नमस्कार दोस्तों Khanderao Holkar History in Hindi में आपका स्वागत है। आज हम खंडेराव होलकर का जीवन परिचय और इतिहास की जानकारी बताने वाले है। हमारे भारत कई वीर यौद्धा एव राजाओ ने जन्म लिया है। आज हम मराठा साम्राज्य के बहुत प्रसिद्ध योद्धा के बारे में बताने वाले है। खंडेराव होल्कर (1723-1754 सीई) इंदौर के होल्कर वंश के संस्थापक मल्हार राव होल्कर के इकलौते पुत्र थे।
खंडेराव होलकर का जन्म सन 1723 ईo में हुआ था। वह अपने बचपन से ही बहुत बहादुर थे। राज काज में रुचि होने के कारन उन्होंने अपने पिता के साथ मिलकर छोटी सी उम्र से ही स्वतंत्र लड़ाई लड़ी थी। उनका स्वभाव क्रोध भरा था। मगर वह वीर और बहुत साहसी व्यक्ति थे। आज हम Khanderao Holkar Biography In Hindi में महाराजा के जीवन से संबंधित जानकारी बताने वाले है।
Khanderao Holkar History In Hindi
पूरा नाम – श्रीमंत सरदार खंडेराव होलकर सूबेदार बहादुर
जन्म – 1723 में
जन्म स्थान – पूना, महारष्ट्र, भारत
मृत्यु – 1754
मृत्यु स्थान – कॉलरा शाहपुर (कोटाह के पास) भारत
मौत के समय आयु – 31 साल
धर्म – हिन्दू
जाति – मराठा
पत्नी – अहिल्याबाई होल्कर
बच्चे – नर राव होल्कर (पुत्र) मुक्ताबाई होल्कर (पुत्री)
साम्राज्य – मराठा साम्राज्य

खंडेराव होलकर का जन्म
महाराजा खंडेराव होलकर का जन्म सन 1723 ईo को पूना, महारष्ट्र, भारत में हुआ था। खंडेराव होलकर सेनापति श्रीमंत महाराज मल्हार राव होलकर और रानी गौतमाबाई के पुत्र थे। खंडेराव होलकर जी अपने बचपन से ही राज काम में हिस्सा लेते थे। और खंडेराव होलकर की शिक्षा की बात करे तो उन्होंने अपने पिता जी से युद्ध कला की शिक्षा ली थी। युद्ध में वह बहुत अच्छे से निपुण हो गए उसके बाद कई युद्ध में योगदान दिया था।
खंडेराव होलकर परिवार
पिता का नाम | मल्हार राव 2 होलकर |
माता का नाम | गौतमबाई होलकर |
बहन का नाम | संतुबाई, उदाबाई, सीताबाई |
पत्नी का नाम | अहिल्याबाई होलकर के साथ 10 पत्निया |
बेटी का नाम | मुक्ताबाई होलकर |
बेटे का नाम |
माले राव होलकर |
भतीजे का नाम | तुकोजी राव होलकर |
Khanderao Holkar का विवाह
सन् 1735 ईo में महाराजा खंडेराव होलकर का विवाह देवी अहिल्याबाई होलकर के साथ हुआ था। अहिल्याबाई से उन्हें एक पुत्र और एक पुत्री थे। पुत्र का नाम मालेराव और पुत्री का नाम मुक्ताबाई था। उसके अलावा खंडेराव जी की 9 पत्नियां थीं।

खंडेराव होलकर की पत्नी महारानी अहिल्याबाई होल्कर
अहिल्याबाई का जन्म 31 मई सन् 1725 में हुआ था। अहिल्याबाई के पिता मानकोजी शिंदे अच्छे संस्कार वाले व्यक्ति थे। अहिल्याबाई ने इन्दौर राज्य के संस्थापक महाराज मल्हारराव होल्कर के पुत्र खंडेराव से विवाह किया था। अपने पिता के मार्गदर्शन से खण्डेराव अच्छे सिपाही बने थे। उसके बाद मल्हारराव ने अपनी पुत्र-वधू अहिल्याबाई को भी राजकाज की शिक्षा देते थे। मल्हारराव के पुत्र खंडेराव का निधन 1754 ई. में हो गया था। उसके पश्यात मल्हार राव के निधन के बाद रानी अहिल्याबाई ने राज्य का शासन सम्भाला था।
खंडेराव होलकर और मुग़ल बादशाह
महाराजा खंडेराव होलकर का खौफ उतना ज्यादा बढ़ चूका था। कि खंडेराव जी एक समय दिल्ली गए थे। वह पहुंचे तो दिल्ली में भागदड़ मच गई और कुछ लोग तो घर छोड़कर ही भाग गए थे। उतना ही नहीं बल्कि उनसे मुगल बादशाह भी डरने लगे थे। खंडेराव होलकर तो सिर्फ कुछ बातों को सुलझाने दिल्ली गए थे। बादशाह ने खंडेराव को खुश करने की सारी कोशिशे करली थी। बादशाह ने खंडेराव को अनेक भेट सौगादे दी थी। लेकिन खंडेराव ने सभी उपहारो को लेने से मना कर दिया था।
Khanderao Holkar Battle युद्ध
महाराजा खंडेराव होलकर ने पिता जी से युद्ध कला सीखी थी। उसके बाद उन्होंने अनेक युद्धों में अपना योगदान दिया था। उसमे निजाम और मराठा का युद्ध सन् 1737 ई0 में हुआ था। निजाम और मराठों के युद्ध में खंडेराव ने जबरदस्त प्रदर्शन दिखाते हुए युद्ध जीत निजाम पर विजय हासिल कर ली थी। बाद में मालवा में मुगलो ने शाजापुर के कमाविसदार को लूटा और बस्तिया जलाई थी। उसके बदले मे खंडेराव होलकर ने मीरमानी खान पर हमला कर मार दिया था।
सन 1739 ई० में मराठो की पुर्तगालियों के साथ युद्ध हुआ था। पुर्गालियों के साथ युद्ध में खंडेराव ने संताजी वाघ से मिलकर तारापुर के किले की नीचे बारूदी सुरंगे बिछाकर उड़ादिया और मराठों ने युद्ध कर किले को हासिल किया था। 1747 ई० में देवली एवं बगरू युद्ध में भी खंडेराव होलकर ने हिस्सा लिया था। 754 ई. के शुरूआत में खण्डेराव ने चार हजार मराठा सेना के साथ मिलकर जाटों पर आक्रमण किया था।
मराठा सैनिकों ने पहाड़ और जंगलों में छिपकर जाटों पर आक्रमण किया था। एव अपना साम्राज्य विस्तार किया था। गंगूला नामक जाट गढी पर मराठों ने आक्रमण किया था। उसमें वह सफल रहे थे, समय के चलते और युद्ध मैदानों में युद्ध खेलते खेलते खंडेराव एक वीर और साहसी यौद्धा बन गए थे। कोई भी युद्ध में हिस्सा लेते ही युद्ध जितने का रुतबा रखा करते थे।
Khanderao Holkar Death खंडेराव होलकर की मौत
1754 में मुगल सम्राट अहमद शाह बहादुर के मीर बख्शी इमाद-उल-मुल्क के आदेश पर खांडेराव जी ने भरतपुर राज्य के जाट महाराज सूरज मल के कुम्हेर किले पर कब्जा कर लिया था। उसमे अहमद शाह के विरोधी सफदर जंग का पक्ष लिया था। खांडेराव कुम्हेर की लड़ाई (Battle of Kumher) में एक खुली पालकी पर बैठ सैनिकों का निरीक्षण कर रहे थे। उस समय जाट सेना की तोप के गोले से खंडेराव होलकर की मौत हुई थी। खांडेराव के सम्मान में महाराजा सूरज मल ने डीग के पास कुम्हेर में एक छतरी का निर्माण किया था।
खंडेराव होल्कर की मृत्यु के बाद
महाराज की मृत्यु के बाद खंडेराव की नौ पत्नियाँ उसके पीछे सती हुई थी। लेकिन मल्हार राव होल्कर ने खंडेराव की पत्नी अहिल्या बाई को सती होने से रोका था। क्योकि वह उन्हें राजकार्य सीखना चाहते थे। खंडेराव की मृत्यु के 12 साल बाद 1766 में मल्हार राव की भी मृत्यु हो गई। मल्हार राव के पोते और खंडेराव के इकलौते पुत्र माले राव ने अहिल्याबाई के शासन के तहत कम उम्र में ही इंदौर के शासक बन गए थे। माले राव की मृत्यु के बाद रानी अहिल्याबाई इंदौर की शासक बनीं थी।
Khanderao Holkar History In Hindi Video
Interesting Facts अज्ञात तथ्य
- अहिल्याबाई ने गागरसोली गांव में पति की याद में छत्री का निर्माण कर खण्डेराव की प्रतिमा स्थापित की थी।
- खंडेराव होल्कर 20 जनवरी 1734 से अपने पिता के उत्तराधिकारी थे।
- खंडेराव की पत्नी लोकमाता महारानी अहिल्याबाई होल्कर थीं।
- अहिल्याबाई होल्कर होल्कर की पहली पत्नी थीं।
- खांडे राव अपने पिता के सख्त सिद्धांतों से थोड़ा परेशान थे।
- अहिल्याबाई होल्क ने खांडे राव की मौत के बाद 1767 से 1795 तक इंदौर पर शासन किया था।
- वह पत्नी अहिल्याबाई होल्कर से बहुत प्यार करते थे।
- पिता जी के साथ मिलकर छोटी सी आयु में उन्होंने स्वतंत्र होकर लड़ाई लड़ी थी।
- खंडेराव के सम्मान में महाराजा सूरज मल ने डेग के पास कुम्हेर में हिंदू शैली में छत्र का निर्माण किया था।
FAQ
Q .खंडेराव होल्कर कौन थे?
खंडेराव होलकर महाराज मल्हार राव होलकर और गौतमाबाई के पुत्र थे।
Q .श्रीमंत खंडेराव की कितनी पत्नियां थी?
खंडेराव होल्कर की अहिल्याबाई होल्कर के अलावा नौ पत्नी थी।
Q .खंडेराव होल्कर के कितने बच्चे थे?
खंडेराव होल्कर का एक बेटा, मलेराव और एक बेटी, मुक्ताबाई थी।
Q .खंडेराव होल्कर की मृत्यु कैसे हुई?
खुली पालकी से अपने सैनिकों का निरीक्षण कर रहे थे, तब तोप के गोला लगने से मौत हुई थी।
Q .अहिल्याबाई होलकर की मृत्यु कैसे हुई?
अहिल्याबाई होलकर की मृत्यु 13 अगस्त 1795 को हो गई।
Conclusion
आपको मेरा Khanderao Holkar Biography बहुत अच्छी तरह से समज आया होगा।
लेख के जरिये हमने खंडेराव होलकर मौत कारण, अहिल्याबाई होलकर का इतिहास
और Did Khanderao love Ahilyabai से सम्बंधित जानकारी दी है।
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