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Charan Singh Biography In Hindi  – चरण सिंह की जीवनी

नमस्कार दोस्तों आज के हमारे इस आर्टिकल में हम आपको Charan Singh Biography के सम्बंधित जानकारी से परिचित कराने जा रहे है , किसानो की सबसे अधिक चिन्ता करने वाले राजनेता सिर्फ चौधरी चरणसिंह ही थे। 

charan singh foreign policy कैसी थी ? charan singh daughter औरajit singh कौन है ? gayatri devi charan singh कौन थी ? chaudhary charan singh kis cast ke the ? जैसे सवालों के जवाब आज हम देने वाले है इस लेख में भारत के पांचवे प्रधान मंत्री ने कई चुनावो में अपनी जित दर्ज करवाई है। उन्होंने 1923 में स्नातक की पदवी प्राप्त की हुई है और फिर भारतीय राष्ट्रीय कोंग्रेस से अपने राजनैतिक सफर की शुरुआत की थी।

छपरौली से 1937 के वर्ष में उत्तर प्रदेश विधानसभा के लिए चुनाव जीते थे। chaudhary charan singh works की बात करे तो किसानो के लिए कई बिल पास करवाए है ,जो जोते और बोये वही खेतो का मालिक बिल पास करवाया और कई किसानो को फायदा हुआ है यह बिल को पुरे भारत देश के अलग अलग राज्यों में स्वीकार किया गया था। 

  नाम

  चौधरी चरण सिंह

  जन्म 

  23 दिसम्बर 1902

  जन्म स्थान 

  मेरठ, उत्तरप्रदेश

  पिता

  चौधरी मीर सिंह

  पत्नी

  गायत्री देवी

  बच्चे

  पांच

  मृत्यु

  29 मई, 1987 [दिल्ही]

  राजनैतिक पार्टी

  कोंग्रस  और लोक दल

  पेशा

  राजनेता, भारत के पूर्व प्रधानमंत्री

Charan Singh Biography In Hindi –

भारत पर कई शासको ने राज किया हुआ है लेकिन देश स्वतंत्र होने के प्रजा सत्ता के शासन काल में भारत के पाँचवे प्रधान मंत्री चौधरी चरण सिंह थे। चौधरी चरणसिंह का जन्म उत्तरप्रदेश के मेरठ जिल्ले के नूरपुर गाँव में 23 दिसम्बर, 1902 दिन हुआ है। उनका परिवार खेतवाड़ी पर निर्भर एक मध्यम वर्गीय परिवार था। chaudhary charan singh jayanti 23 दिसम्बर के दिन आती है।  

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चरण सिंह का जन्म और शिक्षा –

charan singh pm का जन्म एक 23 दिसम्बर, 1902 के दिन हुआ था उनके पिताजी चौधरी मीर सिंह खेती किया करते थे। उत्तरप्रदेश के मेरठ जिल्ले के नूरपुर गाँव में जन्म लेने वाले चरणसिंह ने अपनी प्राथमिक शिक्षा पढाई नूरपुर गाँव में की हुई थी। choudhary charan singh ने आगरा विश्वविद्यालय से 1923 की साल में स्नातक की उपाधि हासिल की हुई थी। 1925 की साल में कानून में Postgraduate हुए और गाजियाबाद से वकालत की शुरुआत की थी फिर थोड़े वक्त के बाद राजनीती की शुरुआत की हुई है। 

  चरण सिंह का शुरुआती जीवन – 

उन्होंने पढाई करके वकालत की शुरुआत तो कर दी लेकिन उनका उसमे मन नहीं लगता था 1930 की साल मे मेरठ आ गये और 1930 की साल में गोपीनाथ के नमक सत्याग्रह में शामिल हो गए थे। और इस सत्याग्रह में उन्हें पकडे जाने के कारन 6 महीने की सजा हुई थी। इस सत्याग्रह में एक बड़े लोगो के समूह के नेतृत्व के जुर्म में उन्हें  गिरफ्तार किया गया था। भारत देश को आजाद करने के लिए कई लोगो अपनी जाने गवाई है। और कई लोगो को जेल में कारागार की सजा भी दी गयी थी तो किसीको फांसी दी गयी थी। 

Charan Singh Biography में सबको पता चले की जेल से छूट ने के पश्यात महात्मा गाँधी के नेतृत्व में खुद को देश की आजादी के लिए सम्पूर्ण समर्पण कर दिया। 1940 की साल मे खुद के व्यक्तिगत सत्याग्रह में ब्रिटिश सरकार में फिरसे जेल भेज दिया और एक साल की फिर से सजा काट के 1941 में फिर से छोड़ दिए गए थे। बहार निकल ते  ही फिरसे अपने देश की आजादी के लिए लड़ने लगे थे। महात्मा मोहन दास गाँधी ने करो या मरो आह्वान किया इस में उन्होंने भी भाग लेना शुरू कर दिया।

चरण सिंह की आजादी की लड़ाई –

गांधीजी की भारत छोड़ों आन्दोलंन में उन्हें अपनी जात को समर्पित करने के बाद करो या मरो आह्वान का आह्वान किया और उसमे ब्रिटिश सरकार को भारत छोड़ने के लिए मजबूर करने वाले क्रान्तिकारियो मे चौधरी चरणसिंह ने भी मुख्य भूमिका निभाई हुई है। पुरे हिंदुस्तान में अंग्रेजों भारत देश को छोड़ो की बुलंद आवाजे गूंजने लगी थी तब 9 अगस्त 1942 को चरण सिंह नेतृत्व अपने सर पे लेके बुलन्दशहर,सरथना,मवाना,मेरठ,हापुड़, और गाजियाबाद, में गुप्त रूपों से क्रांतिकारी संगठनो की तैयारियां शुरू करदी थी।

अपने क्रन्तिकारी साथी से मिलके अंग्रेज सरकार को बार बार चुनौतियां दे दिया करते थे। अंग्रेज़ सरकार को इतना परेशां करके रखा था की चरण सिंह जहा ही दिखाई दे वहा गोली मारने का आदेश मेरठ प्रशासन को दिया हुआ था। एक तरह से देखा जाये तो चरण सिंह ने अंग्रेज़ सरकार की नाक़ में दम लाके रख दिया था। चौधरी चरण सिंह ने अपने जीवन में कई पुस्तके भी लिखी है।

जैसे की कर्जा कानून,मंडी बिल,भारत की गरीबी व उसका निराकरण, ओरे जमींदारी नाशन कानून इस पुस्तके ने पुरे भारत देश के खेडूतो को बहुत ही फायदेमंद रहे और कानून में भी कुछ ज्यादा बदलाव भी करवाए थे। उन्होंने सिर्फ बाते या बहाना बाजी नहीं दिखाई लेकिन किसानो की तकलीफो को पूरी तरह समज के दूर करने के लिए हमेशा वह तत्पर रहा करते थे। वर्तमान समय के नेता जैसे नहीं थे जो बोलते तो अच्छा अच्छा है लेकिन करते कुछ नहीं। 

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चरण सिंह आजादी के बाद –

 भारत देश आजाद होते ही प्रजासत्ता की स्थापना हुई लेकिन भारत देश के पहले प्रधान मंत्री चाचा जवाहर लाल नहेरु का सोवियत पद्धति से आर्थिक परिस्थिति को सुधरने की बात का उन्होंने विरोध किया था। क्योकि चौधरी चरण सिंह का मनना था  की जिस देश की मुख्य नीव खेती पर टिकी हो उनका आर्थिक विकास सिर्फ खेती से  किया जा सकता है। और इसका प्रभाव उनके राजनैतिक जीवन पर पड़ा था।

उन्होंने अपने जीवन में कई सत्याग्रह जीते है तो कई चुनाव भी जित के दिखाए है। किसानो के हर दुखो के लिए वह हमेशा खड़े रहने वाले राजनेता थे। इसा कह सकते है की वह एक बेहतरीन राजनेता के साथ एक अच्छे काबिल किसान नेता भी थे। 

चरण सिंह की राज नैतिक सफर –

ch charan singh ने कोंग्रेस से अपने राजनैतिक सफर की शुरुआत की थी। छपरौली गांव से 1937 के वर्ष में उत्तर प्रदेश विधानसभा के लिए चुनाव जीते थे। इसके बाद वर्ष 1952, 1962 और 1967 के राज्य विधान सभा के लिए चुनाव जीतते रहे थे। पंडित गोविन्द वल्लभ पंत की राज्य सरकार में चरण सिंह को पार्लियामेंटरी सेक्रेटरी बनाया गया था।  पार्लियामेंटरी सेक्रेटरी की भूमिका पर इन्होंने चिकित्सा एवं स्वास्थ्य,सूचना,न्याय और राजस्व के विभागों के लिए अपना कार्य प्रदान किया था। 1951 की साल में चरण सिघ को उत्तर प्रदेश सरकार के द्धारा कैबिनेट मंत्री पद पे बिठाया गया था।

तब उन्होंने  सूचना और न्याय के विभाग का मोरचा सम्भाला था। 1952  की साल में कृषि विभाग और राजस्व की जिम्मेदारी निभाई थी तब डॉक्टर सम्पूर्णानंद की सरकार का राज्य था। इस पद पर बेठते हि उन्होंने किसानों के हितों के लिए हर दिन प्रयत्न करते रहे थे।1960 में चौधरी चरणसिंह को कृषि मंत्रालय के मंत्री बनाया गया इस वक्त उत्तरप्रदेश के मुख्य मंत्री पद पे चंद्रभानु गुप्ता विराजमान थे। 1967 चरण सिंह ने कांग्रेस पार्टी में से इस्तीफा दे दिया।

और उन्होंने भारतीय क्रांति दल की स्थापना की और रम मनोहर लोहिया और राज नारायण जैसे अच्छे लोगो को साथ लेके उत्तर प्रदेश राज्य के मुख्य मंत्री बन गए थे।उन्हों ने मुख्यमन्त्री पद पे 1967 और 1970 तक राज किया था। 1975 की साल में इंदिरा गाँधी ने भारत देश को आपातकाल की सन 1975 में इंदिरा गाँधी ने देश में आपातकाल घोषितघोषणा की और चरण सिंह के साथ साथ राजकीय विरोधीयों को जेल में डलवादीया गया।

लेकिन 1977 के भारत के चुनाव में इंदिरा गाँधी की करारी हार हुई और केंद्र सरकार में जनता पार्टी ने सरकार बना के मोरारजी देसाई को प्रधान मंत्री के पद के लिए नियुक्त किया गया तब चरण सिंह को उप-प्रधानमंत्री और गृह मंत्री पद पे बिठाया गया था। 

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चौधरी चरण सिंह का प्रधानमंत्री पद  –

Charan Singh Biography की जानकारी में उसके सरकार की बात करे तो  केंद्र सरकार में जनता पार्टी के आपसी  लड़ाई की वजह से मोरारजी देसाई सरकार ज्यादा चल नहीं पायी थी और गिर गयी इसके पश्यात चौधरी चरण सिंह ने कांग्रेस और सी. पी. आई. के को समर्थन दिया था। और 28 जुलाई 1979 के दिन भारत देश के पांचवे प्रधान मन्त्री के लिए शपथ ग्रहण किये थे। इसी वक्त पे उन्हें नीलम संजीव रेड्डी जो राष्ट्रपति हुआ करते थे। 

चरण सिह को बहुमत साबित करने के लिए कुछ वक्त दिया था जो 20 अगस्त तक का  था लेकिन इंदिरा गाँधी ने 19 अगस्त के दिन ही अपनी पार्टी का समर्थन नहीं देने का फैसला ले लिया। और इस वजह से चरण सिंह को अपने प्रधान मंत्री पद से इस्तीफा देने के लिए मजबूर होना पड़ा था। और तुरंत ही प्रधानमंत्री पद से त्यागपत्र दे देने का फैसला कर लिया और दे भी दिया।

चौधरी चरण सिंह की मृत्यु –

चौधरी चरण सिंह की मौत की जानकारी Charan Singh Biography में बताये तो 29 मई 1987 की दिन हुई थी। दिल्ही शहर मे यमुना नदी के तट पर भारत देश के पांचवे प्रधान मंत्री चरण सिंह की समाधी बनवाई गयी है। और उस समाधी को किसान घाट के नाम से पहचाना जाता है। और चरणसिंह की मृत्यु के बाद लोक दल के नए अध्यक्ष पद के लिए उनके बेटे अजित सिंह को नियुक्त किया गया था।

इस लोक दल पार्टी से उनके बेटे अजित सिंह ने कई चुनावो में अपनी जित दर्ज करवाई है।और आज भी वह राज निति में शामिल है। चौधरी चरण सिंह के नाम कारन की कई संस्थान आज भी कार्यरत है। जैसे की chaudhary charan singh university, chaudhary charan singh haryana agricultural university,chaudhary charan singh university meerut,

chaudhary charan singh international airport, chaudhary charan singh airport lucknow,chaudhary charan singh university hisar उन्हों ने अपने जीवन में एक साधारण सा जीवन व्यतीत किया था और अपने देश के लिए अपनी पूरी जिंदगी देश की सेवा में समर्पित कर दी है।  

chaudhary charan singh jivan parichay Video – 

चौधरी चरण सिंह 7 रोचक तथ्य –

  • उन्होंने किसानो के लिए कई बिल पास करवाए है ,जो जोते और बोये वही मालिक का बिल पास करवाया और कई किसानो को फायदा हुआ है
  • चरण सिंह को अपने प्रधान मंत्री पद से इस्तीफा देने के लिए मजबूर होना पड़ा था। उन्होंने तुरंत ही प्रधानमंत्री पद से त्यागपत्र दे देने का फैसला कर लिया और दे भी दिया।
  • 1952  की साल में कृषि विभाग और राजस्व की जिम्मेदारी निभाई थी तब डॉक्टर सम्पूर्णानंद की सरकार का राज्य था।
  • 1940 की साल मे खुद के व्यक्तिगत सत्याग्रह में ब्रिटिश सरकार में फिरसे जेल भेज दिया और एक साल की फिर से सजा काट के 1941 में फिर से छोड़ दिए गए थे।
  • 1930 की साल मे मेरठ आ गये और 1930 की साल में गोपीनाथ के नमक सत्याग्रह में शामिल हो गए थे। और इस सत्याग्रह में उन्हें पकडे जाने के कारन 6 महीने की सजा हुई थी।
  • 1923 में स्नातक की पदवी प्राप्त की हुई है और फिर कोंग्रेस से अपने राजनैतिक सफर की शुरुआत की थी।
  • दिल्ही शहर मे यमुना नदी के तट पर भारत देश के पांचवे प्रधान मंत्री चरण सिंह की समाधी बनवाई गयी है। और उस समाधी को किसान घाट के नाम से पहचाना जाता है।

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Questions – 

1 .1979 में चौधरी चरण सिंह की सरकार क्यों और कैसे गिरी?

भारत की केंद्र सरकार में जनता पार्टी के आपसी  लड़ाई की वजह से मोरारजी देसाई सरकार ज्यादा चल नहीं पायी थी और गिर गयी इसके पश्यात उन्होंने कांग्रेस और सी. पी. आई. के को समर्थन दिया था। और 28 जुलाई 1979 के दिन भारत देश के पांचवे प्रधान मन्त्री के लिए शपथ ग्रहण किये थे।

2 .चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय में दाख़िला लेने के सर्वोत्तम कारण क्या हैं?

Charan Singh Biography में आपको बतादे की यह विश्वविद्यालय आज से 55वर्षों पूर्व स्थापित किया गया था जिसके तत्कालीन चांसलर आनंदीबेन पटेल है।इस विश्वविद्यालय में शिक्षा की व्यवस्था में अति उत्तम है ,और छात्रों का यहाँ पर एडमिशन लेने का एक और कारण यह भी है यहाँ की शिक्षा का शुल्क (fee) कम से कम लिया जाता है जहाँ पर ग़रीब विद्यार्थी भी यहाँ पर शिक्षा प्राप्त कर सकता है।

  • कृषि के समस्त विषयों की पढ़ाई होती है।
  • यहाँ के शिक्षक अति प्रभावी तरिके से पढ़ते है।
  • प्रैक्टिकल करने हेतु लैब की व्यवस्था है।
  • लड़को के लिए हास्टल/मेस की सुविधा उपलब्ध है कम शुल्क में
  • कृषि क्षेत्र और कला, विज्ञान, बायोलॉजी, आदि समस्त विषयों के बैचलर कोर्स उपलब्ध है।
  • क़ानूनी पढ़ाई भी उत्तम तरीके से होती है।
  • कैंपस में पुलिस सहायता केंद्र भी है।
  • यूनिवर्सिटी से अन्य कॉलेज भी सम्पर्क में है सरकारी व गैर सरकारी

3 .चौधरी चरण सिंह कब प्रधानमंत्री बने?

28 जुलाई 1979 के दिन भारत देश के पांचवे प्रधान मन्त्री के लिए शपथ ग्रहण किये थे।

4 .चौधरी चरण सिंह की मृत्यु कब हुई?

चौधरी चरण सिंह की मौत 29 मई 1987 की दिन हुई थी। दिल्ही शहर मे यमुना नदी के तट पर भारत देश के पांचवे प्रधान मंत्री चरण सिंह की समाधी बनवाई गयी है

5 .चौधरी चरण सिंह का जन्म कब हुआ?

charan singh pm का जन्म 23 दिसम्बर, 1902 के दिन हुआ था उनके पिताजी चौधरी मीर सिंह खेती किया करते थे। 

6 .चौधरी चरण सिंह का जन्म कहाँ हुआ था?

उत्तरप्रदेश के मेरठ जिल्ले के नूरपुर गाँव में जन्म लेने वाले चरणसिंह ने अपनी प्राथमिक शिक्षा पढाई नूरपुर गाँव में की हुई थी।

7 .चौधरी चरण सिंह कौन थे जिनके नाम पर विश्वविद्यालय है?

मेरठ में स्थित चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय | इस विश्वविद्यालय स्थपना सन 1965 में हुवी थी और मेरठ विश्वविद्यालय’ नाम से जनि जाती हे | और इस विश्वविद्यालय का नाम बदलकर भारत के भूतपूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के नाम पर रख दिया गया।

8 .चौधरी चरण सिंह को गोली मारने का आदेश अंग्रेजों ने क्यों दिया था ?

चौधरी चरण सिंह अपने क्रंतिकारी विचारो से देश में बदलाव लाने वाले पूर्व प्रधानमंत्री थे | चौधरी चरण सिंह 29 मई के दिन को उन्होंने दुनिया को अलविदा कहा था | भारत के पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह सिर्फ एक नेता के रूप में बल्कि एक सच्चे देशभक्त के रूप में भी कई अहम योगदान दिए हे |

9 .चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के परिसर के पास सबसे अच्छे रेस्टोरेंट कौनसे हैं?

Charan Singh Biography में आपको ज्ञात करदे की इस विश्वविद्यालय के पास यूं तो बहुत सारे रेस्टोरेंट्स हैं लेकिन कुछ बहुत अच्छे रेस्टोरेंट्स जिनका नाम मैं आपको बता रहा हूं जो आपको सिर्फ 1 किलोमीटर के दायरे के अंदर अंदर आपको आसानी से मिल जाएंगे। विशेष तौर पर इन रेस्टोरेंट्स में सफाई का विशेष ध्यान रखा जाता है और आप यहां पर भारतीय खाने के साथ-साथ चाइनीस खाने का भी आनंद उठा सकते हैं।

Rivoli The Fine Dining Restaurant

  • Big bite
  • 3foodies
  • Pizza Hut

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निष्कर्ष – 

दोस्तों उम्मीद करता हु आपको हमारा  यह आर्टिकल  Charan Singh Biography के बारे में पूरी तरह से समज आ गया होगा। इस लेख के द्वारा हमने charan singh cabinet के सबंधीत सम्पूर्ण जानकारी दे दी है अगर आपको इस तरह के अन्य व्यक्ति के जीवन परिचय के बारे में जानना चाहते है तो आप हमें कमेंट करके जरूर बता सकते है। और हमारे इस आर्टिकल को अपने दोस्तों के साथ शयेर जरूर करे। धन्यवाद।

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