Galileo Galilei Biography In Hindi | गैलीलियो गैलीली की जीवनी

नमस्कार मित्रो आज के हमारे लेख में आपका स्वागत है आज हम Galileo Galilei Biography आपको बताने वाले है। विस्व के महान विज्ञानी ने अपने जीवनकाल में गैलीलियो गैलिली की खोज और इसकी सारी जानकारी हम लेके आये है। 

आज हमारे आर्टिकल से आपको what was galileo famous for ?, Galileo Galilei achievements और galileo education की माहिती हमारी पोस्ट के जरिये सबको देने वाले है। इटली के वैज्ञानिक और महान गैलीलियो आविष्कारक थे तथा दूरदर्शी के विकास में उनका अतुलनीय सहयोग था। इस महान विचारक का जन्म आधुनिक इटली के पीसा नामक शहर में एक संगीतज्ञ परिवार में हुआ था। आधुनिक इटली का शहर पीसा 15 फ़रवरी 1564 केा महान वैज्ञानिक गैलीलियो गैलिली के जन्म को भी ईश्वर की रचना का दोष मानकर ऐतिहासिक भूल कर बैठा था।

वैज्ञानिक galileo galilei telescope की भी खोज की है। galileo story in hindi में आपको बताये की उसके द्वारा प्रतिपादित सिंद्वांतो से धार्मिक मान्यताओं का खंडन होता था। जिसके लिये गैलीलियो को ईश्वरीय मान्यताओं से छेडछाड करने के लिये सारी उम्र कारावास की सजा सुनायी गयी। इनके पिता विन्सौन्जो गैलिली उस समय के जाने माने संगीत विशेषज्ञ थे। वे “ल्यूट” नामक वाद्य यंत्र बजाते थे, यही ल्यूट नामक यंत्र बाद में गिटार और बैन्जो के रूप में विकसित हुआ। तो चलिए गैलीलियो गैलीली ने दूरबीन का आविष्कार किस वर्ष किया और गैलीलियो गैलिली के बारे में बताते है। 

Galileo Galilei Biography In Hindi –

 नाम Galileo Galilei
 जन्म  15 फरवरी,1565
Galileo ka janm kahan hua tha  पीसा शहर ( इटली )
 पिता  विन्सौन्जो गैलिली
 मृत्यु  8 जनवरी 1642
 मृत्यु स्थान  जेल में 

गैलीलियो का जीवन परिचय – Galileo Galilei Information In Hindi

galileo kaun the ?

गैलीलियो गैलिली तस्वीरें
गैलीलियो गैलिली तस्वीरें

गैलीलियो इटली का निवासी था और उनका जन्म पीसा शहर में हुआ था। 

अपनी संगीत रचना के दौरान विन्सौन्जो गैलिली ने तनी हुयी डोरी या तार के

तनाव और उससे निकलने वाले स्वरों का गहनता से अध्ययन किया। 

तथा यह पाया कि डोरी या तार के तनाव और उससे निकलने वाली आवाज में संबंध है।

पिता के द्वारा संगीत के लिये तनी हुयी डोरी या तार से निकलने वाली ध्वनियों के

अंतरसंबंधों के परिणामों का वैज्ञानिक अध्ययन उनके पुत्र गैलीलियो द्वारा किया गया।

इस अध्ययन को करने के दौरान बालक गैलीलियो के मन में सुग्राहिता पूर्ण प्रयोग करते हुये।

उनके परिणामो को आत्मसात करने की प्रेरणा प्रदान करली थी। 

इसे भी पढ़े :- एडोल्फ हिटलर की जीवनी

गैलीलियो का सिद्धांत और प्रयोग प्रेषणा –

गैलिलियो बायोग्राफी इन हिंदी में बतादे की उन्होंने पाया कि प्रकृति के नियम एक दूसरे कारकों से प्रभावित होते हैं और किसी एक के बढने और घटने के बीच गणित के समीकरणों जैसे ही संबंध होते है। इसलिये उन्होने कहा किः-‘ ईश्वर की भाषा गणित है। इस महान गणितज्ञ और वैज्ञानिक ने ही प्रकाश की गति को नापने का साहस किया। इसके लिये गैलीलियो और उनका एक सहायक अंधेरी रात में कई मील दूर स्थित दो पहाड़ की चोटियों पर जा बैठे। जहां से गैलीलियो ने लालटेन जलाकर रखी, अपने सहायक का संकेत पाने के बाद उन्हें लालटेन और उसके खटके के माध्यम से प्रकाश का संकेत देना था। दूसरी पहाड़ी पर स्थित उनके सहायक को लालटेन का प्रकाश देखकर अपने पास रखी दूसरी लालटेन का खटका हटाकर पुनः संकेत करना था।

About galileo galilei in hindi में बताये की दूसरी पहाड़ की चोटी पर चमकते प्रकाश को देखकर गैलीलियो को प्रकाश की गति का आकलन करना था। इस प्रकार Galileo Galilei ने जो परिणाम पाया वह बहुत सीमा तक वास्तविक तो न था परन्तु प्रयोगों की आवृति और सफलता असफलता के बाद ही अभीष्‍ट परिणाम पाने की जो मुहिम उनके द्वारा प्रारंभ की गयी वह अद्वितीय थी। कालान्तर में प्रकाश की गति और उर्जा के संबंधों की जटिल गुल्थी को सुलझाने वाले महान वैज्ञानिक अल्बर्ट आइन्स्टीन ने इसी कारण उन्हें ‘आधुनिक विज्ञान का पिता ‘ के नाम से संबोधित किया।

गैलीलियो गैलीली के प्राप्तकर्ता – ( Invention of Galileo Galilei )

Galileo Galilei से पहले नामक व्यक्ति ने दूरबीन का आविष्कार कर लिया था और गैलीलियो को जब इसके बारे में पता लगा तो उन्होंने इससे भी शक्तिशाली दूरबीन बना दिया था। इसके बाद गैलीलियो गैलिली ने खगोल विज्ञान की महान खोजे की और विज्ञान को नई दिशा दी। इस शक्तिशाली दूरबीन की सहायता से गैलीलियो ने खगोल पिंडो को निहारा। गैलीलियो ने सर्वप्रथम चाँद के गड्ढे देखे थे। बृहस्पति ग्रह को दूरबीन की सहायता से सर्वप्रथम गैलीलियो ने ही देखा था। गैलीलियो गैलिली ने बृहस्पति के चार चन्द्रमाओ की भी गैलीलियो की खोज है। और कहा था कि ये चारों चन्द्रमा ब्रहस्पति के चक्कर लगाते है। शनि ग्रह के चारो और रिंग्स की खोज गैलीलियो गैलिली ने ही की थी।

गैलीलियो गैलीली और न्यूटन का आगमन –

कॉपरनिकस के सूर्यकेंद्री सिद्धांत ने जहां एक तरफ बाइबिल में उल्लिखित और चर्च द्वारा प्रसारित ज्ञान, दूसरी ओर महान ज्ञानसाधक अरस्तु और टॉलेमी के मत को चुनौती दी थी| वहीं ब्रूनो ने अपने विचार बेबाकी से प्रकट करके चर्च से लोहा लिया और आगे जाकर टाइको ब्राहे के महत्वपूर्ण खगोलीय आंकड़ों की सहायता से जोहांस केप्लर ने ग्रहीय गति के रहस्य को उजागर करते हुए कॉपरनिकस के सिद्धांत में जरूरी सुधार किए।

गैलीलियो का चित्र
गैलीलियो का चित्र

‘कोपरनिकसीय क्रांति’, ‘ब्रूनो की शहादत’ और केप्लर द्वारा ‘ग्रहों की गति के नियमों के प्रतिपादन’ के बाद अभी खगोल विज्ञान में असली क्रांति होनी बाकी थी। उसकी शुरुआत हुई सत्रहवीं सदी में इटली के महान खगोलविद गैलीलियो गैलिली से. अपने समकालीन वैज्ञानिकों से अलग राह अपनाते हुए वैज्ञानिकों के नजरिए में क्रांतिकारी बदलाव ला दिए।  विचारों की सत्यता सिद्ध करने के लिए उस समय आमतौर पर प्रचलित तर्क-वितर्क का ही सहारा नहीं लेते थे, बल्कि अपने सिद्धांत को साबित करने के लिए प्रयोगों को भी जरूरी मानते थे। गैलीलियो को प्रयोगात्मक विज्ञान का जनक माना जाता है। 

Galileo Galilei के विशिष्ट योगदान से खगोल विज्ञान में एक अत्यंत महत्वपूर्ण मोड़ आया। 1609 में गैलीलियो ने हालैंड के ऐनकसाज हैन्स लिपरशे के द्वारा दूरबीन के आविष्कार के बाद स्वयं पुनर्निर्माण किया सर्वप्रथम खगोल विज्ञान के क्षेत्र में उपयोग किया. गैलीलियो ने अपनी दूरबीन की सहायता से चन्द्रमा पर उपस्थित क्रेटर, बृहस्पति ग्रह के चार प्राकृतिक उपग्रहों सहित सूर्य के साथ परिक्रमा करने वाले सौर कलंकों या सौर धब्बों का भी पता लगाया। 

गैलीलियो और न्यूटन –

गैलीलियो ही वे वैज्ञानिक थे जिन्होंने यह पता लगाया कि सूर्य के पश्चात पृथ्वी का निकटवर्ती तारा प्रौक्सिमा-सेंटौरी है. इसके अतिरिक्त गैलीलियो ने हमें शुक्र की कलाओं से संबंधित ज्ञान तथा कॉपरनिकस के सूर्यकेंद्री सिद्धांत को सत्य प्रमाणित किया. इसलिए गैलीलियो को आधुनिक खगोलशास्त्र के पितामह का भी सम्मान दिया जाता है. गैलीलियो के अमूल्य योगदान को अल्बर्ट आइंस्टाइन तथा स्टीफन हाकिंग जैसे महान वैज्ञानिकों ने नम्रतापूर्वक स्वीकार किया है.

स्टीफन हाकिंग ने अपनी किताब ए ब्रीफ़ हिस्ट्री ऑफ टाइम में लिखा है: “गैलीलियो, शायद किसी अन्य व्यक्ति की तुलना में, आधुनिक विज्ञान के जन्म के लिए अधिक उत्तरदायी थे. गैलीलियो को शुरू से ही कॉपरनिकस के सूर्यकेंद्री सिद्धांत में विश्वास था. वर्ष 1597 में उन्होने केप्लर को लिखा था, “मैं कॉपरनिकस के मॉडल में विश्वास करता हूं. इससे खगोल विज्ञान की बहुत सारी गुत्थियां सुलझ जाती हैं।

Galileo Galilei
Galileo Galilei

इसे भी पढ़े :- करीना कपूर की जीवनी

गैलीलियो गैलीली का विज्ञानी करियर –

जब गैलीलियो ने अपने दूरबीन के जरिए कॉपरनिकस के सिद्धांत के समर्थन में जरूरी प्रमाण इकट्ठे किए, तभी उन्होने इसे सार्वजनिक रूप से समर्थन देना शुरू किया. गैलीलियो ने जब अपनी दूरबीन से देखा तो उन्हें बृहस्पति ग्रह के पास चार छोटे-छोटे ‘तारे’ जैसे दिखाई दिए. गैलीलियो समझ गए कि बृहस्पति ग्रह का अपना एक अलग संसार है। 

उसके इर्द-गिर्द घूम रहे ये पिंड अन्य ग्रहों की तरह पृथ्वी की परिक्रमा करने के लिए बाध्य नहीं हैं. यहीं से टोलेमी और अरस्तु की परिकल्पनाओं की नींव हिल गई. जिनमें ग्रह और सूर्य सहित सभी पिंडों की गतियों का केन्द्र पृथ्वी को बताया गया था. गैलीलियो की इस खोज से सौरमडंल के सूर्यकेंद्री सिद्धांत को बहुत बल मिला। 

जब गैलीलियो ने सूर्यकेन्द्री सिद्धांत का समर्थन करना शुरू किया, उन्हें धर्मगुरुओ और कट्टरपंथियों के विरोध का सामना करना पडा़ और जैसा कि हम जानते हैं कि धार्मिक रूप से ईसाई चर्च ने भूकेंद्री मॉडल को स्वीकृति दे दी थी क्योंकि ब्रह्मांड का यह मॉडल बाइबिल के उत्पत्ति अध्याय के अनुरूप था। 1615 में कैथोलिक चर्च ने गैलीलियो को धर्मविरोधी करार दे दिया. फरवरी 1616 मे वे आरोप मुक्त हो गए, लेकिन चर्च ने सूर्यकेंद्री सिद्धांत को गलत और धर्म के विरुद्ध कहा. गैलीलियो को इस सिद्धांत का प्रचार न करने की चेतावनी दी गई जिसे उसने मान लिया। 

सूर्यकेन्द्री सिद्धांत के दुबारा समर्थन –

1632 मे नई किताब ‘डायलाग कन्सर्निंग द टू चिफ वर्ल्ड सिस्टमस’ मे उनके द्वारा सूर्यकेन्द्री सिद्धांत के दुबारा समर्थन के बाद चर्च ने फिर से धर्मविरोधी घोषित कर दिया। महान वैज्ञानिक को अपना शेष जीवन अपने घर में ही गुजारना पड़ा। गैलीलियो ने पृथ्वी पर पिंडों की गति को प्रभावित करने वाले यांत्रिकी के तात्विक नियमों की खोज की। उन्होंने नियम बनाए वे गिरते हुए पिंडों और लोलकों की गति के उनके व्यापक अध्ययन पर आधारित थे। जानते हैं कि गैलीलियो ने अपनी दूरबीन से बृहस्पति के उपग्रहों की गतियों का विश्लेषण करते हुए कॉपरनिकस के सिद्धांत की पुष्टि की। कुछ नियम बनाए बनाये थे।  

जो सभी पिंडों की गतियों को समान रूप से प्रभावित करते हैं, फिर चाहे पृथ्वी पर फेंका गया पत्थर हो या फिर सूर्य के चारों ओर परिक्रमा करने वाले ग्रहों की बात हो वास्तव में गैलीलियो और उनके समकालीनों के लिए यह बात समझ से परे रही होगी कि खगोलीय पिंडों की गति भी उन्हीं गैलीलियो का नियम से बंधी है। दैनिक जीवन की सामान्य प्रक्षेपित वस्तु बात की घोषणा के लिए सर आइजक न्यूटन का आगमन हुआ। 

सत्रहवीं शताब्दी के दो महान विचारकों का उल्लेख प्रासंगिक होगा. पहले रेने देकार्ते जिन्होंने तर्क और विवेक की राह अपनाई और दूसरे फ्रांसिस बेकन जिन्होंने प्रयोग या आविष्कार को अधिक महत्व दिया. न्यूटन के लिए देकार्ते और बेकन दोनों के ही उदाहरण आवश्यक एवं महत्वपूर्ण थे. न्यूटन को देकार्ते से यह प्रेरणा मिली कि प्रकृति सदैव और हर जगह एकसमान है और उसमें एकरूपता छिपी रहती है।

Galileo Galilei Biography In Hindi

गुरुत्वाकर्षण –

जीवन के तथ्य और सच्चाइयां विस्मयकारी होती हैं। उनके पीछे छिपे सिद्धांतों की गूढ़ता के प्रति वे उदासीन रहते हैं. न्यूटन और सेब की कहानी तो सभी जानते हैं मगर उनके द्वारा प्रस्तावित गुरुत्वाकर्षण के सिद्धांत के पीछे गहन तार्किक विचारशीलता एवं गैलीलियो द्वारा किए गए प्रयोगों को आत्मसात कर एक सार्वभौमिक सच्चाई को अति अनुशासित व विलक्षण रूप से प्रकाशित कर पाने की उनकी क्षमता अद्भुत थी। 

सन 1666 में प्लेग की महामारी फैलने के दौरान न्यूटन अपनी जागीर में रह रहे थे, गुरुत्वाकर्षण के बारे में उनके मन में पहली बार विचार आया. पेड़ से सेब गिरते देखकर गुरुत्वाकर्षण का विचार सूझने का किस्सा उसी दौरान का है. न्यूटन इस निष्कर्ष पर पहुंचे कि जो बल सेब को धरती की ओर खींचता है, वही बल चंद्रमा को पृथ्वी की ओर और पृथ्वी को सूर्य की ओर खींचता है. केप्लर के ग्रहीय गति के नियमों के आधार पर अंततोगत्वा न्यूटन इस निष्कर्ष पर पहुंचे कि केवल पृथ्वी ही नहीं। 

अपितु प्रत्येक ग्रह और विश्व का प्रत्येक कण प्रत्येक दूसरे कण को अपनी ओर आकर्षित करता रहता है. दो कणों के बीच कार्य करनेवाला आकर्षण बल उन कणों के द्रव्यमानों के गुणनफल का (प्रत्यक्ष) समानुपाती तथा उनके बीच की दूरी के वर्ग का व्युत्क्रमानुपाती होता है. कणों के बीच कार्य करनेवाले पारस्परिक आकर्षण को गुरुत्वाकर्षण तथा उससे उत्पन्न बल को गुरुत्वाकर्षण बल कहा जाता है। न्यूटन द्वारा प्रतिपादित उपर्युक्त नियम को न्यूटन का गुरुत्वाकर्षण नियम कहते हैं।

galileo galilei images
galileo galilei images

इसे भी पढ़े :- उपेंद्र राव की जीवनी

गैलीलियो गैलीली का गति नियम –

कभी-कभी इस नियम को ‘गुरुत्वाकर्षण का प्रतिलोम वर्ग नियम’

(इनवर्स स्क्वायर लॉ) भी कहा जाता है. यह galiliyo की एक क्रांतिकारी खोज है। 

Galileo Galilei न्यूटन एक सशक्त गणितज्ञ थे और उनका एक मूलभूत निष्कर्ष था कि एक ठोस गोलक का व्यवहार अपने केंद्र पर अवस्थित एक वज़नी बिंदु की तरह होता है. न्यूटन ने इस बात को आगे बढ़ाते हुए यह दिखा दिया कि ग्रहों के मार्गों का निश्चित निर्धारण किया जा सकता है। साथ ही यह भी कि ग्रह अपने निश्चित मार्ग पर घूमते हुए एक ब्रह्मांडीय घड़ी का काम करते हैं. उन्होंने गणितीय कुशाग्रता एवं परम धैर्य का परिचय देते हुए।

ज्वार–भाटों की, धूमकेतुओं की कक्षाओं की एवं अन्य ब्रह्मांडीय पिंडों के गतिचक्र की गणना की। न्यूटन द्वारा प्रेरित वैचारिक क्रांति के आधार में थी उनकी यह मान्यता कि जो नियम सामान्य आकार की वस्तुओं पर लागू होते हैं, वे वस्तुत: सार्वभौमिक हैं और हर छोटे–बड़े किसी भी आकार या शक्ल के पदार्थ या पिंडों पर लागू होते हैं. अठाहरवी सदी के दौरान ग्रहीय गतियों की समझ के लिए न्यूटन के नियमों की व्यापक छानबीन की गई. मगर क्या न्यूटन के नियम हमारे सौरमंडल के बाहर भी प्रासंगिक है, इसको लेकर कई लोगों ने संदेह प्रकट किया। 

न्यूटन के गुरुत्वाकर्षण के नियम –

1803 में सर विलियम हर्शेल जुड़वा तारों के अध्ययन के आधार पर यह घोषणा कर सके कि कुछ मामलों में ये जोड़े वास्तविक भौतिक युग्मों का प्रतिनिधित्व करते हैं, जो एक दूसरे के चारों ओर चक्कर लगते हैं. हर्शेल के खगोलीय अवलोकनों के आधार पर आगे यह भी स्थापित हुआ कि जिन कक्षाओं को हम देखते हैं वे दरअसल अंडाकार हैं. इस प्रकार दूरस्थ तारों के बारे में न्यूटन के गुरुत्वाकर्षण के नियमों की प्रयोज्यता सिद्ध हुई। यह सवाल कि क्या ब्रह्मांड के समस्त पदार्थों के लिए एक सार्वभौम एवं एकसमान नियम को निर्धारण किया जा सकता है, आखिरकार एक वैज्ञानिक सिद्धान्त के रूप में स्थापित हुआ. इस प्रकार वैज्ञानिक चिंतन के क्षेत्र पहली महान क्रांति हुई. (डिस्क्लेमरः ये लेखक के निजी विचार हैं। 

Galileo Galilei Biography Video In Hindi –

Galileo Galilei को पृथक-वास में जाना पड़ा –

खगोल विज्ञानी और भौतिक शास्त्री गैलीलियो गैलिली को

1630 के दशक के दौरान मुश्किल वक्त का सामना करना पड़ा-

उनकी सेहत ठीक नहीं थी, एक विवादास्पद किताब के लिये उन्हें नजरबंद रखा गया।

और मुकदमे का सामना करना पड़ा तो वहीं उस वक्त प्लेग फैलने की वजह से 

उनके बारे में प्रकाशित एक किताब में घटनाओं का जिक्र किया गया है।

वैज्ञानिक के तौर पर गैलीलियो का सफर 1583 में शुरू हुआ। उन्हें मेडिकल स्कूल से बाहर निकाला गया , तब उन्होंने गणित पढ़ना शुरू किया। 1590 में उन्होंने गति को लेकर अरस्तू के सिद्धांतों की आलोचना शुरू हुई । अरस्तू का कहना था वस्तुएं अंतर्निर्मित संवेग की वजह से चलती हैं। कुछ रुढ़ीवादी चर्चों के संदेशों के प्रति व्यक्तिगत असहमति के बावजूद 16 मई 1630 को पोप अर्बन अष्टम द्वारा रोम में सम्मानित अतिथि के तौर पर मेजबानी की गयी वह यह मानकर रोम से रवाना होते हैं। सूर्य के धब्बों के संदर्भ में गैलीलियो ने अपनी किस पुस्तक में लिखा तो पोप ने उनकी किताब “डायलॉग ऑन द टू चीफ वर्ल्ड सिस्टम्स” के प्रकाशन की मंजूरी दे दी है। 

ऐसा करने के लिये galeli को कुछ मामूली सुधार और शीर्षक में बदलाव करना होगा। लीवियो ने ‘डायलोगो’ को वेटिकन की प्रतिबंधित पुस्तकों की श्रेणी में रख दिया गया। कोई रास्ता न बचता देख अपनी गिरती सेहत के बावजूद गैलीलियो 20 जनवरी 1633 को रोम के लिये रवाना हुए। लेकिन प्लेग के बढ़ते प्रकोप के कारण उन्हें तस्कनी पार करने से पहले खुद पृथक-वास में रहना पड़ा।

गेलेलियो का अंतिम समय – ( Galileo Galilei Last Time )

galileo scientist biography in hindi –

महान Galileo Galilei से पहले निकोलस कोपरनिकस ने बताया था।

कि पृथ्वी गोल है और तमाम ग्रह सूर्य की परिक्रमा करते है।

यही सिद्धान्त गैलीलियो ने बताया और पुरानी मान्यता को नकार दिया।

सभी ग्रह और सूर्य पृथ्वी की परिक्रमा करते है।

यह बहुत बड़ी खोज थी और खगोल विज्ञान में नया विस्तार था।

गैलीलियो ने कोपरनिकस की थ्योरी को सही बताना शुरू कर दिया था।

Galileo Galilei का यह सिद्धान्त धार्मिक मान्यताओं के विरूद्ध था

इसलिये गैलीलियो का विरोध हुआ।

चर्च ने गैलिली को आदेश दिया कि वह इसे अपनी सबसे बड़ी भुल बताए। और माफी मांगे।

उन्होंने दबाव में आकर ऐसा ही किया लेकिन फिर भी उन्हें जेल में डाल दिया गया।

जीवन के आखिरी वर्षो में गैलीलियो की आंखों की रोशनी चली गयी थी।

8 जनवरी 1642 को गैलेलियो की जेल में रहते हुए ही मृत्यु हो गयी थी।

images of galileo galilei
images of galileo galilei

इसे भी पढ़े :- प्रफुल्ल चौकी की जीवनी

Galileo Galilei Facts –

  • galilo को परीक्षा मूलक (प्रयोगात्मक) विज्ञान का जनक माना जाता है।
  • गैलिलियो ने दोलन का सूत्र का प्रतिपादन किया और दूरबीन का आविष्कार किया। 
  • दूरदर्शी यंत्र को अधिक उन्नत बनाया। उसकी सहायता से अनेक खगोलीय प्रेक्षण लिये।
  • कॉपरनिकस के सिद्धान्त का समर्थन किया।
  • gaililiyo को आधुनिक प्रायोगिक खगोलिकी का जनक माना जाता है।
  • लीवियो ने कहा कि पोप के साथ अपनी दोस्ती की ताकत को जरूरत से ज्यादा
  • आंकने और सुधारवाद के बाद के दौर में पोप की कमजोर मनोवैज्ञानिक व
  • राजनीतिक स्थिति को कमतर आंकने वाले गैलीलियो यही मानते रहे कि स्थिति ऐसी बनी रहेगी।
  • करीब 13 साल बाद समतल और दोलकों की मदद से खुद किये गए कई प्रयोगों के बाद
  • उन्होंने पहले “गति के नियम” का सूत्र दिया हालांकि वह 1638 तक उन्हें प्रकाशित नहीं करवा पाए।
  • गैलीलियो के कई साहसी बयानों ने उन्हें कैथोलिक चर्च के साथ टकराव की राह पर ला खड़ा किया।
  • और उन्हें 22 जून 1633 को विधर्म का संदेश देने का दोषी ठहराया गया।
  • खगोल-भौतिक शास्त्री मारियो लीवियो ने गैलीलियो के ऐतिहासिक जीवन-वृतांत पर
  • “गैलीलियो एंड द साइंस डिनायर्स” शीर्षक से एक किताब लिखी है।
  • जो उस व्यक्ति के जीवन की झलकियां दिखाती हैं।
  • “बौद्धिक रूप से कट्टर था और अपने समय के हिसाब से काफी आगे।”

FAQ –

1 .गैलीलियो ने किन 3 चीजों की खोज की ?

gelilio ने शुक्र के चरण , बृहस्पति के चंद्रमा और मिल्की वे के सितारे की खोज की थी। 

2 .गैलीलियो गैलीली कौन है और उसने क्या आविष्कार किया था ?

वह एक महान वैज्ञानिक थे और उन्होंने कई महत्व पूर्ण चीजों की खोज की हुई है। 

3 .गैलीलियो गैलीली में क्या विश्वास था ?

उनको यह विश्वास था की पृथ्वी और अन्य सभी ग्रह सूर्य के चारों ओर घूमते हैं। 

4 .गैलीलियो की मृत्यु कब हुई ? गैलीलियो की मृत्यु कैसे हुई ?

8 जनवरी 1642 को गैलेलियो की जेल में रहते हुए 77 साल की उम्र में मौत हुई थी। 

5 .विज्ञान का जनक किसे कहा जाता है ?

विज्ञानं का जनक गैलीलियो को कहते है। 

6 .क्या गैलीलियो की शादी हुई थी ?

नहीं उन्होंने शादी नहीं की हुई है, मरीना गाम्बा नाम की महिला के बहुत लगाव था। 

7 .गैलीलियो का पूरा नाम क्या है ?

उनका पूरा नाम गैलीलियो गैलीली था। 

8 .विज्ञान का राजा कौन है ?

विज्ञानं का राजा गेलेलियो को कहते है। 

9 .गैलीलियो क्यों महत्वपूर्ण है ?

उन्होंने ज्यादा महत्व पूर्ण खोजे की हुई आज भी उनकी प्रसिद्धि बरक़रार है। 

10 .गैलीलियो ने किसका आविष्कार किया था ?

उन्होंने कई अविष्कार किये है लेकिन उनमे से गति के नियम बहुत महत्व पूर्ण है। 

इसे भी पढ़े :- डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जीवनी

Conclusion –

मेरा यह आर्टिकल Galileo Galilei Biography पूरी तरह से समज आ गया होगा।

इस लेख के जरिये  हमने galileo galilei contribution के सबंधीत गैलीलियो के विचार, गैलीलियो के बारे में

और Galileo galilei quotes की सम्पूर्ण जानकारी दे दी है।

अगर आपको इस तरह के अन्य व्यक्ति के जीवन परिचय के बारे में जानना चाहते है। 

तो आप हमें कमेंट करके जरूर बता सकते है।

और हमारे इस आर्टिकल को अपने दोस्तों के साथ शयेर जरूर करे। जय हिन्द ।

Leave a Comment