भगवान विष्णु के 7 वें अवतार Bhagwan Ram Biography In Hindi की जानकारी देने वाले है। हिंदू धर्म के सबसे लोकप्रिय और मर्यादा पुरुषोतम भगवान राम की जीवनी हिंदी में बताएँगे।
गौतम बुद्ध, परशुराम और भगवन कृष्ण जैसे बहुत प्रसिद्ध अवतारों में से एक राम के जीवन का वर्णन हमारे हिन्दू वेद पुराण और ग्रंथो में मिलता है। आज हम Lord Rama Family Tree, How Many Years Lord Rama Lived और Lord Rama in Hindi की माहिती से माहितगार कराने वाले है। हमारे हिन्दू धर्म में राम को सर्वोच्च भगवान के रूप में पूजा जाता है। एक युवराज के रूप में जन्म लेने के बाद भी उन्होंने कई कस्ट और तकलीफो का सामना करते हुए भी अपना धर्म का पालन किया था।
हिन्दू धर्म के महाकाव्य रामायण में Ram Bhagwan माहिती दी गयी है। उस महाकाव्य के रचेता महर्षि वाल्मीकि है। उन्होंने राम के जन्म से पहले ही लिख दिया था। उन्होंने अपने जीवन से समाज के कई बदलाव किये थे। राम ने नैतिका और दुविधाओं में कैसे जिया जाता है। उसका प्रमाण दिया है। ऐसा कहाजाता है की श्री राम का अवतार राक्षसों के विनाश के लिए हुआ था। उन्होंने असुर सम्राट लंकापति रावण को मारकर उसका राज्य उसके भाई विभीषण को देदिया था। तो चलिये Ram Navami 2021 के दिन Sri Rama Avatar of Lord Vishnu की कहानी बताना शुरू करते है।
Bhagwan Ram Biography In Hindi –
Name | श्रीराम चंद्र भगवान |
Birth Place | अयोध्या |
Lord Rama Birthday | चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि, त्रेता युग |
Mother | माता कोशल्या |
Father | महाराजा दशरथ जी |
Education | वेदों और उपनिषदों ज्ञाता |
Brother | लक्ष्मण, भरत और शत्रुध्न |
Wife | माता सीता जी |
Son | लव, कुश |
Cast | रघुवंशी ( राजपूत ) |
भगवान का जन्म और शिक्षा –
Lord Rama Birth की बात करते तो हमारे भारत के अयोध्या राज्य में महान राजा दशरथ के दरबार में एक युवराज के रूप में हुआ था। राजा दसरथ की सबसे बड़ी पत्नी कौशल्या से श्री राम का जन्म हुआ था। Lord Rama Birth Date की बात करे तो उनका जन्म त्रेता युग में हुआ ऐसा वेद पुराणों में निवेदन मिलता है। रामजी के तीन छोटे भाई लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न थे। गुरु वशिष्ट के गुरुकुल में चारो भाईओ की शिक्षा हुई थी। उस गुरुकुल में उन्हें उपनिषद ,पुराण और वेदो की शिक्षा दी गयी थी। वह अभ्यास प्राप्त करते हुए वह सामाजिक और मानवीय गुणों के महान ज्ञाता बने थे। वह अपने गुरु के प्रिय शिष्य थे।
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Bhagwan Ram का परिवार –
Lord sri Rama के बारे में आपको ज्ञात करने वाले है। उसमे उनके परिवार की बात करते तो राम के पिताजी का नाम महाराजा दशरथ था। वह अयोध्या राज्य के राजा थे। उन्हें तीन पत्निया थी। जिसके नाम कौशल्या, सुमीत्रा और कैकई था। कौशल्या के पुत्र श्री राम और सुमीत्रा के पुत्र लक्ष्मण और शत्रुध्न बेटे थे। तो रानी कैकयी के पुत्र का नाम भरत था। उनके दादा जी का नाम राजा अज और उनकी दादी का नाम इंदुमती था। रामायण में Lord Rama Sister शांता के नाम से जिक्र मिलता है।
Bhagwan Ram का सीता से विवाह –
Lord Rama and Sita मिलान की कहानी बताये तो मिथिला नरेश महाराज जनक ने अपनी बेटी सीता का स्वयंवर रचा था। उसमे देश विदेश के कई राजा महाराजाओ ने हिस्सा लिया था। क्योकि जनक राजा ने उन्हें न्योता दिया था। गुरु विश्वामित्र भी उसे अपने शिष्य श्री राम,लखन,भरत और शत्रुध्न को लेके उस स्वयंवर में पहुंचे थे। उसमे यह शर्त रखी गयी थी की जो भी भगवान् शिव के धनुष पर सबसे पहले प्रत्यंशचा चढ़ाएगा उसके साथ सीताजी विवाह संपन्न करेंगे। सभी राजाओ ने एक एक करके धनुष उठाने का प्रत्यन और सभी उसमे असफल रहे थे। तब गुरु विश्वामित्र ने आदेश किया की श्री राम वह धनुष उठाये। और देखते ही देखते राम ने धनुष को उठाके उस पर प्रत्यंशचा चढ़ाया और धनुष टूट चूका था। और सीता माता ने श्री राम से विवाह किया था।
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Bhagwan Ram ने लिया 14 वर्ष का वनवास –
पहले एक परंपरा थी की राजा का सबसे बड़े पुत्र को राज्य का कार्य काल और राज्य की भागदौड़ सौपी जाती थी। वैसे ही राम सबसे बड़े होने के कारन से श्री राम को अयोध्या का राज्य दिया जाने वाला था। और सुबह राज्याभिषेक होने वाला था। तब दशरथ राजा की दूसरी पत्नी अपने बेटे भरत को अयोध्या के राजा बनाना चाहती थी। उन्होंने एक समय पर राजा दसरथ की जान बचाई थी। तब राजा ने उन्हें वरदान मांगने को कहा था। लेकिन उस वक्त उन्होंने कुछ नहीं माँगा था। लेकिन बाद में मागेंगे ऐसा कहा था।
अपनी दासी मंथरा के चढ़ाने के कारन उन्होंने राज्य को भरत को देने और राम को चौदह साल वनवास भेजने का वरदान माँगा था। राजा अपने वचनो में बंधे हुए थे। उसी लिए उन्हें यह करना ही पड़े ऐसी परिस्थि का निर्माण हुआ था। वही दूसरी और अपने मातापिता के आदेश को पालन करने के लिए भगवन राम ने भी उसका स्वीकार कर लिया था। और राम ,सीता और लक्ष्मण वनवास के लिए राज से निकल पड़े थे। और वन में विचरते हुए एक कुटिया का निर्माण करके रहने लगे थे।
माता सीता का हरण –
अपनी कुटिया के पास में माता सीता को एक स्वर्ण मृग दिखाई दिया था। और उन्होंने श्री राम को यह सुवर्ण मृग को लेन के लिए भेज दिया दूसरी और रावण ने एक चल चली क्योकि वह मृग नहीं रावण का मामा Marich था। पानी की चाह पूरी करने के लिए राम चल पड़े। मृग के पीछे राम बहुत दूर निकल गए। वह मायावी है उसका राम को पता चलते उन्होंने उस पर बाण चलाया तो वह यह कहते छिलने लगा की लक्ष्मण लक्ष्मण यह सुनके के सीता ने लक्ष्मण को रामकी सहायता करने भेजा था। जाने से पहले लक्ष्मण ने सीता के लिए एक रेखा खींची जो लक्ष्मण रेखा कही जाती है।
लक्ष्मण को कुटिया से दूर होते ही रावण ने सीता माता का अपहरण यानि हरण करलिया था। और अपने पुष्पक विमान की मदद से अपनी नगरी लंका ले गया था। सीता को कुटिया में न देखते दोनों भाई बहुत ही व्याकुल हो उठे थे। वह जटायु की मदद से उन्हें पता चला की उसका हरण राक्षस राज रावण नई क्या है। बाद में जटायु ने पाने प्राण त्याग दिए Marich भगवन राम ने खुद अपने हाथो किया था।
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राम रावण का युद्ध –
माता सीता का छल से हरण करके रावण ने उन्हें लंका की अशोक वाटिका में रखा था। उस थान पर कई राक्षसों का पहरा दिया जता था। रावण ने उन्हें अपने साथ विवाह का प्रस्ताव रखा था लेकिन माता सीता उनके लिए राजी नहीं हुए। दूसरी और राम ने वानर सेना और हनुमान की सहायता से सीता का पता लागा लिया था। बजरंग बलि हनुमान ने पहले सीता को वापस राम को सौप देने के लिए समजाया लेकिन रावण यह करने के लिए तैयार नहीं हुआ तब राम और रावण के बिच बहुत बड़ा भयंकर युद्ध का निर्माण हुआ था।जिसमे कई राक्षसों को बलि चढाई गयी थी और कई वीर यौद्धाओ की मौत हुई थी।
उस युद्ध में रावण के सभी भाई-बंधु, योद्धा,मित्र वीरगति को प्राप्त हुए थे। उस युद्ध में राम की सेना पर कई विपत्तिया आयी लेकिन वानर सेना ने बहुत ही जमकर मुकाबला किया और अंत में भगवान राम को विजय प्राप्त हुई थी। उसमे रावण ने अपने सभी योद्धाओं और पुत्रो को खोदिया था। उसके साथ ही लंका के साथी द्वार की सुरक्षा टूट चुकी थी। युद्धभूमि में रावण राम के हाथो मरगया था। कुंभकरण का वध हुआ। रावण बेटे मेघनाथ ने लक्ष्मण एव श्रीराम को नागपाश अस्त्र से बंदी बनाया था। तब गरुड़ देवता की सहायता से उन्हें मुक्त किया गया था। जब युद्ध में विजय हुए तब उसका राज उनके भाई विभीषण को देके राम ने बहुत ही नेक काम किया था।
Bhagwan Ram का अयोध्या में स्वागत –
रावण के साथ युद्ध में विजय होने के पश्यात राम अपने राज्य अयोध्य में वापस आए थे। युद्ध जितने के बाद भी श्रीराम सिर्फ रावण का पुष्पक विमान ही साथ में लाये थे। सबकुछ विभीषण को भेट करदिया था। अयोध्या में रामजी पधारे उसकी ख़ुशी में राज में अमावस्या के दिन योध्यावासियों ने अपने राजा आने की खुशी में दीयों से पुरे राज्य को रोशन कर दिया। उसकी रोशनी से अयोध्या नगरी जगमगा रही थी। लाखो दीपको की रोशनी से श्रीराम का अयोध्या में स्वागत हुआ था । उसकी याद में आज भी हम हिन्दू (Deepawali In Hindi)दीपावली त्यौहार मानते है।
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Lord Rama Death –
How Lord Rama died ? भगवान राम ने माता सीता का त्याग करके अयोध्या का राजयकाल कई सालो तक संभाला था। बाद राम ने अपना साम्राज्य अपने दोनों पुत्रों लव-कुश और उनके दूसरे भाई भरत, लक्ष्मण व शत्रुघ्न के पुत्रों में बाँट दिया था। उस कार्य को पूर्ण करके उन्होंने स्वयं जल में समाधि लेने का फैसला लेलिया था। वह जानते थे की हनुमान और लक्ष्मण समाधी नहीं लेने देंगे और रोकेंगे उसी लिए उन्होंने हनुमान को तो पाताल लोक जाने को कहा था। और उन्होंने सरयू नदी में समाधी लेली और अपना अवतार कार्य को पूर्ण करके वैकुण्ठ धाम पधार गए।
श्री राम के वंशजों के नाम –
- ब्रह्मा जी के पुत्र मरीचि
- मरीचि के पुत्र कश्यप
- कश्यप के पुत्र विवस्वान या सूर्य
- विवस्वान के पुत्र मनु /सूर्यवंश का आरम्भ
- वैवस्वत के पुत्र नभग
- नाभाग
- अम्बरीष- संपूर्ण पृथ्वी के चक्रवर्ती सम्राट
- विरुप
- पृषदश्व
- रथीतर
- इक्ष्वाकु इक्ष्वाकु वंश शुरू हुआ।
- कुक्षि
- विकुक्षि
- पुरन्जय
- अनरण्य प्रथम
- पृथु
- विश्वरन्धि
- चंद्र
- युवनाश्व
- वृहदश्व
- धुन्धमार
- दृढाश्व
- हर्यश्व
- निकुम्भ
- वर्हणाश्व
- कृशाष्व
- सेनजित
- युवनाश्व द्वितीय – त्रेतायुग आरम्भ
- मान्धाता
- पुरुकुत्स
- त्रसदस्यु
- अनरण्य
- हर्यश्व
- अरुण
- निबंधन
- सत्यवृत (त्रिशंकु)
- सत्यवादी हरिस्चंद्र
- रोहिताश
- चम्प
- वसुदेव
- विजय
- भसक
- वृक
- बाहुक
- सगर
- अमंजस
- अंशुमान
- दिलीप प्रथम
- भगीरथ – जो गंगा को धरती पर लाये।
- श्रुत
- नाभ
- सिन्धुदीप
- अयुतायुष
- ऋतुपर्ण
- सर्वकाम
- सुदास
- सौदास
- अश्मक
- मूलक
- सतरथ
- एडविड
- विश्वसह
- खटवाँग
- दिलीप (दीर्घवाहु)
- रघु – सूर्यवंश का आरंभ
- अज
- दशरथ
- राम (लक्ष्मण, भरत, शत्रुघन)
- कुश
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Bhagwan Ram Biography Video –
भगवान राम की कुछ रोचक बाते –
- भगवान राम का जन्म वर्तमान उत्तर प्रदेश के अयोध्या नामक नगर में हुआ था।
- श्री राम बचपन से बहुत शान्त स्वभाव के वीर पुरूष थे।
- भगवान राम ने मर्यादाओं को हमेशा अपने जीवन में सर्वोच्च स्थान दिया था।
- श्री राम को मर्यादा पुरुषोत्तम राम के नाम से पुरे विस्व में पहचानते है।
- भगवान राम अपनी किशोरावस्था में गुरु विश्वामित्र के आश्रम की रक्षा के लिए गए थे।
- आश्रम में राक्षसों परेशान करते थे उसका उन्होंने वध करदिया था।
- भगवान राम ने ताड़का नामक राक्षसी का वध करदिया था।
- राम का वनवास में 13 साल का वक्त ठीक-ठाक व्यतित हुआ लेकिन अंतिम वर्ष में रावण ने सीता का हरण किया था|
- राम को सदाचारी, विनम्र और आत्म-नियंत्रित युवा के रूप में चित्रित किया गया है।
- वनवास से अयोध्या लोटने के बाद भगवान राम को पता चला था की उनके पिताजी की मौत हो चुकी है।
- 14 वर्ष अयोध्या राज्य राजा के बगैर ही चलाया गया था।
- राम अयोध्या के राजा बनने के कुछ वक्त के बाद नगरी के लोग सीता के बारे में गलत बोल रहे थे। तब उन्होंने उन्हें छोड़ दिया था
- भगवान राम का गोत्र रघुवंश था।
- भगवान राम को 14 साल तक पता नहीं था की उनके दो बेटे 14 साल के हो चुके है।
- सीता माता ने दो बेटो को जन्म दिया उसके नाम लव और कुश था।
- भगवान राम की जन्म भूमि अयोध्या पर वर्तमान समय में बहुत ही बड़ा Ram Mandir बनने वाला है।
भगवान राम के प्रश्न –
1 .क्या भगवान राम कौशल के राजकुमार थे ?
नहीं वह अयोध्या के राजकुमार थे।
2 .भगवान राम ने कितने वर्ष बाद दर्शन माता शबरी को दीए थे ?
राम ने माता शबरी को उनके अंतिम वर्षा में दर्शन दीए थे।
3 .तड़का को भगवान राम ने किस शस्त्र से मारा ?
राम ने तड़का को अपने धनुष्य से मारा था।
4 .भगवान राम को रघुराई क्यों कहा जाता है ?
रघुवंश में जन्म लेने के कारन राम को रघुराई भी कहते थे।
5 .Sri ram Seeta aur Laxman Ayodhya se nikal kar kaha gaye
Vanavaas
6 .God Ram save bishwa Mitra ashram from whom
Dhanushy se
7 .श्री कृष्ण या राम भगवान इनमें से कौन पहले आये थे ?
राम भगवान कृष्ण जन्म लिया था।
8 .Is sita Visited With lord ram and Laxman in Tretaya juga to puri Jagannath temple
उस का कोई प्रमाण नहीं मिलता है।
9 .Which Empire Was Lord Rama the Ruler of
Ayodhya
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Conclusion –
आपको मेरा Bhagwan Ram Biography In Hindi बहुत अच्छी तरह से समज आया होगा।
लेख के जरिये Lord Rama Quotes और राम के गुण से सबंधीत सम्पूर्ण जानकारी दी है।
अगर आपको अन्य व्यक्ति के जीवन परिचय के बारे में जानना चाहते है। तो कमेंट करके जरूर बता सकते है।
हमारे आर्टिकल को अपने दोस्तों के साथ शयेर जरूर करे। जय हिन्द।
Note –
आपके पास Lord Rama History या Was Ram Really Born की कोई जानकारी हैं, या दी गयी जानकारी मैं कुछ गलत लगे तो दिए गए सवालों के जवाब आपको पता है। तो तुरंत हमें कमेंट और ईमेल मैं लिखे हम इसे अपडेट करते रहेंगे धन्यवाद
1 .भगवान राम की आयु कितने वर्ष की थी जल समाधि के समय ?
2 .राम के नाना का नाम क्या था ?
3 .राम जी के मामा का नाम क्या था ?
4 .1000 Names of Lord Rama ?
5 .राम के बाद अयोध्या का राजा कौन बना ?