Mahavir Swami Biography In Hindi

Mahavir Swami Biography In Hindi | भगवान महावीर स्वामी का जीवन परिचय

नमस्कार दोस्तों Mahavir Swami Biography In Hindi में आपका स्वागत है। आज हम जैन धर्म के प्रवर्तक भगवान महावीर स्वामी का जीवन परिचय और महावीर जयंती की जानकारी बताने वाले है। महावीर जैन धर्म के 24वें और अंतिम तीर्थंकर एव वर्धमान के रूप में भी प्रसिद्ध है। उसकी याद में पूरे भारत मे महावीर जयंती जैन समाज द्वारा भगवान महावीर के जन्म उत्सव के रूप मे मनाई जाती है। महावीर स्वामी का संबंध छठी शताब्दी ईसा पूर्व के भारतीय इतिहास से है। 

वह एक भारतीय तपस्वी दार्शनिक एव महावीर गौतम बुद्ध के समकालीन थे। बौद्ध धर्म में प्राथमिक व्यक्ति जिनकी शिक्षाओं पर बौद्ध धर्म की स्थापना हुई थी। महावीर का जन्म वर्तमान बिहार, भारत में क्षत्रियों के एक शाही परिवार में हुआ था। एक राजा के पुत्र के रूप में उनका बचपन एक विशेषाधिकार प्राप्त था। और उनका पालन-पोषण विलासिता की गोद में हुआ था। वह एक बहादुर बालक के रूप में बड़ा हुआ और कहा जाता है कि उसने एक भयंकर नाग को नियंत्रित किया था।

Mahavir Swami Biography In Hindi

जन्म (Birth) – 540 ई०पू० 

बचपन का नाम (Childhood name) – वर्धमान

जन्मस्थान (Birth place) – कुण्डग्राम, वैशाली, बिहार

पिता का नाम (Father name) – सिद्धार्थ (ज्ञातृक क्षत्रियों का सरदार)

माता का नाम (Mother name) – त्रिशला देवी 

गृहत्याग – 30 वर्ष में

ज्ञान प्राप्ति (Enlightment) – घर त्याग से 12 साल बाद

मृत्यु (Death) – 468 ई०पू० 

महावीर स्वामी का जन्म

भगवान महावीर स्वामी का जन्म 599 ई.पू .वैशाली के कुंडग्राम में हुआ था। महावीर स्वामी एक वर्धमान नाम के बच्चे के रूप में जन्मे थे। उन्हें ज्ञान होते ही जैन महावीर नाम से बुलाया जाने लगा था। जो आज साहित्य में प्रमाणित मिलता है। महावीर स्वामी के पिता का नाम महाराज सिद्धार्थ था। वह क्षत्रिय वंश के थे। उनकी माता का नाम त्रिशला था। उनकी मा वैशाली के लिच्छवी वंश के राजा चेटक की बहन थी। जैन ग्रंथों के मुताबिक 23  नेतृत्व कर पार्श्वनाथ के मोक्ष प्राप्त के 188 वर्षों के बाद महावीर का जन्म हुआ था।

Mahavir swami 3d images
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महावीर स्वामी का विवाह

स्वामी जी अन्तर्मुखी स्वभाव के व्यक्ति थे। एक राज परिवार में जन्म से वर्धमान का शुरुआती जीवन बहुत आनंद एव सुख में गुजरा था। उन्हें पहले से संसार के भोगो मे रुचि थी। लेकिन युवा होते ही उनके माता-पिता ने उसका विवाह यशोदा नाम की एक सुंदर कन्या से करवाया था। वह कन्या वसंतपुर के महासामन्त समरवीर की पुत्री थी। उससे उन्हें एक पुत्री हुई जिसका नाम प्रियदर्शना था। 

Mahavir Swami का गृह त्याग

अपने चिंतनशील स्वभाव के कारन महावीर स्वामी पहले से संसार में रूचि नहीं रखते थे। लेकिन उनके पिता की मृत्यु के बाद उन्हें राजवैभव, भोग विलास रास नहीं आ रहे थे। उनके पिता की देहांत के बाद उसकी अवस्था 30 साल की थी। तो महावीर स्वामी अपने बड़े भाई एव राजा बने नंदीवर्धन से आज्ञा लेकर गृहत्याग कर दिया था। उसके बाद वह ज्ञान प्राप्ति के लिए घर से निकल पड़े एव सन्यासी हो गए थे।

Mahavir Swami Images
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महावीर स्वामी का वैराग्य

महावीर स्वामी के मन मे वैराग्य इच्छा जागृत हुई थी। उसके कारन उन्होंने घर छोड़ कर सन्यास वेश को अपना लिया था। सिर्फ 30 वर्ष की कम उम्र में अपने वैराग्य से घर का त्याग कर केशलोच के साथ जंगल में रहते थे। वहां महावीर स्वामी ने 12 साल के कठोर तप के बाद जम्बक में ऋजुपालिका नदी के तट पर एक साल्व वृक्ष के नीचे सच्चा ज्ञान प्राप्त हुआ था। उसके पश्यात उन्हें केवलिन नाम से पहचाना गया था। एव उनके उपदेश चारों और फैलने लगे थे। उसके पश्यात बडे-बडे राजा महाराजा महावीर स्वा‍मी के अनुयायी बने थे।  स्वामी ने त्याग, प्रेम और अहिंसा का संदेश फैलाया एव जैन धर्म के चौबीसवें तीर्थंकर बनेंथे।

Mahavir Jayanti महावीर जयंती

हर साल चैत्र शुक्ल तेरस को महावीर जयंती मनाई जाती है। Mahavir Jayanti 2022 Date Friday, 15 April है। उस दिन भगवान महावीर के मंदिर विशेष आयोजन किए जाते है। परंतु महावीर जयंती अधिकतर त्योहारो से अलग बहुत ही शांत माहौल मे विशेष पूजा अर्चना द्वारा मनाई जाती है। उस दिन भगवान महावीर का विशेष अभिषेक करते है। और जैन लोग मंदिरो मे जाकर विशेष ध्यान और प्रार्थना करते है। भारत मे गुजरात, राजेस्थान, बिहार और कोलकाता के प्रसिध्द मंदिरो मे उत्सव  मनाया जाता है।

महावीर स्वामी जीवनी
महावीर स्वामी जीवनी

जैन धर्म के दूसरे पर्व 

  • भगवान महावीर का जन्म दिवस – चैत्र शुक्ल 13
  • अक्षय तृतीया – वैशाख शुक्ल 3
  • वर्षीतप प्रारंभ दिवस – चैत्र कृष्ण 8
  • भगवान महावीर केवलज्ञान दिवस – वैशाख शुक्ल 10
  • भगवान महावीर च्यवन दिवस – वैशाख शुक्ल 10
  • संवत्सरी महापर्व – भद्रपद शुक्ल 4/5
  • भगवान महावीर निर्वाण दिवस – दीपावली
  • पर्युषन पर्व प्रारंभ दिवस – आषाढ़ कृष्ण 12
  • महावीर स्वामी दीक्षा दिवस – मार्गशीर्ष कृष्ण 10
  • भगवान पार्श्वनाथ जन्म दिवस – पौष कृष्ण 10

भगवान महावीर के मुख्य गणधर

1 .श्री मौर्यपुत्र जी

2 .श्री इंद्र्भूती जी

3 .श्री अचलभ्राता जी

4 .श्री अग्निभूति जी

5 .श्री प्रभासजी

6 .श्री वायुभूति जी

7 .श्री मोतार्यजी

8 .श्री व्यक्त स्वामीजी

9 .श्री अकम्पित जी

10 .श्री सुधर्मा स्वामीजी

11 .श्री मंडितपुत्रजी

महावीर स्वामी की जीवनी
महावीर स्वामी की जीवनी

Mahavir Swami का निर्वाण या मृत्यु

महावीर स्वामी निर्वाण की जानकरी बताए तो तक़रीबन 72 साल की उम्र में अपने उपदेशों का प्रचार करके 527 ईसा पूर्व में महात्मा महावीर स्वामी का देहांत हुए था। कार्तिक मास की अमावस्या के रात वर्तमान पटना के पास पावा नाम के स्थल पर उन्होंने अपना देह त्याग किया था। भगवान की मौत के पश्यात भी धर्म फलता फूलता रहा है। जो आज भी हमें दिखाई देता है। जैन धर्म के लोग महावीर स्वामी के जन्म दिवस को महावीर जयंती और मोक्ष दिवस को दीपावली के रूप में मनाते है।

भगवान महावीर को जैन धर्म में वीर, अतिवीर और स​न्मती के नाम से जाने जाते है। क्योकि महावीर स्वामी से ही 23वें तीर्थंकर पार्श्वनाथ से प्रतिपादित सिद्धान्तों ने विशाल धर्म जैन धर्म का रूप लिया था। भगवान महावीर की शिक्षाओं से कई राजवंश प्रभावित हुए और ढेरों राजाओं ने जैन धर्म को अपना राजधर्म बनाया है। उसमे बिम्बसार और चंद्रगुप्त मौर्य का नाम मुख्य है। भगवान महावीर ने अहिंसा को जैन धर्म का मुख्य आधार कहा है। उन्होंने जाति व्यवस्था का बहुत विरोध किया था। 

Mahavir Swami के नाम और उसके कारन 

वर्धमान – बाल्यअवस्था का नाम

केवलिन – ज्ञान प्राप्त होने से केवलिन की उपाधि मिली

जिन – इंद्रियों को जीत लिया तो जिन कहलाए। 

महावीर – घर त्यागने से 

निगण्ठ नाटपुत्त – यह बौद्ध साहित्य का वर्णित नाम

निर्ग्रन्थ गृह त्याग और ज्ञान प्राप्ति के बिच निर्ग्रन्थ कहलाए

अर्हत – लोगों के दुख एव समस्याओं को दूर करने से मिला 

ज्ञातृपुत्र – वह ज्ञातृक राजा के बेटे थे उसके कारन ज्ञातृपुत्र कहलाए

Mahavir swami photo
Mahavir swami photo

Mahavir Swami Lifestyle Video

Interesting Facts अज्ञात तथ्य

  • भगवान महावीर के कुल ग्यारह गणधर हुआ करते थे। 
  • जैन धर्म में अहिंसा,अहिंसा, सत्य, अस्तेय, ब्रह्मचर्य और अपरिग्रह व्रत का पालन करना होता है। 
  • जैन धर्म का नाम भगवान महावीर के जिन नाम से मिला है। 
  • भगवान महावीर  इंन्द्रियों पर विजय होने के बाद प्राप्त कर जितेन्द्रिय या जिन कहलाए। 
  • जैन धर्म में दिगम्बर सम्प्रदाय के जैन संत वस्त्र त्याग देते हैं। 
  • भगवान महावीर के देह त्याग के बाद जैन धर्म श्वेताम्बर एव दिगम्बर सम्प्रदायों में विभाजित हुआ। 

FAQ

Q .भगवान महावीर का जन्म कहाँ हुआ था?

महावीर स्वामी का जन्म 540 ई०पू० में वैशाली (बिहार) के निकट कुण्डग्राम में हुआ था। 

Q .स्वामी महावीर ने कितने वर्ष घोर तप किया था?

भगवान महावीर ने 30 वर्ष की उम्र में दीक्षा लेकर बारह वर्षो तक घोर तप किया था। 

Q .महावीर को ज्ञान की प्राप्ति कहाँ हुई?

वैशाख शुक्ल दशमी को ऋजुबालुका नदी के किनारे साल वृक्ष के नीचे महावीर को ज्ञान की प्राप्ति हुई थी।

Q .भगवान महावीर के शरीर का वर्ण कौन सा था?

महावीर के शरीर का वर्ण निर्मल शरीर स्वेद तप्त स्वर्ण के समान था। 

Q .महावीर स्वामी का जन्म स्थान कहा है?

कुण्डग्राम, वैशाली, बिहार

Q .महावीर स्वामी के नाना का नाम क्या है?

राजा चेटक

Q .महावीर स्वामी की माता का नाम क्या है?

त्रिशला 

Conclusion

आपको मेरा Mahavir Swami Biography बहुत अच्छी तरह से समज आया होगा। 

लेख के जरिये हमने Mahaveer swami in hindi, Mahaveer swami ka jivan parichay

और Mahavir swami history in hindi से सम्बंधित जानकारी दी है।

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