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Mahatma Gandhi Information In Hindi – महात्मा गांधी का जीवन परिचय

आज के हमारे लेख में आपका स्वागत है। नमस्कार मित्रो आज हम Mahatma Gandhi Information In Hindi की जानकारी देंगे एव भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन में अहम योगदान देने वाले महात्मा गांधी का जीवन परिचय बताने वाले है। 

दक्षिण अफ्रीका से भारत लौट के 1915 में गांधीजी ने भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन की निव राखी। शोषण , रंगभेद की नीति , अन्याय को दूर करके अहिंसा  और सामाजिक एकताबनके भारत को स्वतंत्रता दिलाई है। आज हम mahatma gandhi quotes , mahatma gandhi history और महात्मा गांधी की आत्मकथा का आपको परिचय देंगे। उन्होंने कैसे एक साधारण व्यक्ति से महात्मा तक की उपाधि हासिल की उसका पूरा लेखा जोखा बताएँगे। 

आज एक ऐसे बडे महान आत्मा के बारे में बात करने वाले हे। जिनकी बाते सभी ने बहुत कुछ बाते सुनी होगी और उनके बारे में कही बार पढ़ा भी होगा जीनका नाम है महात्मा गांधीजी जिन्होंने अपने पुरे जीवन में अपने शरीर का आधा हिस्सा अपने देशवासियो को कपडे मिले इसके लिए खुला ही रहने दिया। महात्मा गांधी भाषण करते तब सभी लोग उन्हें देखते ही रहा करते थे। क्योकि भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन में महात्मा गांधी का योगदान बहुत बड़ा है। तो चलिए महात्मा गांधी के विचार बताना शुरू करते है। 

Mahatma Gandhi Information In Hindi –

 नाम  मोहनदास करमचंद गांधी
 जन्म  2 अकतूबर 1869
 पिता  करमचंद गांधी
 माता   पुतलीबाई
 पत्नी  कस्तूरबा
mahatma gandhi children  ( 1 ) हरीलाल गांधी (1888)
 ( 2 ) मणिलाल गांधी (1892)
 ( 3 ) रामदास गांधी (1897)
 ( 4 ) देवदास गांधी (1900)
 वंश  गांधी
gandhiji death  30 जनवरी 1948

महात्मा गांधी की जीवनी –

2 अकतूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर शहर में महात्मा गांधीजी का जन्म हुआ था mahatma gandhi father name करमचंद गांधी था और mahatma gandhi mother name पुतलीबाई था। महात्मा गांधीजी ने स्वाभाविक रूप से अहिंसा, शाकाहार, आत्मशुद्धि के लिए व्रत और विभिन्न धर्मों और पंथों को मानने वालों के बीच परस्पर सहिष्णुता को अपनाया था। 

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महात्मा गांधी शिक्षा –

महात्मा गांधीजी को पढाई लिखाई मे बहुत ही रुचि थी। उन्होंने अपनी मातृ भाषा मे ही शिक्षण प्राप्त किया था उनका पुरा बचपन पोरबंदर शहर में ही बिता था। महात्मा गांधीजी मिडिल स्कूल की शिक्षा पोरबंदर में और हाई स्कूल की शिक्षा राजकोट में हुई। शैक्षणिक स्तर पर मोहनदास एक औसत छात्र ही रहे। सन 1887 में उन्होंने मैट्रिक की परीक्षा अहमदाबाद से उत्तीर्ण की स्वास्थ्य ख़राब होने की वजह से वह कॉलेज छोड़कर पोरबंदर mahatma gandhi family के पास चले गए और फिर घर पर ही उन्होंने पढ़ाई चालू की थी। 

mahatma gandhi information – महात्मा गांधीजी ने भारत में अपनी पढाई खत्म करने के बाद वो आगेकी पढाई करने के लिए वो इंग्लैंड बले गए ।  महात्मा गांधीजी वहा पर बैरिस्टर कि पढाई की और फिर वो बैरिस्टर बन गये और वो भारत वापस लौट आऐ। महात्मा गांधीजी सत्य अहिंसा और प्रेम के पुजारी थे महात्मा गांधीजी बैरिस्टर बन ने के बाद वो वकालत की पढाई करने के लिए वो दक्षिण आफिका चले गए और फिर उन्होंने अपनी पढाई खत्म की और वो वापस भारत लौट आऐ और फिर उन्होंने फिर भारत में वकिलात करना चालू कर दिया।

गाँधीजी दक्षिण अफ्रीका में (1893-1914) –

महात्मा गाँधीजी 24 साल की उम्र में दक्षिण अफ्रीका पहुंचे। और वह प्रिटोरिया स्थित कुछ भारतीय व्यापारियों के न्यायिक सलाहकार के तौर पर वहां गए थे। फिर उन्होंने अपने जीवन के 21 साल दक्षिण अफ्रीका में बिताये जहाँ उनके राजनैतिक विचार और नेतृत्व कौशल का विकास हुआ। 7 जून, 1893 को ही महात्मा गांधी ने सविनय अवज्ञा का पहली बार इस्तेमाल किया था। 1893 में एक महात्मा गांधीजी ने साल के कॉन्ट्रैक्ट पर वकालत करने दक्षिण अफ्रीका चले गए थे / वह उन दिनों दक्षिण अफ्रीका के नटाल प्रांत में रहते थे

महात्मा गांधीजी को किसी काम से दक्षिण अफ्रीका में वह एक ट्रेन के फर्स्ट क्लास कंपार्टमेंट में सफर कर रहे थे। एक बार ट्रेन में प्रथम श्रेणी कोच की वैध टिकट होने के बाद तीसरी श्रेणी के डिब्बे में जाने से इन्कार करने के कारण उन्हें ट्रेन से बाहर फेंक दिया गया। महात्मा गांधीजी रेलवे अधिकारियों से भिड़ गए और कहा कि वे लोग चाहें तो उनको उठाकर बाहर फेंक सकते हैं लेकिन वह खुद से कंपार्टमेंट छोड़कर नहीं जाएंगे। वास्तव में अन्याय के खिलाफ खड़े होने की यही हिम्मत तो सविनय अवज्ञा थी।

दक्षिण अफ्रीका में सत्याग्रह –

mahatma gandhi information – इस घटना से महात्मा गांधीजी टूटने की बजाए और मजबूत होकर उभरे। और उन्होंने दक्षिण अफ्रीका में रंग के नाम पर होने वाले भेदभाव और भारतीय समुदाय के उत्पीड़न के खिलाफ लड़ने का निश्चय किया। यहीं से गांधीजी का एक नया अवतार जन्म लेता है। दक्षिण अफ्रीका में महात्मा गाँधीजी ने भारतियों को अपने राजनैतिक और सामाजिक अधिकारों के लिए संघर्ष करने के लिए प्रेरित किया।

उन्होंने भारतियों की नागरिकता सम्बंधित मुद्दे को भी दक्षिण अफ़्रीकी सरकार के सामने उठाया। कॉन्ट्रैक्ट खत्म होने के बाद भी महात्मा गांधीजी ने दक्षिण अफ्रीका में ही रुकने का फैसला किया और महात्मा गांधीजी ने दक्षिण अफ्रीका के एक कानून के खिलाफ मुहिम चलाई जिसके तहत भारतीय समुदाय के लोगों को वोट देने का अधिकार प्राप्त नहीं था। 

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महात्मा गांधी के आंदोलन –

संन 1914 में महात्मा गांधीजी दक्षिण अफ्रीका से भारत वापस लौट के आये और इस समय महात्मा गांधीजी एक राष्ट्रवादी नेता और संयोजक के रूप में प्रतिष्ठित हो चुके थे। वह उदारवादी कांग्रेस नेता गोपाल कृष्ण गोखले के कहने पर भारत आये थे और शुरूआती दौर में महात्मा गांधीजी के विचार बहुत हद तक गोखले के विचारों से प्रभावित थे। प्रारंभ में महात्मा गांधीजी ने देश के विभिन्न भागों का दौरा किया और , आर्थिक और सामाजिक और राजनैतिक मुद्दों को समझने की कोशिश भी कर रहे थे

नमक सत्याग्रह – Mahatma Gandhi Information

नमक सत्याग्रह महात्मा गांधीजी द्वारा चलाये गये प्रमुख आंदोलनों में से एक सत्याग्रह हे और 12 मार्च, 1930 में महात्मा गांधीजी ने अहमदाबाद के पास स्थित साबरमती आश्रम से दांडी गांव तक 24 दिनों का पैदल मार्च निकाला था महात्मा गांधीजी यह मार्च नमक पर ब्रिटिश राज के एकाधिकार के खिलाफ निकाला था।  महात्मा गांधीजी द्वारा चलाए गए अनेकों आंदोलनों में से नमक सत्याग्रह सबसे महत्वपूर्ण था अहिंसा के साथ शुरू हुआ यह मार्च ब्रिटिश राज के खिलाफ बगावत का बिगुल बन कर उभरा था। 

महात्मा गांधीजी को नमक सत्याग्रह में अनेक महापुरूषों ने साथ दिया था और लगातार 24 दिनों तक पैदल मार्च निकला और वह दांडी गांव पहुंच गए। उस दौर में ब्रिटिश हुकूमत ने चाय, कपड़ा, यहां तक कि नमक जैसी चीजों पर अपना एकाधिकार स्थापित कर रखा था और उस समय भारतीयों को नमक बनाने का अधिकार नहीं था. हमारे पूर्वजों को इंगलैंड से आनेवाले नमक के लिए कई गुना ज्यादा पैसे देने होते थे। 

mahatma gandhi information – महात्मा गांधीजी ने दांडी पहुंचकर अपने साथियों के साथ हाथ में नमक लेकर बोले कि आज से मैंने नमक का कानून तोड़ देयाभारत छोड़ो आंदोलन भारत छोड़ो आंदोलन , द्वितीय विश्वयुद्ध के समय 9 अगस्त1942 को आरंभ किया गया था। यह एक आंदोलन था जिसका लक्ष्य भारत से ब्रितानी साम्राज्य को समाप्त करना था। यह आंदोलन महात्मा गांधीजी द्वारा अखिल भारतीय कांग्रेस समिति के मुम्बई अधिवेशन में शुरू किया गया था।

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भारत छोड़ो आंदोलन –

भारत छोड़ कर जाने के लिए अंग्रेजों को मजबूर करने के लिए एक सामूहिक नागरिक अवज्ञा आंदोलन ”करो या मरो” आरंभ करने का निर्णय लिया। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के मुंबई अधिवेशन में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। आठ अगस्त का दिन अफगानिस्तान में भी एक महत्वपूर्ण घटना का गवाह रहा है। भारत छोड़ो प्रस्ताव एक ऐसा प्रस्ताव था जिसने भारत के स्वतंत्रता संग्राम को एक विशिष्‍ट मोड़ दिया और इस प्रस्ताव ने तो जैसे सारा राजनीतिक माहौल ही बदल डाला।

सारे देश में एक अभूतपूर्व उत्साह की लहर दौड़ गई। लेकिन उस उत्साह को राष्‍ट्रीय विस्फोट में बदल दिया उस रात राष्‍ट्र के प्रमुख नेताओं की गिरफ्तारी ने। तत्कालीन गोरी सरकार के इस कदम की जो तीव्र प्रतिक्रियाएँ हुई, वह सचमुच अभूतपूर्व थी। गांधी जी को पुणे की आगा खां पैलेस में कैद कर लिया गया और लगभग सभी नेताओं को गिरफ्तार कर लिया गया।

भारत छोड़ो आंदोलन’ मूल रूप से एक जनांदोलन बन गया था, जिसमें भारत के हर जाति-वर्ग के लोग ने भाग लिया था। खास बात ये है कि इस आंदोलन में युवाओं की बड़ी भागेदारी थी। यहां तक की छात्रों ने स्कूल और कॉलेज छोड़ दिए थे और आंदोलनमें शामिल हो गए थे। हालांकि उनमें से कइयों को जेल भी जाना पड़ा था।

खेड़ा सत्याग्रह –

खेड़ा सत्याग्रह महात्मा गाँधी द्वारा प्रारम्भ किया गया था। ‘चम्पारन सत्याग्रह’ के बाद गाँधीजी ने 1918 ई. में खेड़ा सत्याग्रह गुजरात के किसानों की समस्याओं को लेकर आन्दोलन शुरू किया। खेड़ा में गाँधीजी ने अपने प्रथम वास्तविक ‘किसान सत्याग्रह’ की शुरुआत की थी। खेड़ा के कुनबी-पाटीदार किसानों ने 1918 ई. में अंग्रेज़ सरकार से लगान में राहत की माँग की थी, क्योंकि गुजरात की पूरे वर्ष की फ़सल मारी गई थी। किसानों की दृष्टि में फ़सल चौथाई भी नहीं हुई थी।

mahatma gandhi information – ऐसी स्थिति को देखते हुए लगान की माफी होनी चाहिए थी, पर सरकारी अधिकारी किसानों की इस बात को सुनने को तैयार नहीं थे। किसानों की जब सारी प्रार्थनाएँ निष्फल हो गईं, तब महात्मा गाँधी ने 22 मार्च, 1918 ई. में ‘खेड़ा आन्दोलन’ की घोषणा की और उसकी बागडोर को संभाला था। खेड़ा सत्याग्रह गुजरात के खेड़ा ज़िले में किसानों का अंग्रेज़ सरकार की कर-वसूली के विरुद्ध एक सत्याग्रह (आन्दोलन) था। यह महात्मा गांधी की प्रेरणा से सरदार वल्लभभाई पटेल और अन्य नेताओं की आगेवानी मे हुवा था। 

उन दिनो भारत में भी अंग्रेजो का शासन था। भारत आकर गांधीजी ने देश की आजादी के लिए असहयोग चलाया । गांधीजी ने जनता के दिल में राष्ट्रीयता व स्वतंत्रता की भावना जगाई । महात्मा गांधीजी , गोपाल कृष्ण सुभाषचंद बोस, बाल गंगाधर जयप्रकाश नारायण सरदार पटेल और लालबहादुर शास्त्री जौसे अनेक महान लोगो ने ऐकजुड किया।

चंपारण सत्याग्रह –

अंग्रेजों की विरुद्ध महात्मा गांधीजी के नेतृत्व में अनेक आंदोलन किए गए थे। इस आंदोलनों में चंपारण सत्याग्रह था. जो भारत के किसानों से जुड़ा हुआ था। 19 अप्रैल, 1917 को शुरू किए गए इस आंदोलन को  101 साल पूरे हो गए हैं। चंपारण आंदोलन भारत का पहला नागरिक अवज्ञा आंदोलन था जो बिहार के चंपारण जिले में महात्मा गांधी की अगुवाई में 1917 को शुरू हुआ था।

 आंदोलन के माध्यम से महात्मा गांधीजी ने लोगों में जन्में विरोध को सत्याग्रह के माध्यम से लागू करने का पहला प्रयास किया जो ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ आम जनता के अहिंसक प्रतिरोध पर आधारित था। ‘चंपारण’ के साहूकार राज कुमार शुक्ला और संत राउत ने महात्मा गांधीजी से लखनऊ में जाकर मुलाकात की थी। लेकिन गांधीजी चंपारण की दुर्दशा से अनभिज्ञ थे. लिहाजा, ब्रजकिशोर प्रसाद के माध्यम से उन्हें जानकारी हुई. अधिवेशन में चंपारण से संबंधित प्रस्ताव पारित हुआ. शुक्लजी को प्रसन्नता हुई लेकिन इतने से उन्हें संतोष नहीं था। 

उन्होंने गांधीजी से आग्रह किया कि स्वयं चंपारण चलकर रैयतों की दशा अपनी आंखों से देख लें. अधिवेशन के बाद गांधीजी कानपुर और अहमदाबाद गए तब भी शुक्लजी साथ रहे. चंपारण यात्रा की तिथि निश्चित करने का गांधीजी से अनुरोध किया। इस पर गांधीजी ने चंपारण आने के वचन को दुहराया था। 

दलित आंदोलन –

mahatma gandhi information – महात्मा गांधीजी ने 8 मई 1933 से छुआछूत विरोधी आंदोलन की शुरुआत की थी। और गांधीजी ने अखिल भारतीय छुआछूत विरोधी लीग की स्थापना 1932 में की थी। संन 1933 – आज ही के दिन महात्मा गांधीजी ने आत्म-शुद्धि के लिए 21 दिन का उपवास किया और हरिजन आंदोलन को आगे बढ़ाने के लिए एक-वर्षीय अभियान की शुरुआत की।

महात्मा गांधीजी ने हरिजन के लिए जगहों के आरक्षण के साथ एक ही निर्वाचक मंडल की इच्छा जाहिर की। लेकिन इस नेतृत्व को दलित नेता भीमराव आंबेडकर ने स्वीकार नहीं किया। महात्मा गांधीजी ने 85 साल पहले हरिजन आंदोलन करते हुए 21 दिन तक उपवास किया थामहात्मा गांधी को दुनिया दूसरे स्मारकों के साथ ही दलितों का भी मसीहा मानती है

यह सच है कि दक्षिण अफ्रीका से वापस लौटने के बाद जब वे मैला उठाने वालों की बस्ती में रहे और उनकी समस्याओं को जाना तो एक साल के भीतर ही 1916 में कांग्रेस के भीतर उन्होंने छुआछूत का मुद्दा उठाया था। महात्मा गांधीजी ने छुआछूत की भावना को खत्म करने के लिए वह अपना शौचालय खुद साफ करते और दूसरों को भी ऐसा करने के लिए कहते. ऐसी बहुत सी घटनाएं हैं जिनसे दलितों के लिए महात्मा गांधी के लाठी उठाने के दावे का समर्थन किया जा सकता है

आजादी –

हमारा भारत देश 1947 मे महात्मा गांधीजी के नेतृत्व मे आजाद हुआ था । आजादी के बाद पुरे भारत देश मे खुशीया छाई हुई थी और चारो और गांधीजी की जय जय कार मची हुई थी। भारत देश पूरा 15 अगस्त 1948 को जब आजादी का जश्न मना रहा था तब उस समय एक शख्स ऐसा भी था जो ब्रिटिश शासन की गुलामी से मुक्ति के इस महोत्सव में शामिल नहीं था। 

वह खामोशी के साथ राजधानी दिल्ली से कई किलोमीटर दूर कोलकाता में हिंदू और मुसलमानों के बीच शांति और संयम कायम करने के काम में लगा हुआ था और वह और कोय नहीं बल्कि महात्मा गांधी खुद थे। 

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Mahatma Gandhi Death –

mahatma gandhi death date 30 जनवरी 1948 है। भागते हुए बिरला हाउस के प्रार्थना स्थल की तरफ़ बढ़ रहे थे, तो उनके स्टाफ़ के एक सदस्य गुरबचन सिंह ने अपनी घड़ी की तरफ़ देखते हुए कहा था। “बापू आज आपको थोड़ी देर हो गई.”गाँधी ने चलते-चलते ही हंसते हुए जवाब दिया था, “जो लोग देर करते हैं उन्हें सज़ा मिलती है.” महात्मा गांधीजी को नथूराम गोडसे ने अपनी बेरेटा पिस्टल की तीन गोलियाँ मर कर उनकी हत्या कर दी थी। 

भारत देश ने गांधीजी को राष्टपिता का सन्मान दिया । और उतना ही नहीं आज भी हमारा भारत देश गांधीजी को दिल से याद करता है और उतना ही नहीं हमारे भारत देश में हर साल महात्मा गांधीजी की जन्म तिथि और पुन तिथि भी मनाई जाती है। महात्मा गांधीजी जेसे देश भकत को आज भी दुनिया दिल से याद करती है और उनको सलाम करती है। 

Mahatma Gandhi Information Video –

Mahatma Gandhi Facts – 

  •  गांधीजी  ने सहयोग आंदोलन , नमक सत्याग्रह ,दलित आंदोलन ,भारत छोड़ो आंदोलन और चंपारण सत्याग्रह चलाये थे।
  • महात्मा गांधी की पुस्तकों के नाम में से ‘सत्य के प्रयोग को महात्मा गांधी आत्मकथा का दर्जा हासिल है। 
  • महात्मा गांधी की बेटी का नाम  रानी और मनु था। 
  • भारत में 2 October के दिन महात्मा गांधी जयंती मनाई जाती है। 
  •  गांधीजी को नथूराम गोडसे ने बेरेटा पिस्टल की तीन गोलियाँ मार कर हत्या कर दी थी। 

Mahatma Gandhi Questions –

1 .mahatm gandhi full namai kya tha ?

महात्मा गांधी का पूरा नाम मोहन दास करमचंद गांधी था।

2 .maut ke vakt mahatm gandhi agai kitanee thee ?

मौत के वक्त महात्मा गाँधी की आयु 78 years थी। 

3 .mahaatma gaandhee dakshin aphreeka se bhaarat kab laute the ?

महात्मा गांधी दक्षिण अफ्रीका से भारत 1915 में लौटे थे। 

4 .mahaatma gaandhee ke pita ka naam kya tha ?

महात्मा गांधी के पिता का नाम Karamchand Gandhi था। 

5 .mahaatma gaandhee kee mrtyu kab huee ?

महात्मा गांधी की मृत्यु 30 January 1948 के दिन हुई थी।

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Conclusion –

आपको मेरा आर्टिकल Mahatma Gandhi Information In Hindi बहुत अच्छे से समज आया होगा। लेख के जरिये  हमने gandhi asharam और gandhi jayanti से सबंधीत  सम्पूर्ण जानकारी दी है। अगर आपको अन्य व्यक्ति के जीवन परिचय के बारे में जानना चाहते है। तो कमेंट करके जरूर बता सकते है। हमारे आर्टिकल को अपने दोस्तों के साथ शयेर जरूर करे। जय हिन्द।

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