Malhar Rao Holkar Biography In Hindi | मल्हारराव होल्कर का जीवन परिचय

नमस्कार दोस्तों Malhar Rao Holkar Biography In Hindi में आपका स्वागत है। आज हम मल्हारराव होल्कर की जीवनी या मल्हारराव होल्कर का जीवन परिचय बताने वाले है। मल्हार राव का जन्म 16 मार्च 1693 को पुणे जिले के जेजुरी के पास होल गांव में एक चरवाहों के परिवार में खांडूजी होल्कर के घर हुआ था। उनका पालन पोषण उनके मामा बाजीराव बरगल के घर तलोदा गांव में हुआ था। उन्होंने 1717 में गौतम बाई से शादी कर ली थी। 

होल्कर राजवंश की स्थापना करने वाले मराठा शासक मल्हार राव होल्कर का शासन मालावा से लेकर पंजाब राज्य तक चलता था। मध्य भारत के मालवा इलाके में वे पहले मराठा सूबेदार थे। 1721 में वह पेशवा की सेवा में शामिल हुए और जल्द ही सूबेदार बने थे। मल्हारराव होल्कर ने 1818 तक मराठा महासंघ के एक स्वतंत्र सदस्य के रूप में मध्य भारत में इंदौर पर शासन किया था। आज हम Malhar Rao holkar History In Hindi में महाराजा के जीवन से संबंधित जानकारी बताने वाले है। 

Malhar Rao Holkar Biography In Hindi

पूरा नाम – मल्हारराव होल्कर

जन्म – 16 मार्च 1693

जन्मस्थान – होल गांव, पुणे जिला, मध्य भारत

मृत्यु – 20 मई 1766 (आयु 73)

साम्राज्य – मराठा साम्राज्य

रैंक – सूबेदार पेशवा का जनरल

पत्नी – गौतम बाई साहिब होल्कर, बाना बाई साहिब होल्कर, द्वारका बाई साहिब होल्कर, हरकु बाई साहिब होल्कर

मल्हारराव होल्कर का जीवन परिचय
मल्हारराव होल्कर का जीवन परिचय

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Malhar Rao Holkar Family Tree

दूसरे अन्य संबंध – खंडेराव होलकर (पुत्र)

अहिल्याबाई होल्कर (बेटी)

पुरुष राव होल्कर (पौत्र)

मुक्ताबाई (पोती)

उदबाई (पुत्री)

संतूबाई (पुत्री)

तुकोजी राव होलकर (दत्तक पुत्र)

भोजिराजराव बरगल (चाचा)

मल्हारराव होल्कर का जन्म

मल्हार राव का जन्म 16 मार्च 1693 को पुणे जिले के जेजुरी के पास होल गांव में हुआ था। वह एक चरवाहों के परिवार में खांडूजी होल्कर के घर जन्मे थे। उनका पालन पोषण उनके मामा बाजीराव बरगल के घर तलोदा गांव में हुआ था। जब वह पैदा हुए तब अपने साहस के बल पर आगे बढ़ने के रास्तों पर कोई रोक-टोक नहीं थी। वह शुरुआत में पेशवा बाजीराव प्रथम की सेवा में रहे थे।

Malhar rao holkar photo
Malhar rao holkar photo

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Malhar Rao Holkar का विवाह

मल्हाराव का विवाह 1717 ई. में गौतमा बाई से हुआ था। उसके बाद उन्होंने बाना बाई साहिब होल्कर, द्वारका बाई साहिब होल्कर और हरकू बाई साहिब होल्कर के साथ भी विवाह किया था। 

Malhar Rao Holkar का एक गड़रिये से सैनिक का सफ़र

मल्हार राव होलकर का जन्म एक चरवाहों के परिवार में हुआ था। उन्होंने अपने साहस के बल पर और हिम्मत से तरक्की की थी। वह खानदेश के एक सरदार कदम बांदे के पास किराए के सैनिक के रूप में सेवाएं देते थे। 1721 में कदम बांदे के बाद मल्हार राव होलकर ने बाजीराव पेशवा की सेना जॉइन की थी। उसकी सेवा मे उन्होंने पेशवा से करीब जा चुके थे। और सफलता की सीढियां चढ़ते गए थे। पहले उन्हे 500 सैनिकों का दस्ता दिया गया था।

1728 में हुई हैदराबाद के निजाम की मराठों कम युद्ध में उन्होंने महत्वपूर्ण किरदार निभाया था। उन्होंने छोटी सी सैन्य टुकड़ी से निजाम को रोक दिया था। उसके कारन निजाम को हराने में पेशवा को ज्यादा आसान हुआ था। पेशवा ने मल्हार राव से प्रभावित होकर के पश्चिमी मालवा का बड़ा विस्तार सौंप दिया गया था। उस समय उनकी सेना में हज़ार घुड़सवार सैनिक हुआ करते थे।

Malhar Rao Holkar Biography In Hindi
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Malhar Rao Holkar के युद्ध

उन्होंने 1737 में दिल्ली के जंग में हिस्सा किया था। उसके बाद 1738 में भोपाल में उन्होंने निजाम को हराया था। उस सभी युद्ध में मल्हार राव का खूब योगदान रहा था। उसके अलावा उन्होंने पुर्तगालियों से भी युद्ध जीता था। 1748 के समय तक मल्हार राव होलकर की स्थिति मालवा में बेहद मज़बूत हो चुकी थी। अपने समय वह उत्तरी और मध्य भारत के किंग मेकर थे। और इंदौर की रियासत अपने अधीन थी। उन्होंने हमेशा मराठा साम्राज्य के लिए लड़ाईया लड़ते रहे थे। 

एक युद्ध में मराठाओ ने कुम्हेर के किले के इर्द-गिर्द घेरा डाला था।  और महाराजा सूरजमल की सेनाओं से युद्ध किया था। वह युद्ध चार महीने तक चला था। घेराबंदी में मल्हार राव के बेटे खंडेराव की मौत हुई थी। उन पर किले से तोप का सीधा गोला लगा था। अपने बेटे की मौत से मल्हार राव ने कसम खाई कि वह महाराजा सूरजमल का सर काट लेंगे। महाराजा सूरजमल ने खंडेराव के सम्मान में उस जगह पर एक छत्र बनाया था। 

मराठों का विजय रथ

1758 में मल्हार राव ने सरदारों के साथ मिल सरहिंद का बिज़ कर लिया और महीने में लाहौर पर कब्ज़ा लिया था। उन्होंने दुर्रानी की सेनाओं मात देते हुए अटक को जीत लिया था। उसके कारन एक मराठी कहावत प्रचलित हुई और मराठों की विजयगाथा को अक्सर अटकेपार झेंडा रोवला कहते सम्मानित किया जाता है। उसका मतलब अटक के पार तक मराठा साम्राज्य का झंडा फहराता था। और वह सिर्फ मल्हार राव होलकर के कारन और उसकी मेहनत से मुमकिन हुआ था।

मल्हारराव होल्कर का जीवन परिचय
मल्हारराव होल्कर का जीवन परिचय

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पानिपत का तीसरा युद्ध

पानीपत के तीसरे युद्ध में इल्ज़ाम था कि वह लड़ाई को छोड़ कर भाग गए थे। मगर कुछ इतिहासकार की बात माने तो मल्हार राव ने यह लड़ाई में भी अहमद शाह अब्दाली के सैन्य से जमकर युद्ध किया था। जिस समय विश्वास राव पेशवा की युद्ध में मौत हुई और मराठों की हार दिखाई देने लगी। तो मराठों के सेनापति सदाशिव राव भाऊ ने मल्हार राव को उतारा था। मगर उनकी पत्नी पार्वतीबाई को सुरक्षित जगह छोड़ ने के लिए चले गए थे। वह घटना उनके जीवन की एक कलंक बन चुकी थी। 

Malhar Rao Holkar की मृत्यु

मल्हारराव होल्कर की मौत 20 मई, 1766 में आलमपुर में हुई थी। उन्हें एक ही संतान है। उनकी मौत कुम्हेर के किले की घेराबंदी के समय हो चुकी थी। मल्हार राव होलकर की समाधि या मल्हार राव होलकर की छतरी आलमपुर में है। खंडेराव की मौत के पश्यात पत्नी अहिल्याबाई होलकर को उनके ससुर मल्हार राव ने सति होने से रोका था। बाद में मल्हार राव के पोते और अहिल्या के बेटे माले राव को इंदौर की सत्ता हासिल हुई थी। कुछ समय के बाद उसकी मौत हो गई थी। और उसकी माता अहिल्याबाई होलकर ने सत्ता अपने हाथ में लेली थी। वह एक कुशल मराठा प्रशासक साबित हुई थी। 

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Malhar Rao Holkar History In Hindi Video

Interesting Facts अज्ञात तथ्य

  • मराठा साम्राज्य को महाराष्ट्र राज्य से बाहर ले जाने वाला सरदार मल्हारराव होलकर थे। 
  • मल्हारराव होल्कर इंदौर के होल्कर वंश के प्रवर्तक थे।
  • उन्होंने पेशवा बाजीराव प्रथम को कई युद्धों में विजय हासिल करने में मदद की थी। 
  • मल्हारराव मामा बाजीराव बरगल के घर पर तलोदा में पले बढ़े थे।
  • 1948 ई में मल्हारराव होल्कर के राज्य का भारतीय गणराज्य में विलयन किया गया था।
  • वह चरवाहों परिवार में पैदा हुए और बाद में उन्होंने पंजाब तक मराठा साम्राज्य का विस्तार किया था। 
  • मल्हाराव होलकर राजवंश का प्रथम राजकुमार थे।

FAQ

Q .मल्हार राव होलकर कौन थे?

मल्हार राव होलकर मराठा साम्राज्य के अग्रणी कमांडरों और अहिल्याबाई होलकर के ससुर थे। 

Q .मल्हार राव होलकर की मृत्यु कैसे हुई?

मल्हारराव होल्कर की मौत 20 मई, 1766 में आलमपुर में हुई थी।

Q .मल्हार राव होलकर के कितने पुत्र थे?

खंडेराव मल्हार राव होल्कर के इकलौते पुत्र थे। 

Q .मल्हार राव होलकर की समाधि कहां है?

मल्हार राव होलकर की छतरी आलमपुर में है।

Q .मल्हार राव होलकर की जयंती कब है?

16 मार्च को महायोद्धा मल्हारराव होल्कर जयंती मनाई जाती है। 

Conclusion

आपको मेरा Malhar Rao Holkar Biography बहुत अच्छी तरह से समज आया होगा। 

लेख के जरिये हमने Malhar Rao Holkar wives, Malhar Rao Holkar family

और Khanderao holkar से सम्बंधित जानकारी दी है।

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