Biography of Shanti Swaroop Bhatnagar In Hindi - Biography Hindi

Shanti Swaroop Bhatnagar Biography In Hindi – शांति स्वरूप भटनागर जीवनी

नमस्कार मित्रो आज के हमारे लेख में आपका स्वागत है आज हम Shanti Swaroop Bhatnagar Biography In Hindi में रासायनिक प्रयोगशाला के संस्थापक शान्ति स्वरूप भटनागर का जन्म परिचय बताने वाले है। 

एक महान और बुद्धिमान व्यक्ति थे , वे बचपन में ऐसे सवाल करते थे की इनके अध्यापक भी सोच विचार में पड़ जाते थे और उनके सवाल का जवाब देना मुमकिन नहीं ना मुमकिन था। आज shanti swarup bhatnagar contribution to science ,shanti swaroop bhatnagar mother name और shanti swaroop bhatnagar invention की जानकारी बताने वाले है।

शान्ति स्वरूप भटनागर के पिता की मृत्यु हो गई तब भटनागर बहुत छोटी उम्र के थे। उनके पिता की मृत्यु बाद वे इनके नाना ने जिम्मेदारी ली थी ,बाद में उन्होंने पढाई में ध्यान दिया और आखिर में वे एक महान व्यक्ति बन गए। उनकी याद में आज भी शांति स्वरूप भटनागर अवार्ड दिया जाता है तो चलिए इस महान इन्सान के सफलता की कहानी की शुरुआत करते है। 

Shanti Swaroop Bhatnagar Biography In Hindi –

 नाम  शान्ति स्वरूप भटनागर ( shanti swaroop bhatnagar )
 जन्म  21 फरवरी 1894
 जन्म स्थर  शाहपुर अब पाकिस्तान में भेरा नामक गांव में
 पिता   परमेश्वरी सहाय
 शिक्षा  पंजाब विश्वविद्यालय युनिवर्सिटी कालेज, लंदन
 राष्टीयता  भारतीय
 पुरस्कार पद्म भूषण’1954, नाइट बेचलर 1941,ओबीइ 1936 ,रॉयल सोसाइटिना ना फेलो 1943,
 मृत्यु साल  1 जनवरी 1955
 मृत्यु स्थान   भारत के नई दिल्ली
 पुरस्कार  पद्म भूषण से सम्मानित, सी. एस. आई. आर. (CSIR)

शांति स्वरूप भटनागर की जीवनी –

शांति स्वरूप भटनागर का जन्म ई.स 21 फरवरी 1894 में शाहपुर (अब पाकिस्तान में भेरा नामक गांव मेंहुवा था इनके पिता का नाम परमेश्वरी सहाय भटनागर था जब शान्ति स्वरूप भटनागर केवल 8 महीने के हुए थे तब ही उनके पिता की मृत्यु हो गयी थी। इनके पिता के मृत्यु के बाद शांति स्वरूप भटनागर की देख भाल की जिम्मेदारी उनके नाना ने लेली थी।

इनके नाना एक इंजीनियर थे उनके नाना जी इंजीनियर होने के कारण शान्ति स्वरूप भटनागर इनके नाना की तरह वे बने थे। शान्ति स्वरूप भटनागर को बचपन में ही उन्होंने बचपन में ही इलेक्ट्रानिक बैटरियां और तारयुक्त टेलीफोन बनाते थे उन्हें बचपन में इलेक्ट्रानिक में चीज बनाना ते थे |

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शान्ति स्वरूप भानगर की शिक्षा –

shanti swaroop bhatnagar ने शुरुआत की शिक्षा उन्हों ने डीएवी हाई स्कूल में की थी इसके बाद वे सरुआती शिक्षा पूर्ण करया बाद वे ई.स 1919 में लाहौर की हाइसस्कूल में उन्होंने एड्मिसन लिया था। इसके बाद उन्होंने चर्चित सरस्वती स्टेज सोसाइटी की सदस्यता ले ली इसके बाद उन्होंने शिक्षा के साथ साथ शान्ति स्वरूप भटनागर हिंदी भाषा के साथ साथ उन्होंने उर्दू भाषा का भी अध्यापक किया और उन्होंने उर्दू भाषा भी सिख लिया था। 

शान्ति स्वरूप भटनागर ने उर्दू भाषा में एक करामति नाम पे एक नाटन लिखा था वो नाटक उर्दू भाषा में था तो शान्ति स्वरूप भटनागर ने उर्दू भाषा का अनुवाद उन्होंने इस नाटक का अंग्रेजी भाषा में सरस्वती स्टेज सोसाइटी पे किया था।इनके बाद अंग्रेजी भाषा में उन्होंने अनुवाद किया था तो शान्ति स्वरूप भटनागर को ये भाषा अनुवाद दरमियान उनको ई.स1919 को ‘सर्वश्रेष्ठ नाटक’ पुरस्कार और एवॉर्ड मिला था। 

ई.स 1913 में शान्ति सवरूप भटनागर पंजाब यूनिवर्सिटी से इंटरमीडिएट ने प्रथम नबर में परीक्षा पास किया था वे परीक्षा पास कर्या बाद उन्होंने लाहौर के फॉरमैन क्रिश्चियन कॉलेज में एड्मिसन लिया था। वहा पे शान्ति स्वरूप भटनागर ने ई.स 1916 में बीएससी और एमएससी की परीक्षा उन्होंने इस यूनिवर्सिटी में पास की थी। 

अमेरिका में शिक्षा –

इनके बाद शान्ति स्वरूप भटनागर को आगे पढाई करने के लिए ‘दयाल सिंह ट्रस्ट’ से छात्रवृति मिली थी इनके बाद वे पढाई करने के लिए वे अमेरिका जाने की तैयारी कर ली थी। शान्ति स्वरूप भटनागर ने आगे पढाई करने के लिए वे अमेरिका जाने के तैयारी करली लेकिन वे अमेरिका नहीं जा सके क्योकि उन्हें लंदन से अमेरिका जाने के लिए जहाजों में उनकी टिकिट नहीं मिली थी और उनकी वजह यह थी इस समय प्रथम विश्व युद्ध हुवा था। 

इस प्रथम विश्व युद्ध के कारन सभी जहाजों की सीट अमेरिका के सेनिको के लिए बुकिंग कर दी थी वे विश्व युद्ध के कारन शांती स्वरूप भटनागर अमेरिका नहीं पोहच सके थे और वे लंदन में ही रुक गए थे। जो भी होता हे वे अच्छे के लिए ही होता है और एक एशा ही हुवा की शान्ति स्वरूप भटनागर को इस समय यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन में रसायन शास्त्र के प्राध्यापक प्रोफेसर फ्रेडरिक जी डोनन के सानिध्य ने पढाई करने की ऑफर कर दी थी। 

ई.स 1921 में उन्होंने डॉक्टर ऑफ़ साइंस की उपाधि प्राप्त कर ली थी जब शान्ति स्वरूप ने लंदन टूर जाने के लिए वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान विभाग ने उन्हें 250 यूरो दिया था टूर पे धूमने के लिए। 

शान्ति स्वरूप भटनागर भारत वापस आते ही प्रोफ़ेसर बन गए –

shanti swaroop bhatnagar लंदन टूर खत्म होते ही वे ई.स1921 भारत वापस आये और इनके बाद वे नारस हिन्दू विश्वविद्यालय में रसायन शास्त्र के प्राध्यापक (प्रोफेसर) बन गए और वे 3 साल तक वे अधयापन किया इसके बाद में वे पंजाब यूनिवर्सिटी में जुड़ गए। शान्ति स्वरूप भटनागर ने एक प्रोफेसर से के रूप में उन्होंने 19 साल तक शिक्षा देने की सेवा की थी|

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Shanti Swaroop Bhatnagar को क्यों प्रयोगशाला का जनक कहा जाता है –

शान्ति स्वरूप भटनागर को प्रयोगशाला के जनक इसलिए कहा जाता है की उन्होंने भारत में कही रायसायनिक प्रयोगशाला ओ की स्थापनाए की थी ,इस लिए उन्हें प्रयोगशाला के जनक कहा जाता है। shanti swaroop bhatnagar ने भारत में कुल मिलकर 12 प्रयोगशाला की स्थापना ये की थी| नेशनल रिसर्च डेवलपमेंट कारपोरेशन (एनआरडीसी)और वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) की स्थापना के लिए भी उन्हें याद किया जाता है। 

डॉ भटनागर ने इनमें मैसूर स्थित केंद्रीय खाद्य प्रोसेसिंग प्रौद्योगिकी संस्थान भी शामिल है ,भारत में विज्ञान के विकास में उनके काफी सारे योगदान को देखते हुए। इनके देहांत के बाद सीएसआईआर ने उनकी याद में उनके नाम पर पुरस्कार की घोषणा की ये पुरस्कार ये महान साइटिस ओ को दिया जाता है शान्ति स्वरूप भटनागर को ई.स 1943 में ब्रिटिश सरकार ने मशहूर रॉयल सोसायटी के भी चुने थे। 

शान्ति स्वरूप भटनागर एक महान वैज्ञानिक थे और इनके दिमाग में तेज़ बुद्धि शारी भी थे वे वैज्ञानिक होते भी एक कवी भी थे उन्होंने उनके जीवन में नाटक और कहानियो भी लिखी थी ,शान्ति स्वरूप ने इनके कॉलेज दरमियान नाटक और कहानिया लिखर उन्होंने कई सारे पुरस्कार भी प्राप्त किये थे। लेकिन बतौर लेखक उनकी ख्याति कॉलेज परिसर से आगे नहीं जा पाई. शांति स्वरुप ने बीएचयू का कुलगीत भी लिखा था हिंदी कविता का बेहतरीन उदाहरण भी है। 

शान्ति स्वरूप भटनागर की प्रयोगशालाए –

  • 1.केन्द्रीय खाद्य प्रोसैसिंग प्रौद्योगिकी संस्थान, मैसूर

ये प्रयोगशाला केन्द्रीय खाद्य प्रोसैसिंग प्रौद्योगिकी संस्था मैसूर में हैसाइटिश एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद की एक प्रयोगशाला है।

  • 2.राष्ट्रीय रासायनिकी प्रयोगशाला, पुणे

ये प्रयोगशाला की स्थापना 6 अप्रेल 1947 में की गयी थी जवाहर लाल नेहरू जी ई.स 3 जनवरी 1950 इस राष्ट्र को समर्पित किया था 
इस प्रयोगशाला के प्रथम अध्यापक डॉ॰जे.डब्ल्यु.मैक्बेन थे| ये प्रयोगशाला ई.स 1950-1952 में ये प्रयोगशाला वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान सबंधित आती है। ये प्रयोगशाला में पीएचडी के 300 जितने लोग काम करते है |

  • 3.राष्ट्रीय भौतिकी प्रयोगशाला, नई दिल्ली

ये प्रयोगशाला अमहदाबाद में बनाया गया हे ,ये प्रयोगशाला एक मुख्य रूप से अंतरिक्ष विभाग द्वारा सहयोग मिलकर एक स्वायत्त संस्था है ,इस प्रयोगशाला में सैद्धांतिक भौतिक विज्ञानखगोल विज्ञान व खगोल भौतिकी जैसे पयोग की पढाई की जाती है। 

  • 4 .राष्ट्रीय मैटलर्जी प्रयोगशाला, जमशेदपुर

 ये प्रयोगशाला भारत में एक ऐसी प्रयोगशाला जिसमे भारत में 38 प्रयोगशाला में से एक ऐसी प्रयोगशाला में से है एक है ,इस प्रयोगशाला का उद्घाटन ई.स 26 नवम्बर 1950 में जवाहरलाल नेहरू जी किया था। 

और ये प्रयोगशाला जमशेदपुर के बर्मामाइन्स में बनी हुयी है |  इस प्रयोगशाला की आधारशिला 21 नवम्बर 1946 को भारत के प्रथम गवर्नर जनरल चक्रवर्ती राजगोपालाचार्य थेउनके द्वारा रखा गया था

  • 5.केन्द्रीय ईंधन संस्थान, धनबाद

ये सस्था झारखण्ड बनी हुयी है ये प्रयोगशाला भारत की वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद की एक अंगीभूत प्रयोगशाला है। 
ये प्रयोगशाला खनन से खपत तक ईस प्रयोगशाला कोयला के ऊर्जा श्रृंखला ओ के प्रयोग किया जाता है , अनुसंधान व विकास से निवेश उपलब्ध कराने के लिए समर्पित है।

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शान्ति स्वरूप भटनागर के पुरस्कार के बारे में जानकारी –

यह पुरस्कार सी एस आई आर के प्रथम स्थापक को ये shanti swaroop bhatnagar के सन्मान में दिया जाता है। 

  • जीवविज्ञान
  • रसायन विज्ञान
  • पर्यावरण विज्ञान
  • इंजीनियरिंग
  • गणित,
  • चिकित्सा
  • भौतिकी

ये पुरस्कार काफी मेहनत और अविष्कार करनेवाले 45 वर्ष की आयुमे हमारे भारत देश के भारतीय वैज्ञानिकों को दिया जाता है। ये पुरस्कार आखिर ऐसे व्यक्ति को दिया जाता है ,जिसने CSIR की राय में, मानव ज्ञान और प्रगति को बढ़ाने में काफी योगदान दिया है उन्हें ये पुरस्कार दिया जाता है। 

शांति स्वरूप भटनागर पुरस्कार – (Shanti Swaroop Bhatnagar Award)

विज्ञान के क्षेत्रों में योगदान के लिए विज्ञान एक ओद्यौगिक अनुसंधान सीएसआईआर द्वारा हर साल दिया जाता है। shanti swaroop bhatnagar पुरस्कार 2019 में बृहस्पतिवा को दिया गया। सीएसआईआर की स्थापन दिन की अवसर मनाते हे। उस दिन पुरस्कार देने के लिए चुने गए थे। वैज्ञानिकों में भारतीय विज्ञान की शिक्षा का एक जो स्थान है। 

वैज्ञानिक डा. के साईकृष्णन और दिल्ली में स्थापित है इस रास्ट्रीय रोग पतिरोग सोमन शामिल है इनमे जिव विज्ञान के क्षेत्रों में ये पुरस्कार दिया जाता है। ये पुरस्कार प्रौद्योगिकी और पृथ्वी विज्ञान मंत्री डा. हरसवर्धन के बावजूद इस पुरस्कार की घोषण की या गया था ये पुरस्कार भारत के वैज्ञानिकों को दिया जाता है। 

रसायन विज्ञानके क्षेत्रों में वे साल में शांति स्वरूप भटनागर संन्मान को ईआईटी मुंबई के डाऔर राघवन बी सुनोज वे बेगलुर में है। और जवाहरलाल नेहरू जी। साइंटिफिक रिसर्च के डा. तापस कुमार माजी को संयुक्त रूप से चुना गया इस पुरस्कार माइक्रोसॉफ़ के रीसच इंडिया के माणिक शर्मा को पुरस्कार उन्हें दिया जायेगा। 

यहाँ पे गणित के स्थान ओ में गणित और विज्ञानके मयूरभाई पंचोली और कोलकाता में रहनेवाले नीना गुप्ता तथा धीरज कुमार और हैदराबाद में रहने वाले एल वि प्रशाद और मोमद जावेद और ये सभी को ये पुरस्कार से सन्मानित किया जायेगा। भौतिक विज्ञान के क्षेत्रों में बेगलुर में रहने वाले भारतीय साइटिस के डा अनिदा सिन्हा और मुंबई में रहनेवाले टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च के डा. और शनकर घोष वे साल शान्ति स्वरूप भटनागर पुरस्कार के लिए चुना गया है।

Shanti Swaroop Bhatnagar Death –

शान्ति स्वरूप भटनागर की मृत्यु ई.स 1 जनवरी 1955 में उनको हदय दर्द होने के कारण उनकी मृत्यु हुयी थी। 

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Shanti Swaroop Bhatnagar Interesting Fact –

  • शान्ति स्वरूप भटनागर केवल 8 महीने के हुए थे तब ही उनके पिता की मृत्यु हो गयी थी। 
  • पिता के मृत्यु के बाद शांति स्वरूप भटनागर की देख भाल की जिम्मेदारी उनके नाना ने लेली थी।
  • शान्ति स्वरूप भटनागर हिंदी भाषा के साथ साथ उन्होंने उर्दू भाषा का भी अध्यापक किया और उन्होंने उर्दू भाषा भी सिख लिया था। 
  • स्वरूप भटनागर ने एक प्रोफेसर से के रूप में उन्होंने 19 साल तक शिक्षा देने की सेवा की थी|
  • शान्ति स्वरूप भटनागर को प्रयोगशाला के जनक इसलिए कहा की उन्होंने भारत में कही रायसायनिक प्रयोगशाला ओ की स्थापनाए की थी। 

Shanti Swaroop Bhatnagar Questions –

1 .शांति स्वरूप भटनागर पुरस्कार 2019 किसे दिया गया ?

 डा. अनिंदा सिन्हा और डा. शंकर घोष को दिया गया था। 

2 .शांति स्वरूप भटनागर पुरस्कार की शुरुआत कब हुई थी ?

शांति स्वरूप भटनागर पुरस्कार की शुरुआत 1960 कि साल से किया गया था। 

3 .शांति स्वरूप भटनागर पुरस्कार किस क्षेत्र में दिया जाता है ?

विज्ञाण एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में उल्लेखनीय एवं असाधारण भारतीय प्रतिभा के धनियों को उजागर करना है। उन्हें शांति स्वरूप भटनागर के सम्माण में दिया जाता है।

4 .शांति स्वरूप भटनागर पुरस्कार 2020 किसे दिया गया ?

बुशरा अतीक को चिकित्सा विज्ञान की श्रेणी में शांति स्वरूप भटनागर पुरस्कार 2020 दिया गया था। 

5 .शांति स्वरूप भटनागर माता का नाम क्या है ?

उसक माता का नाम ज्ञात नहीं है लेकिन उनके पिताजी का नाम परमेश्वरी सहाय था। 

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Conclusion –

दोस्तों आशा करता हु आपको मेरा यह आर्टिकल Shanti Swaroop Bhatnagar Biography In Hindi बहुत अच्छी तरह पसंद आया होगा। इस लेख के जरिये  हमने shanti swarup bhatnagar prize for science and technology 2020 और shanti swaroop bhatnagar awards  से सबंधीत  सम्पूर्ण जानकारी दे दी है अगर आपको इस तरह के अन्य व्यक्ति के जीवन परिचय के बारे में जानना चाहते है तो आप हमें कमेंट करके जरूर बता सकते है। और हमारे इस आर्टिकल को अपने दोस्तों के साथ शयेर जरूर करे। जय हिन्द। 

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