदार जोगिंदर सिंह भारतीय सेना में सिख रेजीमेंट में सिपाही के पद पर तैनात हुए थे। 
  • जोगिंदर सिंह ने अपनी बंदूकों पर बेयोनेट यानी चाकू लगाकर, ‘जो बोले सो निहाल, सत श्री अकाल’ के नारे लगाए चीनी सैनिकों को मार गिराया था। 

सुबेदार जोगिंदर सिंह के प्रश्न –

1 .joginder singh kaha ke rehne wale h ?

सूबेदार जोगिंदर सिंह पंजाबी मोगो रहने वाले थे। 

2 .joginder singh kahan ke sahitya hai ?

जोगिंदर सिंह पंजाबी साहित्य है। 

3 .amarjeet singh son of joginder singh ?

हा जोगिंदर सिंह के बेटे का नाम अमरजीत सिंह है। 

4 .सूबेदार जोगिंदर सिंह को परमवीर चक्र कब दिया गया ?

जोगिंदर सिंह की मौत के बाद उन्हें परमवीर चक्र से सन्मानित किया गया था। 

5 .सूबेदार जोगिंदर सिंह की पत्नी का नाम क्या था ?

बीबी गुरदयाल कौर जोगिंदर सिंह की पत्नी थी। 

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Conclusion –

आपको मेरा Subedar Joginder Singh Biography In Hindi बहुत अच्छी तरह से समज आया होगा। 

लेख के जरिये Subedar Joginder Singh songs और Subedar Joginder Singh punjabi movie से सबंधीत  सम्पूर्ण जानकारी दी है।

अगर आपको अन्य व्यक्ति के जीवन परिचय के बारे में जानना चाहते है। तो कमेंट करके जरूर बता सकते है।

हमारे आर्टिकल को अपने दोस्तों के साथ शयेर जरूर करे। जय हिन्द।

Note आपके पास सूबेदार जोगिंदर सिंह की Information हैं। या दी गयी जानकारी मैं कुछ गलत लगे तो तुरंत हमें कमेंट और ईमेल मैं लिखे हम इसे  अपडेट करते रहेंगे धन्यवाद 

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