Jodha Akbar Biography In Hindi – जोधा-अकबर कहानी हिंदी में

आज के हमारे लेख में आपका स्वागत है। नमस्कार मित्रो आज हम jodha akbar biography in hindi,में मुग़ल सम्राट अकबर एव उनकी बेगम जोधा की कहानी यानि jodha akbar story बताने वाले है। 

जोधा अकबर सीरियल वीडियो को देख के आमतौर पर हम सभी जानते हैं। कि जोधा और अकबर का नाम मध्यकालीन इतिहास में प्रमुखता से लिया जाता है। आज हम jodha akbar history में akbar family और akbar wives से सम्बंधित जानकारी बताने वाले है। अकबर की राजपूत रानियां भी थी। जिसमें जोधा बाई का इतिहास भी शामिल है। माना जाता है कि जोधा एक हिंदू राजकुमारी थीं। जबकि अकबर एक मुस्लिम शासक था। 

लेकिन विवाह के बाद अकबर ने जोधाबाई को कभी हिंदू रीति रिवाजों एवं पूजा पाठ से नहीं रोका और उसने हिंदू धर्म को काफी सम्मान दिया था। उन्होंने बादशाह अकबर से विवाह करके अपना नाम उज़-ज़मानि बेगम  रख दिया था। उन्होंने जोधा के पुत्र का नाम जहांगीर जो बाद में दिल्ही सल्तनज का वारिस हुआ था। तो चलिए आपको ले चलते है। akbar history in hindi की सभी माहिती बताने के लिए।  

Jodha Akbar Biography In Hindi –

 नाम 

 जोधा -अकबर

 जन्म

 1542

 पिता

 बानो बेगम सा

 माता

 नवाब हमीदा

 पत्नी

 रुकैया बेगम,सलीमा सुल्तान बेगम और मारियाम उज़-   ज़मानि बेगम (जोधा )

akbar son

 जहांगीर

 मृत्यु

 1605

जोधाअकबर की कहानी Jodhaa Akbar story

जोधा और अकबर की प्रेम कहानी इतिहास में अमर है। और इस कहानी पर jodhaa akbar नाम की movie भी बन चुकी है। आज के इस लेख में हम आपको जोधा अकबर की पूरी कहानी बताने जा रहे हैं। जोधा अकबर का इतिहास यह एक रोचक कथा हैं। जिसके विषय में अबतक प्रमाणित जानकारी मिलना संभव नही हो पाया हैं। लेकिन फिर भी जोधा अकबर की प्रेम कहानी को सब जानना चाहते हैं। 

akbar badshah ka itihas देखा जाये तो यह किसी लेखक की कल्पना हैं। तो वह भी बहुत अनूठी हैं जिस रचना ने कल्पना और वास्तविक्ता के बीच के अंतर को खत्म कर दिया हो वास्तव में वह लेखक की महानता हैं।  जोधा अकबर प्रेम कथा ने हिन्दू मुस्लिम संस्कृति के मिलाप की नींव रखी हैं | पूरा नाम मोहम्मद जलाल्लुद्दीन अकबर था। 

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अकबर का बचपन –

अकबर का जन्म 15 अक्टूबर 1542 के दिन हुआ था। उसके बचपन का नाम अबुल-फतह जलाल उद-दिन मुहम्मद अकबर था। 1556 में अकबर अपने पिता हुमायूँ जो दिल्ही सल्तनज बादशाह का उत्तराधिकारी बना लिया था। 13 वर्ष की उम्र में बैरम खान को उसने शहंशाह घोषित किया था। क्योकि उस समय अकबर एक किशोर था। इसलिए उसके बड़े होने तक बैरम खान ने उसकी जगह शासन किया था। अकबर को उसकी कई उपलब्धियों के कारण उसे ‘द ग्रेट’का उपनाम दिया गया था।

 मोहम्मद जलाल्लुद्दीन अकबर के नाम से प्रसिद्धी पाने वाले मुग़ल शासक थे। उन्हें इतिहास में सबसे सफल मुग़ल शासक के रूप में जाना जाता हैं। यह एक ऐसा राजा बना जिसे दोनों सम्प्रदायों हिन्दू एवम मुस्लिमने प्यार से स्वीकार किया इसलिए इन्हें जिल –ए-लाही के नाम से नवाजा गया। अकबर के शासन से ही हिन्दू मुस्लिम संस्कृति में संगम हुआ जो कि उस वक्त की नक्काशी से साफ़ जाहिर होता हैं। मंदिरों और मज्जितों में समागन हुआ दोनों को समान सम्मान का दर्जा दिया गया। 

जब भी हम akbar ka jeevan parichay देखते है। तब एक सवाल उठता हैं। कि ऐसा क्यूँ ? क्यूँ अकबर जैसा शक्तिशाली शासक हिन्दू संस्कृति को भी प्रेम करता था। तब इतिहास के पन्नो से ही आवाज आती हैं। उस प्रेम कथा की जिसे हम जोधा अकबर कहते हैं। जोधा बेगम का इतिहास देखा जाये तो वह एक हिन्दू राजा की बेटी थी। 

अकबर का संक्षिप्त जीवन परिचय –

अकबर डिस्लेक्सिक थे वह पढ़ना या लिखना नहीं चाहते थे। हालाँकि, उसे महान संगीतकार तानसेन और बीरबल जैसे लेखकों, संगीतकारों, चित्रकारों और विद्वानों की कंपनी बहुत पसंद थी। अकबर के नवरत्न पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है। यह सर्वविदित है। अकबर सभी धर्मों के प्रति सहिष्णु था। उनकी 25 से अधिक पत्नियां थीं। और उनमें से अधिकांश दूसरे धर्मों की थीं। उसकी कई पत्नियों में सबसे महत्वपूर्ण जोधाबाई थीं। जो जयपुर की राजकुमारी थीं।

उसने अपना युवावस्था शिकार करने, दौड़ने और युद्ध करना सीखने में बिताई थी। जिसने वह बाद में एक साहसी, शक्तिशाली और एक बहादुर योद्धा बना। 1563 में, अकबर ने मुस्लिमों के पवित्र स्थान पर आने वाले हिंदू तीर्थयात्रियों से कर वसूलने का कानून रद्द कर दिया। अकबर सभी धर्मों के प्रति उदार रवैया रखता था। इस उदारवादी रवैये(Liberal Attitude) से उसे अपने क्षेत्र के विस्तार में भी काफी मदद मिली थी। 

उत्तर भारत के बाद, अकबर ने भारत के दक्षिणी भाग में अपनी क्षेत्रीय सीमा का विस्तार शुरू किया। अकबर के दरबार में अकबर के नौ मंत्री थे, जिन्हें नवरत्न या ‘9 रत्न’ कहा जाता था। 3 अक्टूबर, 1605 को पेचिश के कारण अकबर बीमार पड़ गया। माना जाता है कि उनकी मृत्यु 27 अक्टूबर, 1605 को हुई थी। मृत्यु के बाद अकबर के शरीर को आग्रा के सिकंदरा में एक मकबरे में दफनाया गया था।

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Akbar Questions –

1 .akbar ke bete ka naam kya tha ?

अकबर के बेटे का नाम जहांगीर था। 

2 .akbar ke kitne bete the ?

अकबर के तीन बेटे थे। 

3 .akbar ke kitne putra the ?

अकबर के तीन पुत्र थे। 

4 .akbar ka putra kaun tha ?

अकबर के तीन पुत्र थे उनके नाम लिहाज़ा, जहांगीर और सलीम था। 

5 .akbar meaning kya hae ?

अकबर शब्द का अर्थ बड़ा होता है। 

जोधाबाई कोन थी –

जोधा बाई का जन्म 1 अक्टूबर 1542 को हुआ था। जोधा बाई आमेर (जयपुर) के राजा भारमल की बेटी थीं। वह एक हिंदू राजकुमारी थी लेकिन उसने एक मुस्लिम राजा अकबर से विवाह किया था। आधुनिक भारतीय इतिहास लेखन में अकबर और मुगलों के धार्मिक मतभेदों को सहन करने और बहु जातीय और बहु संप्रदाय के विस्तार के भीतर उनकी समावेशी नीतियों के प्रति सहिष्णुता का एक उदाहरण माना जाता था।

वह एक राजपूतानी कन्या थी। जिन्हें हरका बाई, हीर कुंवर कई नामों से जाना जाता हैं। वह राजा भारमल की पुत्री और मुग़ल शासक अकबर की बेगम थी। जोधा राजपूत थी और अकबर मुग़ल शासक इन दोनों का विवाह प्रेम संबंध नहीं बल्कि राजनैतिक समझौता था। परन्तु फिर भी यह संबंध एक प्रेम कहानी के नाम से विख्यात हैं। पूरा नाम हीर कुंवर/ जोधा बाई/ हरका बाई था। 

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जोधाबाई का जीवन परिचय –

 नाम

 जोधाबाई

 जन्म

 1 अक्टूबर 1542 

 पिता

 राजा भारमल

 माता

 मानवती साहिबा

 पति

 अकबर

 संतान

 जहांगीर

 धर्म

 हिन्दू राजपुत

जोधाबाई का संक्षिप्त जीवन परिचय –

jodha akbar- जोधा बाई का जन्म हीर कुंवारी के रूप में हुआ था। उनका अन्य नाम हीरा कुंवारी और हरका बाई था। मुगल इतिहास में उनका नाम मरियम-उज-जमानी था। यह उपाधि उन्हें उनके पति अकबर द्वारा उनके बेटे जहाँगीर को जन्म देने के बाद दी गई थी। अकबर के साथ जोधाबाई का विवाह 6 फरवरी 1562 को 20 वर्ष की उम्र में हुई थी।मरियम-उज-जमानी को मुगल सम्राट अकबर और उनके बेटे जहांगीर के शासनकाल(Reign) के दौरान हिंदुस्तान की रानी माँके रूप में जाना जाता था।

जोधाबाई लंबे समय तक हिंदू मुगल महारानी रहीं। उनका कार्यकाल 43 वर्षों तक रहा था । हीर कुंवारी के साथ अकबर का विवाह जोधाबाई और अकबर के पिता के बीच एक राजनीतिक गठबंधन के कारण हुआ था। क्योकि जोधाबाई हिंदू थी। इसलिए इस विवाह के बाद सम्राट अकबर ने हिंदू धर्म के लिए अधिक अनुकूल दृष्टिकोण से देखा और धर्म को सम्मान दिया। अकबर से शादी के बाद भी हीर कुंवारी ने इस्लाम धर्म नहीं अपनाया और वह हमेशा एक हिंदू बनी रही।

अकबर ने जोधाबाई के लिए हिन्दू मंदिर बनवाया –

सम्राट अकबर की कई पत्नियां थी लेकिन वह जोधाबाई को अधिक प्रेम करता था। हिंदू होने के बावजूद उन्होंने मुगल घराने में बहुत सम्मान कायम रखा। जोधा को अकबर के पहले और आखिरी प्यार के रूप में जाना जाता था। मरियम-उज-जमानी के अलावा जोधा ने मल्लिका-ए-मुअज्जमा मल्लिका-ए-हिंदुस्तान और वली निमात बेगम की उपाधि भी धारण की, जिसका अर्थ है ईश्वर का उपहार है। वह वली निमात मरियम-उज-जमानी बेगम नामक शीर्षक से आधिकारिक दस्तावेज जारी करती थी।

अकबर ने जोधा को शाही महल में प्रथागत हिंदू संस्कार करने की अनुमति दी थी। उन्होंने उसे महल में एक हिंदू मंदिर बनाए रखने की अनुमति भी दी। वास्तव में अकबर भी कभी-कभी जोधाबाई के साथ पूजा में भाग लेता था। माना जाता है कि जोधाबाई एक व्यापार कुशल महिला थीं और मुगल साम्राज्य में मसाले और रेशम का व्यापार देखती थीं। वर्ष 1623 में जोधाबाई की मृत्यु हो गई। मृत्यु के बाद जोधाबाई को उनकी इच्छा के अनुसार उन्हें उनके पति की कब्र के पास दफनाया गया था।

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जोधा अकबर की कहानी – The story of Jodha Akbar

jodha akbar की कहानी कुछ इस तरह है। कहा जाता जोधा है कि अकबर अजमेर मोइनुद्दीन चिश्ती की कब्र पर नमाज अदा करने के लिए जा रहा था तब रास्ते में बिहारी मल ने अकबर से मिलकर उसे बताया कि उसके बड़े भाई सुजा के साथ उसके साले शरीफ-उद्दीन मिर्जा(मेवात का मुगल हकीम) की लड़ाई चल रही है। जिसके कारण वह उसे बहुत परेशान कर रहा है। शरीफ उद्दीन की मांग थी कि बिहारी मल अपने बेटे और दो भतीजों को उसे सौंप दे।

बिहारी मल ने उसकी बात मान ली और अपने बेटे एवं दो भतीजों को बंधक के रूप में शरीफुद्दीन को सौंप दिया। किन शरीफ-उद-दीन संतुष्ट नहीं हुआ और वह बिहारी मल को बर्बाद करना चाहता था। अकबर ने बिहारी मल की बेटी से विवाह करने का प्रस्ताव रखा और कहा कि विवाह के बाद उसका बहनोई, शरीफ-उद-दीन उन्हें परेशान नहीं करेगा।

जोधा अकबर का विवाह किस तरह हुवा – How did Jodha Akbar get married ?

jodha akbar – जोधाबाई और अकबर का विवाह पूरी तरह से राजनीतिक था। जब अकबर अजमेर में मोईनुद्दीन चिश्ती की कब्र पर नमाज अदा करने के बाद राजस्थान के सांभर में शाही सैन्य शिविर से आग्रा लौट रहा था। उसी दौरान इनका विवाह 6 फरवरी 1562 को हुआ था। यह विवाह बराबरी का नहीं था और बिहारी मल के परिवार की सामाजिक स्थिति को दर्शाता था। अंबर की राजकुमारी के साथ विवाह करने के बाद जोधा का परिवार अकबर के पूरे शासनकाल में उनके परिवार को सेवा प्रदान करता रहा था। 

माना जाता है कि हिंदू राजकुमारी जोधा से विवाह के बाद अकबर ने खुद को मुसलमानों का बादशाह या शहंशाह घोषित किया था। अकबर ने शादी में कई राजपूत राजकुमारियों को बुलाया था। अकबर ने ऐसा करके राजपूतों के लिए सबकुछ सम्मानजनक बना दिया। हालांकि, यह उल्लेखनीय है कि अकबर की राजपूत पत्नियों (मरियम-उज-जमानी सहित) ने मुगल दरबार में कोई राजनीतिक भूमिका नहीं निभाई थी।

जोधाबाई – अकबर के बेटे का जन्म – Jodhabai – Birth of Akbar son

1569 में अकबर ने यह खबर सुनी कि उसकी पहली हिंदू पत्नी जोधाबाई गर्भ से है। इससे पहले अकबर के कई बेटे गर्भ में ही मर गए थे लेकिन इस बार शेख सलीम चिश्ती ने घोषणा की थी कि उसके बेटे का सकुशल जन्म होगा। इसलिए पूरे गर्भधारण की अवधि के दौरान जोधा सीकरी में शेख के पास ही रहीं। 30 अगस्त 1569 को अकबर के पुत्र का जन्म हुआ और उसने पवित्र व्यक्ति की प्रार्थना की प्रभावकारिता में अपने पिता के विश्वास को स्वीकार करते हुए सलीम नाम प्राप्त किया। हालांकि जोधाबाई हिंदू बनी रही, लेकिन जहाँगीर को जन्म देने के बाद अकबर ने उन्हें मरियम-उज-जमानी की उपाधि से सम्मानित किया।

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जोधा अकबर Serial Cast –

 वह एक एतिहासिक कहानी जिसे इतिहास की सबसे यादगार प्रेम कहानी कहा जाता हैं। जोधा अकबर पर कई फिल्मे और टीवी सीरियल भी बने हैं। जिनके कारण जोधा अकबर के प्रति आज के लोगों का रुझान काफी बढ़ा हैं।  यह जोधा अकबर की कहानियों पर बनी फिल्मो और धारावाहिकों का कई इतिहासकार एवम मूल राजिस्थानी लोगो ने विरोध किया। जिस कारण लोगों में यह जानने का उत्साह बना कि आखिर क्या था। जोधा-अकबर का सच ? जोधा अकबर एक प्रेम कथा हैं। वास्तव में इसके अस्तित्व के कोई खास प्रमाण मौजूद नहीं हैं। 

अकबर बादशाह का युद्ध –

अकबर मुगलों का बादशाह था जिसने अपनी ताकत से भारत को मुगलों के आधीन कर लिया था | उस वक्त अकबर के शत्रु राजपुताना थे जिसे हम अकबर और प्रताप के युद्ध के रूप में जानते हैं। अकबर ने भारत को अपने आधीन करने के लिये कुछ रणनीति बनाई जिसमे युद्ध और समझौता शामिल था | अकबर के पास विशाल सैन्यबल था जिससे वो आसानी से विरासतों पर अपना परचम फहरा सकता था

लेकिन इन सबमे बहुत सारा खून बहता था जो कि कई मायनों में अकबर को पसंद नहीं था।  इसलिये उसने समझौते की नीति को भी अपनाया जिसके तहत वो अन्य राजा की बेटियों से विवाह कर सम्मान के साथ उनसे रिश्ते बनाकर उन रियासतों को बिना जन हानि के अपने आधीन कर लेता था। उन दिनों अकबर के सबसे बड़े शत्रु राजपूत थे जिन्हें वो इन दोनों नीतियों में से किसी एक तरह से अपने आधीन करता था। जब अकबर का युद्ध राजा भारमल से हुआ तब उसने उनके तीनों बेटों को बंदी बना लिया था। 

अकबर बादशाह का समझौता –

 राजा भारमल ने अकबर के सामने समझौते के लिये हाथ बढ़ाया और इस तरह राजा भारमल की कन्या राजकुमारी जोधा का विवाह अकबर के साथ किया गया।  परम्परा के अनुसार जोधा को मुग़ल धर्म अपनाना था लेकिन अकबर ने उन्हें इस बात के लिए जोर नहीं दिया | यही था जोधा अकबर की प्रेम कथा का आधार क्यूंकि अकबर जोर जबरजस्ती से देश पर मुग़ल साम्राज्य नहीं चाहता था | 

इसलिए इतिहास अकबर को एक अच्छा शासक कहता हैं | अकबर के इसी व्यवहार के कारण राजकुमारी जोधा के मन में अकबर के लिये प्रेम का भाव जागा और उन्होंने अकबर को हिन्दू संस्कृति से अकबर का परिचय करवाया। शायद इसी कारण अकबर दोनों धर्मों में प्रिय शासक बने | इसके अलावा अकबर का बचपन हिन्दू परिवार के साथ बिता | जंग के दिनों में इनके पिता हुमायु को कई दिनों तक अज्ञातवास में बिताना पड़ा जिस कारण इन्हें हिन्दू परिवार के साथ रहना पड़ा जिस कारण भी अकबर के मन में हिन्दू संस्कृति के लिये भी आदर था। 

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जोधा का पुत्र बना राजा –

अकबर की कई बेगम थी लेकिन फिर भी उनका मन जोधा से ज्यादा जुड़ा जिसका कारण जोधा का निडर व्यवहार था जो अकबर को बहुत पसंद था।  जोधा ने हमेशा अकबर को सही गलत का रास्ता दिखाया जो कि अकबर को एक प्रिय राजा बनने में मददगार साबित हुआ। जोधा ही मुग़ल साम्राज्य की मरियम उज़-ज़मानी (जिसकी संतान राजा बनती हैं )बनी। जोधा की पहले दो संताने (हसन हुसैन )हुई जो कुछ ही महीने बाद मृत्यु को प्राप्त हो गई। बाद में जोधा की संतान जहाँगीर ने मुगुल साम्राज्य पर अपनी हुकूमत की थी। 

इसी तरह मुग़ल और राजपुताना के संबंधो के कारण हम हिन्दू और मुग़ल नक्काशी का समावेश देख पाते हैं | अकबर ने जोधा को किले में मंदिर बनाने की अनुमति दी थी जिसके कारण उस वक्त में इन दोनों संस्कृति का समावेश देखा गया जो अत्यंत अनूठा संगम हैं। लेकिन कई इतिहासकारों ने जोधा अकबर की कथा को गलत कहा उनके हिसाब से किसी भी एतिहासिक किताब में जोधा के होने के कोई पुख्ता प्रमाण नहीं हैं। 

इतिहासकार के मत – Jodha Akbar

कुछ इतिहासकार के अनुसार जोधा, अकबर के बेटे जहाँगीर की राजपुताना बैगम थी।  तो कुछ इतिहासकारों के अनुसार जोधा किसी लेखक की कलम का काल्पनिक पात्र हैं। जिस्थानी लोगो का कहना हैं कि किसी भी राजपूत स्त्री की शादी अकबर से नहीं की गई थी और कुछ का कहना हैं कि जोधा नाम से नहीं अन्य किसी नाम से राजपुताना बैगम को जाना जाता था | इसी तरह की कई कहानियाँ जोधा अकबर के प्रेम के संदर्भ में कही जाती हैं |

जोधा अकबर पर बनी फ़िल्म जिसे आशुतोष गोवारेकर ने बनाया था उन्हें भी कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ा और उनका भी बहुत विरोध किया गया। जिसके बारे में उन्होंने कहा कि उन्होंने एतिहासिक किताबों, रिसर्च और कई अच्छे इतिहासकार से बातचीत के बाद अपनी फ़िल्म बनाई | उनके अनुसार अकबर की राजपुताना बैगम थी लेकिन उनके नाम अलग-अलग थे जिन में से एक जोधा भी था। 

Jodha And Akbar Full Story Video –

Jodha Akbar Facts –

  • जोधाबाई और अकबर का विवाह पूरी तरह से राजनीतिक था।
  • जोधा अकबर पर बनी फ़िल्म आशुतोष गोवारेकर ने बनाया  उन्हें कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ा था। 
  • जोधा और अकबर का नाम मध्यकालीन इतिहास में प्रमुखता से लिया जाता है।
  • अकबर ने जोधाबाई को हिंदू रीति रिवाजों एवं पूजा पाठ से नहीं रोका हिंदू धर्म को काफी सम्मान दिया था।
  • जोधा अकबर प्रेम कथा ने हिन्दू मुस्लिम संस्कृति के मिलाप की नींव रखी हैं। 

Jodha Akbar Questions –

1 .jodha kee mrtyu kab huee ?

जोधा की मृत्यु 19 May 1623 में आगरा में हुई थी। 

2 .jodha baee kee kabr kahaan hai ?

जोधा बाई की कब्र अकबर के मकबरे के पास है। 

3 .jodha ka asalee naam kya hai ?

जोधा का असली नाम हीर कुंवर/ जोधा बाई/ हरका बाई है। 

4 .jodha baee kee mrtyu kaise huee ?

दिल का दौरा पड़ने की वजह से जोधा बाई की मृत्यु  हुई थी। 

5 .jodha ka janm kab hua tha ?

जोधा का जन्म वर्ष 1542 हुआ था।

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Conclusion –

आपको मेरा  आर्टिकल Jodha Akbar Biography बहुत अच्छी तरह से समज आया होगा।  लेख के जरिये  हमने jodhaa akbar jashn-e-bahaaraa और akbar son salim से सबंधीत  सम्पूर्ण जानकारी दी है। अगर आपको अन्य व्यक्ति के जीवन परिचय के बारे में जानना चाहते है। तो कमेंट करके जरूर बता सकते है। हमारे आर्टिकल को अपने दोस्तों के साथ शयेर जरूर करे। जय हिन्द।

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