नमस्कार Glorious History of Raja Bhoj के आपका स्वागत है। एक हम मालवा और मध्य भारत के प्रतापी राजा भोज का गौरवशाली इतिहास बताने वाले है। उन्होंने सन् 1000 ई. से 1055 ई. तक राज्यकाल संभाला था। और कई देशों पर विजय पताका लहराया था।
आपने कहाँ राजा भोज और कहाँ गंगू तेली की कहावत तो सुनी ही होगी आज हम वही परमार या पंवार वंश के नवमे राजा भोज का किस्सा बताएँगे। परमार वंशीय राजाओं ने 8वीं शताब्दी से लेकर 14वीं शताब्दी के पूर्वार्ध के समय तक राज्य किया था। उन्होंने अपने शासनकाल में कई युद्ध जीतते हुए अपनी प्रतिष्ठा स्थापित की थी। उन्होंने ज्यादातर जीवन काल युद्धक्षेत्र में हिओ व्यतीत किया था। अपने शासन साम्राज्य के समय में मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल को बसाया था।
यह शहर का नाम पहले भोजपाल नगर हुआ करता था। लेकिन समय के साथ साथ भूपाल और बाद मे भोपाल हो चुका है। भोज राज खुद बहुत बड़े विद्वान हुआ करते थे। उन्होंने कोशरचना, धर्म, कला, औषधशास्त्र, भवननिर्माण, खगोल विद्या और कई काव्यो की रचनाए की है। उन्होंने अपने राज्य में कई कवियों और विद्वानो को आश्रय दिया था। राजाभोज रचित 84 ग्रन्थों में से आज सिर्फ 21 ग्रन्थ ही देखने को मिलते है। भोज वीर, प्रतापी, और गुणग्राही राजा थे। वह बहुत अच्छे कवि, दार्शनिक और ज्योतिषी के रूप में व्यवहारसमुच्चय, चारुचर्या, सरस्वतीकण्ठाभरण, चम्पूरामायण, शृंगारमञ्जरी और तत्वप्रकाश जैसे कई ग्रन्थ लिखे थे।
Raja Bhoj Biography In Hindi
नाम | भोजदेव (राजा भोज) |
शासनकाल | 1010 – 1055 ई. |
पूर्ववर्ती | सिंधुराज (सिंधुराजा) |
उत्तरवर्ती | जयसिंह प्रथम |
जन्म | 1000 ई. मालवा |
पिता | सिंधुराज |
माता | सावित्री देवी |
पत्नी | लीलावती देवी |
धर्म | हिन्दू धर्म |
वंश | परमार वंश (राजपूत) |
प्रधानमंत्री | रोहक |
भुवनपाल मंत्री | रोहक |
सेनापति | कुलचंद्र, साढ़, तरादित्य |
निधन | सन् 1060 ई. धार नगर |

महान राजा भोज का जीवन परिचय
राजा भोज का जन्म की कोई सटीक जानकारी इतिहास में नहीं मिलती है। लेकिन भोज का जन्म 980 में बसंत पंचमी के दिन और महाराजा विक्रमादित्य की नगरी उज्जैन में हुआ था। उनके जन्मक के समय उज्जैन नगर पर उनके पिताजी राजा सिंधुराजा का शासन चलता था। उज्जैन में जन्मे इसी लिए उन्हें राजा विक्रमादित्य का वंशज भी कहा जाता है। उन्हें सिर्फ 15 वर्ष की उम्र में ही राज्य की बड़ी जिम्मेदारियां सौंप दी गईं थी। परमार वंश के शिरताज 1000 में गद्दी पर बैठे थे। और महाराजा भोज ने धार में 1000 ईसवीं से 1055 ईसवीं तक शासन किया।

उन्होंने पश्चिमी भारत में एक साम्राज्य स्थापित करने की चाह रखी थी। उन्होंने अपने सपने को पूर्ण करने के लिए कई युद्ध खेले थे। उन्होंने उज्जैन नहीं लेकिन धार नगर को अपनी नई राजधानी बनाया था । राजा भोज को उनके कार्यों के कारण ‘नवसाहसक’ या ‘नव विक्रमादित्य’ भी कहा करते है। जाता था। राजा भोज इतिहास के प्रसिद्ध मुंजराज के भतीजे थे। उनके पिताजी का नाम सिंधुराज था । माता का नाम सावित्री देवी और भोजराज की पत्नी का नाम लीलावती था।
Raja Bhoj History In Hindi
भोजराज का बहुत ही कम उम्र में सिंहासनारोहण यानि राज्याभिषेक हुआ था। उस समय अपने दुश्मनो से चारों ओर से घिरे थे। उत्तर में तुर्को से, उत्तर-पश्चिम में राजपूत सामंतों से, दक्षिण में विक्रम चालुक्य, पूर्व में युवराज कलचुरी तथा पश्चिम में भीम चालुक्य से उन्हें कई युद्ध खेलने पड़े थे। उन्होंने कम उम्र में ही सभी राजाओ को अपने हाथो से हराया था। जब उन्होंने तेलंगाना के तेलप और तिरहुत के गांगेयदेव को हराने तो एक मशहूर कहावत बनी- ”कहां राजा भोज कहां गंगू तेली” यह कहावत आज भी प्रसिद्ध है।

Raja Bhoj ने महमूद गजनवी से लिया बदला
971-1030 ई में जब गुजरात के सोमनाथ मंदिर का ध्वंस किया तब यह दु:खद समाचार सुनकर शैव भक्त राजा भोज ने 1026 में गजनवी पर हमला किया था। उन्होंने हिंदू राजाओं की संयुक्त सेना को तैयार करके गजनवी के पुत्र सालार मसूद को बहराइच के पास एक महीने के युद्ध में मारकर सोमनाथ का बदला ले लिया था। 1026-1054 के समय में राजा भोज ने भोपाल से 32 किमी दूर भोजपुर शिव मंदिर का निर्माण करके मालवा में सोमनाथ की स्थापना की थी। यह प्रमाण विख्यात पुराविद् अनंत वामन वाकणकर की पुस्तक द ग्लोरी ऑफ द परमाराज आफ मालवा’ में देखने को मिलती है।
भोज के निर्माण कार्य

मध्यप्रदेश राज्य के ज्यादातर सांस्कृतिक गौरव वाले सभी स्मारक Bhoj raja की देन हैं। उसमे विश्वप्रसिद्ध भोजपुर मंदिर, महाकालेश्वर मंदिर, धार की भोजशाला और भोपाल का विशाल तालाब भुई शामिल है। उन्होंने कई नहरें खुदवाई और उन्हें नदियों के साथ जोड़ी है। जिसक जीता जागता उदाहरण भोपाल शहर का बड़ा तालाब है। यह सरोवर का निर्माण 250 वर्ग मील के विस्तार में किया गया था। वर्तमान भोपाल की स्थापना भी भोजराज के शासन की दें है।
महाराजा ने धार, उज्जैन और विदिशा का पुनः निर्माण और हमारी समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर केदारनाथ, रामेश्वरम, सोमनाथ, मुण्डीर आदि मंदिर भी बनवाए थे। राजा भोज ने धार, मांडव तथा उज्जैन में सरस्वतीकण्ठभरण भवन बनवाए। उसमे धार नगर में स्थित सरस्वती मंदिर महत्वपूर्ण है। उसमे वाग्देवी की मूर्ति हुआ करती थी। वह मूर्ति आज ब्रिटेन के म्यूजियम में संरक्षित है।

Raja Bhoj महान ग्रंथ
हिन्दू धर्म एव प्रजा के प्रति असीम स्नेह
भारत में महान राजा प्रजा और धर्म के प्रति बहुत लगाव रखते थे। क्योकि उन्होंने अपनी प्रजा के लिए कई लोककल्याण के कार्य किये थे। राजा भोज ने शासन काल के दौरान एक खुशाल राज्य का स्थापित किया। महाराजा भोज की अद्भुत नाय प्रणाली की आज भी तारीफ होती है। महाराज हिन्दू धर्म के संरक्षक और एक महान शिव भक्त थे। अपने राज्य में उन्होंने असंख्य मंदिरो का नवनिर्माण और जीर्णोद्वार कराया था । उसमे महाकालेश्वर, केदारनाथ, रामेश्वरम, सोमनाथ और भोजपुर का शिव मंदिर मुख्य थे।

राजा भोज का साम्राज्य
इतिहासकारों अनुसार राजा भोज परमार मालवा के परमार एव पवार वंश के नौवें प्रतापी राजा थे। इतिहास कहता है की सम्राट भोज का राज्य संपुर्ण भारतवर्ष पर हुआ करता था। महाराज भोज का शासन उत्तर में हिमालय, दक्षिण में मलयाचल, पूर्व में उदयाचल और पश्चिम में अस्ताचल तक फैला हुआ था। उसके साम्राज्य के गुणगाते कई श्लोक भी देखें को मिलते है।
- (1) आकैलासान्मलयर्गिरतोऽ स्तोदयद्रिद्वयाद्वा।
- भुक्ता पृथ्वी पृथुनरपतेस्तुल्यरूपेण येन॥१७॥
- (2) केदार-रामेश्वर-सोमनाथ-सुण्डीर-कालानल-रूद्रसत्कैः ।
- सुराश्रयैर्व्याप्य च यःसमन्ताद्यथार्थसंज्ञां जगतीं चकार ॥२०॥
राजा भोज की मृत्यु
महाराजा भोज परमार को हमारे हिन्दू धर्म के सरक्षक में रूप में इतिहास में स्थान प्राप्त है। चेदि नरेश और गुजरात के चालुक्य राजा की संयुक्त सेना ने 1060 ई में भोज परमार को पराजय का अपयश दिया था। 1060 में धार नगर पर आक्रमण किया एव राजा भोज को पराजित किया। उसके बाद राजा की मृत्यु हुई और भारत के वीर महाराजा का अस्त हुआ।
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32 पुतलियों के नाम Raja Bhoj
- रत्नमंजरी
- चित्रलेखा
- चंद्रकला
- कामकंदला
- लीलावती
- रविभामा
- कौमुदी
- पुष्पवती
- मधुमालती
- प्रभावती
- त्रिलोचना
- पद्मावती
- कीर्तिमति
- सुनयना
- सुंदरवती
- सत्यवती
- विद्यावती
- तारावती
- रूपरेखा
- ज्ञानवती
- चंद्रज्योति
- अनुरोधवती
- धर्मवती
- करुणावती
- त्रिनेत्री
- मृगनयनी
- मलयवती
- वैदेही
- मानवती
- जयलक्ष्मी
- कौशल्या
- रानी रूपवती
कहां राजा भोज और कहां गंगू तेली
आपको अक्सर लोगों की जुबान पर कहां राजा भोज और कहां गंगू तेली की कहावत सुनने को मिलती है। लेकिन सच तो यह है कि इस कहावत में गंगू तेली यानि गांगेय तैलंग होता हैं। वह दक्षिण के राजा थे। उन्होंने धार नगरी पर आक्रमण किया लेकिन बहुत बुरी तरह से हर गए थे। लोगों ने उनका उपहास उड़ाने के लिए। यह कहावत बनाई जो आज भी किसी के घमंड दोहराई जाती है।
Raja Bhoj History In Hindi Video
Interesting Facts
- राजा भोज परमार या पंवार वंश के नवें राजा थे।
- वर्तमान मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल को राजा भोज ने बसाया था।
- राजा भोज ने उत्तर में भोज ने चंदेलों के देश पर भी आक्रमण किया था।
- 1026 में महमूद गजनवी पर हमला किया और उसे सिंध नदी के रेगिस्तान तक भगाया था ।
- राजा भोज का प्रजा और धर्म के प्रति बहोत अधिक झुकाव रहा है।
- राजा भोज का साम्राज्य मालवा से लेकर केरल के समुद्र तट तक था।
FAQ
Q : राजा भोज का जन्म कब हुआ था?
Ans : राजा भोज का जन्म की कोई सटीक जानकारी नहीं मिलती है। लेकिन 980 में बसंत पंचमी के दिन और महाराजा विक्रमादित्य की नगरी उज्जैन में हुआ था।
Q : राजा भोज ने अपने जीवन का समय कहाँ ज्यादा बिताया?
Ans : राजा भोज ने अपने जीवन का समय अनेक युद्धों को जितने के लिए रणमेदान में ही बिताया था।
Q : भोपाल का राजा कौन था?
Ans : भोपाल शहर को राजा भोज ने स्थापित किया था।
Q : राजा भोज कौन से वंश के थे?
Ans : राजा भोज परमार या पंवार वंश के नवें राजा थे। परमार वंशीय राजाओं ने मालवा की राजधानी धारानगरी (धार) से आठवीं शताब्दी से लेकर चौदहवीं शताब्दी के पूर्वार्ध तक राज्य किया था।
Q : राजा भोज के मंत्री का नाम क्या था?
Ans : राजा भोज के प्रधान मंत्री का नाम रोहक था।
Conclusion –
आपको मेरा Raja Bhoj History In Hindi बहुत अच्छी तरह से समज आया होगा।
लेख के जरिये हमने Raja bhoj story in hindi, Raja bhoj ni varta और Raja bhoj ki katha से सम्बंधित जानकारी दी है।
अगर आपको अन्य अभिनेता के जीवन परिचय के बारे में जानना चाहते है। तो कमेंट करके जरूर बता सकते है।
हमारे आर्टिकल को अपने दोस्तों के साथ शयेर जरूर करे। जय हिन्द।
Note –
आपके पास history of raja bhoj, राजा भोज की सत्य कथा या Kahan raja bhoj kahan gangu teli की कोई जानकारी हैं, या दी गयी जानकारी मैं कुछ गलत लगे तो । तो तुरंत हमें कमेंट और ईमेल मैं लिखे हम इसे अपडेट करते रहेंगे धन्यवाद
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