Alka Yagnik Biography In Hindi | अलका याज्ञिक का जीवन परिचय

Alka Yagnik Biography In Hindi | अलका याज्ञिक का जीवन परिचय

भारतीय फिल्मो की सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायिका Alka Yagnik Biography In Hindi में आपका स्वागत है। 30 वर्षो से भी अधिक से बॉलीवुड फिल्म इंडस्ट्रीज में अपने सुरीले आवाज से पार्श्व गायन करते अलका याज्ञिक का जीवन परिचय देने वाले है। 

बॉलीवुड के श्रेष्ठ 40 सदाबहार साउंडट्रैक में उनके 20 गाने शामिल है। यानि बॉलीवुड फिल्म इंडस्ट्रीज के 50 % हिट साउंडट्रैक अलका याग्निक के है। उन्होंने सिर्फ 6 साल की आयु में ही ऑल इंडिया रेडियों पर भजन गाना शुरू लिया था। और वर्तमान समय की समय की सबसे प्रसिध्द और कीर्तिमान गायिका बन चुके है। आज हम Alka Yagnik Husband, Alka Yagnik Daughter और Udit Narayan And Alka Yagnik Relationship की माहिती के साथ उनके जीवन संघर्ष की बातो से वाकिफ करने वाले है। 

अल्का जी अबतक फिल्मफेयर अवार्ड के लिए 36 वक्त नामांकन हो करके सात बार फिल्मफेयर अवार्ड अवार्ड का सन्मान प्राप्त कर चुके है। अलका जी लता मंगेशकर को अपनी प्रेरणा के रूप में देखती है। उन्होंने अपनी माता के अलावा लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल एव कल्याणजी-आनंदजी के पास से गायन सीखा है। उन्होंने वैसे तो अनेक शैलियों में अपनी आवाज से गाने गाए। लेकिन उन्हें अपनी रोमांटिक शैली को सबसे अच्छी लगती है। तो चलिए अलका याज्ञिक बायोग्राफी बताते है।

Alka Yagnik Biography In Hindi –

Full Name अलका याज्ञिक (Alka Yagnik)
Nick name अलका
Date of birth 20 March 1966
Birth Place कोलकाता, पश्चिम बंगाल, भारत
Father Name धर्मेंद्र शंकर
Mother Name शुभा
Sister
Brother समीर याज्ञिक
Marital status विवाहित 
Marriage Date  February 1989
Husband/Boyfriend   नीरज कपूर
Daughter  सायशा कपूर
School  गर्ल्स मॉडर्न हाईस्कूल कोलकाता, पश्चिम बंगाल
Cast   याज्ञिक
Religion   हिन्दू  
Alka Yagnik Age 55 वर्ष (2021)
Hobby  सिंगिंग, पढ़ना, यात्रा करना 
Debut  सॉन्ग – थिरकट अंग फिल्म – पायल की झंकार
Zodiac Sign  मेष 
Net Worth  60 करोड़ रु
Professionals पार्श्व गायक
Home town  कोलकाता, पश्चिम बंगाल, भारत
Nationality   भारतीय 

अलका याज्ञिक का जन्म और शिक्षा –

20 /3/ 1966 के दिन पश्चिम बंगाल के कलकत्ता में अलका याज्ञिक का जन्म हुआ था। अलका याग्निक लाइफ हिस्ट्री देखे तो कोलकाता के एक गुजराती फेमिली में जन्म लेने वाली अलका ने सिर्फ चार साल की उम्र से गाने गाना शुरूकिया था। उन्होंने अपनी शिक्षा कलकत्ता की मॉडर्न हाइ स्कूल फॉर गर्ल्स से प्राप्त की हुई है। 6 वर्ष की आयु में ही उन्होंने कलकत्ता के रेडीयो के लिए भजन गाना शुरू किया था। बाद में उनके परिवार ने दस साल की उम्र में कलकत्ता से मुंबई शहर में रहने के लिए स्थानांतरित कर लिया था। और Alka Yagnik Songs गाना शुरू किया था। 

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अलका याज्ञिक का परिवार –

Alka Yagnik Family की जानकारी बताये तो उनका परिवार मूल रूप से गुजराती है। अल्काजी के पिताजी का नाम धर्मेंद्र शंकर है। और माता का नाम शोभा याज्ञिक है। वह एक गायक होने के कारन अपनी बेटी को भी गायक बनने के लिए तैयार करना शुरू किया था। घर में संगीत का माहौल रहने की वजह से उन्होंने अपने बचपन से ही बहुत अच्छे से सॉन्ग गाना स्टार्ट किया था। उन्होंने फरवरी 1989 में विवाह करलिया था। Alka Yagnik Husband Name नीरज कपूर है। और उनके सुखिदामपत्य जीवन से Alka Yagnik Son नहीं है। लेकिन एक बेटी है। जिसका नाम स्येशा कपूर है। 

Alka Yagnik Social Media –

Social Media Media Followers 
Twitter 52.4K Followers
Email Id  No
Instagram 220.6k Followers
Website No
Facebook 5216838 likes 
Youtube  No
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Alka Yagnik Instagram –

 
 
 
 
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अलका याज्ञिक की शारीरिक संरचना –

Hair color डार्क ब्राउन 
Eye color काला
Height
163 सेंटीमीटर 
1.63 मीटर 
5′ 4 ” फिट इंच 
Weight 65 किलोग्राम 
Body Measurements
Chest 34 इंच
Wast – 29 इंच
Biceps 38 इंच

अलका याज्ञिक की पसंद –

  • Favorite singer – लता मंगेशकर, श्रेया घोषाल, साधना सरगम, सोनू निगम,
  • Hobby / interest – सिंगिंग, पढ़ना, यात्रा करना 
  • Favorite actor –  आमिर खान, अभिताभ बच्चन, राज कपूर, सलमान खान,
  • Favorite actress – आलिया भट्ट, रेखा, रवीना, दीपिका पादुकोण
  • Colour – काला, पीला, गुलाबी, सफ़ेद    
  • Favorite food – गुजराती, चाईनीज़, इटालियन, महाराष्ट्रियन 

अलका याज्ञिक का शुरुआती जीवन –

एक गुजराती परिवार में जन्म लेम्ने वाली अल्काजी की माँ शुभा भारतीय शास्त्रीय संगीत की गायिका होने के कारन अपनी बेटी को 6 साल की आयु में ही 1959 की साल में ऑल इंडिया रेडियो कलकत्ता के माध्यम से गाना शुरू किया। अपनी बेटी को 10 साल की उम्र में बाल गायक के रूप स्थापित करने के लिए मुंबई ले आये थे। बाद में उन्होंने एक राज कपूर की पहचान से लक्ष्मीकांत एक पत्र भेजा उनके कहने से प्रभावित हो करके लक्ष्मीकांत ने अलका याग्निक को दो ऑप्शन्स दिए की तात्कालिक रूप से शुरुआत या एक गायक के बाद ब्रेक लेना लेकिन अलका यागनिक ने पढाई में रूचि दिखाई थी।  Alka Yagnik ae Mere Humsafar और Alka Yagnik Bahon ke Darmiyan सॉन्ग बहुत हिट रहे थे। 

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अलका याज्ञिक का करियर –

मुंबई शहर में फिल्म निर्माता एव  निर्देशक राजकपूर ने उनकी भेट लक्ष्मीकांत प्यारेलाल से करवाई थी। 1980 की साल में पायल की झनकार नाम फिल्म के लिए उन्होंने गाना गया था। उन्होंने हरिफ में आशा भोसले एव लता मंगेशकर के सामने अपने पैर ज़माने थे। उसके लिए उन्होंने अपने मन में ठान ली थी। उन्होंने अमिताभ बच्चन की फिल्म में लावारिस में मेरे अंगने में तुम्हारा क्या काम है गाना गाया, और जबरदस्त हिट रहा। एव उनकी सफलता के रूप में साबित हुआ था।

1988 में तेजाब फिल्म में एक दो तीन गाने ने उन्हें सफलता के साथ साथ एक पाश्र्वगायिका का दर्जा दिलाने वाला रहा। 1989 में उदित नारायण के साथ उन्होंने गजब का है दिन सोचो जरा, अकेले है तो क्या गम है, ऎ मेरे हमसफर और कयामत से कयामत तक नाम के सुपरहिट युगल गीत गाते हुए। अपनी आवाज की पहचान दिलादी और गाने के प्रस्तावो की लाइन लगा दी। 

अपने रुरिले आवाज से सॉन्ग गाते हुए 1994 की साल में अलका याग्यनिक को हम है राही प्यार के गाने के लिए फस्ट समय सर्वश्रेष्ठ प्लेबैक सिंगर का राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त हुए था। हिंदी फिल्म तेजाब के एक-दो-तीन सॉन्ग के लिए 7 बार फिल्म फेयर पुरस्कार मिल चुके है। करियर में तक़रीबन 20 हजार से ज्यादा गाने गाये हुए है। उसके साथ वह कई संगीत प्रोग्राम और शो में जज रह चुके है। अलका याग्निक ने उदित नारायण एव कुमार शानू के साथ रोमांटिक सॉन्ग का रिकॉर्ड बना लिया है। 

Alka Yagnik Awards –

  • National Film Award for Best Female Playback Singer
  • Filmfare Award for Best Female Playback Singer
  • IIFA Award for Best Female Playback Singer
  • Zee Cine Award for Best Playback Singer – Female
  • Mirchi Music Awards for Listener’s Choice Song of the Year
  • International Viewer’s Choice Award for MTV India
  • Guild Award for Best Female Playback Singer
  • Mirchi Listeners’ Choice- Song of the decade
  • Bollywood Movie Award – Best Playback Singer Female

Alka Yagnik Songs List – अलका याज्ञिक के कुछ प्रसिद्ध गीत 

  • Ae Mere Humsafar – 1988
  • Teri Banjaran – 1991
  • Too Shayar Hai Main Teri Shayari
  • Dilbar Dilbar – 1994
  • Gore Gore Mukhde Pe
  • Pardesi Pardesi -1996
  • Kuch Kuch Hota Hai – 1998
  • Sajan Sajan Teri Dulhan -1999
  • Pehli Pehli Baar Mohabbat Ki Hai 
  • Kitni Bechain Hoke – 2000
  • Udja Kale Kawan – 2001
  • Aaja Aaja – 2002
  • Chori Chori
  • Aapke Pyaar Mein
  • Hum Pyaar Hai Tumhare
  • Tumse Milna – 2003
  • Hori Khele Raghuveera
  • Daiya Daiya Daiya Re 
  • Oodhni 
  • Ladki Badi Anjani Hai
  • Hamne Tumko Dil Ye De Diya
  • Hamein Tumse Hua Hai Pyar – 2004
  • Humko Tumse Pyaar Hai – 2005
  • Tere Ishq Mein Pagal
  • Hum to Dil Se Haare
  • Sajan Tumse Pyar
  • Kyon Ki Itna Pyar
  • Dil Laga Liya Maine – 2008
  • Teri Chunariya -2010
  • Ja Sajna Tujhko Bhula – 2012
  • Ek Dil Hai – 2013
  • Saajan Saajan – 2015
  • Bole Chudiyan – 2017

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Alka Yagnik Biography & Lifestyle Video –

Alka Yagnik Biography

Interesting Facts –

  • उन्होंने अपने शुरुआत करियर में ऑल इंडिया रेडियों के लिए भजन गाए। बाद में उसकी माता मुंबई आ गयी।
  • अल्का याग्निक के गीत ‘ताल से ताल मिला’ को 100 वर्ष के सर्वश्रेष्ठ गीत का स्थान मिला है। 
  • अल्का जी K.J.Yesudas के साथ गाते हुए सबसे ज्यादा फिल्मफेयर पुरस्कार साझा करती है। उस दोनों को 7 पुरस्कार मिले है। 
  • गायिका अल्का याग्निक की माँ शुभा याग्निक भी एक प्रशिक्षित शास्त्रीय गायिका थीं।
  • उन्होंने 14 साल की आयु में ही फिल्म पायल की झंकार के लिए अपनी आवाज में पहला गाना गाया था। 
  • दो राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त कर चुकी अल्का याग्निक कई भाषाओं में सॉन्ग गा सकते हैं। उन्होंने हिंदी के अलावा सभी भारतीय भाषाओं में कई सॉन्ग गाए हैं।
  • Alka Yagnik Net Worth लगभग $ 8 मिलियन है, जो वर्ष कि 60 करोड़ रुपये है

FAQ –

1 .Alka Yagnik kya Hindu hai ?

Yes 

2 .Alka Yagnik ke Bhai ka Naam ?

Sameer Yagnik

3 .Alka Yagnik ne Kitne Gaane Gaye hain ?

20 thousand

4 .अलका याग्निक के एक प्रोग्राम की कीमत क्या है ?

एक करोड़ 

5 .अलका याग्निक का जन्म कब हुआ ?

20 /3/ 1966 

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Conclusion –

आपको मेरा Alka Yagnik Biography बहुत अच्छी तरह से समज आया होगा। 

लेख के जरिये Alka Yagnik Agar Tum Saath ho और Alka Yagnik Dil Laga Liya Maine सॉन्ग की जानकारी दी है।

अगर आपको अन्य व्यक्ति के जीवन परिचय के बारे में जानना चाहते है। तो कमेंट करके जरूर बता सकते है।

हमारे आर्टिकल को अपने दोस्तों के साथ शयेर जरूर करे। जय हिन्द।

Note –

आपके पास Alka Yagnik Marathi Song या अलका याग्निक उदित नारायण की कोई जानकारी हैं, या दी गयी जानकारी मैं कुछ गलत लगे तो दिए गए सवालों के जवाब आपको पता है। तो तुरंत हमें कमेंट और ईमेल मैं लिखे हम इसे अपडेट करते रहेंगे धन्यवाद 

1 .अलका याग्निक की बेटी की उम्र क्या है ?

2 .अलका याग्निक के कितने बच्चे हैं ?

3 .कुमार सानू की उम्र कितनी है ?

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Samar Singh Biography in Hindi - समर सिंह का जीवन परिचय

Samar Singh Biography in Hindi | समर सिंह का जीवन परिचय

नमस्कार मित्रो आज हम Samar Singh Biography in Hindi बताएँगे। हमारे लेख में आपका स्वागत है। आज एक भारतीय भोजपुरी गायक, डांसर और अभिनेता समर सिंह सिंह का जीवन परिचय बताने वाले है। 

12 जून 1989 उत्तरप्रदेश के आजमगढ़ जिले में जन्में समर सिंह आज भोजपुरी सॉन्ग के मशहूर गायक है, इंटर कॉलेज आजमगढ़ से अपनी पढाई के साथ छोटे-मोटे लाइव शो करते करते भोजपुरी के प्रसिद्ध गायक बनगए है। और भोजपुरी एल्बम के लिए अपनी मधुर आवाज में गायन करते है। वैसे तो समर सिंह एक भोजपुरी गायक है। मगर उनका डांसर भी बहुत अच्छा है। ऐसा कहाजाये की भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री के सबसे चहिते सिंगर हैं। तो कुछ गलत नहीं है। आज हम Samar Singh ka Gana, Samar Meaning in Hindi और Samar Singh bhojpuri dj song की माहिती से महितगार करने वाले है।

सबको बताने के लिए बतादे की पावन सिंह और केसरी लाल के बाद तीसरे नंबर के स्थान पर लिया जाता है।  उसकी लोकप्रियता का अंदाजा आप Samar Singh bhojpuri सॉन्ग को देखके के लगा सकते है। उनके यूट्यूब पर लाखों व्यूज मिला करते है। सभी भोजपुरी फिल्म विवेचको के चहिते बन चुके है। उन्होंने अपने करियर में बहुत जल्द ही बहुत ज्यादा प्रसंसा को बटोरा है। अपने अपनी सुरीली आवाज से पुरे भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्रीज़ को मनमोहित करदिया है। तो चलिए Samar Singh History और समर सिंह की जीवनी बताना शुरू करते है। 

Samar Singh Biography in Hindi-

Full name Samar Singh
Nickname Samar
Date of birth 23 march 1993 
Birth place Mehnagar Azamgarh U.P. India
Hight 
फीट इन्च- 5’ 10”
मी०- 1.80
से० मी०- 180
Samar Singh Age 29 Years
Brother  Raj Singh
Education  Graduate
Marital Unmarried
Current City  Mumbai
Caste  Hindu
Hair Color  Black
Eye Color  Black
Languages  Hindi & Bhojpuri
Relegion  Hinduism
Profession  Singer / Actor
Debut Film  Vinashak ( 2019 )
Production  Wave Music & Team Films Others
Hit Songs  Gurahi Jalebiya, Dharawela Thareshar, Ganna Ke Ras 
Nationality  Indian

समर सिंह  जन्म और शिक्षा – 

लोकप्रिय गायक समर सिंह का जन्म 23 march 1993 उतरप्रदेश के आज़मगढ़ में हुआ था। sumar सिंह के परिवार और माता पिता की जानकारी उपलब्ध नहीं है। लेकिन उनके भाई का नाम राज सिंह है। समर सिंह ने अपनी शुरूआती शिक्षा अपने गांव से एव कॉलेज की पढाई उत्तर प्रदेश के ग्राम समाज इंटर कॉलेज से पूर्ण की हुई है। उसके पश्यात उन्होंने अपनी उच्च शिक्षा वीबीएस पूर्वांचल जौनपुर से प्राप्त की हुई है। Samar Singh ki cast और समर सिंह के धर्म की बात बताये तो वह हिन्दू धर्म से बिलोंग करते है। 

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समर सिंह का शुरुआती जीवन –

अपनी पढाई पूर्ण कर के समर सिंह के भोजपुरी गाने से अपना कैरियर शुरू किया था। समर सिंह का जीवन परिचय में आपको बतादे की उन्होंने एक गायक के रूप में भोजपुरी सॉन्ग में अपना कैरियर शुरू किया था। और देखते ही देखते अपने आवाज और अभिनय के बल बुते पर अपना नाम बनाया है। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत में छोटे छोटे लाइव शो किया करते थे। samar singh ka bhojpuri gana गन्ना के रस गाने से थोड़ी थोड़ी प्रसिद्धि प्राप्त करना शुरू करदी थी। उसके बाद रतिया कहा बितावला गीत बहुत हिट साबित हुआ। समर सिंह का भोजपुरी वीडियो से एक गायक के नाम से प्रसिद्ध हुए थे।

समर सिंह का करियर –

आपको बतादे की समर सिंह आजमगढ़ जिला उत्तरप्रदेश के नन्हे से मेहनगर से बिलोंग करते है। वह भोजपुरी के प्रसिद्ध गायक जो की  भोजपुरी एल्बम और भोजपुरी फिल्मों के लिए गाते है। वह अपने सुरीले आवाज में गाना बहुत अच्छा गाते है। उन्होंने ककरी भइल बा कमरिया लपक क़े, रतिया कहाँ बितवला ना(2016), ऊपर के 32 निचे के 36 और गाना के रस मे, जैसे कई सफल भोजपुरी अल्बमों में काम करचुके है। समर सिंह ने अपने करियर की शुरुआत वर्ष 2002 में की थी। लेकिन अपने करियर के शुरुआती दिनों में उनके गाने बहुत पॉप्युलर नहीं हुए थे।

Samar Singh ke gana गन्ना के रस (Gana Ke Ras) और रतिया कहाँ बितवला ना (Ratiya Kaha Bitwala) रिलीज़ होते ही 2015 की साल के बाद Summer singh ने अपनी प्रसिद्धि में चार चाँद लगा दिए है। बाद में सईया धरावेला थरेसर (2020) में भी अभिनय किया है। और उतना ही नहीं उन्होंने भोजपुरी फिल्मों मे बतौर एक्टर का भी कार्य किया है। और अब फिल्मो में भी अभिनय किया करते है। उन्होंने Vinashak और Isq to Pagalpanthi Hai जैसी फिल्मो में अभिनय किया हुआ है। अगर आप Mukkala muqabla dance performance देखे तो बहुत ही मजेदार बनाया है। आप Mukabla bhojpuri song को देखते है, या samar singh new song सुनते है आपको samar singh 2018,  samar singh song 2019 या samar singh bhojpuri dj song लिख कर GOOGLE पर सर्च करना पड़ता है।  

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Samar Singh Famous Gane – 

समर सिंह ने भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्रीज़ और अल्बम के कई सांख्य में गाने गाये है। लेकिन समर सिंह का भोजपुरी गाना बहुत प्रसिद्ध और सफल सॉन्ग की लिस्ट हम बताने वाले है। समर सिंह भोजपुरी गाना Saiyan Dharawele Theresar गीत ने यूट्यूब चैनल पर 90 M दृश्य पाए है। उस गीत को साल का सबसे अधिक देखे जाने वाला सफल गीत हुआ था। उनका भोजपुरी गाना Upar ke 32 niche ke 36 samar singh गाना भोजपुरी फिल्म जगत के सभी रिकॉर्ड तोड़ चूका है।

तरंग संगीत नाम की यूट्यूब चैनल पे यह सॉन्ग भी 91 M + के व्यूज को पार चूका है। आपको बतादे की Le l maxi maza di garamiyan me(2019) गाना भी समर सिंह का सबसे प्रसिद्ध गाना है। वह अपने बेहतरीन काम की वजह से भोजपुरी फिल्म जगत के सभी प्रशंसकों के सबसे पसंदीदा कलाकार बनचुके है। 

Samar Singh Social Media –

Social Media Media Id  Media Followers 
Twitter https://twitter.com/samarsingh 233 फ़ॉलोअर्स
Email Id  Not Available  No
Instagram https://www.instagram.com/samarsingh 369.9k Followers
Website Not Available  No
Fecebook https://www.facebook.com/officialsamarsingh 161760 likes
Youtube  Not Available  No
Lnkedin  Not Available  No
WhatsApp Not Available  No

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Samar Singh Phones & Addresses –

Bhojpuri Singer Samar singh Booking Contact Number 9582839422

Samar Singh ka Address – मेहनगर, आज़मगढ़, उत्तर प्रदेश, भारत

 पसंद –

Samar Singh Biography में समर सिंह का चाहिता और पसंदीदा चीजों की बात करे तो उन्हें  भोजपुरी अभिनेता पवन सिंह, रवि किशन, खेसारी लाल यादव और दिनेश लाल यादव (निरहुआ) बहुत पसंद है। 

Samar Singh Bhojpuri Song List – 

  • समर सिंह का गाना
  • Samar Singh Song & Samar Singh album
  • Gana Ke Ras
  • Upar Ke 32 Niche 36
  • Gehu Katab Na Saiya (2019)
  • Korwa Mein Suta Ke Chal Gailu
  • Dharavela Thresar
  • Jindagi ke kinara
  • Ratiya Kaha Bitwala
  • Naihar Me Dhaan Katwayene
  • Lela Makasi Maza
  • Gurahi Chalebiya
  • Kakari Bhail baa Kamriya Lapak ke(2020)

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Samar Singh Released Movies

Year Movie
2020 Vinashak
Samar Singh upcoming Movie Ab Ham Dhum Macha Denge
upcoming Jung
upcoming Love Letter
upcoming Suhagan
upcoming Vinashak

Samar Singh Biography Video –

Samar Singh Interesting Facts –

  • भोजपुरी गायक समर सिंह को जानवरों से बहुत लगाव है।
  • samar jai singh ने दो पालतू कुत्ते पाले हुए हैं।
  • समर सिंह हररोज नियमित रूप से जिम किया करते हैं।
  • भोजपुरी गायक समर सिंह को वर्ष 2018 की भोजपुरी फिल्म “इश्क तो पागलपंती है” में पहली बार देखा गया था।
  • विनाशक 2019 फिल्म में उन्होंने अंजना सिंह के साथ अभिनय किया। वह जोड़ी दर्शकों को बहुत पसंद आई थी। 
  • समर सिंह एक भारतीय हीरो हैं। जो भोजपुरी एल्बम और फिल्म के लिए काम करते है।
  • भोजपुरी गायक समर सिंह को बाल्यकाल से ही संगीत में बहुत रूचि थी। 
  • Samar Singh holi गीत “ई गोल गोल का ह” को 2002 में रिकॉर्ड किया गया था। 
  • समर सिंह ने कॉलेज के दिनों से ही गांव के छोटे-मोटे प्रोग्राम में सॉन्ग गानाचालू कर दिया था।

समर सिंह के प्रश्न –

1 .समर सिंह कौन जात है ?

smar सिंह हिन्दू धर्म से बिलॉन्ग करते है। 

2 .समर सिंह का घर कहां है ?

समर सिंह का घर मेहनगर, आज़मगढ़, उत्तर प्रदेश में है। 

3 .समर सिंह का गांव कहां पर है ?

उत्तर प्रदेश में आज़मगढ़ में समर सिंह का गांव है। 

4 .समर सिंह का उम्र कितना है ?

समर सिंह की उम्र वर्तमान समय में 29 साल है। 

5 .Samar Singh birth place क्या है ?

समर सिंह का जन्म स्थान Bhojpuri state उत्तर प्रदेश का आज़मगढ़ है। 

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Conclusion –

आपको मेरा Samar Singh Biography in Hindi बहुत अच्छी तरह से समज आया होगा। 

लेख के जरिये Bhojpuri Song Samar Singh, Samar Movie Download और Samar Singh 2021mp3 से सबंधीत  सम्पूर्ण जानकारी दी है।

अगर आपको अन्य व्यक्ति के जीवन परिचय के बारे में जानना चाहते है। तो कमेंट करके जरूर बता सकते है।

हमारे आर्टिकल को अपने दोस्तों के साथ शयेर जरूर करे। जय हिन्द।

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Life of shamsher bahadur singh in hindi - शमशेर बहादुर सिंह की जीवनी हिंदी में

Shamsher Bahadur Singh Biography In Hindi | शमशेर बहादुर सिंह की जीवनी

नमस्कार मित्रो आज के हमारे लेख में आपका स्वागत है आज हम Shamsher Bahadur Singh Biography In Hindi में हिंदी तथा उर्दू के विद्वान एव आधुनिक हिंदी कविता के प्रगतिशील कवि शमशेर बहादुर सिंह का जीवन परिचय बताने वाले है।

प्रयोगवाद और नई कविता के कवियों की प्रथम पंक्ति में इनका स्थान है  इनकी शैली अंग्रेज़ी कवि एजरा पाउण्ड से प्रभावित है और शमशेर बहादुर सिंह ‘दूसरा सप्तक’ 1951 के कवि हैं। शमशेर बहादुर सिंह ने कविताओं के समान ही चित्रों में भी प्रयोग किये हैं। आज shamsher bahadur singh poems in hindi ,shamsher bahadur singh ka janm kahan hua और shamsher bahadur singh shayari की जानकारी बताने वाले है। आधुनिक कविता में ‘अज्ञेय’ और शमशेर का कृतित्व दो भिन्न दिशाओं का परिचायक है। और अज्ञेय’ की कविता में वस्तु और रूपाकार दोनों के बीच संतुलन स्थापित रखने की प्रवृत्ति परिलक्षित होती है

शमशेर में शिल्प-कौशल के प्रति अतिरिक्त जागरूकता है। और इस दृष्टि से शमशेर और ‘अज्ञेय’ क्रमशः दो आधुनिक अंग्रेज़ कवियों 1 एजरा पाउण्ड और 2 इलियट के अधिक निकट हैं आधुनिक अंग्रेज़ी-काव्य में शिल्प को प्राधान्य देने का श्रेय एजरा पाउण्ड को प्राप्त है।और वस्तु की अपेक्षा रूपविधान के प्रति उनमें अधिक सजगता दृष्टिगोचर होती है। चलिए  भारत के हिंदी कवी shamsher bahadur singh ki kavyagat visheshta की जानकारी बताते है। 

Shamsher Bahadur Singh Biography In Hindi –

 नाम

 शमशेर बहादुर सिंह

 जन्म

 13 जनवरी, 1911

 जन्म  स्थान

 देहरादून

 पिता

 तारीफ सिंह

 माता

 परम देवी

 पत्नी

 श्रीमती धर्मदेवी

 नागरिकता

 भारतीय

 

  अभिभावक

 बाबू तारीफ़ सिंह और श्रीमती प्रभुदेई

  कर्म भूमि

 भारत

  कर्म-क्षेत्र 

 कवि, लेखक

  भाषा

 हिंदी तथा उर्दू

 शिक्षा

 बी.ए.

 मृत्यु

 12 मई, 1993

 मृत्यु स्थान

 अहमदाबाद

शमशेर बहादुर सिंह की जीवनी –

Shamsher bahadur का जन्म देहरादून में 13 जनवरी, 1911 को हुआ। उनके पिता का नाम तारीफ सिंह था और माँ का नाम परम देवी था। शमशेर जी के भाई तेज बहादुर उनसे दो साल छोटे थे। उनकी माँ दोनों भाइयों को ‘राम-लक्ष्मण की जोड़ी’ कहा करती थीं। जब शमशेर बहादुर सिंह आठ या नौ वर्ष के ही थे, तब उनकी माँ की मृत्यु हो गई, किन्तु दोनों भाइयों की जोड़ी शमशेर की मृत्यु तक बनी रही। आधुनिक अंग्रेज़ी-काव्य में काव्य-शैली के नये प्रयोग एजरा पाउण्ड से प्रारम्भ होते हैं। और Samsher bahadur singh ने अपने वक्तव्य में एजरा पाउण्ड के प्रभाव को मुक्तकण्ठ से स्वीकार किया है- और टेकनीक में एजरा पाउण्ड शायद मेरा सबसे बड़ा आदर्श बन गया था। 

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Shamsher Bahadur सिंह की शिक्षा – 

आरंभिक शिक्षा देहरादून में हुई और हाईस्कूल-इंटर की परीक्षा गोंडा से दी। बी.ए. इलाहाबाद से किया, किन्हीं कारणों से एम.ए. फाइनल न कर सके। 1935-36 में उकील बंधुओं से पेंटिंग कला सीखी। ‘रूपाभ’, ‘कहानी’, ‘नया साहित्य’, ‘माया’, ‘नया पथ’, ‘मनोहर कहानियां’ आदि में संपादन सहयोग। उर्दू-हिन्दी कोश प्रोजेक्ट में संपादक रहे और विक्रम विश्वविद्यालय के ‘प्रेमचंद सृजनपीठ’ के अध्यक्ष रहे। दूसरा तार सप्तक के कवि हैं।

शमशेर बहादुर सिंह का विवाह –

सन 1929 में 18 वर्ष की अवस्था में राजा शमशेर सिंह का विवाह धर्मवती के साथ हुआ, लेकिन छः वर्ष के बाद ही 1935 में उनकी पत्नी धर्मवती की मृत्यु टीबी के कारण हो गई। 24 वर्ष के शमशेर को मिला जीवन का यह अभाव कविता में विभाव बनकर हमेशा मौजूद रहा। काल ने जिसे छीन लिया था, उसे अपनी कविता में सजीव रखकर वे काल से होड़ लेते रहे।  युवाकाल में शमशेर बहादुर सिंह वामपंथी विचारधारा और प्रगतिशील साहित्य से प्रभावित हुए थे। उनका जीवन निम्न मध्यवर्गीय व्यक्ति का था। 

शमशेर बहादुर सिंह की काव्य विशेषता – 

कवि शमशेर बहादुर सिंह का साहित्यिक परिचय और साहित्यिक विशेषताएँ: शमशेर बहादुर सिंह प्रेम और सौंदर्य के कवि हैं। उनकी कविताओं में जीवन के राग-विराग के साथ-साथ समकालीन सामाजिक-राजनीतिक समस्याओं का कलात्मक चित्रण हुआ है। भाषा-प्रयोग में चमत्कार उत्पन्न करने वाले वे अत्यंत सजग कवि हैं। काव्य-वस्तु के चयन और शिल्प-गठन में उनकी सूझ-बूझ और कौशल का उत्कर्ष दिखता है। 

शमशेर बहादुर सिंह को पुरस्कार –

उपाधि साहित्य अकादमी पुरस्कार (1977), मैथिली शरण गुप्त पुरस्कार (1987), राष्ट्रीय कबीर सम्मान (1989) आदि।

शमशेर बहादुर सिंह की काव्य शैली –

समशेर बहादुर सिंह में अपने बिम्बों, उपमानों और संगीतध्वनियों द्वारा चमत्कार और वैचित्र्यपूर्ण आधात् उत्पन्न करने की चेष्टा अवश्य उपलब्ध होती है, पर किसी केन्द्रगामी विचार-तत्व का उनमें प्रायः अभाव-सा है। अभिव्यक्ति की वक्रता द्वारा वर्ण-विग्रह और वर्ण-संधि के आधार पर नयी शब्द-योजना के प्रयोग से चामत्कारिक आघात देने की प्रवृत्ति इनमें किसी ठोस विचार तत्त्व की अपेक्षा अधिक महत्त्व रखती है। Samsher bahadur सिंह में मुक्त साहचर्य और असम्बद्धताजन्य दुरूहता के तत्त्व साफ़ नज़र आते हैं। उनकी अभिव्यक्ति में अधूरापन परिलक्षित होता है। शमशेर की कविता में उलझनभरी संवेदनशीलता अधिक है। उनमें शब्द-मोह, शब्द-खिलवाड़ के प्रति अधिक जागरूकता है और शब्द- योजना के माध्यम से संगीत-ध्वनि उत्पन्न करने की प्रवृत्ति देखी जा सकती हैं।

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Shamsher Bahadur सिंह का आधुनिक काव्य-बोध –

कविवर Ustad shamsher singh bahadur की कविताएँ आधुनिक काव्य-बोध के अधिक निकट हैं, जहाँ पाठक तथा श्रोता के सहयोग की स्थिति को स्वीकार किया जाता है। उनका बिम्बविधान एकदम जकड़ा हुआ ‘रेडीमेड’ नहीं है। वह ‘सामाजिक’ के आस्वादन को पूरी छूट देता है। इस दृष्टि से उनमें अमूर्तन की प्रवृत्ति अपने काफ़ी शुद्ध रूप में दिखाई देती है। उर्दू की गज़ल से प्रभावित होने पर भी उन्होंने काव्य-शिल्प के नवीनतम रूपों को अपनाया है।  प्रयोगवाद और नयी कविता के पुरस्कर्ताओं में वे अग्रणी हैं। उनकी रचनाप्रकृति हिन्दी में अप्रतिम है और अनेक सम्भावनाओं से युक्त है। हिन्दी के नये कवियों में उनका नाम प्रथम पांक्तोय है। ‘अज्ञेय’ के साथ शमशेर ने हिन्दी-कविताओं में रचना-पद्धति की नयी दिशाओं को उद्धाटित किया है और छायावादोत्तर काव्य को एक गति प्रदान की है।

शमशेर बहादुर सिंह के कार्यक्षेत्र –

रूपाभ’, इलाहाबाद में कार्यालय सहायक (१९३९), ‘कहानी’ में त्रिलोचन के साथ (१९४०), ‘नया साहित्य’, बंबई में कम्यून में रहते हुए (१९४६, माया में सहायक संपादक (१९४८-५४), नया पथ और मनोहर कहानियाँ में संपादन सहयोग। दिल्ली विश्वविद्यालय में विश्वविद्यालय अनुदान की एक महत्वपूर्ण परियोजना ‘उर्दू हिन्दी कोश’ का संपादन (१९६५-७७), प्रेमचंद सृजनपीठ, विक्रम विश्वविद्यालय के अध्यक्ष (१९८१-८५) रहे थे। 

शमशेर बहादुर सिंह की महत्वपूर्ण कृतियां –

काविता-संग्रह:- कुछ कविताएं (१९५६), कुछ और कविताएं (१९६१), चुका भी नहीं हूं मैं (१९७५), इतने पास अपने (१९८०), उदिता – अभिव्यक्ति का संघर्ष (१९८०), बात बोलेगी (१९८१), काल तुझसे होड़ है मेरी (१९८८)। शमशेर का समग्र गद्य कु्छ गद्य रचनायें तथा कुछ और गद्य रचनायें नामक पुस्तकों में संग्रहित हैं ! उनकी प्रमुख कविताओं में ‘अमन का राग’१९५२ ‘एक पीली शाम'(१९५३),’एक नीला दरिया बरस रहा’ प्रमुख है।

  • निबन्ध-संग्रह:- दोआब
  • कहानी-संग्रह”:- प्लाट का मोर्चा

शमशेर बहादुर सिंह की रचनाएँ –

  • ‘कुछ कविताएं’ (1956)
  •  कुछ और कविताएं’ (1961)
  • ‘शमशेर बहादुर सिंह की कविताएं’ (1972)
  • ‘इतने पास अपने’ (1980)
  • ‘उदिता : अभिव्यक्ति का संघर्ष’ (1980)
  • ‘चुका भी हूं नहीं मैं’ (1981)
  • ‘बात बोलेगी’ (1981)
  • ‘काल तुझसे होड़ है मेरी’ (1988)
  • ‘शमशेर की ग़ज़लें’।

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शमशेर बहादुर सिंह की गद्य रचना –

  • दोआब’ निबंध- संग्रह (1948)
  • प्लाट का मोर्चा’ कहानियां व स्केच (1952)
  • शमशेर की डायरी।’

शमशेर बहादुर सिंह का अनुवाद –

  • सरशार के उर्दू उपन्यास ‘कामिनी’
  • ‘हुशू’
  • ‘पी कहां।’
  • एज़ाज़ हुसैन द्वारा लिखित उर्दू साहित्य का इतिहास ।
  • ‘षडयंत्र’ (सोवियत संघ-विरोधी गतिविधियों का इतिहास)
  • ‘वान्दावासिलवास्का’ (रूसी) के उपन्यास ‘पृथ्वी और आकाश’
  • ‘आश्चर्य लोक में एलिस’।

शमशेर बहादुर सिंह की विचारधारा – 

कवी शमशेर बहादुर सिंह हिन्दी साहित्य में माँसल एंद्रीए सौंदर्य के अद्वीतीय चितेरे और आजीवन प्रगतिवादी विचारधारा के समर्थक रहे। उन्होंने स्वाधीनता और क्रांति को अपनी निजी चीज़ की तरह अपनाया। इंद्रिय सौंदर्य के सबसे संवेदनापूर्ण चित्र देकर भी वे अज्ञेय की तरह सौंदर्यवादी नहीं हैं। उनमें एक ऐसा ठोसपन है, जो उनकी विनम्रता को ढुलमुल नहीं बनने देता। साथ ही किसी एक चौखटे में बंधने भी नहीं देता। सूर्यकान्त त्रिपाठी ‘निराला’ उनके प्रिय कवि थे। उन्हें याद करते हुए शमशेर सिंह बहादुर ने लिखा था – “भूल कर जब राह, जब-जब राह.. भटका मैं/ तुम्हीं झलके हे महाकवि सघन तम की आंख बन मेरे लिए।”

समसेर के राग-विराग गहरे और स्थायी थे। अवसरवादी ढंग से विचारों को अपनाना, छोड़ना उनका काम नहीं था। अपने मित्र और कवि केदारनाथ अग्रवाल की तरह वे एक तरफ़ ‘यौवन की उमड़ती यमुनाएं’ अनुभव कर सकते थे,वहीं दूसरी ओर ‘लहू भरे ग्वालियर के बाज़ार में जुलूस’ भी देख सकते थे। उनके लिए निजता और सामाजिकता में अलगाव और विरोध नहीं था, बल्कि दोनों एक ही अस्तित्व के दो छोर थे। शमशेर बहादुर सिंह उन कवियों में से थे, जिनके लिए मा‌र्क्सवाद की क्रांतिकारी आस्था और भारत की सुदीर्घ सांस्कृतिक परंपरा में विरोध नहीं था। 

शमशेर बहादुर सिंह की साहित्यिक वैशिष्ट्य –

कवी शमशेर सौंदर्य के अनूठे चित्रों के स्रष्टा के रूप में हिंदी में सर्वमान्य हैं। वे स्वयं पर इलियट-एजरा पाउंड-उर्दू दरबारी कविता का रुग्ण प्रभाव होना स्वीकार करते हैं। लेकिन उनका स्वस्थ सौंदर्यबोध इस प्रभाव से ग्रस्त नहीं है।

  • मोटी धुली लॉन की दूब,
  • साफ मखमल-सी कालीन।
  • ठंडी धुली सुनहली धूप।
  • बादलों के मौन गेरू-पंख, संन्यासी, खुले है/ श्याम पथ पर/ स्थिर हुए-से, चल।

‘टूटी हुई, बिखरी हुई’ प्रतिनिधि कविताएँ नहीं मानी जाती। उनमें शमशेर ने लिखा है-

  • ‘दोपहर बाद की धूप-छांह
  • में खड़ी इंतजार की ठेलेगाड़ियां/ जैसे मेरी पसलियां.
  • खाली बोरे सूजों से रफू किये जा रहे हैं।.
  • जो/ मेरी आंखों का सूनापन है।’

शमशेर के लिए मा‌र्क्सवाद की क्रांतिकारी आस्था और भारत की सुदीर्घ सांस्कृतिक परंपरा में विरोध नहीं था। उषा शीर्षक कविता में उन्होंने भोर के नभ को नीले शंख की तरह देखा है।

प्रात नभ था बहुत नीला शंख जैसे –

वैदिक कवियों की तरह वे प्रकृति की लीला को पूरी तन्मयता से अपनाते है-

  • जागरण की चेतना से मैं नहा उट्ठा।

सूर्य मेरी पुतलियों में स्नान करता।

  • सूर्य मेरी पुतलियों में स्नान करता

केश-तन में झिलमिला कर डूब जाता..

वे सामाजिक-सांस्कृतिक जीवन में सांप्रदायिकता के विरोधी और समाहारता के समर्थक थे। उन्होंने स्वयं को ‘हिंदी और उर्दू का दोआब’ कहा है। रूढि़वाद-जातिवाद का उपहास करते हुए वे कहते हैं

  • ‘क्या गुरुजी मनु ऽ जी को ले आयेंगे?
  • हो गये जिनको लाखों जनम गुम हुए।’
  • शमशेर बहादुर सिंह के सम्मान और पुरस्कार

शमशेर बहादुर सिंह को देर से ही सही, बडे-बडे पुरस्कार भी मिलेथे

  •  साहित्य अकादमी (1977),
  • मैथिली शरण गुप्त पुरस्कार (1987),
  • कबीर सम्मान (1989) आदि। 

Shamsher Bahadur सिंह की प्रतिनिधि पंक्तियाँ –

हाँ, तुम मुझसे प्रेम करो जैसे मछलियाँ लहरों से करती हैं

  • …जिनमें वह फँसने नहीं आतीं,
  • जैसे हवाएँ मेरे सीने से करती हैं
  • जिसको वह गहराई तक दबा नहीं पातीं,

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शमशेर बहादुर सिंह का मृत्यु  – (Shamsher Bahadur Singh Death)

Shamsher bahadur ने 12 मई, 1993 को दुनिया से अलविदा कहा। डॉ. रंजना अरगड़े के अनुसार “जब उन्हें हार्ट अटैक आया तो अस्पताल में लगभग 72 घंटे से भी कम रहे। वह बहुत पीड़ा का समय तो नहीं था। लेकिन उन्हें शायद अंदाज़ा हो गया था कि अब जाने का समय आ गया है। मैं उनसे पूछ रही थी कि वे क्या सुनना चाहेंगे ग़ालिब या कुछ और लेकिन वे इनकार में सिर हिलाते रहे। ” वे याद करती हैं, “आख़िर में शमशेर ने गायत्री मंत्र सुनने की इच्छा जताई। उज्जैन में जब वे थे तो संस्कृत की छूटी हुई कड़ी वहीं हाथ आ गई थी। मैं गायत्री मंत्र बोल रही थी और वे साथ में बोलते जा रहे थे। मंत्र बोलते -बोलते जब वे चुप हो गए तो मैं जान गई थी कि अब वे नहीं हैं।”

Shamsher Bahadur Singh Biography Video –

shamsher bahadur history in hindi

शमशेर बहादुर सिंह के रोचक तथ्य –

  • कवि ने पाठकों के साथ ही कवियों को भी चुनौतीमय संदेश दिया है।
  • कि वे परंपरा से हटकर प्रकृति के प्रति लोगों का अनुराग जगाएँ।
  • शमशेर बहादुर सिंह आठ या नौ वर्ष के ही थे, तब उनकी माँ की मृत्यु हो गई। 
  • युवाकाल में शमशेर बहादुर सिंह वामपंथी विचारधारा और प्रगतिशील साहित्य से प्रभावित हुए थे।
  • कविवर शमशेर बहादुर सिंह प्रेम और सौंदर्य के कवि हैं।
  • शमशेर की कविता में उलझनभरी संवेदनशीलता अधिक है।

Shamsher Bahadur FAQ –

Q : अपनी पत्नी की मृत्यु पर शमशेर बहादुर सिंह ने कौन सी कविता लिखी ?

Ans : उन्होंने अनूठे माँसल एंद्रीए बिंबों कविता उनकी पत्नी की मृत्यु पर लिखी थी। 

Q : शमशेर बहादुर सिंह का जन्म कब हुआ ?

Ans : 13 जनवरी 1911 के दिन शमशेर बहादुर सिंह का जन्म हुआ था। 

Q : शमशेर बहादुर सिंह का जन्म कहाँ हुआ था ?

Ans : देहरादून में शमशेर बहादुर सिंह का जन्म  हुआ था। 

Q : शमशेर बहादुर सिंह का बचपन का नाम क्या था ?

Ans : उन दोनों भाईयो को उनकी माता ‘राम-लक्ष्मण की जोड़ी कहा करते थे। 

Q : शमशेर बहादुर सिंह किस युग के कवि हैं ? 

Ans : शमशेर बहादुर सिंह 1911-1993 के युग के कवी थे। 

Q : शमशेर बहादुर सिंह कहां के रहने वाले थे ?

Ans : शमशेर बहादुर गाँव उत्तरप्रदेश के मुज़फ्फ़रनगर जिले के रहने वाले और देहरादून उनका ननिहाल था।

Q : शमशेर बहादुर सिंह को किस रचना के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार प्राप्त हुआ ?

Ans : 1977 की साल में “चुका भी हूँ मैं नहीं ” के लिये साहित्य अकादमी पुरस्कार प्राप्त हुआ था। 

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Conclusion –

दोस्तों आशा करता हु आपको मेरा यह आर्टिकल Shamsher Bahadur Singh Biography In Hindi आपको बहुत अच्छी तरह पसंद आया होगा इस लेख के जरिये  हमने shamsher bahadur singh ka janm kahan hua tha और shamsher bahadur singh kis kaal ke kavi hain से सबंधीत  सम्पूर्ण जानकारी दे दी है अगर आपको इस तरह के अन्य व्यक्ति के जीवन परिचय के बारे में जानना चाहते है तो आप हमें कमेंट करके जरूर बता सकते है। और हमारे इस आर्टिकल को अपने दोस्तों के साथ शयेर जरूर करे। जय हिन्द ।

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Biography of Harivansh Rai Bachchan - हरिवंश राय बच्चन की जीवनी परिचय

Harivansh Rai Bachchan Biography In Hindi | हरिवंश राय बच्चन की जीवनी

नमस्कार मित्रो लेख में आपका स्वागत है आज हम Harivansh Rai Bachchan Biography In Hindi में हिंदी भाषा के प्रमुख कवी और प्रतापगढ़ जिले में एक छोटे से गांव बाबूपट्टी में जन्मे हरिवंश राय बच्चन का जीवन परिचय इन हिंदी बताने वाले है। 

27 नवम्बर 1907 को जन्मे हरिवंश राय बच्चन ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय में अंग्रेजी का अध्यापन किया और कवि और लेखक बने थे। साथ ही भारत सरकार के विदेश मंत्रालय में हिन्दी विशेषज्ञ रह चुके है। उनका देहांत 18 जनवरी 2003 को मुंबई में सांस की बीमारी के कारन हुई थी।  इलाहाबाद के धरती में जिस दिवाकर ने जन्म लेकर अपनी कलम से पूरी दुनिया को रौशन किया। उन महानुभाव, हिंदी के सपूत का नाम हरिवंशराय बच्चन है। Shyama Harivansh Rai Bachchan in hindi में हालावाद के प्रवर्तक एवं मूर्धन्य कवि छायावाद काल के प्रमुख कवियों में से एक हैं। 

आज Kavi harivansh rai bachchan ki kahani में सब को harivansh rai bachchan son ,harivansh rai bachchan father और harivansh rai bachchan ki kavyagat visheshta in hindi की जानकारी देने वाले है। हाला प्याला और मधुशाला के प्रतीकों से जो बात इन्होंने कही है, वह हिंदी की सबसे अधिक लोकप्रिय कविताएं स्थापित हुई। हरिवंशराय बच्चन का वास्तविक नाम हरिवंश श्रीवास्तव था। हरिवंश राय जी को बाल्यकाल में बच्चन कहा जाता था। बाद में वे इसी नाम से मशहूर हुए थे ,आज आपको हरिवंश राय बच्चन की आत्मकथा ,हरिवंश राय बच्चन का साहित्यिक योगदान और हरिवंश राय बच्चन की जीवन शैली की रोचक तथ्य से आपको ज्ञात करवाते है। 

Harivansh Rai Bachchan Biography In Hindi –

 नाम

हरिवंश राय श्रीवास्तव उर्फ़ बच्चन

 जन्म

27 नवम्बर 1907

हरिवंश राय बच्चन का जन्म स्थान

बाबुपत्ति गाव। (प्रतापगढ़ जि.)

 पिता

प्रताप नारायण श्रीवास्तव

 माता

सरस्वती देवी

 पत्नी

 श्यामा बच्चन, उनके मृत्यु के बाद तेजी बच्चन से विवाह

 सन्तान

अमिताभ और अजिताभ

 

 कार्यक्षेत्र

लेखक, कवि, विचारक, स्वतन्त्रतासेनानी

 राष्ट्रीयता

भारतीय

 शिक्षा

पी॰ एच॰ डी॰

 उपलब्धि

बीसवीं सदी के नवीनतम और सुप्रसिद्ध कवि,“मधुशाला” के रचयिता, पद्म श्री से सम्मानित

 मृत्यु 

18 जनवरी, 2003 (96 वर्ष) 

 मृत्यु स्थान

मुंबई

हरिवंश राय बच्चन की जीवनी –

हरिवंश राय बच्चन का जन्म (date of birth) 27 नवंबर, 1907 में इलाहाबाद के समीप प्रतापगढ़ जिले में एक छोटे से गांव बाबूपट्टी में एक कायस्थ परिवार में हुआ था। बच्चन के पिता का नाम प्रतापनारायण श्रीवास्तव तथा माता का नाम सरस्वती देवी था। उन्होंने प्रयाग विश्वविधालय से अंग्रेजी साहित्य में एमए किया और पीएचडी की उपाधि कैम्ब्रिजविश्विद्यालय से प्राप्त की। कुछ समय तक उनका संबंध आकाशवाणी के साहित्यिक कार्यक्रमों से रहा। उनका विवाह 19 वर्ष की अवस्था में ही श्यामा के साथ हो गया था। सन 1936 में श्यामा की छय रोग से अकाल मृत्यु हो गयी थी। जिसके बाद बच्चन ने तेजी सूरी के साथ विवाह किया। उन्हें दो पुत्र हुए। अभिताभ एवं अजिताभ है। 

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हरिवंश राय बच्चन की शिक्षा –

Harivansh Rai Bachchan story in hindi में आपको ज्ञात करदे की उन्होंने अपनी प्राथमिक शिक्षा जिला परिषद प्राथमिक स्कूल से सम्पन्न की थी। उसके बाद वह कायस्थ पाठशाला से आगे का अध्ययन करने के लिए जुड़े, जहां उन्होने अपनी खानदानी परंपरा आगे बढ़ाते हुए उर्दू का अभ्यास किया। उसके बाद उन्होंने प्रयाग विश्वविद्यालय में एमए की पढाई की। आगे चल कर फिर उन्होने “डबल्यू बी यीट्स” नाम के प्रसिद्ध अंग्रेज़ी कवि की रचनाओं पर शोध करते हुए अपना पी॰एच॰डी॰ का अभ्यास कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से पूर्ण किया था । 

हरिवंश राय बच्चन के विवाह –

हरिवंश राय और श्यामा देवी (प्रथम पत्नी)

Harivansh rai bachchan wife की बात करे तो बच्चन जी की पहली शादी श्यामा देवी से हुई थी। इस विवाह के वक्त वह सिर्फ 19 वर्ष के थे। और उनकी पत्नी 14 वर्ष की थीं। बड़े दुर्भाग्य की बात है की उनका लग्न संबद्ध दीर्घ काल तक जीवंत नहीं रह सका चूँकि श्यामा देवी को 24 वर्ष की आयु में टीबी रोग नें घेर लिया। जिस कारण, वर्ष 1936 में उनकी अकाल मृत्यु हो गयी।

हरिवंश राय और तेजी बच्चन (दूसरी पत्नी)

समय की धारा आगे बढ़ी। पाँच साल यूँही बीत गए। वर्ष 1941 में बच्चन जी का दूसरा विवाह तेजी बच्चन से हुआ। और उन दोनों की दो संतान हुईं। इन दोनों के दो पुत्रों में एक बॉलीवुड सुपर स्टार अमिताभ बच्चन अदाकार हैं। और दूसरे पुत्र अजिताभ (छोटे बेटे) एक बिजनेस मैन बने। तेजी बच्चन भारत की पूर्व प्रधान मंत्री श्री इन्दिरा गांधी के बेहद करीबी दोस्त मानी जाती थीं। 

हरिवंश राय Bachchan और तेजी बच्चन के बड़े पुत्र अमिताभ जब कुली फिल्म की शूटिंग में घायल हुए तब राजीव गांधी अमरीका से और इन्दिरा गांधी दिल्ली से उन्हे देखने आ पहुंचे थे। इसी बात से बच्चन परिवार और गांधी परिवार के गहरे रिश्ते का कयास लगाया जा सकता है। पति की मृत्यु के महज़ पाँच वर्ष बाद ही वर्ष 2007 में तेजी बच्चन का भी स्वर्गवास हो गया। मृत्यु के समय उनकी आयु 93 वर्ष थी। 

Harivansh Rai Bachchan एक सुप्रसिद्ध कवि –

बच्चन सदैव हिंदी भाषा को विशेष महत्व और सम्मान देते थे। Harivanshrai bachan को श्रीमद्भागवत गीता, मैकबेथ और शेक्सपियर के सटीक हिंदी अनुवादों के लिए जाना जाता है। Hariwans rai bachan सुप्रसिद्ध कवि होने के साथ-साथ एक ज्ञानवान विचारक और लेखक भी थे। 1935 में उनकी लिखी कविता “मधुशाला” ने उन्हें प्रसिद्ध बना दिया। मधुशाला की कड़ी में उन्होंने दो और कविताएँ लिखीं थी – मधुबाला और मधुकलश। इलाहाबाद विश्वविद्यालय से उन्हें “भूत काल का गर्वित छात्र” सम्मान मिला था। 

Harish rai bachchan in hindi में आपको बतादे की इलाहाबाद विद्यापीठ में 1941 से वर्ष 1952 तक अंग्रेजी भाषा का ज्ञान ग्रहण कर लेने के उपरांत वह सैंटकैथरीनकॉलेज, कैम्ब्रिज चले गए, जहाँ से उन्होंने पीएचडी की। Harivansh Rai बच्चन कैम्ब्रिज से इंग्लिश लिटरेचर में डॉक्टरेट करने वाले दूसरे भारतीय हैं। 1955 में हरिवंशराय दिल्ली चले गए और वहाँ उन्होंने विदेश मंत्रालय के एक विशेष अधिकारी के रूप में 10 साल तक काम किया। उन्होंने 1984 में इंदिरा गांधी की हत्या पर अपनी अंतिम कृति कविता लिखी थी। 

हरिवंश राय बच्चन की प्रमुख रचनाएँ –

  • लहरों से डरकर नौका कभी पर नहीं होती, कोशिश करने वालों की कभी हार नही होती। 
  • मन का विश्वास रगों में साहस भरते जाता है, चढ़ कर गिरना, गिरकर चढ़ना न अखरता है। 
  • आखिर उसकी मेहनत बेकार नही होती, कोशिश करने वालों की कभी हार नही होती। 

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Harivansh Rai Bachchan की बिंब योजना –

कवि Harivansh bachchan की बिंब योजना अत्यंत सुंदर है। इन्होंने भावना अनुरूप बिंब योजना की है। ऐंद्रियबोधक बिंबो के साथ सामाजिक राजनीतिक आदि बिंबों का भी सफल चित्रण हुआ है। रस बच्चन जी प्रेम और सौंदर्य के कवि हैं। अतः उनके साहित्य में श्रृंगार रस के दर्शन होते हैं। श्रृंगार रस के संयोग पक्ष की अपेक्षा उनका मन वियोग पक्ष में अधिक रमा है। उन्होंने वियोग श्रृंगार का सुंदर वर्णन किया है। इसके साथ रहस्यात्मकता को प्रकट करने के लिए शांत रस की भी अभिव्यंजना की है। वस्तुत हरिवंश राय बच्चन जी हिंदी साहित्य के लोकप्रिय कवि माने जाते हैं। उन्होंने साहित्य की अनेक विधाओं पर सफल लेखनी चलाकर हिंदी साहित्य की श्रीवृद्धि की है। संभवतः हिंदी साहित्य में उनका स्थान अद्वितीय है।

Harivansh Rai Bachchan द्वारा प्राप्त सम्मान एवम ख्याति –

1955 में हरिवंशराय जी Delhi चले गए और भारत सरकार ने उन्हें विदेश मंत्रालय में हिंदी विशेषज्ञ के रूप में नियुक्त कर लिया. 1966 में इनका नाम राज्य सभा के लिए लिया गया था. 3 साल बाद भारत सरकार द्वारा इनको साहित्य अकादमी अवार्ड दिया गया. 1976 में हिंदी साहित्य में इनके योगदान के लिए पद्म भूषण से सम्मानित किया गया. हरिवंशराय जी को सरस्वती सम्मान, नेहरु अवार्ड, लोटस अवार्ड से भी सम्मानित किया गया था। Harivansh राय बच्चन जी ने शेक्सपियर की Macbeth and Othello को हिंदी में रूपांतरित किया जिसके लिए उन्हें सदैव स्मरण किया जाता है. 1984 में हरिवंशराय जी ने इंदिरा गाँधी की मौत के बाद अपनी आखिरी रचना “1 नवम्बर 1984” लिखी थी। 

हरिवंश राय बच्चन की काव्य शैली –

Harivansh Rai Bachchan ki jivani in hindi में आपको बतादे की वह व्यक्तिवादी गीत कविता या हालावादी काव्य के अग्रणी कवि थे. इनकी प्रसिध्य रचना ‘मधुशाला’ इन्होंने उमर खैय्याम की रूबाइयों से प्रेरित होकर लिखी थी. मधुशाला बेहद प्रसिद्द हुई और कवि प्रेमियों के पसंदीदा कवि के रूप में हरिवंशराय जी का नाम सामने आया। हरिवंशराय जी की मुख्य कृतियां निशा निमंत्रण, मधुकलश, मधुशाला, सतरंगिनी, एकांत संगीत, खादी के फूल, दो चट्टान, मिलन, सूत की माला एवं आरती व अंगारे है. हरिवंशराय बच्चन जी की कई कविताओं को अमिताभ बच्चन ने अपनी आवाज देकर उसे और भी सुंदर बना दिया हैं, पुत्र द्वारा पिता को दिया यह तौहफा बहुत ही दिल को छूने वाला हैं। Harivansh rai bachchan shayari भी बहुत अच्छी लिखते थे। 

हरिवंश राय, तेजी बच्चन और उनके पुत्र अमिताभ के संबद्ध –

Hari rai bachchan अपने बड़े बेटे के फिल्मजगत में जाने पर ज़्यादा खुश नहीं थे। वह चाहते थे की अमित जी नौकरी करें। लेकिन तेजी बच्चन को थिएटर में बहुत रुचि थी। उन्हे तो फिल्म के लिए प्रस्ताव भी आए थे। लेकिन उन्होने गृहिणी जीवन को अधिक महत्व दिया था। Harivansh rai bachchan ka jivan parichay in hindi में आपको ज्ञात करदे की अपने बेटे का फिल्मलाइन की और झुकाव देखते हुए तेजी बच्चन चाहती थीं की उनका पुत्र उसी क्षेत्र में अपना भविष्य बनाए। इसलिए अमिताभ बच्चन के करियर चुनाव में उनका भी आंशिक हाथ रहा था। 

बेटे अमिताभ के फिल्मी करियर की गाड़ी पटरी पर चढ़ते ही उनका नाम उस वक्त की प्रसिद्ध अभिनेत्री जया भादुड़ी से जुडने लगा। तब पिता हरिवंश राय बच्चन नें तुरंत हस्तक्षेप किया और अमित जी और जया को विवाह कर लेने की सलाह दी। आज बच्चन जी के स्वर्गवास को करीब पंद्रह वर्ष बीत चुके हैं फिर भी अमित जी कहते हैं कि काश बाबूजी के साथ कुछ और वक्त बिताने को मिल जाता था। 

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हरिवंश राय बच्चन का साहित्यिक परिचय –

Harivansh rai bacchan ka jivan parichay में आपको ज्ञात करदे की लिखने का उत्साह बच्चन में विद्यार्थी जीवन से ही था। एम.ए के अध्ययन काल में ही फ़ारसी के प्रसिद्ध कवि ‘उमर ख्य्याम की रुबाईयों का हिन्दी में अनुवाद किया, उन्हे नौजवानों का प्रिय बना दिया। उन्होंनें उसी शैली में अनेक मौलिक रचनायें लिखीं, जो Harivansh rai bachchan books मधुशाला, मधुबाला, मधुकलश आदि में संग्रहित हैं। अपनी गेयता, सरलता, सरसता के कारण ये काव्य संग्रह बहुत ही पसंद किये गये। बच्चन आधुनिक काल की वैयक्तिक काव्यधारा के अग्रणी कवि हैं। व्यक्तिप्रधान गीतों के कवि के रूप में उन्होंने आत्मपरकता, निराशा और वेदना को अपने काव्य का विषय बनाया । प्रसिद्ध काव्य कृतियों में निशा निमंत्रण, मिलनयामिनी, धार के इधर उधर, मुख्य हैं।

Harivansh rai bachhan की गद्य रचनाओं में – क्या भूलूं क्या याद करूं, टूटी छूटी कडियाँ, नीड का निर्माण फिर फिर आदि प्रमुख हैं। विषय और शैली की दृष्टि से स्वाभाविकता बच्चन की कविताओं का उल्लेखनीय गुण है। उनकी भाषा बोलचाल की भाषा होते हुए भी प्रभावशाली है। लोकधुनों पर आधारित अनेकों गीत लिखें हैं। सहजता और संवेदनशीलता उनकी कविता का एक विशेष गुण है। यह सहजता और सरल संवेदना कवि की अनुभूति मूलक सत्यता के कारण उपलब्ध हो सकी। बच्चन जी ने बडे साहस, धैर्य और सच्चाई के साथ सीधी-सादी भाषा में सहज कल्पनाशीलता, जीवन्त बिम्बों से सजाकर सँवारकर अनूठे गीत हिन्दी को दिए। 18 जनवरी सन् 2003 को मुम्बई में निधन हो गया। अगर Harivansh rai bachchan quotes in hindi की जनकरीचहियेतो कॉमेंट जरूर करे। 

हरिवंश राय बच्चन कविताएँ –

  • तेरा हार। (1932)
  • मधुशाला। (1935)
  • मधुबाला। (1936)
  • मधुकलश। (1937)
  • निशा निमन्त्रण। (1938)
  • एकांत-संगीत। (1939)
  • आकुल अंतर। (1943)
  • सतरंगिनी। (1945)
  • हलाहल। (1946)
  • बंगाल का काल। (1946)
  • खादी के फूल। (1948)
  • सूत की माला। (1948)
  • मिलन यामिनी। (1950)
  • प्रणय पत्रिका। (1955)
  • धार के इधर उधर। (1957)
  • आरती और अंगारे। (1958)
  • बुद्ध और नाचघर। (1958)
  • त्रिभंगिमा। (1961)
  • चार खेमे चौंसठ खूंटे। (1962)
  • चिड़िया का घर।
  • सबसे पहले।
  • काला कौआ।

हरिवंश राय की रचनाएँ –

  • युग की उदासी।
  • आज मुझसे बोल बादल।
  • क्या करूँ संवेदना लेकर तुम्हारी।
  • साथी सो ना कर कुछ बात।
  • तब रोक ना पाया मैं आंसू।
  • तुम गा दो मेरा गान
  • आज तुम मेरे लिये हो।
  • मनुष्य की मूर्ति।
  • हम ऐसे आज़ाद।
  • उस पार न जाने क्या होगा।
  • रीढ़ की हड्डी।
  • हिंया नहीं कोऊ हमार!
  • एक और जंज़ीर तड़कती है,
  • जीवन का दिन बीत चुका था छाई थी जीवन की रात।
  • हो गयी मौन बुलबुले-हिंद।
  • गर्म लोहा।
  • टूटा हुआ इंसान।
  • मौन और शब्द।
  • शहीद की माँ।
  • क़दम बढाने वाले: कलम चलाने वाले।
  • एक नया अनुभव।
  • दो पीढियाँ।
  • क्यों जीता हूँ।
  • कौन मिलनातुर नहीं है?
  • तीर पर कैसे रुकूँ मैं आज लहरों में निमंत्रण!
  • क्यों पैदा किया था

फिल्मों में हरिवंश राय बच्चन की रचनाओं का प्रयोग –

सिलसिला मूवी का अमिताभ बच्चन पर फिल्माया प्रसिद्द गाना “रंग बरसे” हरिवंशराय जी द्वारा ही लिखा गया था।

अग्निपथ मूवी में बार-बार बोली गयी पंक्ति “अग्निपथ…अग्निपथ…अग्निपथ” भी उन्ही की रचना है।

“अलाप” मूवी का प्रसिद्द गाना, ‘ कोई गाता मैं सो जाता” भी उन्ही की कृति है।

Harivansh Rai Bachchan Awards –

  • सोवियत लैंड नेहरू पुरस्कार
  • एफ्रो एशियाई सम्मेलन का कमल पुरस्कार
  • बिड़ला फाउण्डेशन द्वारा सरस्वती सम्मान
  • 1976 में पद्म भूषण सम्मान

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हरिवंशराय बच्चन का मृत्यु –

Harivansh राय Bachchan जी का 18 जनवरी 2003 में 95 वर्ष की आयु में बम्बई में निधन हो गया। Harivansh ray bacchan ने 95 वर्ष के जीवन में Harivanshrai bachchan ने पाठको एवम श्रोताओं को अपनी कृतियों के रूप में जो तौहफा दिया हैं वो सराहनीय हैं म्रत्यु तो बस एक क्रिया हैं जो होना स्वाभाविक हैं। लेकिन हरिवंशराय बच्चन जी अपनी कृतियों के जरिये आज भी जीवित हैं। और हमेशा रहेंगे और याद किये जायेंगे इनकी रचनाओं ने इतिहास रचा और भारतीय काव्य को नयी दिशा दी जिसके लिए सभी इनके आभारी हैं।

और गौरवान्वित भी कि ऐसे महानुभाव ने भारत भूमि पर जन्म लिया हरिवंशराय बच्चन जैसे महान कवी कम ही मिलते हैं ऐसी विचारधारा वाले कवी कई सदियों में एक एक बार ही जन्म लेते हैं . उनकी सभी रचनाये देश के लिए धरोहर हैं, जिनका सम्मान हम सभी का हक़ एवम कर्तव्य हैं। 

Harivansh rai Bachchan Biography Video –

Harivansh Rai Bachchan के रोचक तथ्य –

  • हरिवंशराय बच्चन का वास्तविक नाम हरिवंश श्रीवास्तव था , हरिवंश राय जी को बाल्यकाल में बच्चन कहा जाता था।
  • Harish rai bachan का जन्म 27 नवंबर, 1907 में इलाहाबाद के समीप प्रतापगढ़ जिले में एक छोटे से गांव बाबूपट्टी में एक कायस्थ परिवार में हुआ था।
  •  बच्चन के पिता का नाम प्रतापनारायण श्रीवास्तव तथा माता का नाम सरस्वती देवी था।
  • अमिताभ जब कुली फिल्म की शूटिंग में घायल हुए तब राजीव गांधी अमरीका से और इन्दिरा गांधी दिल्ली से उन्हे देखने आ पहुंचे थे। 
  • 1976 में हिंदी साहित्य में इनके योगदान के लिए पद्म भूषण से सम्मानित किया गया। 

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FAQ –

1 .हरिवंश राय बच्चन का जन्म कहाँ हुआ था ? हरिवंश राय बच्चन का जन्म कब हुआ

हरिवंश राय बच्चन का जन्म इलाहाबाद के समीप प्रतापगढ़ जिले में हुआ था।

2 .हरिवंश राय बच्चन के कितने बच्चे हैं ?

अमिताभ बच्चन और अजिताभ बच्चन Harivamsa rai bachan के बेटे है।

3 .हरिवंश राय बच्चन के पिता का नाम क्या था ?

प्रताप नारायण श्रीवास्तव हरिवंश राय बच्चन के पिता थे।

4 .हरिवंश राय बच्चन की मृत्यु कब हुई ?

उनकी मृत्यु 18 जनवरी 2003 के दिन हुई थी।

5 .हरिवंश राय बच्चन की पत्नी का क्या नाम है ?

Harivanshrai bacchan की पत्नी का नाम तेजी बच्चन और श्यामा है।

6 .हरिवंश राय बच्चन द्वारा लिखी गई आखिरी कविता का नाम क्या है ?

हरिवंश राय बच्चन द्वारा लिखी गई आखिरी कविता का नाम एक नवंबर 1984 जो इंदिरा की हत्या पर आधारित है।

Conclusion –

दोस्तों आशा करता हु आपको मेरा यह आर्टिकल Harivansh Rai Bachchan Biography In Hindi आपको बहुत अच्छी तरह से समज आ गया होगा और पसंद भी आया होगा । इस लेख के जरिये  हमने harivansh rai bachchan family और harivansh rai bachchan poems in hindi से सबंधीत  और Information about harivansh rai bachchan in hindi की सम्पूर्ण जानकारी दे दी है अगर आपको इस तरह के अन्य व्यक्ति के जीवन परिचय के बारे में जानना चाहते है। या Autobiography of harivansh rai bachchan in hindi जानना है। तो आप हमें कमेंट करके जरूर बता सकते है। और हमारे इस आर्टिकल को अपने दोस्तों के साथ शयेर जरूर करे। जय हिन्द ।

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