Sadhana Shivdasani Biography in Hindi - साधना शिवदासानी की जीवनी

Sadhana Shivdasani Biography In Hindi – साधना शिवदासानी की जीवनी

नमस्कार मित्रो आज के हमारे आर्टिकल में आपका स्वागत है आज हम Sadhana Shivdasani Biography In Hindi , में अलग फैशन और एक्टिंग के लिए मशहूर स्टार अभिनेत्री साधना शिवदासानी जीवन परिचय की कहानी बताने वाले है। 

वह अपने खूबसूरत चेहरे और अलग फैशन और एक्टिंग के लिए मशहूर रही है ,और हिंदी फिल्म इंडस्ट्रीज बॉलीवुड की बड़ी हीरोइनों में नाम चिन्हित है। आज उनके और उनके पति r. k. nayyar , sadhana shivdasani and aftab shivdasani relation और sadhana shivdasani family की सम्पूर्ण जानकारी इस आर्टिकल में मिलाने वाला है। साधना की पहली फिल्म 1955 की साल में राज कपूर सें निर्मित फिल्म ‘श्री 420’ में पहली बार हिंदी फिल्म में नजर आई थीं ,  बाद में पूरी फिल्म जगत में छा गई थी।

साधना शिवदासानी का जन्म 2 सितंबर 1941 को पाकिस्तान के कराची शहर में हुआ  था वह पिताजी शेवाराम एव माता लालदेवी के कौख से जन्म लेने वाली बच्ची थी। जो पिताजी और माता की एकलौती औलाद बच्ची होने के वजह से साधना सेवदासनी की बाल्य अवस्था बहोत ही प्यार और लाडकोड के साथ बीती थी। तो चलिए उसकी ज्यादा सारी बातो से परिचित करवाते है। 

Sadhana Shivdasani Biography In Hindi –

  नाम

  साधना शिवदासानी

  जन्म

  2 सितंबर 1941

  जन्म स्थान 

  पाकिस्तान

  पिता

  शेवाराम

  माता

  लालदेवी

  पति

  आर के नैय्यर

  बच्चे

  नहीं थे

  मृत्यु

  25 दिसंबर 2015

  मृत्यु

  मुंबई

साधना शिवदासानी की जीवनी –

वर्ष 1947 में भारत देश से पाकिस्तान अलग होने की वजह से उनके परिवार को कराची शहर को छोड़ना पड़ा वहा से उनका परिवार मुंबई शहर आकर बसें थे। sadhana shivdasani का नामकरन उसके पिताजी शेवाराम ने अपनी पसंदीदा फिल्म अभिनेत्री साधना बोस के नाम से रखवाया गया था , उनकी माँ लालदेवी ने साधना को आठ साल की उम्र तक घर ही पढा़ई था।

इसे भी पढ़े :- मरियप्पन थंगावेलु की जीवनी

साधना शिवदासानि और आफताब शिवदासानी सबंध –

हरि शिवदासानी जो अभिनेत्री बबीता के पिता हैं, वे साधना के पिता के भाई हैं। थे उस पिता के भाई का पौता था आफताब शिवदासानी जो की बॉलीवुड के फिल्म ग्रांड मस्ती जैसी सुपर डुपर फिल्म देदी जो बॉक्स ऑफिस पर हिट हो गई थी। मुंबई शहर में कैंसर की बीमारी से जूझ रही अभीनेत्री साधना का शुक्रवार को देहांत हो गया।

74 साल की उम्र मे मुंबई शहर की हॉस्पिटल हिंदुजा आखिरी सांस ली। वह साधना हेयरकट की वजह से उस वक्त स्टाइल आइकॉन थीं। साधना के हेयरकट को ‘साधना कट’ के नाम से जाना जाता हे फिल्म आरज़ू , वक्त, मेरा साया ,मेरे महबूब, वे फिल्म साधना की बहोत पॉपुलर फिल्में हुई थीं। साधना शिवदासानी का अंतिम संस्कार का दिन शनिवार था। 

साधना का पति – (Sadhana Shivdasani Husband)

साधना शिवदासानी ने ‘लव इन शिमला’ फिल्म के डायरेक्टर राम कृष्ण नय्यर से अपनी शादी करके संसार जीवन की शरुआत की थी , इन दोनों का मिलन फिल्म के सेट के दौरान हुई थी। शादी के समय पर साधना 16 साल के उम्र की और आर के नय्यर 22 साल की उम्र के थे , साधना के परिवार वाले लग्न के लिए तैयार नहीं हुए थे, लेकिन फिल्म डिरेक्टर राज कपूर की सहायता से उन्होंने शादी करली परिवार के खिलाफ जाकर उन्होंने शादी कर ली थी। 

sadhana shivdasani को विश्व प्रसिद्ध और बेहतरी अभिनेत्री बनाने में एव आर के नैयर की बहुत बडी मेहनत की थी । वे नैयर ही भगवान थे जो साधना को अपनी उनकी पहली और शरुआती फिल्म में डायरेक्टिटिंग किया उन्हे एक साधना में से अभिनेत्री की नई पहचान दिला दी। साधनाजी का बालो की स्टाइल साधना कट के मशहूर नाम से प्रसिद्ध हुई थी ऐसा कहा जाता हे की इस हेयर कट की खोज आर के नैयर के बेहतरीन दिमाग की खोज थी।जो साधना शिवदासानी के पति थे। 

इसे भी पढ़े :- अमरीश पुरी की जीवनी

रणबीर के साथ रैम्प वॉक – 

2014 के दिसंबर में साधना के मुंह की सर्जरी मुंबई शहर हॉस्पिटल में करवाई गई थी। लोगो की भीड़ से बच कर रहने वाली अभिनेत्री साधना 2014 मई माह में रैम्प वॉक की पटरी पर वॉक करती दिखाई थीं। रैम्प पर साधना के साथ प्रसिद्ध हीरो रणबीर कपूर भी दिखे थे। रणबीर के साथ उनकी जिंदगी का पहला एवं लास्ट रैम्प वॉक हुआ था। इन फैशन डिज़ाइन शो को ऑर्गेनाइज किया था। जो साधना के जिंदगी की आखरी ऐड थी। 

Sadhana Shivdasani Movies List – 

  • 1955 – Shree 420
  • 1958 – Abana
  • Sahara
  • 1960 – Love in Simla
  • Parakh
  • 1961 – Hum Dono
  • 1962 – Prem Patra
  • Man Mauji
  • Ek Musafir Ek Hasina
  • Asli-Naqli
  • 1963 – Mere Mehboob
  • 1964 – Woh Kaun Thi?
  • Rajkumar
  • Picnic
  • Dulha Dulhan
  • 1965 – Waqt
  • Arzoo
  • 1966 – Mera Saaya
  • Gaban
  • Budtameez
  • 1967 – Anita
  • 1969 Sachaai
  • Intaquam
  • Ek Phool Do Mali
  • 1970 – Ishq Par Zor Nahin
  • 1971 – Aap Aye Bahaar Ayee
  • 1972 – Dil Daulat Duniya
  • 1974 – Geeta Mera Naam
  • Chhote Sarkar
  • 1975 – Vandana
  • 1977 – Amaanat
  • 1981 – Mehfil
  • 1994 – Ulfat Ki Nayee Manzeelein

इसे भी पढ़े :- मनोहर पर्रिकर की जीवनी

साधना शिवदासानी के गीत – (Sadhana Shivdasani Songs)

साधना बाल्यकल से ही फिल्मो में एक्टिंग कर ने के ख्वाब रखती थी तभी तो उनके पिताजी ने बॉलीवुड इंडस्ट्री में साधना के लिए कोशिश चालू की और 1955 की हिंदी फिल्म श्री 420 के एक नग्मे में परदे पर दिखाई दी जो गीत का इचक दाना बिचक दाना के नाम से रिलीस हुआ इसके बाद फिल्मो में काम करने की वजह से कई गीत सुपर हिट देदी ये जो इस नाम से प्रसिद्ध हुए। 

  • मुझे देख कर आपका मुस्कुराना 
  • ये दिल दीवाना है
  • मे तो तेरा राति
  • मेहबूबा तेरी तस्वीर
  • ऐ फूलो की रानी
  • अजी रूठ कर अब कहाँ जायेगा
  • मस्ती और जवानी हो
  • बहुत शुक्रिया बड़ीमहेर मैहरबानी
  • मुझे मारडालो
  • साथ में प्यारा साथी हे
  • सुनिए जरा देखियेना
  • बेदर्दी बालमा तुज को
  • मूड मूड के ना देख
  • हसीन हो तुम खुदा नहीं हो
  • आगे भी जाने न तू तेरा मेरा प्यार अमर
  • सिर्फ तुम ही हो

आर के नैय्यर – (RK Nayyar)

प्रसिद्ध अभिनेत्री साधना के पति और मशहूर फिल्म डायरेक्टर आर के नैय्यर बहोत ही अच्छे और बहुत हिट फिल्मे देनेवाले व्यक्ति थे जो बॉलीवुड के प्रसिद्ध मूवी निर्माता माने जाते हे कहलाता हे की आर के नैय्यर कई हीरो हीरोइन के भगवन कहलाते हे। जिसके हाथ थाम कर ऊंचाई यो पर पहोचा ने में मददगार हुए हे। 1995 की साल में साधना शिवदासानी के पति आर के नय्यर का देहान्त हो गया था।  इन दोनों फिल्म स्टार की कोई भी औलाद पैदा नहीं हुई थी। 

साधना को थाइरॉइड की बीमारी – 

बॉलीवुड फिल्मों में लम्बे समय तक काम करने के कारन ही स्टार अभिनेत्री बीमार रहती थीं. वो थाइरॉइड की मरीज होगई थी. इन रोग का दवाई करवाने साधना शिवदासानी अमेरिका की हॉस्पिटल में भी भर्ती हुई थी। इन के कारन ही लोगों को महसूस होने लगा था कि साधना ने फिल्मों इंड्रस्ट्री से रिटायर ले लिया . इस समय के पश्यात साधना वापस भारत में आकर फिल्मों में मेहनत करना वापस से शुरू किया. रोग से सही होने के पश्यात साधना की पहली फिल्म ‘इंतकाम’ जो बहुत ही हिट हुई थी। 

इसे भी पढ़े :- अल्लू अर्जुन की जीवनी

साधना ने दिया चूड़ीदार का फैशन – 

अभिनेत्री साधना की बहोत खास स्टाइल को अंग्रेजी फिल्म ‘रोम हॉलिडे’ के किरदार ऑद्रे ने लुक से के कर मोटिवेट हुआ था। साधना ने उसके चौड़े और बड़े माथे को ढक ने के लिए यह न्यू स्टाइल का आविष्कार किया था क्युकी उनकी जुल्फे माथे पर ही रहें। ये न्यू स्टाइल इतना पसंदीदा और पॉपुलर हुआ था की 60 दशक की हर फेशनेबल और युवा लड़की साधना कट वाले बाल जैसे बाल रखना चाहती थी महिलाओ में चूड़ीदार कमीज और सलवार पहनने का ट्रेंड अभिनेत्री साधना से हुआथा हल्के भूरे रंग के शरारा,बाली , कानो में बड़े झुमके और गरारा ,उनकी बहुत पसंदीदा और खास पहचान बन चुकी थी। 

साधना हीरोइन – 

एक स्टार अभिनेत्री साधना शिवदासानि बहोत ही। मशहुर हॉट और हिट फिल्म अभिनेत्री थी। साधना अभिनेत्री ने बतौर कलाकार के रूप में 1955 में बॉलीवुड फिल्म श्री 420 से अपने फिल्म जीवन की शुरुआत की थी साधना के नाम से उनका बालो कट काफी बहुत मशहूर हुआ हुआथा । 1960 की साल में रिलीज़ हुई फिल्म लव इन शिमला में साधना को ऊँची बुलंदियों पर पहुंचा कर मशहूर कर दिया।

साधना को हिन्दी फिल्म जगत के इतिहास में लाजवाब और प्रतिष्ठित फिल्म हीरोइन में गिनती होने लगी थी साधना अपने वक्त में सबसे ज्यादा पैसे कमाई करने क्षमता रखने वाली अभिनेत्री हुआ करती थी। साधना ने वो कोन थी ,राजकुमार, मेरा साया मेरे महबूब, के नाम की कई सुपर डुपर हिट फिल्में करके हिंदी फिल्म इंडस्ट्रीज को बहोत ऊपर तक ले जाने में मदद रूप हुए थी इसी वजह से उनको अंतर्राष्ट्रीय भारतीय फ़िल्म जगत के अकादमी [IEFA ] द्रारा 2002 में लजिंदगी भर अचीवमेंट औवोर्ड से सम्मान किया था। 

इसे भी पढ़े :- सलमान खान की जीवनी

साधना शिवदासानी की मृत्यु – (Sadhana Shivdasani ki Death)

साधना शिवदासानी मृत्यु के समय आयु 1995 की साल में अभिनेत्री साधना शिवदासानी के पति आर के नय्यर का देहांत हो गया और नई दोनों फिल्म स्टार की कोई भी औलाद नहीं थी। अपने पति देव की मौत के कारन साधना एकदम सी अकेला पन महसूस करने लगी थी और बीमार की वजह से ही उनकी तबियत एक दम सी ख़राब हो ने लगी थी।

अंतिम समय में अभिनेत्री साधना ने गुमसुम सी जिंदगी बिताई थी .आखिरी वक्त में साधना इंडिया के मुंबई शहर के एक बहोत पुराने बंगले जैसे घर में भाड़े पर रहने लगी थीं। वो बंगला ऐसा कहलाता हे की मशहूर गाइका आशा भोंसले का हुआ करता था. दिन 25 दिसंबर 2015 को मशहूर स्टार अभिनेत्री साधना शिवदासानी इस दुनिया को छोड़ कर अलविदा कह कर चल बसी थी जो एक साधना कट हेर स्टाइल को अमर कर दिया। 

Sadhana Shivdasani Biography Video –

साधना शिवदासानी के रोचक तथ्य –

  • उनका जन्म 2 सितंबर 1941 को पाकिस्तान के कराची शहर में हुआ था। 
  • वर्ष 1947 में भारत देश से पाकिस्तान अलग होने की वजह से उनके परिवार को कराची शहर को छोड़ना पड़ा वहा से उनका परिवार मुंबई शहर आकर बसें थे।
  • मुंबई शहर में कैंसर की बीमारी से जूझ रही अभीनेत्री साधना का शुक्रवार को देहांत हो गया। 74 साल की उम्र मे मुंबई शहर की हॉस्पिटल हिंदुजा आखिरी सांस ली थी ।
  •  साधना हेयरकट की वजह से उस वक्त स्टाइल आइकॉन थीं , साधना के हेयरकट को ‘साधना कट’ के नाम से जाना जाता है।
    उन्होंने सिर्फ 16 साल की उम्र में शादी करली थी तब उनके पति आर के नय्यर की उम्र 22 साल की थी।
  • आखरी वक्त अभिनेत्री साधना 2014 मई माह में रैम्प वॉक की पटरी पर वॉक करती दिखाई थीं।
  • 25 दिसंबर 2015 को मशहूर स्टार अभिनेत्री साधना शिवदासानी इस दुनिया को छोड़ कर अलविदा कह कर चली गयी थी।

साधना शिवदासानी के प्रश्न –

1 . साधना शिवदासानी का जन्म कब और कहा हुवा था ?

साधना शिवदासानी का जन्म 2 सितंबर 1941 को पाकिस्तान के कराची शहर में हुवा था। 

2 . साधना शिवदासानी के माता – पिता कौन थे ?

साधना शिवदासानी की माता का नाम लालदेवी और शेवाराम के नाम से पहचाने जाते है। 

3 . साधना शिवदासानी के पति कौन थे ?

साधना शिवदासानी ने ‘लव इन शिमला’ फिल्म के डायरेक्टर राम कृष्ण नय्यर से शादी की थी। 

4 . साधना शिवदासानी की हेर स्टाइल को कोनसे नाम से पहचाना जाता है ?

साधना शिवदासानी हेर स्टाइल को ‘ साधना कट हेर स्टाइल ‘ के नाम से पहचाना जाता है। 

5 . साधना शिवदासानी का अवसान मुंबई की किस हॉस्पिटल में हुवा था ?

साधना शिवदासानी का अवसान मुंबई की हिंदुजा हॉस्पिटल में हुवा था। 

 6 . साधना शिवदासानी का अवसान कितनी उम्र में हुवा था ?

साधना शिवदासानी का अवसान 74 साल की उम्र में हुवा था। 

7 . साधना शिवदासानी का अवसान किस वार को हुवा था ?

अभीनेत्री साधना का शुक्रवार को देहांत हो गया। और साधना शिवदासानी का अंतिम संस्कार का दिन शनिवार था। 

8 . साधना शिवदासानी का अवसान कब हुवा था ?

25 दिसंबर 2015 को मशहूर स्टार अभिनेत्री साधना शिवदासानी इस दुनिया को छोड़ कर अलविदा कह कर चल बसी थी।

इसे भी पढ़े :- अमृता प्रीतम की जीवनी

Conclusion –

दोस्तों आशा करता हु आपको मेरा यह आर्टिकल Sadhana Shivdasani Biography In Hindi पूरी तरह से समज आ गया होगा। इस लेख के जरिये  हमने sadhana meaning और sadhana cut से सबंधीत  सम्पूर्ण जानकारी दे दी है अगर आपको इस तरह के अन्य व्यक्ति के जीवन परिचय के बारे में जानना चाहते है तो आप हमें कमेंट करके जरूर बता सकते है। और हमारे इस आर्टिकल को अपने दोस्तों के साथ शयेर जरूर करे। जय हिन्द ।

Read More >>

Biography of Upendra Rao (Actor) In Hindi - उपेंद्र राव की जीवनी

Upendra Rao (Actor) Biography In Hindi – उपेंद्र राव की जीवनी

नमस्कार मित्रो आज के हमारे लेख में आपका स्वागत है ,आज हम Upendra Rao (Actor) Biography In Hindi में एक्टर, फिल्म डायरेक्टर, प्रोड्यूसर, पटकथा लेखक, गीतकार और गवैया उपेंद्र राव का जीवन परिचय बताने वाले है। 

उनका जन्म 18 सितंबर 1968 के दिन कर्नाटक के उडुपी जिले (पूर्व मैसूर राज्य) ब्राह्मण परिवार में थेक्कटे, कोटेश्वरा, कुंडापुर में हुआ था। उनकी माता का नाम अनुसूया और पिताजी का मंजूनाथ राव है। आज हम Upendra family में Aishwarya Upendra कौन है ? upendra wife ,Priyanka Upendra क्या करते है ? उन्होंने कैसे एक साधारण व्यक्ति से अभिनेता की सफर तय की उस से सम्बंधित सभी रोचक जानकारी बताने वाले है।

उन्हें एक आंख की समस्या थी, फिरभी जब वह कई फिल्म दृश्यों में अपनी आंखों की पुतलियों को रोल करते हैं। उन्होंने अपनी स्नातक की डिग्री एपीएस कॉलेज ऑफ कॉमर्स, बैंगलोर से प्राप्त की। कॉलेज में अपने समय के दौरान, उन्होंने नाटकों में भाग लिया और अक्सर अपने दोस्तों के साथ मंडली बनाई थी । उनके दूर के रिश्तेदार और अभिनेता और निर्देशक काशीनाथ के साथ उनका जुड़ाव कॉलेज में अपने अंतिम वर्ष के दौरान शुरू हुआ था तो चलिए शुरू करते है।  

नाम   उपेन्द्र राओ
 दूसरा नाम  सुपर स्टार , रियल स्टार
 जन्म  18 सितंबर 1968
 जन्म स्थान  कोटेश्वरा ,कुन्दपुर , बैंगलोर , भारत
 पिता  मंजूनाथ राव
 माता   अनुसूया
  पत्नी   प्रियंका त्रिवेदी
 संतान   2
 निवास   बेंगलुरु, कर्नाटक, भारत
 सक्रियता साल  1989
 पेशा  एक्टर, फिल्म डायरेक्टर, प्रोड्यूसर, पटकथा लेखक, गीतकार, गवैया

Upendra Rao (Actor) Biography In Hindi – 

उन्होंने निर्देशक काशीनाथ को उनकी फिल्मों के लिए गीत, संवाद और पटकथा लिखने में सहायता करने के अलावा विभिन्न विभागों में सहायता की थी। उन्होंने काशीनाथ के साथ एक फिल्म का सह-निर्देशन किया। उन्होंने 1992 में एक ठेठ काशीनाथ स्टाइल कॉमेडी के साथ निर्देशक के रूप में शुरुआत की, जिसे थरले नान मागा कहा जाता था। इस फिल्म ने प्रसिद्ध हास्य अभिनेता जग्गेश को पेश किया। यह फिल्म सफल रही और तब से इसने एक पंथ हासिल किया। उपेंद्र ने हॉरर सस्पेंस थ्रिलर का निर्देशन किया था। 

जिसे शाह कहा जाता है! 1993 में। फिल्म में काशीनाथ और कुमार गोविंद नामक एक युवा निर्माता और अभिनेता थे। फिल्म बॉक्स ऑफिस पर एक बड़ी सफलता थी, और उपेंद्र एक स्वतंत्र निर्देशक के रूप में सामने आए। इश! कन्नड़ सिनेमा में सर्वश्रेष्ठ हॉरर / थ्रिलर फिल्मों में से एक माना जाता है। उनकी अगली फिल्म ओम नाम की एक गैंगस्टर फिल्म थी, जो 1995 में रिलीज हुई थी। इस फिल्म में शिवराजकुमार ने अभिनय किया था और असली कलाकारों को अपने कलाकारों में शामिल किया था।

इसके बारेमे भी जानिए :- प्रफुल्ल चौकी की जीवनी

 Upendra Rao (Actor) निर्देशक –

ओम एक ब्लॉकबस्टर बन गई और अपने समय की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली कन्नड़ फिल्मों में से एक बन गई और राष्ट्रीय स्तर पर खबरें बनाईं। उपेंद्र रातोंरात स्टार निर्देशक बन गए। ओम के साथ, उपेंद्र ने शिवना के साथ अभिनेत्री प्रेमा को फिर से मिलाया, इससे पहले उन्होंने सव्यसाची नामक एक फिल्म में अभिनय किया था। ओम को भी कई भाषाओं में रीमेक किया गया। हिंदी संस्करण को अर्जुन पंडित कहा जाता था और इसमें सनी देओल ने शिवराजकुमार की भूमिका निभाई ।

उपेंद्र ने 1981 की फिल्म अंता के एक विस्तारित संस्करण को निर्देशित करने के लिए एक परियोजना की फिल्म में अंबरीश ने अंतरा से कंवर लाल के रूप में अपनी भूमिका को फिर से दोहराया था। फिल्म बहुत सफल नहीं रही थी। 1998 में, Upendra Rao (Actor) ने ए को निर्देशित किया, जिसके माध्यम से उन्होंने अभिनय में एक सफल बदलाव किया। ऐसी अफवाहें थीं कि यह उपेंद्र की अपनी कहानी थी, और फिल्म में अभिनेत्री ने अपनी प्रोटेक्ट प्रेमा को चित्रित किया था।

इसने रिलीज होने पर बॉक्स ऑफिस के कई रिकॉर्ड तोड़े और अपने समय की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली कन्नड़ फिल्मों में से एक बन गई। फिल्म का कर्नाटक में 175 दिनों का रन था जिसे तेलुगु में भी डब किया गया था, आंध्र प्रदेश में भी इसकी सफलता दोहराई जहाँ इसने 100 दिनों का रिकॉर्ड बनाया था। इस फिल्म ने अमिताभ बच्चन और अनिल कपूर जैसी बॉलीवुड हस्तियों से प्रशंसा हासिल हुई। 

 Upendra Rao (Actor) का कैरियर –

स्वास्थिक नाम की फिल्म में राघवेन्द्र राजकुमार थे 1998 में रिलीज़ हुई फ़िल्म ने बॉक्स ऑफिस पर अच्छा प्रदर्शन किया । 1999 में उपेन्द्र ने एक स्व-शीर्षक फिल्म बनाई उपेंद्र। उपेन्द्र ने इस फिल्म में अनाम नायक (या प्रतिपक्षी) नानू (आई या माईसेल्फ) के रूप में काम किया। इस फिल्म में तीन अभिनेत्री दामिनी, प्रेमा और रवीना टंडन ने अभिनय किया था। नानू एक घमंडी चरित्र था और महिलाओं के प्रति बहुत ही घृणित था, जो गलतफहमी की सीमा पर था।

फिल्म पर बहुत आलोचना हुई  लेकिन फिल्म ने बॉक्स ऑफिस के कई रिकॉर्ड तोड़ दिए और कर्नाटक और आंध्र प्रदेश दोनों में ए की तुलना में बहुत बड़ी हिट हुई। फिल्म ने कर्नाटक में 200-दिवसीय प्रदर्शन किया, और इसके तेलुगु संस्करण का आंध्र प्रदेश में 100-दिवसीय प्रदर्शन हुआ। उपेंद्र अब न केवल एक उल्लेखनीय सफल निर्देशक थे, बल्कि कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में एक बड़े प्रशंसक आधार के साथ एक बड़े स्टार थे। तब से, उपेंद्र ने निर्देशन छोड़ दिया और अपने अभिनय करियर पर अधिक ध्यान केंद्रित किया।

2010 में 10 साल बाद सुपर के साथ उपेन्द्र ने निर्देशक के रूप में वापसी की। फिल्म को पूरे कर्नाटक में एक रिकॉर्ड संख्या में रिलीज़ किया गया, तेलुगु में डब किया गया, और आंध्र प्रदेश में रिलीज़ किया गया। सुपर एक ब्लॉकबस्टर थी, जिसने रिलीज़ होने पर बॉक्स ऑफिस के कई रिकॉर्ड तोड़ दिए और1 ब्लॉक 5 -दिवसीय थियेटर रन बनाया, जो 2010 की सबसे अधिक कमाई वाली और समीक्षकों द्वारा प्रशंसित कन्नड़ फिल्मों में से एक बन गई। 

Upendra Rao फिल्म निर्देशक –

2011 में, तमिल अभिनेता रजनीकांत ने बैंगलोर में सुपर की एक निजी स्क्रीनिंग में भाग लिया। रजनीकांत ने उपेंद्र और कुछ दोस्तों के साथ फिल्म देखी। “उपेंद्र एक महान अभिनेता और निर्देशक हैं। भारतीय सिनेमा में शायद ही कोई हो, जो उनके जैसा सोचता हो। केवल वह ही ऐसा सोच सकता है। मुझे उपेंद्र की फिल्में देखना पसंद है, और यह कोई अपवाद नहीं था। अगर मुझे एक अवसर और प्रभावशाली मिले। स्क्रिप्ट, मैं भविष्य में एक उपेंद्र फिल्म में अभिनय करना चाहूंगा, “रजनी ने कहा।

2015 में, उपेंद्र ने अपनी 1999 की फिल्म उपेंद्र के सीक्वल में अभिनय किया जिसका शीर्षक उप्पी 2 था। जैसा कि यह 5 साल बाद एक निर्देशक के रूप में उपेंद्र और उनकी वापसी की अगली कड़ी थी, इससे पहले कि उम्मीदें और परिणामी प्रचार जारी था। यह फिल्म कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और अमेरिका में 600 से अधिक सिनेमाघरों में एक साथ रिलीज हुई थी। रिलीज होने पर, फिल्म ने एक कन्नड़ फिल्म के लिए सबसे ज्यादा कमा ई करने वाले शुरुआती दिनों का रिकॉर्ड बनाया। 

लेकिन यह 50-दिवसीय थियेटर रन के साथ व्यावसायिक रूप से सफल और लाभदायक थी।इसने 2015 में कन्नड़ फिल्मों के बीच बुकमायशो पर ऑनलाइन टिकटों की बिक्री में दूसरे नंबर पर टिकट बेचे। यह भारत के बाहर भी सफल रहा और यह यूएस में दूसरी सबसे अधिक कमाई वाली कन्नड़ फिल्म बन गई।

एक अभिनेता के रूप में कैरियर –

उपेंद्र पहली बार पर्दे पर काशीनाथ की 1989 की कॉमेडी फिल्म, अनंत अवंतारा में दिखाई दिए। वह “कम ऑन कम कमन्ना” गीत में भगवान कामदेव के रूप में दिखाई दिए। काशीनाथ के निर्देशन में बनी अजगाजंतारा में उन्होंने एक कैमियो उपस्थिति की। उनके निर्देशन में पहली फिल्म थी, शाह! (1993), उपेंद्र ने एक और कैमियो उपस्थिति की, जैसे एक पुलिस अधिकारी की पोशाक में एक पागल आदमी को फिल्म के सेट पर रोकना। 1995 के अपने निर्देशन ऑपरेशन अंता में, वह एक सड़क के किनारे की दीवार पर पेशाब करते हुए एक आदमी के रूप में दिखाई देता है और एक शिकायत मंदाकिनी (संगीता द्वारा निभाई गई) के लिए भारत के तरीके बताता है। 

इसके बारेमे भी जानिए :- सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जीवनी

Upendra 1999 -2005 तक का समय 1 –

1998 से 2005 तक, उपेंद्र को सबसे सफल अभिनेता के रूप में माना जाता था, जो अपने समकालीनों जैसे पुनीत राजकुमार, दर्शन, सुदीप और शिवराजकुमार से बहुत आगे थे, ए, उपेंद्र, प्रीथ्से, कुटुम्बा, जैसे आठ वर्षों में आठ दिनों में आठ सौ हिट फ़िल्मों में अभिनय किया। रक्था कन्नेरू, गोकर्ण, गौराम और ऑटो शंकर।1998 में, उपेंद्र ने ए में निर्देशन किया और अभिनय किया, जो एक निर्देशक के रूप में उनकी पांचवीं फिल्म थी लेकिन एक नायक के रूप में उनकी पहली मुख्य भूमिका थी।

कर्नाटक में एक ट्रेंड-सेटिंग ब्लॉकबस्टर बन गई, जिसके तेलुगु डब संस्करण को आंध्र प्रदेश में 100 दिनों तक चलाया गया। तेलुगु में उपेंद्र की नई लोकप्रियता के कारण, तेलुगु निर्देशक ई। वी। वी। सत्यनारायण ने उन्हें 1998 में तेलुगु फ़िल्म कन्यादानम में श्रीकांत और राचना के साथ कास्ट किया, जो व्यावसायिक रूप से भी सफल रही। 1999 में उपेन्द्र ने फिर से अपनी स्व-शीर्षक फिल्म उपेन्द्र में निर्देशन और अभिनय किया जिसमें बॉलीवुड अभिनेत्री रवीना टंडन ने अभिनय किया।

यह फिल्म ए से भी बड़ी हिट बन गई, कर्नाटक के साथ-साथ आंध्र प्रदेश में भी। फिल्म का कर्नाटक में 200 दिन और आंध्र प्रदेश में 100 दिन चला था। 2000 में, उपेन्द्र ने बॉलीवुड अभिनेत्री सोनाली बेंद्रे के साथ मनोवैज्ञानिक थ्रिलर प्रीथेस में अभिनय किया, जो बॉलीवुड फिल्म जूनियर का रीमेक थी। प्रीथसे उपेंद्र की लगातार तीसरी ब्लॉकबस्टर बनी जो1 से 5 दिनों तक चली। तीन बैक-टू-बैक अत्यधिक प्राप्त फिल्मों के साथ, उपेंद्र कन्नड़ और तेलुगु फिल्म उद्योगों में प्रसिद्ध हो गए।

Upendra 1999 -2005 तक का समय 2 –

2001 में उपेंद्र ने राया नामक एक तेलुगु फिल्म में लिखा और अभिनय किया, जो आंध्र प्रदेश में बॉक्स ऑफिस पर हिट रही। राए एक विशिष्ट उपेंद्र शैली की फिल्म थी, जिसमें वह एक महिलावादी प्लेबॉय का किरदार निभा रही हैं। उपेन्द्र ने इस फिल्म में पहली बार अपनी भावी पत्नी प्रियंका त्रिवेदी के साथ अभिनय किया।2002 में, उपेन्द्र ने अपेक्षाओं को पूरा नहीं करने और बॉक्स ऑफिस पर औसत रूप से चलने के लिए एच 2 ओ, सुपर स्टार, और हॉलीवुड जैसी कम फिल्मों में अभिनय किया। नागवहु और नानू नाणे जैसी फिल्में बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप हुईं थी ।

2003 से 2005 को उनकी सबसे सफल अवधि माना जाता है। उन्होंने 5 बैक-टू-बैक फिल्मों में अभिनय किया, जिनमें से प्रत्येक 100 दिनों तक चली, जैसे कि कुटुम्बा, रक्था कननेरु, गोकर्ण, गोवर्मा और ऑटो शंकर; जिनमें से सभी बॉक्स ऑफिस पर अच्छी तरह से प्राप्त हुए थे। इस समय में उपेंद्र की केवल दो फ़िल्में खराब ही मिलीं ओंकारा और समाचार।

इसके बारेमे भी जानिए :- खुदीराम बोस की जीवनी

 Upendra Rao (Actor) का वर्तमान –

2010 में 10 साल बाद निर्देशन के लिए उपेंद्र की वापसी हुई। अपने अभिनय करियर में कई उतार-चढ़ाव के बाद, उपेन्द्र 2010 की फिल्म सुपर में निर्देशन और अभिनय करने के लिए वापस आए, जिसमें उन्होंने तमिल अभिनेत्री नयनतारा और ट्यूलिप जोशी के साथ अभिनय किया। यह फिल्म पूरे कर्नाटक में एक रिकॉर्ड संख्या में सिनेमाघरों में रिलीज़ हुई और इसे तेलुगु में भी रिलीज़ किया गया और आंध्र प्रदेश में रिलीज़ किया गया। 

सुपर ने बॉक्स ऑफिस के कई रिकॉर्ड तोड़ दिए और रिलीज़ के 175 दिन पूरे किए, जो 2010 की सबसे ज्यादा कमाई वाली कन्नड़ फिल्मों में से एक बन गई। उपेंद्र ने इसके बाद अपनी पत्नी प्रियंका त्रिवेदी और बॉलीवुड अभिनेत्री सेलिना जेटली और आरक्षक (2012) के साथ श्रीमति (2011) जैसी फिल्मों में अभिनय किया। 2012 में, उपेंद्र ने कई व्यावसायिक रूप से सफल फिल्मों में अभिनय किया, जैसे कि 3 डी फंतासी फिल्म कटरी वीरा सुरसुंदरंगी, जिसे अच्छी तरह से प्राप्त किया गया। 

यह वर्ष की दूसरी सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म बन गई, जिसके बाद गॉडडाउन ने औसत से ऊपर प्रदर्शन किया, और हॉरर-कॉमेडी फिल्म कल्पना जिसने बॉक्स ऑफिस पर औसत प्रदर्शन किया था ।2015 में, उपेंद्र ने तेलुगु फिल्म सत्यमूर्ति में अल्लू अर्जुन के साथ अभिनय किया, जिसे त्रिविक्रम श्रीनिवास ने निर्देशित किया था। फिल्म को हिट घोषित किया गया, 92 करोड़ और वैश्विक बॉक्स ऑफिस पर 60 करोड़ से अधिक की कमाई हुई, दुनिया भर में सातवीं सबसे अधिक कमाई करने वाली तेलुगु फिल्म बन गई।

 Upendra Rao (Actor) का व्यक्तिगत जीवन –

14 दिसंबर 2003 को, उपेंद्र ने अभिनेत्री और पूर्व मिस कोलकाता प्रियंका त्रिवेदी से शादी की और upendra rao son भी है। जिन्होंने पहले तेलुगु फिल्म राए और फिर एच 2 ओ में उनके साथ अभिनय किया। उपेंद्र और उनका परिवार बैंगलोर में बानाशंकरी स्टेज में रहता है।

इसके बारेमे भी जानिए :- दामोदर हरी चापेकर की जीवनी

फिल्मो की शैली –

Upendra Rao (Actor) की फिल्मों को उनके असामान्य कथानक और पटकथा के लिए प्रशंसा और आलोचना मिली। एक रेडियो साक्षात्कार के दौरान, उपेंद्र ने अलग-अलग निर्देशक के रूप में लेबल किए जाने पर अपनी निराशा व्यक्त की और बताया कि उनके अधिकांश निर्देशकीय उद्यम उनके वास्तविक जीवन में आने वाली चीजों से संबंधित हैं। उन्होंने कहा, अपने गैर-रेखीय कथा के संबंध में, कि जब कोई अपने मन में उथल-पुथल को पकड़ना चाहता है तो यह एक गड़गड़ाहट बन जाती है। हमारा मन हमेशा की तरह भ्रमित होता है।

Upendra Kannada Movie List –

  • 1989 – Anantana Avantara
  • 1991 – Ajagajantara
  • 1992 – Sriramachandra
  • Tharle Nan Maga
  • 1993 – Shhh!
  • Om
  • 1995 – Operation Antha
  • 1997 – Omkaram
  • 1998 – Swasthik
  • 1998 – A
  • Kanyadanam
  • 1999 – Upendra
  • 2000 – Preethse
  • Oke Maata
  • 2001 – Raa
  • 2002 – H2O
  • Neethone Vuntanu
  • Super Star
  • Nagarahavu
  • Naanu Naane
  • Hollywood
  • 2003 – Kutumba
  • Rakta Kanneeru
  • Gokarna
  • 2004 – Omkara
  • 2005 – Gowramma
  • News
  • Auto Shankar
  • 2006 – Uppi Dada M.B.B.S.
  • Thandege Thakka Maga
  • Aishwarya
  • 2007 – Parodi
  • Masti
  • Toss
  • Anatharu
  • Lava Kusha
  • 2008 – Sathyam
  • Salute
  • Budhivanta
  • Mast Maja Maadi
  • 2009 – Dubai Babu
  • Rajani
  • 2010 – Super
  • 2011 – Shrimathi
  • 2012 – Aarakshaka
  • Katari Veera Surasundarangi
  • Godfather
  • Kalpana
  • 2013 – Topiwala
  • 2014 – Brahma
  • Super Ranga
  • 2015 – Shivam
  • S/O Satyamurthy
  • Uppi 2
  • 2016 – Kalpana 2
  • Mukunda Murari
  • 2017 – Upendra Matte Baa
  • 2019 – I Love You
  • Up cumming movie –
  • 2021 Home Minister
  • Thrishulam
  • Budhivanta
  • Kabzaa
  • Lagaam
  • Ghani 

Upendra Rao (Actor) Instagram – 

Upendra Rao (Actor) Social Media Profile –

Facebook – https://www.facebook.com/nimmaupendra/

Email Id – Not Available

WhatsApp Number – Not Available

Official Website – Not Available

Twitter – https://twitter.com/nimmaupendra?

Upendra Rao (Actor) Life Style Video –

Upendra Rao (Actor) Facts –

  • उपेंद्र राव ने निर्देशक काशीनाथ को उनकी फिल्मों के लिए गीत, संवाद और पटकथा लिखने में सहायता करने के अलावा विभिन्न विभागों में सहायता की थी।
  • उनकी फिल्म ओम एक ब्लॉकबस्टर बन गई और अपने समय की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली कन्नड़ फिल्मों में से एक बन गई और राष्ट्रीय स्तर पर खबरें बनाईं थी। 
  • उपेंद्र पहली बार पर्दे पर काशीनाथ की 1989 की कॉमेडी फिल्म, अनंत अवंतारा में दिखाई दिए थे। 
  • अभिनेता उपेंद्र राव के बड़े भाई का नाम सुधींद्र राव हैं ,उनका का परिवार गरीब था। 

उपेंद्र राव के प्रश्न –

1 .क्या उपेंद्र ब्राह्मण हैं ?

हा उपेंद्र का जन्म कन्नड़ के एक मध्यम वर्गीय ब्राह्मण परिवार में हुआ था। वह हमेशा से फिल्म उद्योग में काम करना चाहते थे। 

2 .उपेंद्र की उम्र क्या है ? Upendra Rao age ?

उपेंद्र राव की उम्र 53 वर्ष है उनका जन्म 18 सितंबर 1968 के दिन हुआ था। 

3 .उपेंद्र की पत्नी कौन है ?

उनकी पत्नी का नाम प्रियंका उपेंद्र है। 

4 .उपेंद्र राव माता पिता कौन है ?

उनके पिता का नाम मंजूनाथ राव और माता का नाम अनुसूया है। 

5 .उपेंद्र राव का उपनाम क्या है ?

उन्हें सुपर स्टार और रियल स्टार के नाम से भी लोग बुलाया करते है। 

इसके बारेमे भी जानिए :- थॉमस अल्वा एडिसन की जीवनी

Conclusion –

दोस्तों आशा करता हु आपको मेरा यह आर्टिकल Upendra Rao (Actor) Biography In Hindi आपको बहुत अच्छी तरह से समज आ गया होगा और पसंद भी आया होगा । इस लेख के जरिये  हमने Upendra Rao Net Worth और Upendra Rao directed movies से सबंधीत  सम्पूर्ण जानकारी दे दी है अगर आपको इस तरह के अन्य व्यक्ति के जीवन परिचय के बारे में जानना चाहते है तो आप हमें कमेंट करके जरूर बता सकते है। और हमारे इस आर्टिकल को अपने दोस्तों के साथ शयेर जरूर करे। जय हिन्द ।

Read More >>

Biography of Lata Mangeshkar In Hindi - लता मंगेशकर की जीवनी

Lata Mangeshkar Biography In Hindi – लता मंगेशकर की जीवनी

नमस्कार मित्रो आज के हमारे लेख में आपका स्वागत है आज हम Lata Mangeshkar Biography In Hindi में भारत की स्वर साम्राज्ञी लता मंगेशकर का जीवन परिचय देने वाले है। 

सुर-साधिका, सरस्वती की वरद् पुत्री, कोकिल कण्ठी सुश्री लता मंगेशकर भारत की सर्वश्रेष्ठ फिल्मी पार्श्व गायिका हैं । शताब्दी की सर्वश्रेष्ठ गायिका लता का गायन भारत के लिए ही नहीं, वरन् विश्व के लिए भी विस्मित कर देने वाला है । स्वर कोकिला लता मंगेशकर का एक-एक गीत सम्पूर्ण कलाकृति होता है। आज lata mangeshkar husband ,lata mangeshkar birthday और lata mangeshkar tamil songs से सम्बंधित सभी बाते बताने वाले है। स्वर, लय और शब्दार्थ का एक ऐसा त्रिवेणी नाद सौन्दर्य उनकी सुर लहरियों में समाया होता है कि कानों में पड़ते ही मधुरता एवं मादकता की अनुभूति दिल की गहराइयों में उतरने लगती है ।

भारतीय संगीत को विलक्षणता तथा लोकप्रियता की चरम सीमा तक पहुंचाने वाली ‘लताजी’ के स्वरों में कोमलता और मधुरता का अनूठा समन्वय है ।गायन में निर्मलता का ऐसा झरना फूट पड़ता है, जो अपने नादमय सौन्दर्य से सबको सिक्त कर देता है । संगीत की परिपूर्णता लताजी के गानों को सुनकर मिल जाती है । वे ‘दादा साहब फाल्केपद्‌मश्री भारत रत्न’ ही नहीं, कई पुरस्कारों और उपाधियों से सम्मानित हैं , प्रत्येक भारतीय को उन पर गर्व है। 

 नाम  लता मंगेशकर
 उप नाम  बॉलीवुड की नाइटिंगेल
 जन्म  28 सितंबर 1929 
 जन्म स्थान  इंदौर
 पिता  पंडित दीनानाथ मंगेशकर
 माता  शेवंती (शुधमाती)
 व्यवसाय  पार्श्व गायक (प्ले बैक सिंगर)
 राष्ट्रीयता  भारतीय

Lata Mangeshkar Biography In Hindi –

Lata Mangeshkar का जन्‍म 28 सितंबर 1929 को इंदौर के मराठी परिवार में पंडित दीनदयाल मंगेशकर के घर हुआ। इनके पिता उनके पिता के नाम पंडित दीनानाथ मंगेशकरऔर माता शेवंती (शुधमाती)रंगमंच के कलाकार और गायक भी थे इसलिए संगीत इन्‍हें विरासत में मिली। वर्तमान समय 2021 की साल में lata mangeshkar age 91 वर्ष है। 

लता मंगेशकर का पहला नाम ‘हेमा’ था, मगर जन्‍म के 5 साल बाद माता-पिता ने इनका नाम ‘लता’ रख दिया था। लता अपने सभी भाई-बहनों में बड़ी हैं। मीना, आशा, उषा तथा हृदयनाथ उनसे छोटे हैं। इनके जन्‍म के कुछ दिनों बाद ही परिवार महाराष्‍ट्र चला गया। 

इसके बारेमे भी जानिए :- गरेना फ्री फायर की जीवनी

लता मंगेशकर का बचपन (Lata Mangeshkar Childhood)

लता का जन्म मराठी ब्रम्हण परिवार में, मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में सबसे बड़ी बेटी के रूप में पंडित दीनानाथ मंगेशकर के मध्यवर्गीय परिवार में हुआ। उनके पिता रंगमंच एलजीके कलाकार और गायक थे। इनके परिवार से भाई हृदयनाथ मंगेशकर और बहनों उषा मंगेशकर, मीना मंगेशकर और आशा भोंसले सभी ने संगीत को ही अपनी आजीविका के लिये चुना।

हालाँकि Lata Mangeshkar का जन्म इंदौर में हुआ था लेकिन उनकी परवरिश महाराष्ट्र मे हुई. वह बचपन से ही गायक बनना चाहती थीं। बचपन में कुन्दन लाल सहगल की एक फ़िल्म चंडीदास देखकर उन्होने कहा था कि वो बड़ी होकर सहगल से शादी करेगी। पहली बार लता ने वसंग जोगलेकर द्वारा निर्देशित एक फ़िल्म कीर्ती हसाल के लिये गाया।

उनके पिता नहीं चाहते थे कि लता फ़िल्मों के लिये गाये इसलिये इस गाने को फ़िल्म से निकाल दिया गया। लेकिन उसकी प्रतिभा से वसंत जोगलेकर काफी प्रभावित हुये। पिता की मृत्यु के बाद (जब लता सिर्फ़ तेरह साल की थीं), Lata Mangeshkar को पैसों की बहुत किल्लत झेलनी पड़ी और काफी संघर्ष करना पड़ा। उन्हें अभिनय बहुत पसंद नहीं था लेकिन पिता की असामयिक मृत्यु की वज़ह से पैसों के लिये उन्हें कुछ हिन्दी और मराठी फ़िल्मों में काम करना पड़ा।

अभिनेत्री के रूप में उनकी पहली फ़िल्म पाहिली मंगलागौर (1942) रही, जिसमें उन्होंने स्नेहप्रभा प्रधान की छोटी बहन की भूमिका निभाई। बाद में उन्होंने कई फ़िल्मों में अभिनय किया जिनमें, माझे बाल, चिमुकला संसार (1943), गजभाऊ (1944), बड़ी माँ (1945), जीवन यात्रा (1946), माँद (1948), छत्रपति शिवाजी (1952) शामिल थी।

बड़ी माँ, में लता ने नूरजहाँ के साथ अभिनय किया और उसके छोटी बहन की भूमिका निभाई आशा भोंसलेने। उन्होंने खुद की भूमिका के लिये गाने भी गाये और आशा के लिये पार्श्वगायन किया। र्ष 1942 ई में लताजी के पिताजी का देहांत हो गया इस समय इनकी आयु मात्र तेरह वर्ष थी. भाई बहिनों में बड़ी होने के कारण परिवार की जिम्मेदारी का बोझ भी उनके कंधों पर आया गया था.

दूसरी ओर उन्हें अपने करियर की तलाश भी थी. जिस समय लताजी ने (1948) में पार्श्वगायिकी में कदम रखा तब इस क्षेत्र में नूरजहां, अमीरबाई कर्नाटकी, शमशाद बेगम और राजकुमारी आदि की तूती बोलती थी.ऐसे में उनके लिए अपनी पहचान बनाना इतना आसान नही था. लता का पहला गाना एक मराठी फिल्म कीति हसाल के लिए था, मगर वो रिलीज नहीं हो पाया.

1945 में उस्ताद ग़ुलाम हैदर (जिन्होंने पहले नूरजहाँ की खोज की थी) अपनी आनेवाली फ़िल्म के लिये लता को एक निर्माता के स्टूडियो ले गये जिसमे कामिनी कौशल मुख्य भूमिका निभा रही थी। वे चाहते थे कि लता उस फ़िल्म के लिये पार्श्वगायन करे। लेकिन गुलाम हैदर को निराशा हाथ लगी। 1947 में वसंत जोगलेकर ने अपनी फ़िल्म आपकी सेवा में में लता को गाने का मौका दिया।

इस फ़िल्म के गानों से लता की खूब चर्चा हुई। इसके बाद लता ने मज़बूर फ़िल्म के गानों “अंग्रेजी छोरा चला गया” और “दिल मेरा तोड़ा हाय मुझे कहीं का न छोड़ा तेरे प्यार ने” जैसे गानों से अपनी स्थिती सुदृढ की। हालाँकि इसके बावज़ूद लता को उस खास हिट की अभी भी तलाश थी।

1949 में लता को ऐसा मौका फ़िल्म “महल” के “आयेगा आनेवाला” गीत से मिला। इस गीत को उस समय की सबसे खूबसूरत और चर्चित अभिनेत्री मधुबाला पर फ़िल्माया गया था। यह फ़िल्म अत्यंत सफल रही थी और लता तथा मधुबाला दोनों के लिये बहुत शुभ साबित हुई। इसके बाद लता ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।

लता मंगेशकर की शरुआती पढाई –

लता ‘अमान अली ख़ान साहिब’ और बाद में ‘अमानत ख़ान’ के साथ भी पढ़ीं। लता मंगेशकर हमेशा से ही ईश्वर के द्वारा दी गई सुरीली आवाज़, जानदार अभिव्यक्ति और बात को बहुत जल्द समझ लेने वाली अविश्वसनीय क्षमता का उदाहरण रहीं हैं। इन्हीं विशेषताओं के कारण उनकी इस प्रतिभा को बहुत जल्द ही पहचान मिल गई थी। लेकिन पाँच वर्ष की छोटी आयु में ही आपको पहली बार एक नाटक में अभिनय करने का अवसर मिला।

शुरुआत अवश्य अभिनय से हुई किंतु आपकी दिलचस्पी तो संगीत में ही थी। वर्ष 1942 में उनके पिता की मौत हो गई। तब लता केवल 13 वर्ष की थीं। नवयुग चित्रपट फिल्‍म कंपनी के मालिक और इनके पिता के दोस्‍त मास्‍टर विनायक (विनायक दामोदर कर्नाटकी) ने इनके परिवार को संभाला और लता मंगेशकर को एक सिंगर और अभिनेत्री बनाने में मदद की थी। 

लता मंगेशकर ने क्यों छोड़दि पढाई-

30 हजार से ज्यादा गाने गाने वाली सुर साम्राज्ञी लता मंगेशकर को दुनिया के छह विश्वविद्यालयों ने डॉक्टरेट की डिग्री दी है, लेकिन सच्चाई यह है कि लता मंगेशकर ने सिर्फ कुछ महीने ही स्कूल में बिताए हैं। पहली ही क्लास में हैडमास्टर से नाराज हुई, फिर स्कूल की तरफ मुंह उठाकर भी नहीं देखा। भारत रत्न लता मंगेशकर (जन्म 28 सितंबर, 1929 इंदौर), भारत की सबसे लोकप्रिय और आदरणीय गायिका हैं। 

जिनका छह दशकों का कार्यकाल उपलब्धियों से भरा पड़ा है। हालांकि लता जी ने लगभग तीस से ज्यादा भाषाओं में फिल्मी और गैर-फिल्मी गाने गाए हैं, लेकिन उनकी पहचान भारतीय सिनेमा में एक पार्श्व गायक के रूप में रही है। अपनी बहन आशा भोसले के साथ लता जी का फिल्मी गायन में सबसे बड़ा योगदान रहा है। लता की जादुई आवाज के भारतीय उपमहाद्वीप के साथ-साथ पूरी दुनिया में दीवाने हैं।

इसके बारेमे भी जानिए :- तानाजी की जीवनी

लता मंगेशकर की सुरीली आवाज –

साथ काम करने वाले संगीत निर्देशक अपने आप को भाग्यशाली समझते थे जिन्हें एक ही आवाज में भोलापन, कौमार्य, स्त्रीत्व तथा सही उच्चारण सहित सातों स्वर और सारे नवरस मिल गए थे. लता जी आज के भी गायकों और संगीतकारों के लिए प्रेरणा स्त्रोत हैं। ऐसा तो हो नहीं सकता कि लता जी का गाया कोई गाना आपका अपना गाना न हो। कहीं कोई धुन, कहीं कोई बोल और कहीं कोई पूरा गाना ही जीवन की पगथली में कांटे की तरह चुभ कर असर कर जाता है।

पचास साल में लता ने अलग-अलग परिस्थितियों में और इतनी भाषाओं में इतने गीत गाए हैं कि शायद ही कोई इंसान होगा जिसके निजी जीवन को उनके स्वर ने छुआ न हो। आज भी जब लता जी के गाए ‘ऐ मेरे वतन के लोगों’ को सुनने का मौका मिलता है तो शरीर का रोम-रोम रोमांचित हो उठता है. यह गीत 1962 में चीन से पराजय के बाद लिखा गया था। 

इस गाने पर प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के आंसू छलक आए थे. लाखों की तादाद में बिकते हैं. खरीदने वालों में 80 साल के बुजुर्ग भी होते हैं और 18 साल के युवा भी. आज इंटरनेट ने उनके गाए हजारों गानों को, जिनमें से कई नायाब हैं, भूमंडलीय बना दिया। 

13 वर्ष की उम्र में परिवार का बोझ – Lata Mangeshkar

1942 में लता मंगेशकर पर मुसीबत का पहाड़ टूट गया। उनके पिता की जब मृत्यु हुई तब लता मात्र 13 वर्ष की थी। लता पर परिवार का बोझ आ गया। नवयुग चित्रपट मूवी कंपनी के मालिक मास्टर विनायक, मंगेशकर परिवार के नजदीकी लोगों ने लता का करियर गायिका और अभिनेत्री के रूप में संवारने के लिए मदद की।

लता को अभिनय पसंद नहीं था, लेकिन पैसो की तंगी के कारण उन्होंने कुछ हिंदी और मराठी फिल्मों में अभिनय किया। मंगला गौर (1942), माझे बाल (1943), गजभाऊ (1944), बड़ी मां (1945), जीवन यात्रा (1946) जैसी फिल्मों में लता ने छोटी-मोटी भूमिकाएं अदा की।

लता को सदाशिवराव नेवरेकर ने एक मराठी फिल्म में गाने का अवसर 1942 में दिया। लता ने गाना रिकॉर्ड भी किया, लेकिन फिल्म के फाइनल कट से वो गाना हटा दिया गया। 1942 में रिलीज हुई मंगला गौर में लता की आवाज सुनने को मिली। इस गाने की धुन दादा चांदेकर ने बनाई थी। 1943 में प्रदर्शित मराठी फिल्म ‘गजाभाऊ’ में लता ने हिंदी गाना ‘माता एक सपूत की दुनिया बदल दे तू’ गाया।

1945 में लता मंगेशकर मुंबई शिफ्ट हो गईं और इसके बाद उनका करियर आकार लेने लगा। वहां पर उन्होंने भिंडीबाजार घराना के उस्ताद अमन अली खान से भारतीय शास्त्रीय संगीत सीखना शुरू किया। फिल्म बड़ी मां (1945) में गाए भजन ‘माता तेरे चरणों में’ और 1946 में रिलीज हुई ‘आपकी सेवा में’ लता द्वारा गाए गीत ‘पा लागूं कर जोरी’ ने लोगों का ध्यान लता की ओर खींचा।

लता को किया रिजेक्ट –

वसंत देसाई और गुलाम हैदर जैसे संगीतकारों के सम्पर्क में लता आईं और उनका करियर निखरने लगा। लता के गुलाम हैदर मेंटर बन गए। वे लता को दिग्गज फिल्म निर्माता शशधर मुखर्जी के पास ले गए जो उस समय ‘शहीद’ (1948) नामक फिल्म बना रहे थे।

हैदर ने लता को लेने की सिफारिश मुखर्जी से की। लता को सुनने के बाद मुखर्जी ने यह कहते हुए लता को लेने से इंकार कर दिया कि लता की आवाज बहुत पतली है। इससे हैदर भड़क गए। वे लता की प्रतिभा को पहचान चुके थे। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में लता छा जाएगी और ये सारे निर्माता-निर्देशक लता के चरणों में गिर कर लता से अपनी फिल्मों में गाने की मिन्नत करेंगे।

गुलाम हैदर ने लता से ‘मजबूर’ (1948) में एक गीत ‘दिल मेरा तोड़ा, मुझे कहीं का ना छोड़ा’ गवाया। यह गीत लता का पहला हिट माना जा सकता है। गुलाम हैदर ने लता में जो प्रतिभा देखी थी इसका जिक्र अक्सर लता करती रही हैं। लता के अनुसार गुलाम हैदर उनके सही मायनों में गॉडफादर थे और उन्हें लता की प्रतिभा में पूरा विश्वास था।

खुद की शैली को किया विकसित – Lata Mangeshkar

लता जब पार्श्वगायन के क्षेत्र में अपना करियर बना रही थी तब नूरजहां, शमशाद बेगम जैसी गायिकाओं का बोलबाला था। लता पर भी इन गायिकाओं का प्रभाव था और वे उसी शैली में गाती थीं। लता समझ गईं कि यदि उन्हें आगे बढ़ना है तो अपनी शैली विकसित करनी होगी और उन्होंने यही किया। उन्होंने हिंदी और उर्दू के उच्चारण सीखे।

इसके बारेमे भी जानिए :- बीरबल का जीवन परिचय

आएगा आने वाला से नहीं देखा पीछे मुड़ कर –

1949 में एक फिल्म रिलीज हुई ‘महल’। इसमें खेमचंद प्रकाश ने लता से ‘आएगा आने वाला’ गीत गवाया जिसे मधुबाला पर फिल्माया गया था। यह गीत सुपरहिट रहा। इस गीत ने एक तरह से ऐलान कर दिया कि आएगा आने वाला आ चुका है। यह गीत लता के बेहतरीन गीतों में से एक माना जाता है और आज भी सुना जाता है। इस गीत की कामयाबी के बाद लता ने फिर पीछे मुड़ कर नहीं देखा।

1950 से 1970 का बेहतरीन दौर –

1950 से 1970 का दौर भारतीय फिल्म संगीत के लिए बेहतरीन माना जाता है। जब एक से बढ़कर एक गायक, संगीतकार, गीतकार और फिल्मकार थे। सबने मिल कर बेहतरीन फिल्में और संगीत रचा और लता मंगेशकर के स्वरों में ढल कर एक से बढ़कर एक गीत सुनने को मिले।

अनिल बिस्वास, शंकर जयकिशन, सचिनदेव बर्मन, नौशाद, हुस्नलाल भगतराम, सी. रामचंद्र, सलिल चौधरी, सज्जाद-हुसैन, वसंत देसाई, मदन मोहन, खय्याम, कल्याणजी आनंदजी, लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल, राहुल देव बर्मन जैसे नामी संगीतकार मधुर धुनों का निर्माण कर रहे थे और लता मंगेशकर सभी की पहली पसंद थी।

इन संगीतकारों के साथ लता ने अनेक यादगार गीत गाए जिनकी लोकप्रियता की कोई सीमा नहीं रही। लता के आवाज का माधुर्य आम जन के सिर चढ़ कर बोला और लता मंगेशकर देखते ही देखते चोटी की गायिका बन गईं। महिला गायिकाओं में उनके इर्दगिर्द कोई भी नजर नहीं आता था।

कई फिल्में महज इसलिए सफल रही क्योंकि लता मंगेशकर के गाए गाने लोकप्रिय हुए और इस कारण ही फिल्म चल निकली। अपने सहज सरल स्वभाव के कारण लता फिल्म निर्माताओं, निर्देशकों और संगीतकारों की पहली पसंद बन गई। हर गाने को लेकर उनकी मेहनत गाने में झलकती थी।

हर गाने को लता विशेष बना देती थीं। चाहे वो रोमांटिक गाना हो, राग आधारित हो, भजन हो, देशभक्ति से ओतप्रोत हो। उनके द्वारा गाए गीत ‘ऐ मेरे वतन के लोगों’ को सुन तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू की भी आंख भर आई थी।

दीदार, बैजू बावरा, उड़न खटोला, मदर इंडिया, बरसात, आह, श्री 420, चोरी चोरी, सज़ा, हाउस नं 44, देवदास, मधुमति, आज़ाद, आशा, अमरदीप, बागी, रेलवे प्लेटफॉर्म, देख कबीरा रोया, चाचा जिंदाबाद, मुगल-ए-आजम, दिल अपना और प्रीत पराई, बीस साल बाद, अनपढ़, मेरा साया, वो कौन थी, आए दिन बहार के, मिलन, अनिता, शगिर्द, मेरे हमदम मेरे दोस्त, दो रास्ते, जीने की राह जैसी सैकड़ों फिल्मों में लता ने मधुर नगमे गाए।

संगीतकार लता के पास कठिन से कठिन गीत लाते थे और लता बड़ी आसानी से उन्हें गा देती थी। राज कपूर, बिमल रॉय, गुरुदत्त, मेहबूब खान, कमाल अमरोही जैसे दिग्गज फिल्मकार की पहली पसंद लता ही रही 1970 से फिल्म संगीत में गिरावट आना शुरू हो गई, लेकिन लता ने अपने आपको इससे बचाए रखा।

उनके गाने क्वालिटी लिए होते थे और वे सफलता के शीर्ष पर बनी रहीं। इस दौर में भी उन्होंने पाकीज़ा, प्रेम पुजारी, अभिमान, हंसते जख्म, हीर रांझा, अमर प्रेम, कटी पतंग, आंधी, मौसम, लैला मजनूं, दिल की राहें, सत्यम शिवम सुंदरम जैसी कई फिल्मों में यादगार गीत गाए।

अस्सी और नब्बे के दशक में भी गूंजते रहे नगमे – 

अस्सी के दशक में कई नए संगीकार उभर कर आएं। अनु मलिक, शिवहरी, आनंद-मिलिंद, राम-लक्ष्मण ने भी लता से गीत गवाना पसंद किया। सिलसिला, फासले, विजय, चांदनी, कर्ज, एक दूजे के लिए, आसपास, अर्पण, नसीब, क्रांति, संजोग, मेरी जंग, राम लखन, रॉकी, फिर वही रात, अगर तुम न होते, बड़े दिल वाला, मासूम, सागर, मैंने प्यार किया, बेताब, लव स्टोरी, राम तेरी गंगा मैली जैसी सैकड़ों फिल्म में लता के गाए गीत गली-गली गूंजते रहे।

90 के दशक में लता ने गाना कम कर दिया। इस दौर में भी डर, लम्हें, दिल वाले दुल्हनिया ले जाएंगे, दिल तो पागल है, मोहब्बतें, दिल से, पुकार, ज़ुबैदा, रंग दे बसंती, 1942 ए लव स्टोरी जैसी फिल्मों में लता को सुनने को मिला। हालांकि वे समय-समय पर कहती भी रहीं कि आज के दौर के संगीतकार उनके पास अच्छे गीत का प्रस्ताव लाते हैं तो उन्हें गीत गाने में कोई समस्या नहीं है।

लगभग सात दशक से भारतीय फिल्में लता के गीतों से लकदक होती रहीं। मधुबाला से लेकर तो माधुरी दीक्षित तक जैसी तमाम हीरोइनों को उन्होंने आवाज दी। लता की आवाज कभी भी किसी भी अभिनेत्री पर मिसफिट नहीं लगी। शाहरुख खान ने तो एक बार लता के सामने कहा भी था कि काश उन पर भी कोई लता की आवाज में गीत फिल्माया जाता।

इसके बारेमे भी जानिए :- सुखदेव थापर की जीवनी

सभी के परिवार का हिस्सा –

Lata Mangeshkar हमेशा अपने सौम्य स्वभाव के लिए जानी गईं। तमाम फिल्म निर्माता, निर्देशक, संगीतकार, गायक, हीरो, हीरोइनों से उनके पारिवारिक रिश्ते रहे। दिलीप कुमार, राज कपूर, देव आनंद, अमिताभ बच्चन, यश चोपड़ा, राहुलदेव बर्मन, मुकेश, किशोर कुमार से उनके घनिष्ठ संबंध रहे। पीढ़ी दर पीढ़ी उनके संबंध मधुर रहे। लता को हर किसी ने अपने परिवार का ही हिस्सा माना। 

इक्के-दुक्के रहे विवाद –

अक्सर सफेद साड़ी में नजर आने वाली लता ने विवादों से हमेशा अपने आपको दूर रखा। सचिन देव बर्मन से जरूर एक बार उनका मनमुटाव हो गया था और दोनों ने पांच साल तक साथ काम नहीं किया। इसी तरह मोहम्मद रफी और लता गीतों की रॉयल्टी पर एकमत नहीं हो सके और उन्होंने भी कुछ समय नहीं गाया। सी. रामचंद्र और ओपी नैयर से उनका छोटा-मोटा विवाद रहा। हालांकि इन्हें विवाद की बजाय मनमुटाव कहना ही ठीक होगा जो कि आमतौर पर साथ में काम करने वालों के बीच हो जाता है।

लता मंगेशकर को दिया जहर –

वर्ष 1962 में लता की जान लेने की कोशिश की गई। लता को एक दिन सुबह उठते ही उन्हें पेट में जबरदस्त दर्द हुआ। उनकी हालत ऐसी थी कि अपनी जगह से हिलने में भी उन्हें दिक्कत होने लगी। लता जी को स्लो प्वॉइजन दिया गया था। हालांकि उन्हें मारने की कोशिश किसने की, इस बारे में आज तक खुलासा नहीं हो पाया।

लता मंगेशकर की शादी (Lata Mangeshkar Marriage)

Lata Mangeshkar की शादी नहीं हो पाई। बचपन से ही परिवार का बोझ उन्हें उठाना पड़ा। इस दुनियादारी में वे इतना उलझ गईं कि शादी के बारे में उन्हें सोचने की फुर्सत ही नहीं मिली। बताया जाता है कि संगीतकार सी. रामचंद्र ने लता मंगेशकर के समक्ष शादी का प्रस्ताव रखा था, लेकिन लता जी ने इसे ठुकरा दिया था। हालांकि लता ने इस बारे में कभी खुल कर नहीं कहा, परंतु बताया जाता है कि सी. रामचंद्र के व्यक्तित्व से लता बहुत प्रभावित थीं और उन्हें पसंद भी करती थीं।

एक इंटरव्यू में सी. रामचंद्र ने कहा था कि लता उनसे शादी करना चाहती थीं, परंतु उन्होंने इंकार कर दिया क्योंकि वह पहले से शादीशुदा थे। लेकिन रोचक बात यह है कि लता को इंकार करने की बात कहने वाले सी. रामचंद्र ने इस घटना के बाद अपनी एक अन्य महिला मित्र शांता को दूसरी पत्नी बना लिया था।

1958 में सी. रामचंद्र के साथ व्यावसायिक रिश्ते खत्म कर लेने के बारे में लता ने एक इंटरव्यू में कहा था कि एक रेकॉर्डिस्ट इंडस्ट्री में मेरे बारे में उल्टी-सीधी बातें फैला रहा था और मैंने सी. रामचंद्र से कहा कि उसे हटा दें। परंतु वह उस रेकॉर्डिस्ट के साथ काम करने पर ही अड़े हुए थे। इस बात के बाद मैंने उनके साथ काम न करने का फैसला किया।

इसके बारेमे भी जानिए :- कुंवर सिंह की जीवनी

कितने गीत गाए लता मंगेशकर ने –

Lata Mangeshkar – के कौन से गीत पसंद किए गए या लोकप्रिय रहे इसकी सूची बहुत लंबी है। लता ने ढेर सारे गाने गाए जिनमें से अधिकांश पसंद किए गए। किसी को मदन मोहन के संगीत में लता की गायकी पसंद आई तो किसी को नौशाद के संगीत में। सब की अपनी-अपनी पसंद रही। लता ने कितने गाने गाए इसको लेकर भी बढ़ा-चढ़ा कर दावे किए गए।

खुद लता ने कहा कि वे नहीं जानती कि उन्होंने कितने गाने गाए क्योंकि उन्होंने कोई रिकॉर्ड नहीं रखा। गिनीज़ बुक में भी उनका नाम शामिल किया गया था, लेकिन इसको लेकर भी खासा विवाद हुआ। 25 या 30 हजार गानों की बातें करना बेमानी है। लगभग 5 से 6 हजार गीतों में लता ने अपनी आवाज दी है।

मान-सम्मान और पुरस्कार –

Lata Mangeshkar को ढेरों पुरस्कार और सम्मान मिले। जितने मिले उससे ज्यादा के लिए उन्होंने मना कर दिया। 1970 के बाद उन्होंने फिल्मफेअर को कह दिया कि वेसर्वश्रेष्ठ गायिका का पुरस्कार नहीं लेंगी और उनकी बजाय नए गायकों को यह दिया जाना चाहिए। लता को मिले प्रमुख सम्मान और पुरस्कार इस तरह से हैं

भारत सरकार पुरस्कार – 

 1969  पद्म भूषण
 1989  दादा साहेब फाल्के पुरस्कार
 1999  पद्म विभूषण
 2001   भारत रत्न

राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार –

 1972  फिल्म परी के गीतों के लिए सर्वश्रेष्ठ महिला पार्श्व गायिका का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार
 1974  फ़िल्म कोरा कागज़ के गीतों के लिए सर्वश्रेष्ठ महिला पार्श्व गायिका का राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार
 1990  फिल्म लेकिन के गीतों के लिए सर्वश्रेष्ठ महिला पार्श्व गायिका का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार

फिल्मफेयर अवार्ड्स – 

 1959   “आजा रे परदेसी” (मधुमती)
 1963   “काहे दीप जले कही दिल” (बीस साल बाद)
 1966  “तुम मेरे मंदिर तुम मेरी पूजा” (खानदान)
 1970   “आप मुझसे अच्छे लगने लगे” (जीने की राह से)
 1993  फ़िल्मफ़ेयर लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड
 1994   “दीदी तेरा देवर दीवाना” (हम आपके हैं कौन) के लिए विशेष पुरस्कार
 2004  फ़िल्मफ़ेयर स्पेशल अवार्ड 

महाराष्ट्र राज्य फिल्म पुरस्कार –

 1966  सर्वश्रेष्ठ पार्श्वगायिका
 1966  सर्वश्रेष्ठ संगीत निर्देशक (‘आनंदघन’ नाम से)
 1977  जैत रे जैत के लिए सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायिका
 1997  महाराष्ट्र भूषण पुरस्कार
 2001  महाराष्ट्र रत्न

बेस्ट फीमेल प्लेबैक सिंगर इन फिल्मों –

 1964  वो कौन थी
 1967  मिलन
 1968  राजा और रंक
 1969  सरस्वतीचंद्र
 1970  दो रास्ते
 1971  तेरे मेरे सपने
 1972  पाकीज़ा
 1973  बॉन पलाशिर पदबाली (बंगाली फिल्म)
 1973   अभिमान
 1975  कोरा कागज़
 1981  एक दूजे के लिए
 1983   A Portrait Of Lataji
 1985   राम तेरी गंगा मैली
 1987  अमरसंगी (बंगाली फिल्म)
 1991  लेकिन

 इनके अलावा ढेर सारे पुरस्कार, सम्मान और ट्रॉफियां। मध्यप्रदेश सरकार ने Lata Mangeshkar के नाम पर पुरस्कार भी स्थापित किया है। 

Lata Mangeshkar Biography Video –

Lata Mangeshkar Facts –

  • सिंगर लताजी दादा साहब फाल्केपद्‌मश्री भारत रत्न’ ही नहीं, कई पुरस्कारों और उपाधियों से सम्मानित हैं। 
  • 1947 में वसंत जोगलेकर ने अपनी फ़िल्म आपकी सेवा में में लता को गाने का मौका दिया था। 
  • 30 हजार से ज्यादा गाने गाने वाली सुर साम्राज्ञी लता मंगेशकर को दुनिया के छह विश्वविद्यालयों ने डॉक्टरेट की डिग्री दी है, लेकिन सच्चाई यह है कि लता मंगेशकर ने सिर्फ कुछ महीने ही स्कूल में बिताए हैं।
  • वर्ष 1942 की साल में उनके पिता की मौत हो गई थी इस वक्त लताजी की उम्र सिर्फ और सिर्फ 13 साल की हुआ करती थी। 

Lata Mangeshkar Questions –

1 .लता मंगेशकर सिंगर कैसे बने ?

1947 में वसंत जोगलेकर की फ़िल्म से शुरू किया इस गानों से चर्चा में होने के कारन लता को पार्श्वगायिका के रूप में 1949 में फ़िल्म ‘महल’ के ‘आयेगा आनेवाला’ से मिली थी। 

2 .लता मंगेशकर का निधन कब हुआ ?

गायिका लता मंगेशकर अभी जिन्दा है उनकी मौत नहीं हुई है। 

3 .लता मंगेशकर के पिता का नाम क्या था ?

पंडित दीनानाथ मंगेशकर लता मंगेशकर के पिता थे। 

4 .लता मंगेशकर की माता का नाम क्या है ?

शेवंती (शुधमाती) ता मंगेशकर की माता थे। 

5 .लता मंगेशकर के पति का नाम काया है  ?

लताजी ने शादी नहीं की हुई है उनका कोई पति नहीं है। 

इसके बारेमे भी जानिए :- भगवान गौतम बुद्ध की जीवनी

Conclusion –

दोस्तों आशा करता हु आपको मेरा यह आर्टिकल Lata Mangeshkar Biography In Hindi बहुत अच्छी तरह से समज आ गया होगा। इस लेख के जरिये  हमने lata mangeshkar total songs और lata mangeshkar net worth से सबंधीत  सम्पूर्ण जानकारी दे दी है अगर आपको इस तरह के अन्य व्यक्ति के जीवन परिचय के बारे में जानना चाहते है तो आप हमें कमेंट करके जरूर बता सकते है। और हमारे इस आर्टिकल को अपने दोस्तों के साथ शेयर जरूर करे। जय हिन्द ।

Read More >>